ओमप्रकाश भारती *ओम्* Tag: कविता 81 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read आकाश से आगे नीला अंबर चांद सितारों से भरा आकाश से आगे अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हमारा एक ब्रह्मांड ऐसे कई बड़े-बड़े ब्रह्मांड सदियों से खोज जारी पर मानव जान ना पाया ब्रह्मांड... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 193 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read सर सरिता सागर सर में भरपूर नीर उद्गमित हुई सरिता पर्वतों पर उछल कूद कर बनाती निर्झर सरिता मैदानों में घूम फिर कर मिलती सागर से ओम सरिता ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 186 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read देश हमारा भारत देश हमारा प्राणों से भी प्यारा विजयी विश्व गुरु बन लगता सबसे न्यारा दिया दशमलव का ज्ञान अव्वल खेलकूद विज्ञान योग से स्वस्थ बने जग सारा ओम जग में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 250 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read राम आ गए अयोध्या में फिर से राम आ गए नैनों में छाई शीतलता राम आ गए अवधपुरी में नर-नारी ने दीप जलाए सरयू तट पर उमंगों के बजे बधाये सारी दुनिया हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 166 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Jun 2023 · 1 min read काव्य मंजूषा आज गगन की शरद पूर्णिमा सारे जग को भाय रही है काव्य मंच की सुंदर रचना अंतर्मन को हरषाय रही हैं कवि गणों की निर्झर लेखनी अमृत रस बरसाय रही... Hindi · कविता 2 397 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read सोनेवानी के घनघोर जंगल सोनेवानी के घनघोर और कठिन जंगल विभिन्न वनस्पतियों से आच्छादित जंगल टेढ़े मेढ़े पहाड़ी रास्तों से भरे अटपटे जंगल हरी-भरी घनी झाड़ियों पेड़ों से पटे जंगल न वाहनों का शोर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 234 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read धानी चूनर श्याम मेघ छाए उनसे धुंधला गया गगन झमाझम बरसे बदरा पवन चले सन सन धरणी के सब जीवों के तृप्त हुए तन मन धानी चूनर ओढ़ धरती धारी हरित वसन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 296 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read जीवनदायिनी बैनगंगा सिवनी जिले का ग्राम मुंँडारा मांँ बैनगंगा का उद्गम-स्थल छोटे कुंड से पतली धार में प्रारंभ होकर बहती कल कल गोपालगंज होती पहुंँची लखनवाड़ा जो हमारा जन्म-स्थल आगे बढ़ी मांँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 431 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read संस्कार संयुक्त परिवार के जहां से शुरू होते संस्कार वह है अपना घर परिवार परिवार होता सुख का आधार बच्चे सीखें वहीं से सद्व्यवहार मिले माता पिता से निश्छल प्यार दादा दादी का अप्रतिम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 465 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसका कर्णप्रिय स्वर निर्झर की झरझर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गर्जन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 262 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read बरखा छाई घटा घनघोर नाचे वन में मोर देखो बरखा का जोर शाम हो या होवे भोर फैली हरियाली चहुँ ओर ललचाए मन का चोर सुनो पवन का शोर हवा पेड़ों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 440 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 14 Jun 2023 · 1 min read शिक्षक गर्व करें हम हैं भारत के शिक्षक हम राष्ट्र संस्कृति सभ्यता के रक्षक हम सभी शिक्षक क्रांतिवीर अशिक्षा मिटाने सदा अधीर समाज में ज्ञान के दीप जलाते बच्चों को नैतिकता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 256 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 14 Jun 2023 · 1 min read मकर संक्रांति वर्ष का पहला त्यौहार मकर संक्रांति इससे ही आती है शांति और क्रांति चुन्नू मुन्नू मम्मी पापा दादा दादी जाते मेले जहां दुकानें सजी धजी और झूले भी अलबेले पावन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 200 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 10 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण प्रदूषित हो रहा दुनिया का पर्यावरण । अब नहीं सुरक्षित धरती का आवरण । अतः क्यों ना जाएं हम प्रकृति की शरण । तभी रुकेगा सजीव-निर्जीव का क्षरण । मानव... Poetry Writing Challenge · कविता 1 342 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 6 Jun 2023 · 1 min read कविता कविता होती सरल जैसे जल होता तरल मन करे पढ़ने हर पल गर कविता न होती सरल निश्चित हम पी जाते गरल ओम् कविता हर समस्या का हल ओम