Mahendra Narayan 107 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मजलूमों की गालों पर न्याय पाँच जूतों से होता , इज्जत की चौपालों पर I लगता है सामंती थप्पड़ , मजलूमों की गालों पर I पाँव पखारे अब भी पीता , बैठे नहीं चबूतर... Poetry Writing Challenge 1 113 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read हे पथिक ! पिक बोलती , दिक् खोलती , तू सो रहा अब जाग। हे पथिक! किस गहन गह्वर से है बाधित राग । गिर पड़ी वर्षा की बूँदें, तू पड़ा पर्यंक पर... Poetry Writing Challenge 1 131 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मेरे जैसा दिन भी टूटा मेरे जैसा दिन भी टूटा . I शाम हुई ज्यों धुँधली आशा I ढूँढ़ ढूँढ कर नव परिभाषा । स्वयं स्वयं के मन की कोई, आज धुँए में धँसी निराशा... Poetry Writing Challenge 1 62 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read लिखता हूँ टूटे - टूटे खाट का छप्पर लिखता हूँ। घुरहू का मैं फटा मुकद्दर लिखता हूँ I जिसका है रसराज सुशोभित फटी बिवाई। भरती मिट्टी की परतें हैै दुःखी लुगाई। उस... Poetry Writing Challenge 3 72 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read इच्छाओं की आग लगी है इच्छाओं की आग लगी है, रद्दी भरे खयालों में I नेकी -उत्तर छिपे हुए हैं, उलझे बदी सवालों में । ऊबड़-खाबड़ कर्म - राह पर, चलते मूँदे आँखों को। देती... Poetry Writing Challenge 2 74 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read बरसो मेघा ताक रही घूँघट पट खोले, नील गगन प्यासी नदिया। रूठ गये क्यों प्रकृति के स्वामी, सूख रही मन की बगिया । खेत सरोवर फटे हृदय से, सूखे अधर पुकार रहे... Poetry Writing Challenge 1 74 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read सन्तराये दिन हमारे सन्तराये दिन हमारे, कभी अमावस ज्यों थे कारे , चहक रही खुशियाँ अब सारी , पहले जो घुटती रहती थी। मेड़ पर जैसे भटकटैया, अच्छी लगती जो चुभती थी। पीछे... Poetry Writing Challenge 1 121 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read बैठ हवा की झूलों पर काँटों से उलझा रहता हूँ , देख तितलियाँ फूलों पर। खुशबू से लिपटा रहता हूँ , बैठ हवा की झूलों पर..। जब जब प्रेम की पाती पढ़ते , पेड़ किनारे... Poetry Writing Challenge 1 83 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read देह मोबाइल देह- मोबाइल में चले , इण्टरनेटी साँस । सोशल मिडिया खून है , गुग्गल जैसे माँस ॥ उँगली से हैं नाचते , मन के सारे भाव सारी दुनिया जेब में,... Poetry Writing Challenge 1 47 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read शाम सन्तरी शाम संतरी सुनो ! बना दो रात रसीली ... गिरे न उल्का पिण्ड, भाग्य पर मेरे आकर । शुभाति-शुभ हो चन्द्र, मुझे लगे आज दिवाकर ।। खिले चाँदनी मन की,... Poetry Writing Challenge 1 119 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read इंकलाब गाना होगा साथ गर्जना करने को अब , सबको मिलकर आना होगा । नीला शेर बने जो गीदड़, इंकलाब ही गाना होगा । घास पात बन कर कब तक तुम , भेड़ों... Poetry Writing Challenge 1 83 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read जल रहा है तपिश शीतल जल रहा है..। दिन हथेली मल रहा है...। सुबह रूठी मुरमुराकर । अरूण से नज़रें चुराकर ॥ दोपहर खल खल रहा है..। छाँव ढूँढे छाँव को ही। पाँव... Poetry Writing Challenge 1 40 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read उस जंगल की बात निराली उस जंगल की बात निराली, शेर गाय से डरता है । कथा सुना के पत्नी को यह, दम्भ एक पति भरता है । चालाकी से एक लोमड़ी , चीते को... Poetry Writing Challenge 1 112 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read एक कबूतर छ्त पर बैठी एक कबूतर दाना खाती सहमी सी थी वह भूखी थी डरी हुई सी ऊपर नीचे सिर करती पर मरी हुई सी जठराग्नि भारी यौवन पर यह दिखलाती... Poetry Writing Challenge 1 91 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read तय हमीं को करना है सात समन्दर-सा फैला मन, इसमें क्या-क्या भरना है तय हमी को करना है । कहीं उफनती लहरें देती, ज्वार सुखों का आ करके। और कहीं उद्वेग का भाटा, जीवन-तट पर... Poetry Writing Challenge 2 93 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read कठिन हालात लिखे अक्षर ने लिख दिया दुपहरी, कैसे होठ प्रभात लिखे? प्रेम-दिवस पर द्वेष न हो तो चाँद चाँदनी रात लिखें । रोज शाम को मदिरा छलके, जाम हथेली से पकड़े, सुनकर... Poetry Writing Challenge 1 56 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read नींद की गोली सपनों को जो बेच रहें हैं खाते रहें नींद की गोली ... I दिन भर जिनका बहा पसीना खेतों में , खलिहानों में । बिना धूप के गर्मी सह गए... Poetry Writing Challenge 1 78 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read उपहार मिलेगा अब विटपों को लतिकाओं का, उन्हें गले में हार मिलेगा..। उपवन जो वीरान हो गये, मधुमासी गुलजार मिलेगा..। इठलायेंगी नित्य तितलियाँ, रंग बिरंगी लेकर दुनिया । आलोकित कर दिखलायेंगी, मधु... Poetry Writing Challenge 1 106 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read मैं हिन्दी अविनाशी हूँ मैं भारत हूँ ,भाग्य विधाता , जनगण मन की काशी हूँ । पादप शुचि से महा उदधि हूँ, मन-मति से कैलाशी हूँ ॥ मैं देखी हूँ ऋचा सृजन को ,... Poetry Writing Challenge 2 84 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read सरिता है आभास पत्थर पत्थर लिख रहा, पानी का इतिहास l नदियाँ पर्वत से उतर, देती यह विश्वास.... ॥ प्रेम सभी के हृदय में, सूखा कोई सिक्त । द्रवित कहीं होता अधिक, रहता... Poetry Writing Challenge 2 86 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read पीड़ा को झरते देखा जीवन-पर्वत के जंगल में, मन-मृग को चरते देखा। सरिता की प्यासी आँखों से, पीड़ा को झरते देखा ॥ चपला चंचल विपदाओं की, भयाक्रांत करती गिरती ॥ मेघों की गर्जना डराती,... Poetry Writing Challenge 1 149 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read धर्म किसी को नही तोड़ता धर्म - जोड़ का नाम दूसरा, धर्म - किसी को नही तोड़ता.... I कह गए ज्ञानी सदियों पहले, मानवता का मान करो। गुण का करके गुणा सदा, अवगुण का अवसान... Poetry Writing Challenge 2 95 Share Mahendra Narayan 26 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल - ये कौन छेड़ा तितलियों को खिल न पाये गुल छिप गये हैं पत्तों में नहीं हाथ आये गुल हैं अजीब उसकी क्यों मंज़र निगाहों में देखे मुझे जब भी लगे... Hindi 3 1k Share Mahendra Narayan 13 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा ख़्वाब मेरा आज का अच्छा लगा इक हकीकत