भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next भूरचन्द जयपाल 21 Jan 2020 · 1 min read रात्रि के बाद सुबह जरूर होती है निशा आती है दिनभर की थकान के बाद अँधेरा धीरे धीरे घना होता जाता है पर फिर भी थके हारे श्रमिक के मन को भाती है क्योकि वह दिनभर की... Hindi · कविता 3 524 Share भूरचन्द जयपाल 21 Jan 2020 · 1 min read फूल झरते हो फूलों की खुशबू से भी महीन सुरभि है मेरे यार की ज़रा उस दीवार के पीछे झांककर तो देखो । फूलों से भी नाजुक जिस्म है उनका नफासत से सहेजकर... Hindi · कविता 2 536 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2020 · 1 min read सुबह आनेवाली रोशनी की घड़ी है सब्र कर ये तेरे इम्तिहान की घड़ी है रात अब इंतज़ार की दो चार घड़ी है तारिक-ए-रात रोशनाई सी है छायी सुबह आनेवाली रोशनी की घड़ी है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 1 455 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2020 · 1 min read शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।। मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 468 Share भूरचन्द जयपाल 19 Jan 2020 · 1 min read सागर किनारे सागर किनारे खड़ी इक नदी सदी से इंतज़ार कर रही है मिलन हो ना पाया सागर से अब तक मैं तड़पूंगी कब तक अब सागर किनारे उठती है लहरे हिय-सागर... Hindi · कविता 1 2 643 Share भूरचन्द जयपाल 31 Dec 2019 · 1 min read प्रेम प्रेम समर्पण है प्रेम आदर है प्रेम विश्वास है प्रेम चाहत है है नहीं प्रेम दिल बस घायल प्रेम खोजता चाहत आहत है ।। मधुप बैरागी Hindi · कविता 1 1 644 Share भूरचन्द जयपाल 14 Nov 2019 · 1 min read मैंने कहा-नी अब समंदर भी कैसे कहे तुमसे अपनी वो कहानी ना भर सकता है सागर अब अपनी आँखों में पानी ना कह सकता अपनी कहानी वो यूं अपनी जुबानी छुपा लो... Hindi · मुक्तक 1 537 Share भूरचन्द जयपाल 21 Oct 2019 · 1 min read आँखों में आञ्जलों गर आँखों में आञ्जलों तुम बना ख्वाब गर ख्वाब में भी काँटों-गुलाब हो ख़्वाब खोल दे स्वप्न-राज क्या पाओगे सम्भाल खुली क़िताब रख दें रखें जो राज ख्वाब।। ? मधुप... Hindi · मुक्तक 357 Share भूरचन्द जयपाल 12 Oct 2019 · 1 min read आँखों में खुमार आँखों में खुमार या प्यार है दिल में जज्बात यार प्यार है कहो है कौन-सी सरहद यार दिलआईना दिलपार यार है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 369 Share भूरचन्द जयपाल 25 Sep 2019 · 1 min read तेरी तस्वीर मेरी आँखों में देख दिलबर तेरी तस्वीर नज़र आती है सूखा है समंदर दिल का जमीं-कश्मीर नज़र आती है।। ख्वाबों में तेरे हम आये ना, दिल से ख़बर आती है... Hindi · गीत 1 263 Share भूरचन्द जयपाल 16 Aug 2019 · 1 min read अरे आईने हमसे नफ़रत कर अरे आईने हमसे नफ़रत कर मगर दिल से कर अपना तो रोज देखते है चेहरा अब अपना दिखा चल ।। मधुप बैरागी इतनी ख़ामोशी और दिल में हलचल है ख़ामोश... Hindi · मुक्तक 476 Share भूरचन्द जयपाल 8 Aug 2019 · 1 min read जबसे हम तुम्हारे दिल के फ्रेम में कैद हुए जबसे हम तुम्हारे दिल के फ्रेम में कैद हुए हैं ना मालूम दिल - आईने में कितने भेद हुए हैं तड़प-तड़प रह गया हैं दिल आबोहवा वास्ते मिलते नहीं बाहर... Hindi · मुक्तक 1 647 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jul 2019 · 1 min read वरना चिड़िया चुग जायेगी खेत झील - सी आंखों वाली उतरी दिल में क्यों गहरी अब आवाज़ भी सुनती नहीं दिल की क्या बहरी सहरी का अब वक्त हो गया है जागो सोनेवालों वरना चिड़िया... Hindi · मुक्तक 1 593 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2019 · 1 min read क्षर-क्षरणशील-मरणशील मानव-जीवन डर मत क्षर-क्षरणशील-मरणशील मानव-जीवन कर मत अपने को पर-कर अपना मानव -जीवन ढो मत ढोर-सा मानव-जीवन अब शर्मिंदा ना कर आकर-आकार -साकार कर अपना मानव-जीवन मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 306 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2019 · 1 min read सूरज की छवि सूरज की छवि कभी धूमिल कर पाया है कोई रवि-कवि-छवि कभी धूमिल कर पाया है कोई पृष्ठभूमि धूमिल हो पर आगत का स्वागत कर क्षर-गोचर-अगोचर- स्वागत कर पाया है कोई... Hindi · मुक्तक 1 449 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jun 2019 · 1 min read दिल आहत होता है कहते हैं कुछ लोग दिल आहत होता है अपना जब अपने को ही धोखा देता है दिल रोता है और ग़म को ढोता है यादों का जब जब वो बोझा... Hindi · गीत 2 260 Share भूरचन्द जयपाल 2 Apr 2019 · 1 min read फूल की पंखुड़ियाँ अब मुरझाने