भूरचन्द जयपाल 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भूरचन्द जयपाल 1 Nov 2018 · 1 min read ** कहानी माँ की ** माँ तो केवल माँ होती है कभी धूप तो कभी छाँव होती है कभी कठोर तो कभी नम खुद तपती धूप को सहकर हमें आँचल में छुपाती है आप गीले... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 65 703 Share भूरचन्द जयपाल 28 Oct 2018 · 1 min read वक्त के साथ चेहरे बदल जाते हैं वक्त के साथ चेहरे बदल जाते हैं चेहरे- संग किरदार बदल जाते हैं विश्वास ना कर गैरों पर ऐ' मधुप ' वक्त के साथ अपने बदल जाते हैं।। मधुप बैरागी... Hindi · मुक्तक 4 1 329 Share भूरचन्द जयपाल 14 Nov 2018 · 1 min read मोहब्बत--इबादत मजबूरी तो नहीं है चाहतें और मोहब्बतें एक-सी लगती हैं चाहत , मोहब्बत ही हो जरूरी नहीं है इश्क-इबादत हो, इबादत-इश्क ना हो मोहब्बत--इबादत मजबूरी तो नहीं है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 4 300 Share भूरचन्द जयपाल 30 Nov 2018 · 1 min read करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं इस दिल को छाले अपनो ही ने तो दिये जब-तब नमक भी उस पर छिड़क दिये करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं मरूं तो कैसे मरूं ज़ख्म बहुत... Hindi · मुक्तक 4 2 318 Share भूरचन्द जयपाल 21 Jan 2020 · 1 min read बडा भला आदमी था काफिला चला जा रहा था मै उसके संग चलने की कोशिश कर रहा था वो बढ़ता ही जा रहा था मुझे पीछे छोड़ते हुए किसी एक ने भी पीछे मुड़कर... Hindi · कविता 4 1 442 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jul 2020 · 1 min read मेरी पत्नी मेरी पत्नी आज-कल बहुत पढ़ती है मन ही मन बहुत कुछ,कुछ गढ़ती है नाख़ुश जो आजकल मुझसे रहती है कविता मेरी ही रटरट बहुत पढ़ती है।। गढ़ती है मन में... Hindi · कविता 4 2 782 Share भूरचन्द जयपाल 3 Aug 2020 · 6 min read गीता आत्मतत्त्व सार ( क्रमशः) प्राक्कथन भगवद्गीता समस्त वैदिक ज्ञान का नवनीत है। ------------------------------------------------------ ओउम श्री परमात्मने नम: श्री गुरूवाये नम: ऊँ अज्ञान तिमिरांधस्य ज्ञानञ्जनशलाकया । चक्षुरुमिलितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः ।। मैं घोर... Hindi · लेख 4 4 795 Share भूरचन्द जयपाल 21 Jan 2020 · 1 min read रात्रि के बाद सुबह जरूर होती है निशा आती है दिनभर की थकान के बाद अँधेरा धीरे धीरे घना होता जाता है पर फिर भी थके हारे श्रमिक के मन को भाती है क्योकि वह दिनभर की... Hindi · कविता 3 519 Share भूरचन्द जयपाल 8 May 2020 · 1 min read लॉकडाउन लॉकडाउन अच्छी बात है कीजिए मगर ..जनता को तो जीने दीजिए ! कब तक आखिर कब तक घरों में रोकोगे बेकाम बेबश जनता...कोरोना को रोकोगे ? लॉकडाउन अच्छी बात है... Hindi · कविता 3 1 413 Share भूरचन्द जयपाल 21 Apr 2021 · 1 min read आख़िर भय क्यों ? मौत के तांडव से आख़िर भय क्यों ? जिंदा इंसान कब था मरे से भय क्यों ? क्या मौत आने से ही मरता इंसान ? फिर आज ग़म-ग़मगीन इंसान क्यों... Hindi · कविता 3 460 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jan 2017 · 1 min read *राज-ए-हुस्न* यूं राज-ए-हुस्न कब तक छुपाओगे मुझसे हुस्न की बारीकियां बेहतर जानते तुझसे कत्ल ना कर खंजन सी आँखों के ख़ंजर से दीवाना मरता है भला कोई बेहतर मुझसे ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 273 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2017 · 1 min read ** आग लगाकर ** प्यास जगाकर आग लगाकर पूछते हो क्या ज़रा दिलपर अपने हाथ रख धड़कता है क्या क्या पूछते हो दिल अपना पराया हुआ कब अब ना पूछिये हाल अपना क्या से... Hindi · मुक्तक 2 1 604 Share भूरचन्द जयपाल 28 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक :- क़ातिल निगाहें क़ातिल निगाहें हुआ करती थी कभी मुस्कान से जी जाया करते थे कभी आज जीना भी दुस्वार कर दिया है उफ़ क़ातिल मुस्कान से बचे कैसे कभी ?