भूरचन्द जयपाल Tag: मुक्तक 218 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भूरचन्द जयपाल 8 Jan 2017 · 1 min read *** जज्बा देशभक्ति का *** जज़्बा देशभक्ति का बना रहे जवानों में भय बना रहे सदा मुल्क के हैवानों में खैरियत अपनी मना लो देश के दुश्मनों आज भारत की शुमार है नोजवानों में ।।... Hindi · मुक्तक 739 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *नादान तितलियां* नादान तितलियां समझती है कि मरता भ्रमर हम पर ले मकरन्द भ्रमर उड़ जाता तितलियां विकलमन पर कौन जाने मन की व्यथा करती मन को वृथा व्याकुल आज किसने क़तर... Hindi · मुक्तक 738 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * मैं महक हूं * मैं महक हूं बस तूं मुझे महसूस कर दूर हूं पर पास दिल से महसूस कर एक दिन ये ख़्वाब ही हक़ीक़त बने जाफ़रानी खुशबू ना दिल से दूर कर।।... Hindi · मुक्तक 650 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2019 · 1 min read मान-पत्र सम्मान-पत्र मान-पत्र सम्मान-पत्र बहुविध हासिल करते हम गौरव- गरिमा बनाने अपनी गर्व -सर्व करते हम नादानी है अपनी देखो पत्र- मान-पत्र हम समझे माँ को समझा ना महिमा गान-गुणगान करते हम।।... Hindi · मुक्तक 1 749 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** प्यार तो आकृति से ही होता है ** कोई डगमगाता है तो कोई लड़खड़ाता है जीवन के रास्ते विद्रूप कब कोई सम्भल पाता है ।। ?मधुप बैरागी प्यार तो आकृति से ही होता है चाहे वह प्रकृति हो... Hindi · मुक्तक 1 538 Share भूरचन्द जयपाल 19 Nov 2017 · 1 min read ** कर भला तो हो बुरा ** 16.11.17 *** सांय *** 4.35 वक्त ऐसा आ गया है कर भला तो हो बुरा फिर कोई कैसे करे जब भला करे हो बुरा बुरा रोके कैसे अब कान जिनके... Hindi · मुक्तक 1 549 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jan 2017 · 1 min read *** तेरी खुशबू आती है *** 15.1.17 सन्ध्या 6.00 हर हर्फ़ से तेरी खुशबू आती है हर हर्फ़ से तूं सितम ढाती है ये कमज़ोर दिल इंसान क्या करें ना तेरी सुबह ना शाम आती है।।... Hindi · मुक्तक 589 Share भूरचन्द जयपाल 8 Aug 2019 · 1 min read जबसे हम तुम्हारे दिल के फ्रेम में कैद हुए जबसे हम तुम्हारे दिल के फ्रेम में कैद हुए हैं ना मालूम दिल - आईने में कितने भेद हुए हैं तड़प-तड़प रह गया हैं दिल आबोहवा वास्ते मिलते नहीं बाहर... Hindi · मुक्तक 1 630 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2017 · 1 min read ** आग लगाकर ** प्यास जगाकर आग लगाकर पूछते हो क्या ज़रा दिलपर अपने हाथ रख धड़कता है क्या क्या पूछते हो दिल अपना पराया हुआ कब अब ना पूछिये हाल अपना क्या से... Hindi · मुक्तक 2 1 620 Share भूरचन्द जयपाल 9 Oct 2017 · 1 min read *** बोझ खच्चर-सा *** ढ़ोया हूं बोझ खच्चर-सा जिंदगी का अब नही दिन-रात फ़िक्र में सोया जिंदगी अब तेरी पेहरन - उतार फेंकना चाहता हूँ जिंदगी खोया ख्याल-ए- मौत बड़ी देर से रब अब... Hindi · मुक्तक 1 569 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jul 2019 · 1 min read वरना चिड़िया चुग जायेगी खेत झील - सी आंखों वाली उतरी दिल में क्यों गहरी अब आवाज़ भी सुनती नहीं दिल की क्या बहरी सहरी का अब वक्त हो गया है जागो सोनेवालों वरना चिड़िया... Hindi · मुक्तक 1 575 Share भूरचन्द जयपाल 12 Dec 2017 · 1 min read **** पारदर्शी वस्त्र **** 12.12.17 **** प्रातः ***** 9.51 तेरे इस पारदर्शी वस्त्र की भांति तेरा दिल होता फिर महफ़िल में ये हमसे खूबसूरत गुनाह होता ना होता बेपनाह आशिक होता पाकसाफ़-दिल रख दिल... Hindi · मुक्तक 1 592 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read * जिंदगी अगर शायरी होती * जिंदगी अगर शायरी होती ना तुम मुझसे यूं दूर होती अहसास हरदम रहता यूं जिंदगी मजबूर ना होती कहते रात को फलसफे दिन फिर रात ना होती अगर वक्त रहते... Hindi · मुक्तक 532 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ईश्वर की धर्मशाला *** यह संसार ईश्वर की धर्मशाला है जब चाहे तब खाली करा सकता है हम इसे कब से अपना घर माने बैठे हैं किरायेदार भी कभी मालिक हुआ है मालिक तो... Hindi · मुक्तक 1 556 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jul 2017 · 1 min read *** कुछ मुक्तक *** जिंदगी चाहे तो अब मुझको ना आराम दे जिंदगी जीने के वास्ते थोड़ा तो विश्राम दे मत बन तूं क्रूर इतनी कंस के कारगाह सी अब उठने से पहले थोड़ा... Hindi · मुक्तक 1 561 Share भूरचन्द जयपाल 15 Mar 2017 · 1 min read ** चुपचाप ** जख़्म सहते रहे जो मुहब्बत में सब चुपचाप देश के वास्ते मुहब्बत को मिटा देंगे चुपचाप ग़म ना करना शहादत-ए-मुहब्बत का कभी जो कुर्बान कर दूं ये देश के वास्ते... Hindi · मुक्तक 1 552 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jul 2020 · 1 min read वो भूलकर भी फिर भूल करते हैं कल तल जो लोग झुककर सलाम करते थे हमको वो आज सोचते , हाशिये पर धकेल दिया है हमको वो भूलकर भी फिर भूल करते हैं धूल करते हैं ख़ुद... Hindi · मुक्तक 1 2 524 Share भूरचन्द जयपाल 10 Apr 2021 · 1 min read तुम मुझे याद करती हो तुम मुझे याद करती हो मुझे पता है दिल-फ़रियाद करती हो मुझे पता है रूह तड़फती है तेरी मेरे लिए माशूक जी-मरती-मर-जीती हो मुझे पता है।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 536 Share भूरचन्द जयपाल 4 Apr 2021 · 1 min read तोड़ता अपनों को वो भला हो सकता है ? अपनों से बुरा भला कौन हो सकता है अपनों से भला बुरा कौन हो सकता है वो कौनसी ताक़त अपनो से जोड़ती है तोड़ता अपनों को वो भला हो सकता... Hindi · मुक्तक 1 525 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2018 · 1 min read *वक्त कब ठहरता है ऐ दोस्त* वक्त कब ठहरता है ऐ दोस्त ठहरती तो है ज़िंदगी उस वक्त ना तुम चल सकोगे ना हम क्यों झूठा वहम करते हो ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 549 Share भूरचन्द जयपाल 18 Oct 2017 · 1 min read ** आलोक पर्व पर ** दीपों की अवली जिस भांति अमा कालिमा हर जाती हम एक एक बन दीप-पंक्ति हिंदी का यूं तम हर जाती मुस्काती यूं उजियारा बन दूर तलक आलोक पर्व पर बन... Hindi · मुक्तक 1 519 Share भूरचन्द जयपाल 14 Nov 2019 · 1 min read मैंने कहा-नी अब समंदर भी कैसे कहे तुमसे अपनी वो कहानी ना भर सकता है सागर अब अपनी आँखों में पानी ना कह सकता अपनी कहानी वो यूं अपनी जुबानी छुपा लो... Hindi · मुक्तक 1 533 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** चुरा ले नींद कोई *** चुरा ले नींद कोई हमारी कोई बात नहीं चुराये सपनों को हमारे हमें बर्दास्त नहीं महक सपनो की भी है हमारे सीमापार चन्दन -खुशबू भी होती सीमापार नहीं ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 1 503 Share भूरचन्द जयपाल 1 Jun 2017 · 1 min read ** जय महाकालेश्वर ** महाकाल ने जिसे बुलाया ना टाल पाया मंत्र महामृत्युंजय मौत को भी टाल पाया कब काल-जाया हस्ती उसकी मिटापाया जिसपे हो सदा महाकाल की छत्रछाया कब काल-जाया हस्ती उसकी मिटापाया... Hindi · मुक्तक 1 530 Share भूरचन्द जयपाल 4 Aug 2017 · 1 min read ***** अब तो **** दिल टूट चुका है अब तो सब लुट चुका है अब तो कौन बचाये इस मंजर से बस दम टूट जाये अब तो ।। ?