Dr MusafiR BaithA Tag: लेख 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr MusafiR BaithA 5 Oct 2024 · 9 min read बिहार से इस युवा-कलम से परिचय कीजिये / मुसाफिर बैठा कई ध्यान खींचने एवं प्रभावित करने वाले व्यक्तियों की तरह विभाश मुझे पहली बार सोशल मीडिया, फेसबुक पर ही मिले। यहाँ हमारे जुड़ाव का संघनन बढ़ता गया और हमने पाया... Hindi · लेख 36 Share Dr MusafiR BaithA 13 Aug 2023 · 16 min read हिन्दी दलित आत्मकथाओं में स्त्री संदर्भ / musafir baitha अब तक मौलिक रूप से हिन्दी में जो करीब एक दर्जन दलित आत्मकथाएं प्रकाशित हैं उनमें महज एक की ही रचयिता महिला है। दोहरा अभिशाप की लेखक कौसल्या बैसंत्रा एकमात्र... Hindi · लेख 171 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jul 2023 · 1 min read मैं कवि कैसे बना? / Musafir Baitha मैं कवि कैसे बना? एक कविता से सन 2001 में 'हिन्दुस्तान' (पटना) में मुलाकात हुई. सहज लगा, लगा सरल है कविता लिखना. लिख दे आया अपनी दफ्तर से जा हिन्दुस्तान... Hindi · कवि बनने की कहानी · लेख 232 Share Dr MusafiR BaithA 24 Jul 2023 · 5 min read दलित साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले साहित्यकार है मुसाफ़िर बैठा ★★दलित साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले साहित्यकार है मुसाफ़िर बैठा ★★ ■डॉ.कार्तिक चौधरी साहस जीवन जीने के लिए ही नहीं अपने अस्तित्व को सुरक्षित रखने के... Hindi · लेख 87 Share Dr MusafiR BaithA 4 Jul 2023 · 1 min read दाढ़ी-मूँछ धारी विशिष्ट देवता हैं विश्वकर्मा और ब्रह्मा दढ़ियल-मूँछैल ब्रह्मा और उनके परपोते भगवान विश्वकर्मा के अलावा सारे मर्द देवता और ईश्वर बिना दाढ़ी-मूंछ के क्यों हैं? जबकि सफाचट होने के उस्तरा, ब्लेड, कैंची जैसे औजार तो तब... Hindi · धर्म संस्कृति · लेख 631 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 7 min read लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा है. एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े द्विजवादी एवं भगवा संस्कृति का पहरुआ बने छात्र संघ ने विगत दिनों जेएनयू, नई... Hindi · लेख 394 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 8 min read ’वागर्थ’ अप्रैल, 2018 अंक में ’नई सदी में युवाओं की कविता’ पर साक्षात्कार / MUSAFIR BAITHA (1) नई सदी में युवाओं की कविता को आप किस दृष्टि से देखते हैं? आज की युवा कविता में पहले से क्या भिन्नता है? उत्तर- समकालीन हिंदी कविता मुख्यतः गद्य... Hindi · मुक्तक · लेख 354 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 10 min read 60 के सोने में 200 के टलहे की मिलावट का गड़बड़झाला / MUSAFIR BAITHA अम्बेडकर की पुस्तिका ‘Annihilation of Caste’ (जाति का विनाश) को लेकर जो विवाद साइबर स्पेस, ब्लॉग, फेसबुक सहित पत्र-पत्रिकाओं हो रहा है, उसमें अचंभित करने वाला कुछ भी नहीं है.... Hindi · पुस्तक समीक्षा · लेख 439 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 7 min read प्रेमचंद के उपन्यासों में दलित विमर्श / MUSAFIR BAITHA हिंदी साहित्य में संगठित एवं सुनियोजित चेतनापरक दलित विमर्श बहुत इधर की बात है. सन 1960 के दशक में अम्बेडकरवादी चेतना से उपजे मराठी दलित साहित्य आंदोलन के प्रभाव में... Hindi · लेख 1k Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 21 min read डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA यह हमारे लिए काफी क्लेषदायक है कि साहित्य में स्वीकृति एवं चर्चा के मामले में अंडरटोन रह गए दलित साहित्य आलोचना एवं विमर्श के एक प्रमुख स्तंभ रहे डॉ. तेज... Hindi · लेख 491 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 1 min read धार्मिकता और सांप्रदायिकता / MUSAFIR BAITHA धार्मिकता साम्प्रदायिकता की जननी है। धार्मिक होने के रास्ते से ही सांप्रदायिक होने का रास्ता भी खुलता है। यूपी में अखलाक की हत्या का नेतृत्व उसके हिंदू जिगरी दोस्त ने... Hindi · लेख 300 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 