Parvat Singh Rajput Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Parvat Singh Rajput 19 Oct 2024 · 1 min read -: मृत्यु का दर्पण :- मृत्यु का दर्पण देखोगे? ले देख खड़ा हूँ समक्ष तेरे मै,तेरी मृत्यु का दर्पण काल का मुख देखोगे? ले देख भवानी सजी हाथ मे रक्त चाटने को आतुर महा विनाश... Hindi · कविता 24 Share Parvat Singh Rajput 19 Oct 2024 · 1 min read -: काली रात :- एक रात भयानक काली होगी फिर ना कभी दिवाली होगी जीवन का में मरण करूंगा मस्तक पर ना लाली होगी व्रत करो उपवास करो ब्रह्मा भी बचा ना पाएंगे मेरे... Hindi · कविता 32 Share Parvat Singh Rajput 25 Aug 2024 · 1 min read आजादी का पर्व आजादी का पर्व है आया आजादों की गोली से कितनों ने श्रृंगार किए हैं लाल रक्त की रोली से भारत माता की जयकर लाखों शीशे कट जाते हैं उन्ही कटे... Hindi · कविता 43 Share Parvat Singh Rajput 23 Aug 2023 · 1 min read -: चंद्रयान का चंद्र मिलन :- -: चंद्र यान का चंद्र मिलन:- चंद्र धरा पर देखो हमने, परचम है लहराया। नमस्कार मेरे चंद्रयान को चंद्र फतह कर आया। चंद्रधरा को चंद्र ने छुआ तो चंद्रलोक में... Hindi · कविता 5 1 651 Share Parvat Singh Rajput 5 Mar 2023 · 1 min read वो एक विभा.. उन्मुक्त चांदनी सी हसमुख है जग में उसकी अलग प्रभा वो एक विभा! तुम निष्कलंक, निष्कंटक सी निर्मल नदियों की धारा हो, जिससे हो सारा जग गुंजित वो वीणा की... Hindi · Poetry Poetrycommunity · कविता 2 302 Share Parvat Singh Rajput 5 Mar 2023 · 1 min read अभी गहन है रात....... अभी गहन है रात जरा प्रकाश तो होने दो, जो होना है आगे उसका आभास तो होने दो, तनिक इशारा मिल जाए, हालात बदल देंगे, धैर्य रखो ओ मित्र अभी... Hindi · कविता 1 206 Share Parvat Singh Rajput 10 Feb 2023 · 1 min read बेहिसाब यादें तेरी बेहिसाब यादें तेरी, इस दिल को तड़पा जाती है मै सोंचू इनको विसरा दूं, वो तिल तिल बढ़ती जाती है। इन अश्क सैलाब की धारों से, मै सोचूं पीड़ा धो... Hindi · कविता 1 227 Share Parvat Singh Rajput 21 Apr 2022 · 1 min read मां यह झूठा सब संसार है मां सच्चा तेरा प्यार हे, तू तीर्थों मे है हरिद्वार तू नदियों मे है गंगद्वार तेरे चरण छोड़ कहाँ जाऊं मां मेरे जीवन का तू... Hindi · कविता 1 161 Share Parvat Singh Rajput 19 Mar 2022 · 1 min read -: तू जारी रख अपना सफऱ :- नन्हे नन्हे कदमों से , बढ़ता चला जा धीरे धीरे विजय होगी तेरी एक दिन तू जारी रख अपने सफऱ तू जारी रख अपना सफऱ पथ ये पथरीला है ,... Hindi · कविता 1 182 Share Parvat Singh Rajput 19 Mar 2022 · 1 min read तुम न समझोगे मुमकिन नही तुझको पाना पर जिद है की तेरा हो जाना तुम न समझोगे , ना समझोगे ,दिल की बातें तुम न समझोगे हाँ जिद की तेरा हो जाऊ तुझमे... Hindi · कविता 300 Share Parvat Singh Rajput 20 Mar 2020 · 1 min read -: हिंदी प्रेमी :- मैं हिंदी प्रेमी हिंदी का, रसपान कराने आया हूँ । मैं हिंदुस्तान की माटी में , हिंदी को बड़ाने आया हूँ । भारत तेरे भाल की बिन्दी, न जाने कहाँ... Hindi · कविता 2 302 Share Parvat Singh Rajput 8 Sep 2019 · 1 min read -: नहीं रुकेगा चन्द्रयान :- -: नहीं रुकेगा चन्द्रयान :- ऐ चाँद फ़तह तो तुझे कर ही लेंगे तेरी धरा पर तिरंगा फहरा ही देंगे बस थोड़ा और इंतजार कर तेरी माटी को भी हिंदुस्तानी... Hindi · कविता 5 4 806 Share Parvat Singh Rajput 29 Apr 2019 · 1 min read -: आज की सियासत :- सारा भारत गूंज रहा है , राष्ट्रवाद के नारों से मन्दिर मुद्दा खो गया है , यूपी के गलियारों से ऐ भारत के वीर शहीदों , हम आज बहुत शर्मिंदा... Hindi · कविता 4 4 537 Share Parvat Singh Rajput 8 Mar 2019 · 1 min read जाग नारी जाग चल काट दे अंधेरे को सुबह हो गई तू महान शिरोमणि कहाँ सो गई तू शेरनी है हिन्द की सिंहनी दहाड़ कर तू भोग की ना वस्तु अपनी खुद पहचान... Hindi · कविता 5 2 498 Share Parvat Singh Rajput 22 Feb 2019 · 1 min read पुलवामा हमला सहम उठा पुलवाम जहाँ, उन लालो की चीखों से कुछ तो प्रेणा ले लो तुम, आजाद भगत की सीखो से। क्यों केशर की घाटी में , अंगार उगलते दिखते हैं... Hindi · कविता 10 4 1k Share Parvat Singh Rajput 5 Feb 2019 · 1 min read दिव्यता के दीप तुम दिव्यता के दीप हो बता दो सारे देश को प्रतिभा के तुम धनी मिटा दो हर क्लेश को जो कहे तुम्हें निर्बल, बता दो उनको अपना बल सफलता की... Hindi · कविता 6 2 621 Share Parvat Singh Rajput 15 Jan 2019 · 1 min read Modi ji गर मोदी हारा तो पहिया भारत का रुक जायेगा पूरे भारत मे फिरसे भ्रष्टाचार छा जाएगा अमेरिका की सूची से भारत फिर मिट जायेगा निर्भय होकर पाकिस्तान भी सीमा पर... Hindi · कविता 6 4 348 Share Parvat Singh Rajput 14 Jan 2019 · 1 min read सदाचरण झुक जाता हूँ मै अक्सर अपने से बड़े के चरणों मे सीखी है ये आदत मेने वृक्षों के पर्णो से मात पिता मेरे आधार है गुरुवर मेरा सार है ना... Hindi · कविता 6 2 320 Share