ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 12 Jan 2021 · 1 min read कितनी छोटी नांव *कितनी छोटी रात* कितनी छोटी रात कितने सपनों के गांव। कितना बड़ा समुंदर कितनी छोटी नाव। कितना बड़ा रेगिस्तान, मुट्ठी में ज़र-ज़र मिट्टी की काया। तपती रेत में जल रही... Hindi · कविता 3 2 385 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 29 Oct 2020 · 1 min read Jeni magician #JeniMagician #jenikaadwani #shrimitra #jasodaputra Jeni magician जंतर मंतर, जंतर मंतर..! सबकी झपिया, चुम्मिया इस हैट के अंदर..! घुमाकर छड़ी कर दूं छूमंतर..! इस टोपीमें से दादू की जेब निकालू जिसमें... Hindi · कविता 260 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 16 Oct 2020 · 2 min read मुझे मालूम नही *मै सोयी हुई हूं या जाग रही हूं..? मुझे मालूम नहीं..! मै जो देख रही हु वह सपना है या सच है.? मुझे मालूम नहीं..?* अंधेरी राह में मै रास्ता... Hindi · कविता 1 502 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 7 Apr 2020 · 1 min read तू जानता नही कौन हूं मै,? आज वैश्विक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पे समस्त डॉक्टर्स को समर्पित........ *तू जानता नहीं कौन हूं मै?* तू कौन है और किसे डरा रहा है तू ? *तू जानता नही... Hindi · कविता 1 358 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 18 Mar 2020 · 2 min read मुझे मालूम नही मै सोयी हुई हु या जाग रही हु मुझे मालूम नही मै जो देख रही हु वो सपना है या सच है मुझे मालूम नही अंधेरी राहमे मै रास्ता भटक... Hindi · कविता 327 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 1 Mar 2020 · 1 min read किसी इंतजार में *किसी इंतजार में* _________________ *किसी इंतजार में।* दिलमें कहीं राज छुपाये खामोश सा समां है रात अभी बाकी है आंखोंमें धूलसी जमी है *किसी इंतजार में।* इंतजार है सुबह का... Hindi · कविता 2 254 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 1 Mar 2020 · 1 min read खामोशी *खामोशी* भावनाओं में बहकर कविताएं लिखते लिखते एक कविता न लिख सका तुम्हारे लिये पर एक कविता बिना शब्दों की ही मै लिख दूंगा, तुम मेरे आंखों में देख के... Hindi · कविता 1 250 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 29 Feb 2020 · 1 min read बूढ़ा बच्चा *बूढ़ा बच्चा* एक बूढ़ा, हाथ में लिए एक छोटी सी गुड़िया, जिसके काले सुनहरे बाल है, जिसके गोरे गोरे गाल है, जिसने रंग बिरंगी ड्रेस पहनी है, बड़ी बड़ी उसकी... Hindi · कविता · बाल कविता 2 474 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 28 Feb 2020 · 1 min read कुछ तो हिसाब रखो यारों *कुछ तो हिसाब रखो यारों* _________________ *पत्थर कितने मारे कुछ तो हिसाब रखो यारों। कितने आसमान को छेद किये कुछ तो हिसाब रखो यारों। कितने मन में भेद किये, अब... Hindi · कविता 3 229 Share ठाकुर छतवाणी श्री मित्रा जसोदा पुत्र 28 Feb 2020 · 1 min read नानी के साथ *नानी के साथ* मुझे नानी के साथ घूमना पसंद है, मेरे कदम उसके जैसे आहिस्ते पड़ते हैं। वह कहती है अब जल्दी मत करो। पर जब मै दौड़ती हूं तो... Hindi · कविता · बाल कविता 3 282 Share