से उठा परदा लगा तेरे आने की रिवाइत थी ज़ुदा साथ में बढ़ता मेरा रुतबा लगा रोशनी से डर रहे साये बहुत... Hindi 1 160 Share Mahendra Narayan 4 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल ख़ामोशी इक रात मुहब्बत तेरी हर इक बात मुहब्बत तेरा मिलना और बिछड़ना दोनों के हालात मुहब्बत हँसना, रोना , खाना , पीना होता जो इक साथ मुहब्बत हँसना मुझको... Hindi 1 261 Share Mahendra Narayan 8 Apr 2023 · 1 min read गीत झिलमिलाते स्वप्न सी आभास हो तुम भोर के पहली किरण की आस हो तुम रात की अनुगूँज अन्तर्वेदना हो मूर्तिमय शबनम प्रभाती चेतना हो मखमली सी सांध्य रवि के पास... Hindi 1 247 Share Mahendra Narayan 8 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल - रहते हो अरमानों में आग लगाते रहते हो क्यों ऐसे तुम मुझे जलाते रहते हो मजा सजा है साबित करते रहते हो हॅंसा हँसा कर मुझे रुलाते रहते हो चोट बात की... Hindi 1 927 Share Mahendra Narayan 6 Mar 2023 · 1 min read ग़ज़ल प्यार का हर इक पन्ना प्यारा होता है लिखा हुआ दिल का गलियारा होता है आँखों ने जो लिखा अश्क की पानी से पढ़ने वाला आँख का तारा होता है... Hindi 3 274 Share Mahendra Narayan 4 Mar 2023 · 1 min read गज़ल टीस मन से हमारे निकल जायेगी रंग मसले का फिर ये बदल जायेगी पेड़ पर जैसे पत्ते नये आतें हैं होके पतझड़ बहारों में ढ़ल जायेगी लोग कहतें हैं मुझमें... Hindi 1 245 Share Mahendra Narayan 4 Mar 2023 · 1 min read अज़ीब था फूलों से चोट खाता था पत्थर अजीब था कहते थे जिसको ज़ालिम रहबर अजीब था ज़ख्मों के हर हिसाब पू्छता है कौन फिर ग़ैरों को अपना कर गया खंज़र अजीब... Hindi 2 185 Share Mahendra Narayan 3 Mar 2023 · 1 min read कहाँ लिखता है जमीं लिखता है आसमां लिखता है हकीक़तर - ए दिल कोई कहाँ लिखता है तुम न बताओ भले ही राज़ अपना तेरे हद को तो तेरा गुमां लिखता है उड़ते... Hindi 4 198 Share Mahendra Narayan 9 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल - इश्क़ है दरिया का तूफान इश्क है जिसमें एक इंसान इश्क है कोई न जाने कब क्या होगा ख़ुद से भी अनजान इश्क है ना समझो आसान इश्क है समझो तो नादान... Hindi 2 215 Share Mahendra Narayan 6 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल बहके हुए हैं लोग नज़र की ज़बान से ख़ुद का मकान देख ग़ैर के मकान से कुछ भी कहो सबको सभी आज़ाद हैं पी रहें सभी हैं ज़हर अपने कान... Hindi 1 144 Share Mahendra Narayan 23 Dec 2022 · 1 min read ग़ज़ल फिक्र क्यों कुछ जो बेहिसाब नज़र आतें हैं ज़िन्दगी भर के वो जबाब नज़र आतें हैं चला हूँ दूर तलक उम्र गवाह है इसका खुशी में फिर क्यों इंकलाब नजर... Hindi 2 165 Share Mahendra Narayan 8 Nov 2022 · 1 min read देख रहा था नदी किनारे बैठ डुबकियाँ देख रहा था कैसे उछलें डूब मछलियाँ देख रहा था ज़ज़्बातों की लहरें उठती जब -जब मन में ख़ुद में ख़ुद को झाँक खिड़कियाँ देख रहा... Hindi 3 1 197 Share Mahendra Narayan 30 Oct 2022 · 1 min read नवगीत दर्द की स्याही से खुशी के गीत लिखता हूँ... शब्द चेहरे से निकलतें हैं, जब चमक जैसे I फूट पड़तें हैं भाव मन की तब दमक जैसे ॥ वक्त के... Hindi 2 257 Share Mahendra Narayan 23 Sep 2022 · 1 min read भोजपुरी ग़ज़ल प्रीत पानी पराग हव रिश्ता फूँक दे घर उ आग हव रिश्ता जोतले खेतवा कै उ लगै माटी कभ्भो जामल स साग हव रिश्ता साथ रहला पै पाँख बगुला कै... Bhojpuri 2 1 238 Share Mahendra Narayan 28 Aug 2022 · 1 min read पत्थर दिखता है . (ग़ज़ल) सिमटा सिमटा एक समन्दर दिखता है बाहर से भी ख़ुद के अन्दर दिखता है साथ सभी को जब लेकर वो चलता है टूटा -टूटा मुझको अक्सर दिखता है टकराता है... Hindi 3 1 177 Share Mahendra Narayan 21 Aug 2022 · 1 min read नवगीत - पहचान लेते थे दूर से जिनको कभी पहचान लेते थे आज अपने को करीबी मानतें हैं दर्द दिल के पर मेरे नही जानतें हैं जान ही लेते हैं जो कभी जान लेते थे... Hindi 3 2 215 Share Mahendra Narayan 23 Jul 2022 · 1 min read मिटाने लगें हैं लोग मिटने लगे हैं लोग मिटाने लगें हैं लोग औकातअपनी ज़िद की दिखाने लगें हैं लोग साँसों के सियासत की बहस हो रही ऐसे अब झूठ को ही सच से बचाने... Hindi 1 199 Share Mahendra Narayan 22 Jul 2022 · 1 min read कविता मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 1 1 312 Share Mahendra Narayan 13 Jul 2022 · 1 min read ग़ज़ल ख़ुद में ख़ुद की तलाश करता हूँ ख़ुद को जब भी मैं खास करता हूँ मुझे अक्सर वहीं खुश करतें हैं जिन्हे हर पल उदास करता हूँ दूर मुझसे वो... Hindi 4 1 226 Share Mahendra Narayan 8 Jul 2022 · 1 min read कविता - नई परिभाषा मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 3 1 244 Share Mahendra Narayan 28 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल मैं हूँ शीशा मुझे पत्थर से बचाते रहिए। आईने की निगाह मुझको दिखाते राहिए। कौन कहता है कि काँटे ख़राब होतें हैं। फूल का उनको बस एहसास दिलाते रहिए। रात... Hindi 1 199 Share Mahendra Narayan 14 Jun 2022 · 1 min read चलना ही पड़ेगा ये ज़िन्दगी सफर है तो चलना ही पड़ेगा ग़र है वफाई आग तो जलना ही पड़ेगा कितने रुके थके नज़रअंदाज उसे कर आगे सफर में हमको निकलना ही पड़ेगा वाकिफ़... Hindi 3 1 557 Share Mahendra Narayan 12 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल - आँखों का भी मौसम रोज बदलता है देख ज़माना इक दूजे को चलता है बंजर कही, कहीं हरियाली होती है मन का बादल जैसे जहाँ पिघलता है लोग आईना एक... Hindi · ग़ज़ल 1 289 Share Mahendra Narayan 7 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल आना जाना सब का चलता रहता है मंजिल से पथ सदा यही तो कहता है सबका मन၊ तिनके के जैसे होता है हवा जिधर की होती उधर ही बहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 245 Share Mahendra Narayan 5 Jun 2022 · 1 min read नवगीत विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ - गुलदस्ता नहीं बाग बनाओ जीवन को चह- चह करती चिड़िया जिसमें प्रातःखिलती कलियाँ उसमें एक नया फिर राग बनाओ जीवन को सर्दी के... Hindi · कविता 2 250 Share Mahendra Narayan 1 Jun 2022 · 1 min read गीत - आज जब जाने लगी, घर धूप बनकर छाँव.. याद फिर आने लगे, पुरवाईयों के गाँव .. खो गयी है भीड़ में , गाँव की वो मस्तियाँ I भोर को भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 407 Share Mahendra Narayan 27 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल - प्रीत ,पानी , पराग हौ रिश्ता फूँक दे घर उ आग हौ रिश्ता जोतले खेतवा कै उ लगै माटी कभ्भो जामल स साग हौ रिश्ता साथ रहला पै पाँख बगुला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 277 Share Previous Page 2 Next