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किया तुमने भी है कल रतजगा क्या ?
Nazir Nazar
कभी वो बेरुखी करता कभी वो आजिज़ी करता
Nazir Nazar
बयान ए क़लम
Nazir Nazar
इंतिज़ार
Nazir Nazar
किताबे-ज़ीस्त का उन्वान हो तुम
Nazir Nazar
तिरी नाज़-बरदारी कैसे करूँ मैं
Nazir Nazar
बताये क्या तुम्हें क्या क्या हमारे घर नहीं होता
Nazir Nazar
शे'र
Nazir Nazar
जीत कर भी फिर से हारी जिंदगी
Nazir Nazar
मुझसे कब बात करोगी तुम.....
Nazir Nazar
तुझे अपने घर पे बुलाने से पहले
Nazir Nazar
तुम्हारी ही आँखों से हम देखते हैं
Nazir Nazar
गले का हार होना चाहता हूँ
Nazir Nazar
वही तो लोग ज़माने में हो रहे रौशन
Nazir Nazar
मेरा जन्म एक हादिसा
Nazir Nazar
अंतर्मन में जब बलवा हो जाता है
Nazir Nazar
राज़ की बातें
Nazir Nazar
आप हमसे यूँ मिले है शह्र में
Nazir Nazar
काम आ ही गई बंदगी दोस्तों
Nazir Nazar
बता रहा है मिरे ऐब को हुनर मेरा
Nazir Nazar
वो शे'र सुन के मिरा हो गया दिवाना क्या
Nazir Nazar
अगर वो हादिसा फिर से हुआ तो !!!
Nazir Nazar
ग़ज़ल - अपनी यादों में मुब्तिला कीजे
Nazir Nazar
फिर दिये सा जगमगाना ज़िंदगी
Nazir Nazar
मिरा ऐब सबने गिनाया तो होगा
Nazir Nazar
हमें उनसे मुहब्बत हो रही है
Nazir Nazar