मधुप बैरागी है अख़्तियार-ए-मुहब्बत मुझको है... Hindi · मुक्तक 1 514 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jun 2018 · 1 min read ** तक़दीर अपनी बनाओगे *** तबियत से किसी चीज को अपनी बनाओगे जिस्मों-जां जो कभी उनकी-अपनी बनाओगे उतर आयेगी तस्वीर उनकी आपकी आंखों में तस्वीर से जो उनकी तक़दीर अपनी बनाओगे । मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 552 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read तीर चल गया सन्नन सा आँखों से तीर चल गया ना जाने किसका सितारा ढल गया सौख नजरों से बच के निकल जाना अब ना जाने दिन किसका ढल गया ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 488 Share भूरचन्द जयपाल 23 May 2020 · 1 min read अन्तस् पीड़ा अन्तस् पीड़ा अब बखान कर दीजिए अजीज हो विश्वश्त तो कह दीजिए घुटन सहने से अच्छा है कहना जनाब लीजिए ना दिल पर मरहम कीजिए ।। ? मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 521 Share भूरचन्द जयपाल 15 May 2021 · 1 min read सूखी डाली है सूखी डाली है उस पर भी हरियाली है बाहर-टूटे हो तोभी अंदर -बलिहारी है बाहर नहीं जीवटता तो तुम्हारे अंदर है जी-कर देखो जीवन फिर हरियाली है।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 1 550 Share भूरचन्द जयपाल 18 Mar 2017 · 1 min read ** दुःख किण सूं कहूं साजना ** दुःख किण सूं कहूं साजणा दिन गिणतां रातां गिणी सुपणा अब सब रीत गया आंख्यां सूं ढळ गयो पाणी प्रीतम थारां पगळ्या निरख निरख गयो आँखें रो पाणी ना आसे... Hindi · मुक्तक 1 492 Share भूरचन्द जयपाल 8 Dec 2017 · 1 min read *** इंतजार कर रहा देहरी पर *** 8.12.17 ***** दोपहर ***** 12.31 आगंतुक वर्ष इंतजार कर रहा देहरी पर तेरी देख क्यों अनमना - अनजान बना देहरी पर तेरी देख आनेवाला आ रहा जानेवाला तीरे-तीरे धीरे- धीरे... Hindi · मुक्तक 1 512 Share भूरचन्द जयपाल 16 Aug 2019 · 1 min read अरे आईने हमसे नफ़रत कर अरे आईने हमसे नफ़रत कर मगर दिल से कर अपना तो रोज देखते है चेहरा अब अपना दिखा चल ।। मधुप बैरागी इतनी ख़ामोशी और दिल में हलचल है ख़ामोश... Hindi · मुक्तक 472 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2018 · 1 min read ** जिंदगी अब दवा है ** जिंदगी क्या है , मौत क्या है , मुफ्त दवा है मुफ्त सलाह है,बस जीने की मुफ्त सलाह है साथ जिंदगी निभाती है कब तलक दवा है मौत - विश्राम... Hindi · मुक्तक 1 497 Share भूरचन्द जयपाल 23 Apr 2017 · 1 min read ** कुरेदा है लफ्जो से ** कुरेदा है लफ्ज़ो से ज़ख्मो को इस क़दर तन्हाई में रोका,आज महफ़िल में रुलाया ।। किस्तो में जलाया जो दिल तुमने धुंआ धुंआ जलन आज भी बाकी है इन आँखों... Hindi · मुक्तक 1 498 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** मां के चरणों में सादर नमन ** माँ से पत्नी प्यारी होती है पति की पत्नी असाध्य बीमारी होती है फिर भी माँ से पत्नी प्यारी होती है ।। ***क्यों ? आप बुद्धिजीवी हैं सोच समझकर जवाब... Hindi · मुक्तक 1 481 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2020 · 1 min read शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।। मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 464 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** विश्वास मुझपे ना कर ** इतना भी विश्वास मुझपे ना कर कि तूं धोखा खा जाये इतना भी उधार मुझपे ना कर कि क़र्ज उतरा ना जाये बहुत खूबियां है तुझमे और बहुत कमजोरियां है... Hindi · मुक्तक 1 499 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jul 2017 · 1 min read *** भावनाओं पर किसका पहरा *** दिल आखिर दिल जो ठहरा भावनाओ पर किसका पहरा उम्र हसीनाओं की पूछना मत घाव करता हृदय पर गहरा।। ?