Mahendra Narayan 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल - ये कौन छेड़ा तितलियों को खिल न पाये गुल छिप गये हैं पत्तों में नहीं हाथ आये गुल हैं अजीब उसकी क्यों मंज़र निगाहों में देखे मुझे जब भी लगे... Hindi 3 1k Share Mahendra Narayan 8 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल - रहते हो अरमानों में आग लगाते रहते हो क्यों ऐसे तुम मुझे जलाते रहते हो मजा सजा है साबित करते रहते हो हॅंसा हँसा कर मुझे रुलाते रहते हो चोट बात की... Hindi 1 917 Share Mahendra Narayan 4 Aug 2023 · 1 min read जिस बस्ती मेंआग लगी है जिस बस्ती मेंआग लगी है पानी पानी है प्रेमनगर में बस नफरत है और बेईमानी है भीड़ तो है हर एक घर में कौन कहानी कहता है मरघट सा सन्नाटा... Hindi 1 954 Share Mahendra Narayan 14 Jun 2022 · 1 min read चलना ही पड़ेगा ये ज़िन्दगी सफर है तो चलना ही पड़ेगा ग़र है वफाई आग तो जलना ही पड़ेगा कितने रुके थके नज़रअंदाज उसे कर आगे सफर में हमको निकलना ही पड़ेगा वाकिफ़... Hindi 3 1 555 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read गीत - याद तुम्हारी सोनजुही सी याद तुम्हारी आती है जब जब मन की बगिया एहसासों की महक उठे तब तब मुस्कानों की याद से काटूँ दुख की सारी रात सुबह होठ की लाली... Hindi · कविता 3 420 Share Mahendra Narayan 1 Jun 2022 · 1 min read गीत - आज जब जाने लगी, घर धूप बनकर छाँव.. याद फिर आने लगे, पुरवाईयों के गाँव .. खो गयी है भीड़ में , गाँव की वो मस्तियाँ I भोर को भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 405 Share Mahendra Narayan 14 Jan 2021 · 1 min read कैसी विकट घड़ी आई है - कैसी विकट घड़ी आई है,हर मानव भयभीत हैं... पूछ रही है अब मानवता, हे प्रभु ! कैसी प्रीत है... किसने छेड़ा है सूरज को,तन में ताप जगाये। किसने छेड़ा है... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 12 331 Share Mahendra Narayan 20 May 2022 · 1 min read जीवन साँसों का संसार है जीवन इक दूजे से प्यार है जीवन जो इंसा से इंसा बाँटें वो तो इक दीवार है जीवन दुख आये तो लोग कहें ये मेरा तो... Hindi · कविता 3 315 Share Mahendra Narayan 22 Jul 2022 · 1 min read कविता मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 1 1 310 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल कभ्भो पत्थर भी फूल हो जाला .. प्यार से जब कुबूल हो जाला जेकरा काँटा भरल ह मनवा में फूल ओकरा फिज़ूल हो जाला. जब चले मन में तीन कै... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 2 302 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल माँ मेरी जब उदास होती है वो मेरे दिल के पास होती है भूख को अपने बाँटती सबसे खा लो कहती है ख़ास होती है रात भर नीद से वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 275 Share Mahendra Narayan 12 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल - आँखों का भी मौसम रोज बदलता है देख ज़माना इक दूजे को चलता है बंजर कही, कहीं हरियाली होती है मन का बादल जैसे जहाँ पिघलता है लोग आईना एक... Hindi · ग़ज़ल 1 287 Share Mahendra Narayan 15 May 2022 · 1 min read नवगीत - चेहरा साँसे चंचल आँखें चमड़ी पर इठलाना मत बाहर से है चिकना जितना खुरदरा भद्दा अन्दर उतना छैल छबीली चाल नशीली सुन्दरता पर जाना मत हड्डी चर्बी रक्त माँस सभी... Hindi · कविता 2 1 270 Share Mahendra Narayan 17 Apr 2022 · 1 min read ग़ज़ल आज ग़ज़ल से बात हुई अनजाने में । गाने लगा हूँ उसको मैं अफसाने में । अपने ग़म की ओढ़ काफिया रहती है। और रदीफ़ लगा है खुशी निभाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 268 Share Mahendra Narayan 27 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल - प्रीत ,पानी , पराग हौ रिश्ता फूँक दे घर उ आग हौ रिश्ता जोतले खेतवा कै उ लगै माटी कभ्भो जामल स साग हौ रिश्ता साथ रहला पै पाँख बगुला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 272 Share Mahendra Narayan 5 Jun 2022 · 1 min read नवगीत विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ - गुलदस्ता नहीं बाग बनाओ जीवन को चह- चह करती चिड़िया जिसमें प्रातःखिलती कलियाँ उसमें एक नया फिर राग बनाओ जीवन को सर्दी के... Hindi · कविता 2 244 Share Mahendra