प्रेमदास वसु सुरेखा 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 9 min read गल्प इन किश एण्ड मिश गल्प इन किश एण्ड मिश गल्पकार ---प्रेमदास वसु सुरेखा जिन्दगी भौतिकता का सपना है, उसमे हर कोई डुबना चाहता है, यूजकर लू बस यही उसकी कामना है, पता नही ये... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · दोस्तीप्यार · विश्वास की डोर · सादगी पवित्रता 2 2 364 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read वसुत्व जिन्दा है जिसका वसुत्व जिन्दा है वही जिन्दा रहता है । प्रकृति और पुरुष का जोड़ा जीवन का सच्चा होता है। आक्षेपो की दुनिया में कौन किसका होता है। कितने भी लांछन... Hindi · कविता · वसुत्व जिन्दा · सच्चाई 1 158 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read पति परमेश्वर हम कैसे हैं भक्त बने यह अब समझ में आया है भांग धतूरा खाने वाला सच्चा भक्त बन आया है जिसके ऊपर गंगाधारण वह शिव भक्त कहलाया है अब तो... Hindi · कविता · पति पत्नी · परमेश्वर 1 216 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read महान् बनना सरल है महान् बनना सरल है मानवीय भाव जिन्दा रखो यही महानता की प्रथम और अंतिम परीक्षा है सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 1 267 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read एकलव्य बनना होगा घात प्रतिघात कि इस दुनिया में अपने आप को स्थापित करने के लिए तुम्हें लड़ना होगा लड़कर ही तुम्हें स्थापित करना होगा तुम्हें धोखे से अर्जुन नहीं एकलव्य बनना होगा... Hindi · एकलव्य · कविता 2 178 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 4 min read ज्योत जलाई जिसने बुद्धि की @@@@@ ज्योत जलाई जिसने बुद्धि की (महात्मा ज्योतिबा)@@@@@ एक और एक जनता दो होते हैं ,दो से ही ये सृष्टि रची है दो कि शक्ति जानोगे, तो दो नहीं सौ... Poetry Writing Challenge · महात्मा ज्योतिबा · संघर्ष की दास्तान · सावित्री फुले 141 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read पारख पूर्ण प्रणेता पारख पूर्ण प्रणेता बीजक सत्य विजेता शून्य शिखर से चली आ रही वो अद्भुत ज्ञान की धारा सच को जीवन बसा रही है वो पारख जीवन धारा आडंबर फैले जा... Quote Writer 2 223 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read कर गमलो से शोभित जिसका कर गमलो से शोभित जिसका भारत शीष हिमालय है गौरव गाथा से स्वर्णिम जिसका अखंड विश्व हिमायत है। सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 1 293 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था M.Tech वाले बच्चे ने टेक्नीक चलाना सीखा था M.com वाले बालक ने जोड़-तोड़ सिखाया था M.sc वाले बालक तो आत्महत्या करके... Quote Writer 1 399 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है कहने वाले कहते नही सबकी जुबान बंद है कब तक होगा ये सब नहीं शास्वत रहने वाला है आज नहीं... Quote Writer 1 240 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read सितम फिरदौस ना जानो सितम फिरदौस ना जानो रुबाईया यूं ही बन जाती है हकीकत के जमाने को रुसवाईयां मत बन जाने दो प्रेमदास वसु सुरेखा सद्कवि Quote Writer 2 337 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है कब कल़म अपवित्रता की निशानी बन जाये । इसे रोको बहरूपिया के नये लोकतंत्र से । सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 3 312 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है। शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है। तो आइए और अपने आप में वे मानवीय सद्भाव खोजें। सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 2 253 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 20 May 2023 · 1 min read मैं कौन हूं मैं कौन हूं मेरे जीवन का क्या ध्येय है आओ सोचे आओ मनन करें Quote Writer 2 580 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 1 min read किसको समझाएं क्यों समझाएं **किसको समझाएं क्यों समझाएं** कब तक आवाज दबाओगे वह दबती नहीं उठती है। जब मर्यादा गायब हो एक रूप रह जाता है शासन तंत्र की गुलामी ही बस उसका स्वरूप... Poetry Writing Challenge · कविता · किसको समझाएं · क्यों समझाएं 1 126 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 1 min read कब तक दिवस मनाओगे यूं ही दिवस मनाने वालों कब तक दिवस मना ओगे मानवता की हदें पार की प्रियंका रेड्डी और मारती यूं ही दिवस मनाने वालों कब तक दिवस मनाओगी .... हिंदुत्व... Poetry Writing Challenge · कविता · दिवस विशेष · सपना 1 204 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 2 min read देश में डाकी आयो रे भाया भी जागो, बहिणा भी जागो जागो सगऴा हिन्दुस्तान रे कब तक