मधुप बैरागी सावन सूखा जाये पिया अब सावन गीत सुनाने आजा... Hindi · मुक्तक 2 503 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** आस्था *** दर्द जब पीर बन कर उभर गया दिल का दुःख जाने किधर गया पीड़ा पीड़ा पीड़ा वो कहता गया दर्द ना जाने कब का पिघल गया ।। ?मधुप बैरागी आस्था... Hindi · मुक्तक 1 505 Share भूरचन्द जयपाल 17 Jan 2018 · 1 min read ** सफ़र-हमसफ़र ** . मैने आज महसूस किया कि सफ़र में हमसफ़र जरूरी होता है मैंने आज महसूस किया कि सफ़र-हमसफ़र क्यों जरूरी होता है .जिंदगी क़िस्त-दर-क़िस्त क़िस्तों में गुज़रती जायेगी यूं ही... Hindi · मुक्तक 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 1 May 2018 · 1 min read मुक्तक मिला है वियोग हमें तो हम भाग्यशाली हुए वरना शारीरिक योग भी एक तन्हाई ही था ।। मधुप बैरागी ज़हन जख़्मी हो जिस अल्फ़ाज से वो अल्फ़ाज बोलना छोड़ दो... Hindi · मुक्तक 1 460 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read जिंदगी क्या है जिंदगी क्या है , मौत क्या है , मुफ्त दवा है मुफ्त सलाह है,बस जीने की मुफ्त सलाह है साथ जिंदगी निभाती है कब तलक दवा है मौत-विश्राम है जिंदगी... Hindi · मुक्तक 2 478 Share भूरचन्द जयपाल 26 Apr 2017 · 2 min read ** सिर्फ प्यार ही प्यार हो ** याद आते हैं क्यूं बीते लम्हे जो गुजारे थे उनके साथ रुलाते क्यूं है वो किस्से उन बीती रातों के जो साथ रहकर की थी बातें आज अलग होकर क्यूं... Hindi · मुक्तक 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 22 Nov 2017 · 1 min read ** हमने तो दिलों पर किया राज ** 22.11.17 ***** दोपहर ***** 12.05 लोग कहते हैं हमको राज करना नहीं आया लोग कहते हैं हमको काज करना नहीं आया नादां हैं वो जिनको रास आया नहीं राजकाज हमने... Hindi · मुक्तक 1 449 Share भूरचन्द जयपाल 12 May 2017 · 1 min read * ** ऋतु पावस *** ऋतु पावस थी निकट अमावस थी यौवन की वह घटा-छटा विकट थी मन- मयूर-बन नाचा आज बहुत नटराजन-लटा लिपटी मुखचन्द्र थी ।। चाँद को देखकर चंद्रमुखी चकित सी हेर- हेर... Hindi · मुक्तक 1 485 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read ये दिल अज़ब- गज़ब इस अजब मुस्कुराहट पे तो ये दिल वारा है कौन जाने अब फिर भी ये दिल कुं -वारा है नाज़ - नख़रे भी तुम्हारे कितने अजब हैं शायद ये दिल... Hindi · मुक्तक 2 447 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * सब्र कर * सब्र कर ये तेरे इम्तिहान की घड़ी है रात अब इंतेजार की दो चार घड़ी है तारीक-ए-रात रोशनाई सी है छायी सुबह आनेवाली रौशनी की घड़ी है।। ?,,मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 419 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jul 2020 · 1 min read क़त्लकर देर ना कर क़ातिल क़त्लकर देर ना कर सुबह -ए- शाम महर ना कर क़हर बरपाना है तो जल्दी-२ क़त्ल हुए को तो क़त्ल ना कर ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 2 466 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * साये से डरते रहे हम * यूं ख़्वाब सजाते रहे हम यूं दिल बहलाते रहे हम जब से ख़्वाब बन आये साये से डरते रहे हम।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 477 Share भूरचन्द जयपाल 18 Oct 2017 · 1 min read *** दुश्मन-दोस्त *** चन्द अल्फ़ाज ही तो है जो दोस्त-दुश्मन बनाते हैं जो जुबां-मिश्री-घुली हो तो दुश्मन-दोस्त बनाते हैं बनाते हो त्योंहारी-मीठा क्या देखो ग़जब ढाते हो अहाते-ख़ंजर नहीं रखते जो दुश्मनदोस्त बनाते... Hindi · मुक्तक 1 462 Share Page 1 Next