Narayan 6 Mar 2023 · 1 min read ग़ज़ल प्यार का हर इक पन्ना प्यारा होता है लिखा हुआ दिल का गलियारा होता है आँखों ने जो लिखा अश्क की पानी से पढ़ने वाला आँख का तारा होता है... Hindi 3 272 Share Mahendra Narayan 7 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल आना जाना सब का चलता रहता है मंजिल से पथ सदा यही तो कहता है सबका मन၊ तिनके के जैसे होता है हवा जिधर की होती उधर ही बहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 239 Share Mahendra Narayan 30 Oct 2022 · 1 min read नवगीत दर्द की स्याही से खुशी के गीत लिखता हूँ... शब्द चेहरे से निकलतें हैं, जब चमक जैसे I फूट पड़तें हैं भाव मन की तब दमक जैसे ॥ वक्त के... Hindi 2 250 Share Mahendra Narayan 8 Jul 2022 · 1 min read कविता - नई परिभाषा मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 3 1 237 Share Mahendra Narayan 23 Sep 2022 · 1 min read भोजपुरी ग़ज़ल प्रीत पानी पराग हव रिश्ता फूँक दे घर उ आग हव रिश्ता जोतले खेतवा कै उ लगै माटी कभ्भो जामल स साग हव रिश्ता साथ रहला पै पाँख बगुला कै... Bhojpuri 2 1 229 Share Mahendra Narayan 23 Jul 2023 · 1 min read रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी.. रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी.. ज़िन्दगी मुझको ग़ज़ल की तरह से लिखती है.. Quote Writer 1 379 Share Mahendra Narayan 8 Jun 2023 · 1 min read भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज । भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज । रक्षा यदि हम नहि किए,रक्षित नही समाज ॥ रक्षित नही समाज, रहेगा भूखा प्यासा । जल जीवन आधार ,नही हो जीवन... Quote Writer 390 Share Mahendra Narayan 8 Apr 2023 · 1 min read गीत झिलमिलाते स्वप्न सी आभास हो तुम भोर के पहली किरण की आस हो तुम रात की अनुगूँज अन्तर्वेदना हो मूर्तिमय शबनम प्रभाती चेतना हो मखमली सी सांध्य रवि के पास... Hindi 1 243 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग । मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग । जैसी जिसकी सोच है वैसा उसका ढंग ॥ वैसा उसका ढंग चाल भी चलता वैसा । नही रहेगा हंस बनेगा बगुला... Quote Writer 1 426 Share Mahendra Narayan 28 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल मैं हूँ शीशा मुझे पत्थर से बचाते रहिए। आईने की निगाह मुझको दिखाते राहिए। कौन कहता है कि काँटे ख़राब होतें हैं। फूल का उनको बस एहसास दिलाते रहिए। रात... Hindi 1 192 Share Mahendra Narayan 21 Aug 2022 · 1 min read नवगीत - पहचान लेते थे दूर से जिनको कभी पहचान लेते थे आज अपने को करीबी मानतें हैं दर्द दिल के पर मेरे नही जानतें हैं जान ही लेते हैं जो कभी जान लेते थे... Hindi 3 2 210 Share Mahendra Narayan 19 Jun 2023 · 1 min read फूलों की है टोकरी, फूलों की है टोकरी, ढूँढें सभी गुलाब । रिश्तों में हर आदमी, चाहे बनें नवाब ॥ Quote Writer 3 402 Share Mahendra Narayan 13 Jul 2022 · 1 min read ग़ज़ल ख़ुद में ख़ुद की तलाश करता हूँ ख़ुद को जब भी मैं खास करता हूँ मुझे अक्सर वहीं खुश करतें हैं जिन्हे हर पल उदास करता हूँ दूर मुझसे वो... Hindi 4 1 217 Share Mahendra Narayan 23 Jul 2022 · 1 min read मिटाने लगें हैं लोग मिटने लगे हैं लोग मिटाने लगें हैं लोग औकातअपनी ज़िद की दिखाने लगें हैं लोग साँसों के सियासत की बहस हो रही ऐसे अब झूठ को ही सच से बचाने... Hindi 1 196 Share Mahendra Narayan 8 Nov 2022 · 1 min read देख रहा था नदी किनारे बैठ डुबकियाँ देख रहा था कैसे उछलें डूब मछलियाँ देख रहा था ज़ज़्बातों की लहरें उठती जब -जब मन में ख़ुद में ख़ुद को झाँक खिड़कियाँ देख रहा... Hindi 3 1 191 Share Mahendra Narayan 9 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल - इश्क़ है दरिया का तूफान इश्क है जिसमें एक इंसान इश्क है कोई न जाने कब क्या होगा ख़ुद से भी अनजान इश्क है ना समझो आसान इश्क है समझो तो नादान... Hindi 2 212 Share Mahendra Narayan 4 Mar 2023 · 1 min read गज़ल टीस मन से हमारे निकल जायेगी रंग मसले का फिर ये बदल जायेगी पेड़ पर जैसे पत्ते नये आतें हैं होके पतझड़ बहारों में ढ़ल जायेगी लोग कहतें हैं मुझमें... Hindi 1 229 Share Mahendra Narayan 3 Mar 2023 · 1 min read कहाँ लिखता