1 min read जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati धर्मग्रंथों में कुछ बातें ऐसी लिखी हैं कि जिसे आप अगर सौ बार पढ़ो तो भी समझ में नहीं आने वाली.... जैसे, बाबा तुलसीदास रामचरित मानस/बालकाण्ड में लिखते हैं कि-... Hindi · लेख 177 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 3 min read साहित्य में प्रेम–अंकन के कुछ दलित प्रसंग / MUSAFIR BAITHA रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है, यह एक अत्यंत ही प्रचलित एवं सर्वमान्य धारणा है। पर प्रेम की अनिवार्यता भी सहज मनुष्य जीवन के लिए उतनी ही... Hindi · लेख 318 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 10 min read बिहार के मूर्द्धन्य द्विज लेखकों के विभाजित साहित्य सरोकार बिहार के सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक अतीत के समृद्ध होने की बात हम प्रायशः लोगों को करते देखते हैं और उसका गुणगान अक्सर सुनने में आता है. पर यह अधूरा... Hindi · लेख 187 Share Dr MusafiR BaithA 3 Jul 2023 · 5 min read बिहार क्षेत्र के प्रगतिशील कवियों में विगलित दलित व आदिवासी चेतना बिहार क्षेत्र से समकालीन प्रगतिशील मान्य कवियों की बात करें तो अरुण कमल सिरमौर हैं और उनको राष्ट्रीय स्तर पर भी लगभग यही स्थान प्राप्त है. पटना में रहने वाले... Hindi · लेख 201 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 1 min read बेमेल कथन, फिजूल बात बैर कराते मन्दिर मस्जिद। मेल कराती मधुशाला। - कुछ इस तरह की बेहूदी पंक्तियाँ हरिवंश राय बच्चन ने कविता के नाम पर लिख मारी है। यह भी कोई चिंतन है?... Hindi · लेख 159 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 1 min read प्रश्न जो लोग नरक और स्वर्ग में विश्वास करते हैं उनके लिए : इनमें द्विज भी जाते हैं और बहुजन भी। क्या वहां भी जात-धरम का कोटरा है? इनके ये झगड़े... Hindi · लेख 175 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 1 min read प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA अमृता प्रीतम कहीं लिखती हैं, "स्त्री तो ख़ुद डूब जाने को तैयार रहती है, समदंर अगर उसकी पसंद का हो!" अमृता प्रीतम का यह कथन ग़लत है! सबसे पहले यह... Hindi · लेख 314 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 16 min read ’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA यह हमारे लिए काफी क्लेषदायक है कि हिंदी साहित्य के सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त एवं लोकप्रिय दलित हस्ताक्षर ओमप्रकाश वाल्मीकि अब स्मृतिशेष हैं। विकराल कैंसर रोग ने उन्हें असमय ही लील लिया,... Hindi · लेख · संस्मरण 2 430 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 13 min read कोई बिगड़े तो ऐसे, बिगाड़े तो ऐसे! (राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और संस्मरण) / MUSAFIR BAITHA कोई बिगाड़ने वाला हो तो साहित्यकार राजेंद्र यादव एवं उनकी ‘हंस’ जैसा, और बिगाड़े तो ऐसे जैसे राजेन्द्र दा तथा उनके ‘हंस’ ने जैसे मुझे बिगाड़ा! वैसे, राजेन्द्र जी एवं... Hindi · लेख · संस्मरण 212 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 21 min read सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA यह अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में विज्ञान-तकनीक के आधुनिकतम यंत्रों-तंत्रों के प्रयोगों का दौर है. रेडियो, टीवी, सिनेमा जैसे संचार के क्रांतिकारी साधनों के बाद आधुनिकतम संचार तकनीक इंटरनेट... Hindi · लेख 241 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 14 min read बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा बिहार के सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक अतीत के समृद्ध होने की बात हम प्रायशः लोगों को करते देखते हैं और उसका गुणगान अक्सर सुनने में आता है. पर यह अधूरा... Hindi · लेख 162 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 8 min read हंस के 2019 वर्ष-अंत में आए दलित विशेषांकों का