अंखियां मूदोगे म्हारा देश टुटता ज्यों र म्हारा वतन टुटता ज्यों र खुदगर्जी का बहरूपिया और खुदमर्जी का... Poetry Writing Challenge · अकविता। · देश में डाकी · बहरूपिया · मानवता हार 1 387 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 1 min read मैं अपनी मर्जी का वीरा ##मै अपनी मर्जी का वीरा.... चापलूसी के वेश में बहरुपिया राष्ट्र निर्माता है होशियारी के भेष मे बहरुपिया भाग्य विधाता है बोली में दम नहीं है जी त्रिकालमुखी यही है... Poetry Writing Challenge · कविता · बहरूपिया · मर्जी का वीरा 1 119 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read सांझा घटाव ***** सांझा घटाव यायावर में ****** (( बंटवारा विषय पर कुछ कविता के अंश )) जब भर जाती है मध्य भावना जीवन के उल्लास में कटु वचनों की दग्ध भावना... Poetry Writing Challenge · आमतौर · कविता · पसंदीदा 1 94 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read मैं अपवाद कवि अभी जिन।था हूं मैं अपवाद कवि अभी जीवित हूं मानवता नहीं मरने दूं सच आंखों की पट्टी से खुमारी का रूप उतारू मैं जनता कवि अभी जीवित हूं जन-जन की मैं बात करूं... Poetry Writing Challenge · मौत का सफर · शानदार अभिव्यक्ति · शाश्वत शिल्प 2 184 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read गायब गायब सब है गायब गायब गायब सब है गायब यही देश का हाल है घोटालों की मारामारी बोले तो फिर जेल है एक ही बंदा लेकर भागा यही तो सब खेल है अन्ना भी... Poetry Writing Challenge · गायब गायब · मौत है गायब · सुपर 1 94 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read मैं आक्सीजन हूं मैं आक्सीजन हूं...... *******"*"""""***************** ओ बहरूपिया सुन लो मैं ऑक्सीजन हूं जो हिंदू मुस्लिम नहीं देखती समझे इंसानियत देखती हूं और सब के काम आती है मैं ऑक्सीजन हूं सब... Poetry Writing Challenge · अकविता। · अभिमान · मानवता का गगन 1 120 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read गुलिस्तां हमारा है *****गुलिस्तां हमारा है***** रंग बिरंगे प्यार की झांकी त्रिरंगो में चक्र है झांका शोभित जिसका सिस हिमालय आनन कानन सब है महका कण से कण से बच्चे बोल उठे ये... Poetry Writing Challenge · असमानता · मानवता का गुण · मानवता ना मरने दू 1 267 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा बहुरूपिये के शासन में हिंदू-मुस्लिम खेला जाएगा रोजगार की बात ना होगी जन का तेल निकाला जाएगा चुनाव जब आयेंगे कोई... Poetry Writing Challenge · उर्दू · उल्लू मान · उल्लू सीधा 1 202 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read पर हिम्मत कभी हारी नही -------पर हिम्मत कभी हारी नहीं------ ___________________________________________ मैं थक चुका हूं टूट चुका हूं पर हिम्मत कभी हारी नहीं है कौन जगत में किसका यह सब एक धोखा है कर्म पथ... Poetry Writing Challenge · कहानी · पर हिम्मत · हार गई तकदीर 1 169 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read सुकड़ छाती ********सुकड़ छाती********* इस महा ज्ञान के युग में ,किस को समझाने हम बैठे जिस को समझाएं वो ही हमको दिखाएं ठेंगे ब्रांड बनी इस दुनिया को, अब समझाएगा कौन ?... Poetry Writing Challenge · झूठ का पुलिंदा · बस तुम्हारे लिए · सुकड़ छाती 1 171 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read हम हार गए अपनों से ही मानव बनने की जो सीख विश्व को किसने दी हाथ जोड़ और पाद नमन विश्व को पहले किसने दी ऊंचे बनने वाले हम ही हार गए हम अपनों से ही... Poetry Writing Challenge · खुम्मारी · परोपकार · शान्ति · हारना 1 88 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read नौजवान आर पार के समर युद्ध में जीतेगा नौजवान ही हाथ पकड़ कर फिर चल दो आएगा तूफान ही कुछ करने की ठान के चलते हैं प्यारे नौजवान ही समर क्षेत्र... Poetry Writing Challenge · ख़ून उबला · तेज़ · नौजवान 1 96 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read दो टूक पसंद है मुझको लम्बी लम्बी फेकने वाले दुनिया में नाम कमाते हैं हक उन ही का हारा है और सच्चे यारों रोते हैं बात हुई है छोटी-मोटी लाशों की है यारों खाल ताकत... Poetry Writing Challenge · दो टूक · सच का सामना · सच्चाई 1 144 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read हवस ****** हवस******* वश में नहीं है जिसके यारों वो बने हवसाधिकारी प्यार नहीं है, राग नहीं है वो बने कुकर्मी धारी विद्या ज्ञान विवेक तो पता नहीं कहाँ चला गया... Poetry Writing Challenge · अद्भुत अद्वितीय अकल्पनीय · हवस · हाइकु 1 196 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read मां जीवन का सुख सागर मां पर विशेष ***मां