प्रकाश... Poetry Writing Challenge · कविता 2 389 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 6 Jun 2023 · 1 min read बचपन और पचपन उमर पचपन की और दिल बचपन का यादों में बसा है मेरे वो दिन बचपन का कोई लौटा दे मुझे वो दिन बचपन का बड़ा ही अलबेला ये दिन बचपन... Poetry Writing Challenge · कविता 2 481 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 12 Mar 2023 · 1 min read *रंग पंचमी* देखो आ गए हैं हुरियार खेलने पंचमी का त्यौहार करेंगे रंगों की बौछार सभी तुम हो जाओ तैयार गालों पर मल दो तुम गुलाल मिटा दो सब मन के मलाल... Hindi · Happy Holi · कविता 1 215 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 11 Oct 2022 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसका कर्णप्रिय स्वर निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गरजन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों... Hindi · कविता 2 415 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 8 Oct 2022 · 1 min read बरसात छाई घटा घनघोर नाचे वन में मोर देखो बरखा का जोर शाम हो या होवे भोर फैली हरीतिमा चहुंँ ओर ललचाए मन का चोर सुनो पवन का शोर पवन पेड़ों... Hindi · कविता 3 187 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Jun 2022 · 1 min read पथ प्रदर्शक पिता पिता हमारा जीवन दाता । हमें इस संसार में लाता ।। पिता बिना जीवन असंभव । करते वह सब कुछ संभव ।। पिता विशाल बरगद की छांव । जिसकी छाया... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 339 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jan 2022 · 1 min read मकर संक्रांति आज फिर आ गई मकर संक्रांति पता नहीं क्या लाएगी शांति या क्रांति एक तो तीसरी लहर , दूसरी वर्षा ओले का कहर इन से आक्रांत है हर प्रहर ,... Hindi · कविता 4 7 294 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 3 Oct 2021 · 1 min read *कविता* कविता के रस छंद अलंकार । यही हैं उसके सोलह सिंगार ।। रस से रसमय हो जाती प्यारी कविता । छंदों में छंदमय हो जाती न्यारी कविता । अलंकार से... Hindi · कविता 1 1 261 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 1 Oct 2021 · 1 min read जिंदगी चल रही थी जिंदगी धड़धड़ाते हुए , अब चल रही है जिंदगी लड़खड़ाते हुए । बीत रही थी जिंदगी खिलखिलाते हुए , अब बिता रहे हैं जिंदगी बिलबिलाते हुए ।... Hindi · कविता 1 471 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 30 Sep 2021 · 1 min read मजदूरी बनाम मजबूरी कर रहे आप यह दिहाड़ी मजदूरी । लेकिन न बने कभी आपकी मजबूरी । सीख लें अब एक से ज्यादा हुनर । आपत्ति काल से न रहें कभी बेखबर ।।... Hindi · कविता 1 231 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 24 Sep 2021 · 1 min read बरखा बादल गरजे , बिजली चमके , झमाझम पानी बरसे । यही बरखा कहलाए ।। ताल तलैया जल भरपूर , नदियों में आ जाती पूर , खेत गली पानी सब दूर... Hindi · कविता 2 809 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Jun 2021 · 1 min read विरहन प्रियतमा मेरे पिया गए सागर पार , जाने कब आएंगे इस पार । आ गई बरखा बहार , बहे सुहानी मधुर बयार । मेरे पिया ..... मैं विरहन दर्शन की प्यासी... Hindi · कविता 5 415 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 20 May 2021 · 1 min read सावन आया हुई वर्षा , मन हर्षा ,देख मौसम मन भावन का । बूँदें पड़ी , लगी झड़ी ,आया महीना सावन का ।। उजली लड़की , बिजली कड़की , नाच उठा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 12 487 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 12 May 2021 · 1 min read नवयुग नवयुग में तकनीकी ने , किया है बंटाधार । नई पीढ़ी मौज करे , बूढ़े रोयें जार-जार ।। मनमानी वे कर रहे , सुनें न उनकी बात । उम्मीदों पर... Hindi · कविता 4 4 450 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 6 May 2020 · 1 min read जन्मदात्री माँ माँ वही है जिसके कदमों में बसता है सारा जहां । कहां भटकता है मनवा तू स्वर्ग तो है सारा यहां ।। जिसने नौ दस मास तुझे अपनी कोख में... Hindi · कविता 6 3 602 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2020 · 1 min read कर्मवीर को ना रोक ये कर्मवीर, ये धर्मवीर , ये महावीर , करके निरोग घर भेज रहे। सेवा अहर्निश,नहीं करें हिश,लेकर विश,एकाकीपन में देख रहे ।। करें जागरूक,तपती धूप,त्यागें भूख,सामाजिक दूरी बनाए रखें ।... Hindi · कविता 5 2 540 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Apr 2020 · 1 min read मौसम और जलवायु भाई यह मौसम है या गिरगिट है , जो नित प्रति रंग बदलता है । कभी सुबह धूप , तो कभी दोपहर बदरी , शाम होते बरसता है ।। बेमौसम... Hindi · कविता 3 2 534 Share Previous Page 2