एक मुआयना / musafir baitha यादव से चलकर अबतक हंस की प्रगतिकामी परंपरा में दलित एवं स्त्री विमर्श को अहम स्पेस प्राप्त होता रहा है। राजेन्द्र यादव ने 1986 में जो हंस निकाला वह प्रेमचंद... Hindi · लेख 237 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jun 2023 · 18 min read बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA दलित साहित्य स्वानुभूत पर आधारित साहित है जो दलित तबके की सवर्णों एवं अन्य वर्चस्वशील जातियों द्वारा सदियों से हुई हकमारी, अनदेखी, भेदभाव एवं प्रताड़ना से उपजी खुदमुख्तारी की एसर्टिव... Hindi · लेख 1 374 Share Dr MusafiR BaithA 26 Jun 2023 · 12 min read डा. तुलसीराम और उनकी आत्मकथाओं को जैसा मैंने समझा / © डा. मुसाफ़िर बैठा भारतीय समाज के मूल चाल-चरित्र को देखते हुए मैं कहना चाहूँगा कि कोई गैरदलित साहित्यिक-सांस्कृतिक पत्रिका जब अपना विशेषांक किसी दलित हस्ती पर समर्पित करने जा रही हो तो यह... Hindi · लेख 258 Share Dr MusafiR BaithA 26 Jun 2023 · 4 min read अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA ’भारत का संविधान’ में उल्लिखित नागरिकों के दस मूल कर्तव्यों में से एक कहता है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और... Hindi · लेख 528 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 16 min read कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA कृष्णा सोबती जैसी जानी-मानी कथाकार अपने उपन्यास 'समय सरगम' में कैसे सबाल्टर्न वर्ग व उनको मिले संवैधानिक आरक्षण पर विरोध में पॉजिशन लेती दिखती हैं, उपन्यास की की गयी मेरे... Hindi · पुस्तक समीक्षा · लेख 408 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 7 min read हमारी आजादी हमारा गणतन्त्र : ताल-बेताल / MUSAFIR BAITHA सनातन हिंदू मानस तैयार करने वाले ग्रन्थ रामचरितमानस के रचयिता कवि तुलसीदास की एक पंक्ति है-पराधीन सपनेहु सुख नाही। यदि हम स्वाधीन नहीं हैं, तो हमें सपने में भी सुख... Hindi · लेख 326 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 5 min read साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी साहस जीवन जीने के लिए ही नहीं अपने अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए भी जरूरी होता है। अतः साहस का मतलब ही है निष्पक्ष ढंग से अपने बातों को... Hindi · लेख 256 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read फेसबुक की बनिया–बुद्धि / मुसाफ़िर बैठा जहाँ तक फ़ेसबुक पर किसी पोस्ट की आम स्वीकार्यता की बात है तो इस 'फिनोमिना' की तुलना आप पॉपुलर सिनेमा और कला सिनेमा अथवा पॉपुलर साहित्य और दलित साहित्य से... Hindi · लेख 204 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read दलित लेखक बिपिन बिहारी से परिचय कीजिए / MUSAFIR BAITHA बिपिन बिहारी मूलतः हिंदी कथाकार हैं। सबसे ज्यादा लिखने वाले दलित कथाकार। अबतक इनके 13 कहानी संग्रह (लगभग 300 कहानियां) एवं 7 उपन्यास प्रकाशित हैं। इनका 1 लघुकथा संग्रह एवं... Hindi · लेख 503 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read बिहार में डॉ अम्बेडकर का आगमन : MUSAFIR BAITHA बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर पहली और अंतिम बार 6 नवम्बर, 1951 को बिहार, पटना आए थे। वे पत्नी सविता अम्बेडकर के साथ थे, और अगले दिन लौट गए। बिहार... Hindi · लेख 305 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 44 min read देवमूर्ति से परे मुक्तिबोध का अक्स / MUSAFIR BAITHA किसी साहित्यकार के जीवन और रचना दृष्टि में जितना अधिक तालमेल हो, यानी, कथनी और करनी का अंतर जितना कम हो उसे उसी अनुपात में ईमानदार कहा जाना चाहिए. इस... Hindi · लेख 222 Share Dr MusafiR BaithA 19 Jun 2023 · 9 min read कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा करीब छह सौ साल पहले कबीर धरती पर आकर चले गए, उनके विचारों का प्रभाव जबरदस्त हुआ. सामंती समाज था हमारा तब. हिन्दू धर्म में परम्परा से चलते आ रहे... Hindi · लेख 2 336 Share