है जमीं लिखता है आसमां लिखता है हकीक़तर - ए दिल कोई कहाँ लिखता है तुम न बताओ भले ही राज़ अपना तेरे हद को तो तेरा गुमां लिखता है उड़ते... Hindi 4 195 Share Mahendra Narayan 4 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल ख़ामोशी इक रात मुहब्बत तेरी हर इक बात मुहब्बत तेरा मिलना और बिछड़ना दोनों के हालात मुहब्बत हँसना, रोना , खाना , पीना होता जो इक साथ मुहब्बत हँसना मुझको... Hindi 1 254 Share Mahendra Narayan 5 Jun 2023 · 1 min read गुलदस्ता नहीं गुलदस्ता नहीं बाग बनाओ जीवन को चह- चह करती चिड़िया जिसमें प्रातःखिलती कलियाँ उसमें एक नया फिर राग बनाओ जीवन को सर्दी के संग गर्मी झेले सीने पर ओले भी... Quote Writer 1 292 Share Mahendra Narayan 4 Mar 2023 · 1 min read अज़ीब था फूलों से चोट खाता था पत्थर अजीब था कहते थे जिसको ज़ालिम रहबर अजीब था ज़ख्मों के हर हिसाब पू्छता है कौन फिर ग़ैरों को अपना कर गया खंज़र अजीब... Hindi 2 179 Share Mahendra Narayan 28 Aug 2022 · 1 min read पत्थर दिखता है . (ग़ज़ल) सिमटा सिमटा एक समन्दर दिखता है बाहर से भी ख़ुद के अन्दर दिखता है साथ सभी को जब लेकर वो चलता है टूटा -टूटा मुझको अक्सर दिखता है टकराता है... Hindi 3 1 170 Share Mahendra Narayan 1 Jun 2023 · 1 min read बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ पानी को उसके रूप में लाती हैं हवाएँ मौसम के साथ साथ बदलती हैं रूप को रफ्तार घटाती हैं बढ़ाती हैं हवाएँ होकर... Quote Writer 1 283 Share Mahendra Narayan 23 Dec 2022 · 1 min read ग़ज़ल फिक्र क्यों कुछ जो बेहिसाब नज़र आतें हैं ज़िन्दगी भर के वो जबाब नज़र आतें हैं चला हूँ दूर तलक उम्र गवाह है इसका खुशी में फिर क्यों इंकलाब नजर... Hindi 2 162 Share Mahendra Narayan 13 Jul 2023 · 1 min read बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ कोई बेचता खरीदता है भूख भी यहाँ । -महेन्द्र नारायण Quote Writer 2 4 228 Share Mahendra Narayan 13 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा ख़्वाब मेरा आज का अच्छा लगा इक हकीकत से उठा परदा लगा तेरे आने की रिवाइत थी ज़ुदा साथ में बढ़ता मेरा रुतबा लगा रोशनी से डर रहे साये बहुत... Hindi 1 155 Share Mahendra Narayan 6 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल बहके हुए हैं लोग नज़र की ज़बान से ख़ुद का मकान देख ग़ैर के मकान से कुछ भी कहो सबको सभी आज़ाद हैं पी रहें सभी हैं ज़हर अपने कान... Hindi 1 139 Share Mahendra Narayan 3 Jun 2023 · 1 min read कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी। कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी। राजा हो रंक सभी के आँख में पानी । रोते - रोते हँसतें हैं जो खुश रहतें हैं। वर्ना मर जातें जीवन भर... Quote Writer 1 243 Share Mahendra Narayan 9 Jul 2023 · 1 min read ख़ुद को हमने निकाल रखा है ख़ुद को हमने निकाल रखा है बन्द नज़रों में डाल रखा है Quote Writer 1 248 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read उस जंगल की बात निराली उस जंगल की बात निराली, शेर गाय से डरता है । कथा सुना के पत्नी को यह, दम्भ एक पति भरता है । चालाकी से एक लोमड़ी , चीते को... Poetry Writing Challenge 1 110 Share Mahendra Narayan 6 Jul 2023 · 1 min read पावस में करती प्रकृति, पावस में करती प्रकृति, हरा भरा स्नान । दृग कराती शीतलता , दुख में सुख का भान ।। Quote Writer 190 Share Mahendra Narayan 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत की बातें हिम्मत से हिम्मत की बातें करता हूँ जब भी मैं किस्मत की बातें करता हूँ कहतें सब मिल जाता मुझको बिन माँगे मैं नही अब चाहत की बातें करता हूँ... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 173 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read पीड़ा को झरते देखा जीवन-पर्वत के जंगल में, मन-मृग को चरते देखा। सरिता की प्यासी आँखों से, पीड़ा को झरते देखा ॥ चपला चंचल विपदाओं की, भयाक्रांत करती गिरती ॥ मेघों की गर्जना डराती,... Poetry Writing Challenge 1 145 Share Mahendra Narayan 4 Jun 2023 · 1 min read कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं दिखाने वाले हर किरदार की आँखों के किस्से हैं Quote Writer 1 154 Share Page 1 Next