Meera Thakur 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Meera Thakur 7 May 2024 · 1 min read मन से जंग जारी है। मन से जंग जारी है। अंदर ही अंदर, सब जलते हैं बस बाहर से गहरी यारी है। अपने अपनों से जंग कर रहे बस गैरों से गहरी यारी है। अपनों... Poetry Writing Challenge-3 1 9 Share Meera Thakur 7 May 2024 · 1 min read कह दो जाओ पहाड़ों से कह दो ऊँचाई अभी बाकी है। जाओ नदियों से कह दो गहराई अभी बाकी है। जाओ समंदर से कह दो लहरें अभी बाकी है। जाओ जान देनेवालों... Poetry Writing Challenge-3 1 8 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read किताबें किताबें मुझे बुलाती हैंI माता-पिता की तरह, हर बात सिखाती हैंI सभी के नयनों में यह पल जाती है। यह प्रकृति की तरह है, जो सदा केवल देती ही देती... Poetry Writing Challenge-3 13 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read एक कवि हूँ दुनिया रहती है मस्ती में और मैं करता हूँ फाका - मस्ती कवि हूँ मैं दुनिया जीती है दिखावों पर पर मैं जीता हूँ यथार्थ में अभावों मेंI कवि हूँ... Poetry Writing Challenge-3 10 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read कहाँ -कहाँ दीप जलाएँ कहाँ -कहाँ दीप जलाएँ चहुँ ओर अँधेरा धाए कहाँ कहाँ दीप जलाएँ मन के अंधेरे को दूर करने कितने दीप जलाएँI कहाँ -कहाँ दीप जलाएँI कुछ आडंबर, कुछ अंधविश्वास की... Poetry Writing Challenge-3 13 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read एक पल यादों से निकला एक पल दे गया दस्तक लिए मीठी कड़वी बातें मन के कोने में एक बच्ची बैठी है। अथाह मन के समंदर में हिलोरे लेता है विचार- जल... Poetry Writing Challenge-3 13 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read इमाराती प्रवासी का दर्द रे मन रे मन तू न हो उदास बढ़ने दे अपने मन की प्यास छू लेने दे जीवन का पारवार फैला मन को अपरंपार। जीवन यूं ही बीतेगा तू भला... Poetry Writing Challenge-3 9 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read आओ बैठें कुछ बात करें चलो ! आओ! बैठें कुछ बात करें । न तुम कुछ कहो न मैं कुछ कहूँ न मैं कुछ लिखूँ न तुम कुछ पढ़ो चलो! आओ! बैठें कुछ बात करें।... Poetry Writing Challenge-3 10 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read आई है होली रंगों का उपहार, लाई है होली ॥ खुशियों की बहार, लाई है होली ॥ लाल – गुलाबी, नीले -पीले रंगों का अंबार लाई है होली॥ सखी- सहेली, यार पुराने मिलने... Poetry Writing Challenge-3 10 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read अब कुछ साधारण हो जाए अब कुछ साधारण हो जाए । कुछ अच्छा और कुछ ऊँचा करने की उम्मीद ले हम अपनों को छोड़ आए । आज छोटी-छोटी बातों के लिए हमारा मन तरसाए ॥... Poetry Writing Challenge-3 9 4 35 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read अनुत्तरित जब कभी कुछ सोचती हूँ जब कभी कुछ सोचती हूँ मन के एक कोने में सुगबुगाहट –सी होती है क्यों सीता शक्तिशाली थी, तब भी रावण हर ले गया। दूसरों... Poetry Writing Challenge-3 2 11 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read अभी तो कुछ बाकी है जानेवाले मुसाफिर (उम्र) रुक जाओ जरा न आने दो जरा अभी तो मैंने नहीं देखा खुल के कोई बसंत अभी तो नहीं आया मेरे जीवन में कोई महंत अभी तो... Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read कहती है नदी कहती है नदी कहाँ मैं दूसरों की प्यास बुझती थी लोगों के मन को निर्मल करती थी, ज्ञान की धारा प्रवाहित करती थी, अब, मैं खुद ही अपना शुद्ध पानी... Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read कोई दुख नहीं कोई दुख नहीं आज नहीं तो कल इस दुनिया को छोड़कर जाना ही है। कभी किसी के साथ खुश भी थे कभी किसी के न रहने का गम भी है।... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read चलो ऐसा करते हैं.... चलो ऐसा करते हैं एक दिन फोन से दूर हो जाएँ तो... एक दिन किसी अपने के साथ बिताएँ तो... चलो ऐसा करते हैं एक दिन माँ के साथ उसकी... Poetry Writing Challenge-3 1 11 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read संवेदनाएँ एक चीज कभी नहीं बदलती कहीं भी नहीं बदलती जैसी देश कोई भी हो चिड़िया पेड़ पर ही बैठती हैं। चाहे उसे एक पत्ते की ही छाँह हो, उसी तरह... Poetry Writing Challenge-3 1 14 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read नि:स्तब्धता जब से तुम गए हो तुम्हारे साथ ही हँसी और शोर चले गए अब केवल और केवल चुप्पी /शांति है खोखली और नीरव न कोई आवाज है न कोई जज्बा... Poetry Writing Challenge-3 2 10 Share Meera Thakur 3 May 2024 · 1 min read संवेदनाएँ *संवेदनाएँ * एक चीज कभी नहीं बदलती कहीं भी नहीं बदलती जैसी देश कोई भी हो चिड़िया पेड़ पर ही बैठती हैं। चाहे उसे एक पत्ते की ही छाँह हो,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 5 68 Share Meera Thakur 19 Apr 2024 · 1 min read यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह जाती हैं। - मीरा ठाकुर Hindi · कोटेशन 2 195 Share Meera Thakur 21 Mar 2024 · 1 min read सच सच सबका अपना अपना होता है, आपका सच और है--- मेरा सच और है। सच से बचकर रहना सब चाहते हैं। दूसरों के सच से सभी रूबरू होना चाहते हैं।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 41 21 328 Share Meera Thakur 19 Dec 2020 · 1 min read कोरोना का आगाज़ कोरोना....कोरोना...कोरोना.... सुन- सुन कर आ गया सभी को रोना, कितने लोगों को पड़ गया अपनों को खोना। लोगों से दूर हो गया नींद और चैना ॥ कई महीनों के लॉकडाउन... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 41 56 1k Share