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10 Apr 2017 · 1 min read

** दिल बाग़-बाग होता है **

दिल बाग-बाग होता है

जब

हाथ कलम पर चलता है

अफ़सोस गुस्ताख़ मुरीद

पर

जब हाथ मेरा चलता है

दिल रोता है

आँख नम होती है

परेशां ग़म-ए-शाम होती है ।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 297 Views
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