डॉ. अनिल 'अज्ञात' 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read क्या राज़ सजोया है दिल में तेरे संग गुज़रे लम्हों का, एहसास सजोया है दिल में, कुछ तीखा कुछ मीठा सा, जज़्बात सजोया है दिल में। हर कोई स्तब्ध यहाँ, अंदाज़ प्यार का देख सनम, ये... Hindi · शेर 1 239 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read जाने क्या है रिस्ता अपना, देखूँ नही मैं तुमको तो, आता नही है चैन, तेरी ही यादों में मेरे, कट जाते दिन रैन। जाने क्या है रिस्ता अपना, मुझको समझ नही आता, तेरे ही दर्शन... Hindi · शेर 1 152 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read क्या हुआ है मुझे, अब से पहले सनम, हम तो खुश थे बहुत, जब से महफ़िल में आए, परेशान है । दिल था खाली, पर खुशियों का दरबार था, अब तो खुशियों की दस्तक़... Hindi · गीत 1 186 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read कलम ये मेरी कलम ये मेरी जाने क्या लिख रही है, बातें वतन की सदा लिख रही है। लिखने चला था मोहब्बत की बातें, पर दर्द-ए-वतन की व्यथा लिख रही है। Hindi · शेर 1 309 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read माँ हिंदी के गुण गाते हैं, हर मन की जो अभिलाषा है, उसकी अभिव्यक्ती भाषा है। है परचम जो भारत माँ का, अलंकरण है बिन्दी है, उस मर्मस्पर्शी भाषा का, नाम यहाँ पर हिंदी है। मातृभूमि... Hindi · कविता 1 318 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read जाने क्यूँ भटके मानव मंदिर मस्ज़िद में कैद नही, रहता भी नही गुरुद्वारे में, वह रहता है मन-मंदिर में, प्रकृति प्रेम उजियारे में । जिसमें श्रद्धा मानवता की, देवपुंज है देह वही, पर जाने... Hindi · शेर 1 394 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read मानव को मानव समझे सम्प्रत्यय लोक-कुशलता का, जो हरदम स्वीकार करे, मानव को मानव समझे, हर प्राणी का उद्धार करे। विज्ञान, मानवता, आध्यात्म, सदा समन्वित हो जिसमें, सद्धर्म वही इस धरती पर, जो इसको... Hindi · शेर 1 439 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read सद्धर्म राम-कृष्ण और ख़ुदा गॉड, हर देव जहाँ पूजे जाते, ये अश्रुपूर्ण दुःखदाई है, माशूम वहाँ नोचे जाते। धर्मपतित हवसी कामी, सद्धर्म मूल को क्या जाने, इस लोकतंत्र में कुछ ऐसे,... Hindi · शेर 277 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read बेखौफ़ जिंदगी है,, न अफवाहों की चिंता, न आलोचना का डर है, बेखौफ़ जिंदगी है,, ऐसा मेरा सफर है। उदीयमान भानु को, दुनिया जानती है, हम जैसे सितारों की, किसको यहाँ खबर है। Hindi · शेर 1 290 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read थे अंधेरा, अब रोशन समां बन गए थे अंधेरा, अब रोशन समां बन गए, धूल थे पहले हम, आसमां बन गए। गुरुवर का उपकार मुझ पर हुआ, उनके चरणों में हम क्या से क्या बन गए।। हम... Hindi · कविता 1 406 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read मन में ग़र विश्वास रहे सूनेपन की ऊर्जा का, ग़र प्रयोग तू सीख गया, तो नही जरूरत है तेरे, कंधे पे कोई भी हाथ रहे। खुद से खुद को खुद ही तुम, गीता ज्ञान सुना... Hindi · शेर 1 177 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read दुनियां एक हकीकत है,, दुनिया एक हक़ीक़त है, इसका भी एहसास करो, दर्पण को घिसना बंद करो, अंतर्मन को साफ करो। जिसको मिथ्या कहते हो, वह भी ईश्वर का प्रकटन है, कण-कण में ग़र... Hindi · शेर 273 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read जिंदगी की दौड़ में ढूँढने से नही मिलते हालात हुआ ऐसा, जिंदगी की दौड़ में सब यार खो रहे हैं। नेक है इरादा दिल भी पवित्र उनका, पर व्यस्तता का बोझ दिनरात ढो रहे... Hindi · कविता 185 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read ये कैसी तरुणाई है? दिल अश्रु से ओत-प्रोत है, ग़म की बदली छायी है, भ्रमर प्रेम का रूप में उलझा, कृत्रिम हुई अंगड़ाई है, ये कैसी तरुणाई है,,,,,। पल भर के इस नश्वर तन... Hindi · कविता 331 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read जमीं से रिश्ता बनाये रखिये बंजर जमीं में भी दरख़्तों को लगाए रखिये, पतझड़ में भी गुलशन को सजाये रखिये। हर उड़ान में होती है थकावट कभी-कभी, आकाश में उड़िये, पर ज़मीं से रिश्ता बनाये... Hindi · शेर 201 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read हम मिले भी तो ऐसे हम मिले भी तो ऐसे,अनजानी सी डगर में, अब भी रुकी थी मेरी, रूह उस नज़र में, मय्यत में मेरी वो भी, सज के संवर के आये फूलों से सजा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 181 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 1 min read अब कलम उठाकर लड़ना होगा जब-जब वतन-परस्त, लोगों की सत्ता आयी है। तब भारत माँ के आंचल में दुःख की बदली छायी है, जब भी बिखरे हम, देश मेरा गुलाम हुआ, जाने कितने टुकड़ों में... Hindi · कविता 340 Share डॉ. अनिल 'अज्ञात' 10 Aug 2021 · 2 min read ऐ मेरे प्यारे वेतन,,, ऐ मेरे प्यारे वेतन, तुझसे सब अरमान, तू नहीं तो जिंदगी है, धूल सी बेजान।। पहले मैं भी था बेचारा, फिरता था मारा मारा, मेरिट बनी नौकर बना, हैं सभी... Hindi · कविता 1 376 Share Previous Page 2