मधुप बैरागी नींद... Hindi · मुक्तक 2 2 239 Share भूरचन्द जयपाल 10 Apr 2017 · 1 min read ** दिल बाग़-बाग होता है ** दिल बाग-बाग होता है जब हाथ कलम पर चलता है अफ़सोस गुस्ताख़ मुरीद पर जब हाथ मेरा चलता है दिल रोता है आँख नम होती है परेशां ग़म-ए-शाम होती है... Hindi · कविता 2 1 299 Share भूरचन्द जयपाल 23 Apr 2017 · 1 min read *तुम उदास हो चेहरे पे फिर उजास है * तुम उदास हो चेहरे पे फिर उजास है ग़म छुपाते हो दिल ये फिर उदास है कहते हो शायरी में ग़म कुछ खास है ग़म को करे दूर मगर दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 354 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jul 2017 · 1 min read *** भावनाओं पर किसका पहरा *** दिल आखिर दिल जो ठहरा भावनाओ पर किसका पहरा उम्र हसीनाओं की पूछना मत घाव करता हृदय पर गहरा।। ?मधुप बैरागी सावन सूखा जाये पिया अब सावन गीत सुनाने आजा... Hindi · मुक्तक 2 495 Share भूरचन्द जयपाल 21 Aug 2017 · 1 min read *** दास्तां-ए-मुहब्बत *** दास्तां-ए-मुहब्बत सुनाना चाहता हूं गा गीत तुझको रिझाना चाहता हूं ।। सफ़र जिंदगी का भुलाना चाहता हूं आज तुझसे रिश्ता निभाना चाहता हूं।। लगी दिल को ठोकर दिखाना चाहता हूं... Hindi · गीत 2 478 Share भूरचन्द जयपाल 12 Sep 2017 · 1 min read *** बयां करना मुश्किल है *** ये अल्फाज़ो से बयां करना मुश्किल है ये रिश्ता दोस्ती का निभाना मुश्किल है दिल का दिल ही जाने अब हाल क्या है ये जुबां से बताना भी अब मुश्किल... Hindi · मुक्तक 2 208 Share भूरचन्द जयपाल 14 Sep 2017 · 1 min read *** निजभाषा सम्मान *** एक उम्मीद है जगाई निजभाषा सम्मान हिंदी हिन्द की पहचान है मान- सम्मान आज बने एक से अनेक मंच निजभाषा कहो अहो एक सब हिंदी - हिन्द समान ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 409 Share भूरचन्द जयपाल 11 Oct 2017 · 2 min read *** स्वच्छता अभियान चल रहा *** दिनांक 11.10.17 स्वच्छता अभियान चल रहा देखो स्वच्छता अभियान चल रहा लोग अपने घरों का कूड़ा-करकट फैंक रहे जी-भर घर-भर का भारत सरकार चला रही देखो स्वच्छता अभियान चल रहा... Hindi · कविता 2 526 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2018 · 1 min read *** राहे मुश्किल में *** सम्भलकर चल अब राहे मुश्किल में ना - उम्मीद कर अब राहे मुश्किल में अपने हुए ना अपने फिर गैर के सपने छोड़ मझधार जायेंगे राहे मुश्किल में ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 400 Share भूरचन्द जयपाल 4 Apr 2018 · 1 min read * ऐ सखी ! ठहर इक पहर ठहर * ऐ सखी ! ठहर इक पहर ठहर यादों की दुनियां का सुंदर मंजर छोटे से दृश्यांकन चित्रयन्त्र पर अंकित कर लूं यादों का सफर जब होंगे हम दिन-दिन और बडे... Hindi · कविता 2 1 265 Share भूरचन्द जयपाल 23 Sep 2018 · 1 min read जो दूसरों से नहीं हारता जो दूसरों से नहीं हारता वो अपनों से हार जाता है फिर वो इस पार से अनन्त उस पार चला जाता है ।। जीते तो गलहार हारे तो हार स्वीकार... Hindi · मुक्तक 2 1 429 Share भूरचन्द जयपाल 15 Dec 2018 · 1 min read अपने साथ छलावा कैसे करोगी सारा प्यार तुम्हारी आँखों में ही उतर आया तो इज़हार कैसे करोगी डरोगी मुझसे और मेरे ख्यालों से रात-रातभर तो प्यार कैसे करोगी मैंने जमी -आसमां एक कर दिया तुम्हारे... Hindi · मुक्तक 2 287 Share भूरचन्द जयपाल 28 Dec 2018 · 1 min read शब्दों की क्या औक़ात शब्दों की क्या औकात वक्त बोलता है वक्त का मारा कहां-कहां नहीं डोलता है आदमी जुबां कब खोलता है