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118 posts
कविता
कविता
Mahendra Narayan
कविता -
कविता -
Mahendra Narayan
कविता ---- बहते जा
कविता ---- बहते जा
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
गीत
गीत
Mahendra Narayan
कविता - शैतान है वो
कविता - शैतान है वो
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
दोहा ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
Mahendra Narayan
कविता
कविता
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
जा रहा है
जा रहा है
Mahendra Narayan
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
पत्थर - पत्थर सींचते ,
पत्थर - पत्थर सींचते ,
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
सज़ल
सज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
दरक जाती हैं दीवारें  यकीं ग़र हो न रिश्तों में
दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में
Mahendra Narayan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
डोरी बाँधे  प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
Mahendra Narayan
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
जिस बस्ती मेंआग लगी है
जिस बस्ती मेंआग लगी है
Mahendra Narayan
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
Mahendra Narayan
फितरत की बातें
फितरत की बातें
Mahendra Narayan
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
Mahendra Narayan
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
Mahendra Narayan
पावस में करती प्रकृति,
पावस में करती प्रकृति,
Mahendra Narayan
अरमानों की भीड़ में,
अरमानों की भीड़ में,
Mahendra Narayan
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
वो तसव्वर ही क्या जिसमें तू न हो
वो तसव्वर ही क्या जिसमें तू न हो
Mahendra Narayan
बादल आओ
बादल आओ
Mahendra Narayan
फूलों की है  टोकरी,
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
आदमी में भी राज़ गहरे नजर आतें हैं
आदमी में भी राज़ गहरे नजर आतें हैं
Mahendra Narayan
हरकतें जब
हरकतें जब
Mahendra Narayan
हँसाती है किसी को और रूलाती है रोटियाँ,
हँसाती है किसी को और रूलाती है रोटियाँ,
Mahendra Narayan
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