जीवन का सुख सागर*** मां उर्मि है, मां ज्योति है ,मां जीवन का सुख सागर मां की ममता,मां का प्यार ,मां जीवन का सुख सागर आंख... Poetry Writing Challenge · माँ · मां की अभिलाषा · माँ की यादें · मां मानवता 1 155 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read प्रतिलिपि स्वयं का प्रतिरुप स्वयं का चीत्कार उठी,चिंकार बनी,किस के मन की आवाज बनी। वो राग हुआ,विराग हुआ, किस के जीवन अभिशाप बनी। बैठी इक माँ सोच रही हाँ प्रतिबिंब वो मेरा साकार... Poetry Writing Challenge · मां बेटी · मानवता का गुण · मानवता ना मरने दू 1 131 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read फिर आयेंगे दोस्तों फिर आयेगे दोस्तो जाना इस दुनिया से ,सबको हम भी जाएंगे काल यार,और प्यार की यादें छोड़ के जाएंगे पता नहीं ये जीवन का अब कहां खेल के जायेंगे खुम्मारी... Poetry Writing Challenge · आयेंगे लायेंगे · कविता · फिर मानवता 1 142 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read जल्लाद जल्लाद हैवान बनें हैवानियत की सजा केवल एक हैं जल्लाद सा पहले है नोचे फिर लटकाए चौको पै और जो उन के हितैषी. साथ मे उन को हो फांसी यही... Poetry Writing Challenge · कविता · जल्लाद · हारना 1 82 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read एक अच्छा कवि एक अच्छा कवि एक अच्छा लेखक हर बार रोता है यू ही रोता है....रोता रहता है ........ पर दुनिया क्यो माने उसकी बात .... सरोकार नही.... मरने के बाद हर... Poetry Writing Challenge · कविवर · भावनात्मक · सरोकार 1 131 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read क्या ये है आदमी क्या ये है आदमी ??? आदमी ने ,आदमी को, आदमी न जाना आदमी के, आदमी का, आद् मी है खाना आदमी के, आदमी का, आद् मी जमाना आदमी को, आदमी... Poetry Writing Challenge · आदमी · मनुष्य · मानवीय सरोकार 2 4 98 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read देश का लूलू देश का लूलू देश का लूलू ये बोला, थाली बजाओ अब लैला... रोगी लाये बाहर से भला... जनता मरती ये है कला..... वाह वाह ....और बजाओ ताली राक्षस है जो... Poetry Writing Challenge · मौत का सफर · लूलू · हार गई तकदीर 1 92 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read सेल्फी दुनिया सेल्फी दुनिया सेल्फ हुई है जिसकी आंखें उसको कहते बंद चकाचौंध कि इस दुनिया में संस्कार है दण्ड़ सद्कर्मो से जीना दुष्पाप हो गया मरते हुए मैं न जान देना... Poetry Writing Challenge · आज की सोच · इंसान खुदगर्ज़ वफादार · सेल्फी दुनिया 1 140 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read ऊंचों का सा नाम ऊँचो का सा नाम आज हरामि बनना यारों ऊँचो का सा नाम है पहले झूठी मूठी फेंको फिर अपना ही राग है राम नाम का नाम है लेकर ये कुकर्मी... Poetry Writing Challenge · कविता · कुपात्र · हरामि 1 172 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read कब तक वारन्ट कब तक वारन्ट.. वारन्ट. वारन्ट. वारन्ट,कब तक वारन्ट वाह रे न्याय,मानवता के पूजारियो... कब जागेगी मन की आत्मा,कब खुलेगी न्याय की पट्टी कब चतुर्थ स्तम्भ जागेगा,और कब मां को शांति... Poetry Writing Challenge · नीतिगत सच · फरेब · वारन्ट 1 120 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 2 min read क्या हुआ आपको ??? क्या हुआ आपको ??? फेकू जी फेकू जी, क्या हुआ आपको सत्ता के मद में ,भूल गये मां को क्या हुआ आपको , क्या हुआ आपको ??? पहले झूठ खुब... Poetry Writing Challenge · झूठ फरेब · फेंकना · मानवता की हार 1 99 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read विश्वास ही गायब विश्वास ही गायब लोग कहे मै जंगल राजा वो जंगल अब नहीं रहे लोत को अब तो डूब गए वह युवा गांधी नहीं रहे शासन तंत्र की धूरी अब तो... Poetry Writing Challenge · कविता · मौत का सौदा · विश्वास 1 87 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read जमाना था भाई नेक M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था M.Tech वाले बच्चे ने टेक्नीक लगाना सीखा था M.com वाले बालक ने जोड़-तोड़ सिखाया था M.sc वाले बालक तो आत्महत्या करके... Poetry Writing Challenge · आनलाइन यूनिवर्सिटी · कविता · ज़माना 1 179 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 29 Jun 2021 · 1 min read ये कैसा बेटा हिन्दुस्तानी ये कैसा बेटा हिंदुस्तानी ??? सात कपूत भारत माता के सातों बड़े निकम्मे असत्य गिरी से राज मिला बाकी रह गए छक्के छह कपूत भारत माता के छवे चतुर सुजान... Hindi · कविता 1 487 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 27 Aug 2017 · 1 min read मानवता सरेआम हुई कविता Hindi · कविता 1 455 Share Previous Page 2