बेचारा नपा-तुला ही बोलता है वक्त मज़बूत कर देता आदमी वर्ना... Hindi · कविता 2 345 Share भूरचन्द जयपाल 12 Jan 2019 · 1 min read * हवा का रुख बदल दो तुम * हवा का रुख बदल दो तुम अगर जवानी तुममें बाकी है रवानी होगी इक दिन तो जवानी क्या यूंही गवानी है कब तक वार से बचते रहोगे सीखो अब तो... Hindi · गीत 2 1 499 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jan 2019 · 1 min read चतु-रंग झंडे में है चतु-रंग झंडे में है तीन जिसमें अहम चौथा रंग रहा गौण इनको बड़ा अहम विकास-चक्र चलता वह नील- रंग है रंगों-रंग पिसता-घिसता नील है अहम।। वह अशोक-चक्र सबका का करता... Hindi · कविता 2 418 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jun 2019 · 1 min read दिल आहत होता है कहते हैं कुछ लोग दिल आहत होता है अपना जब अपने को ही धोखा देता है दिल रोता है और ग़म को ढोता है यादों का जब जब वो बोझा... Hindi · गीत 2 255 Share भूरचन्द जयपाल 12 Oct 2019 · 1 min read आँखों में खुमार आँखों में खुमार या प्यार है दिल में जज्बात यार प्यार है कहो है कौन-सी सरहद यार दिलआईना दिलपार यार है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 362 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2020 · 1 min read शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।। मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 460 Share भूरचन्द जयपाल 21 Jan 2020 · 1 min read फूल झरते हो फूलों की खुशबू से भी महीन सुरभि है मेरे यार की ज़रा उस दीवार के पीछे झांककर तो देखो । फूलों से भी नाजुक जिस्म है उनका नफासत से सहेजकर... Hindi · कविता 2 529 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read जिंदगी क्या है जिंदगी क्या है , मौत क्या है , मुफ्त दवा है मुफ्त सलाह है,बस जीने की मुफ्त सलाह है साथ जिंदगी निभाती है कब तलक दवा है मौत-विश्राम है जिंदगी... Hindi · मुक्तक 2 476 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read तीर चल गया सन्नन सा आँखों से तीर चल गया ना जाने किसका सितारा ढल गया सौख नजरों से बच के निकल जाना अब ना जाने दिन किसका ढल गया ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 485 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read ये दिल अज़ब- गज़ब इस अजब मुस्कुराहट पे तो ये दिल वारा है कौन जाने अब फिर भी ये दिल कुं -वारा है नाज़ - नख़रे भी तुम्हारे कितने अजब हैं शायद ये दिल... Hindi · मुक्तक 2 445 Share भूरचन्द जयपाल 2 Feb 2020 · 1 min read मुहब्बत मुहब्बत दोस्तों का ईमान होती है मुहब्बत ही दोस्तों की जान होती है परवाह दुनियां की किसको है अब जब मुहब्बत में रजा रब की होती है ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 1 381 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jul 2020 · 1 min read क़त्लकर देर ना कर क़ातिल क़त्लकर देर ना कर सुबह -ए- शाम महर ना कर क़हर बरपाना है तो जल्दी-२ क़त्ल हुए को तो क़त्ल ना कर ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 2 465 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2024 · 2 min read * ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है ? * ** ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है हम आज ख़ुद-ब-खुद छले जा रहे हैं पाते संस्कार शाला-परिवार पा रहे हैं सुसंस्कार – कारखाने कहां जा रहे हैं।। *****... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 53 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2024 · 1 min read ** मैं शब्द-शिल्पी हूं ** मैं शब्द-शिल्पी हूंउ शब्दो को जोड़ता हूं मैं विध्वंसक नहीं जो दिलों को तोड़ता है /हूं फिर भी लोग मुझे इल्ज़ाम दिये जातें हैं मैं मोम-सा कोमल पत्थर किये जाते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 50 Share भूरचन्द जयपाल 10 Jan 2017 · 1 min read **** बेटियाँ ***** बेटियाँ बाबुल के बगीचे की शान होती हैं बेटियाँ …बाबुल की बुलबुल .. .और माँ ..के दिल का अरमान होती है उसकी …चहचहाट घर-आंगन खेत- खलियान में …लाती है रौनक... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 655 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jan 2017 · 1 min read **** ख़ुशी का खजाना ***** मुस्कुराता था मैं आज फिर मुस्कुराना आ गया अनजाने में मुझको वो पल फिर याद आ गया आज याद आ गया मुझको मेरा बीता जमाना सब कहते देखो वो ख़ुशी... Hindi · मुक्तक 1 211 Share भूरचन्द जयपाल 18 Jan 2017 · 1 min read ***** कव्वाली ****** ? जीना हुआ दुस्वार यारां मौत भी ना आयी । जीना बडा है मुश्किल-2 मरना भी है ना आसां । बर्बाद-ए-जिंदगी करके तुमने किया किनारा । जीना हुआ है मुश्किल-2... Hindi · कव्वाली 1 432 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jan 2017 · 1 min read ** ओ कंजकली ** ओकंजकली मिश्री की डली, ढूँढू मै तुझको गली-गली । लहराती अलकें भौंरों सी तेरी,जैसे काली घटा सावन की झड़ी।। ओ कंजकली ओ कंजकली ये आँखें तेरी खंजन जैसी, शर्माए बिन... Hindi · गीत 1 1 590 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read ,** कब कहा मैंने तुम्हें ** कब कहा मैंने तुम्हें जिंदगी रास्ता दे कब कहा मैंने तुम्हें अपना वास्ता दे रास्ते कुछ कहे अनकहे जाने अनजाने कब कहा मैंने आकर मिल अपना वास्ता दे ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 267 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read * ग़ज़ल :- *** फ़जल **** फ़जल उनकी क्या असर कर गयी मेरी ग़ज़ल जो ग़ज़ल बन गयी सफ़ीना प्यार का उतारा किनारे फिर मांझी न जाने कहां खो गयी चाहा था बहुत चाहने वालों ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 341 Share भूरचन्द जयपाल 4 Feb 2017 · 1 min read गीत :- दिल मेरा इक कच्चा शीशा 4.2.17 * गीत * 9. 00 ************ दिल मेरा है इक कच्चा शीशा दिल में रहता है दिलबर मेरा **** टूट गया गर् शीशा- दिल तो ग़म नहीं,पर ग़म है... Hindi · गीत 1 326 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read **** कुछ मुक्तक **** हम हठ करते हैं अपने साथ ख़ुदा को करते अपने साथ समझ अपना जिसे करते खुश भान नहीँ रखे उसे अपने साथ।। आपको जन्म दिवस की हो बधाई जीवन हो... Hindi · मुक्तक 1 289 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read **** बीमार **** मै तेरे प्यार का बीमार हूँ ऐ जाने जिगर । तेरे प्यार की हर स्वांस से जिन्दा हूँ मगर । रफ़्ता-रफ़्ता ये जिंदगी मेरी चलने लगी किस ऒर । ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 313 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read ****** दिल ***** दिल उलझा उलझा रहता है उनकी जुल्फों या फिर उनके ख्यालों में उलझा उलझा रहता रात-दिन पयमानो में डूबा-डूबा रहता है हम सोचते हैं उनका दिल हमारे करीब होता है... Hindi · कविता 1 632 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** आईना हक़ीक़त नहीं होता **** आईना हकीकत नही होता आईने पर धूल जमी हो तो आईने में भी सूरत साफ नजर नहीं आती हम इस बहम में रहते है कि हम अकेले नही है कहने... Hindi · कविता 1 274 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read **** आग्रह **** ऐ यार ! मायूस हो चला हूँ मै एक सूखे पेड़ की तरह अरे ! सूखे पेड़ में भी मौसम-ए-बहार आती है फिर मुझे ही क्यो ? वियोग में छोड़ा... Hindi · कविता 1 244 Share Page 1 Next