लगी है फूल की पंखुड़ियाँ अब मुरझाने लगी है न जाने कौन-सी आग झुलसाने लगी है सताने लगी जाने मन की बात अब कौन मन-छोड़ भँवरे पुरातन अब आग लगी है।। कौन... Hindi · कविता 1 466 Share भूरचन्द जयपाल 3 Mar 2019 · 1 min read सरज़मीन-ए-हिन्द पे नापाक कोई है प्रारम्भिक बोल ये हिन्द की जमीं है यहाँ नहीं वीरों की कमी है मौत से हर- रोज हम खेलते यहां काहे ग़मी है यहाँ दिल की जमीं -जमीं जहां संवेदना... Hindi · गीत 1 300 Share भूरचन्द जयपाल 2 Mar 2019 · 1 min read राष्ट्रहित को आज कौन समझता है राष्ट्रहित को आज कौन समझता है जनहित को आज कौन समझता है सब मोहरे हैं बस मोहरे हैं किरदार दुश्मन-इकदूजे को कौन समझता है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 230 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2019 · 1 min read हारना हमनें कभी नहीं है सीखा हारना हमनें कभी नहीं है सीखा यारों मौत भी हार जाती है मेरे दर पर यारों कौन समझेगा मुझे - मेरी मंजिल को दिनएक संसार छोड़ हम हंस देंगे यारों।।... Hindi · मुक्तक 1 318 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2019 · 1 min read यादों के समंदर भी यादों के समंदर भी कभी रीते रह जाते हैं नदिया कभी बिन सागर मिले रह जाते हैं कह पाते कहानी बने बिन-जुबानी अपनी रवानी-रवानी जवानी-कहानी रह जाते हैं।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 291 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2019 · 1 min read प्रथम चुम्बन तेरे प्यार की गुटरगूं और वो तेरा प्रथम चुम्बन वो गलबहियाँ तेरी और वो तेरा प्रथम चुम्बन रहरह कर याद आता वो तेरा-मेरा प्रेम-मिलन हाज़िर हैं हम ताज़ा कर-लो वो..प्रथम... Hindi · मुक्तक 1 295 Share भूरचन्द जयपाल 10 Feb 2019 · 1 min read नमन करूँ माँ शारदे नमन करूँ माँ शारदे नमन करूँ उस ईश को जिसने तुमको सिरजा या उस जग-जगदीश को दो नयन मेरे मतवाले हैं वो तेरे ही दीवाने हैं अँखियों में है प्यास... Hindi · गीत 1 636 Share भूरचन्द जयपाल 10 Feb 2019 · 1 min read आयो आयो रे बसन्त हाँ रे आयो आयो रे बसन्त चाली बसन्ती बयार बसन्त आयो रे धरती ताके है आकाश बसन्त आयो रे ओढ़ी पीली-पीली चूनर-धानी बसन्त आयो रे सरसों सरसे खेतन के माही... Hindi · गीत 1 388 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jan 2019 · 1 min read चतु-रंग झंडे में है चतु-रंग झंडे में है तीन जिसमें अहम चौथा रंग रहा गौण इनको बड़ा अहम विकास-चक्र चलता वह नील- रंग है रंगों-रंग पिसता-घिसता नील है अहम।। वह अशोक-चक्र सबका का करता... Hindi · कविता 2 425 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2019 · 1 min read दोगलों की दुनियां दोगलों की दुनियां है दोगले लोग यहां अंदर कुछ और बाहर कुछ लोग यहां कहते हैं यहां इंसां के अंदर ओर इंसां निभाने -रिस्ते जीते हैं कुछ लोग यहां।। मधुप... Hindi · कविता 1 571 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2019 · 1 min read मान-पत्र सम्मान-पत्र मान-पत्र सम्मान-पत्र बहुविध हासिल करते हम गौरव- गरिमा बनाने अपनी गर्व -सर्व करते हम नादानी है अपनी देखो पत्र- मान-पत्र हम समझे माँ को समझा ना महिमा गान-गुणगान करते हम।।... Hindi · मुक्तक 1 764 Share भूरचन्द जयपाल 12 Jan 2019 · 1 min read * हवा का रुख बदल दो तुम * हवा का रुख बदल दो तुम अगर जवानी तुममें बाकी है रवानी होगी इक दिन तो जवानी क्या यूंही गवानी है कब तक वार से बचते रहोगे सीखो अब तो... Hindi · गीत 2 1 508 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2019 · 1 min read बहुजन होकर बिखरे क्यों भाई पढ़े-लिखे नादानों क्यूं तुम फूले-फूले फिरते हो भूले क्यूं तुम युग-पुरुष को भूले-भूले फिरते हो शिक्षित होकर बाबा की शिक्षा से करते किनारा क्यों भूल गये नादानी अपनी अपनों से... Hindi · गीत 1 302 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jan 2019 · 1 min read * मुस्कुराते हैं हम हमी पर * मुस्कुराते हैं हम हमी पर कभी थे हम आसमां पर आज भी हैं हम जमीं पर कल क्या हो सरजमीं पर मुस्कुराते हैं हम हमी पर कभी थे हम आसमां... Hindi · गीत 1 362 Share भूरचन्द जयपाल 1 Jan 2019 · 1 min read यादों के सफ़र में प्रारम्भिक बोल विगत बीत गया अब आगत का स्वागत स्वागत स्वागत है अब नवागत- स्वागत भले- बुरे पल को बुरे कल को अब भूल झूल-झूम खुशियों में विगत को ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 249 Share भूरचन्द जयपाल 28 Dec 2018 · 1 min read शब्दों की क्या औक़ात शब्दों की क्या औकात वक्त बोलता है वक्त का मारा कहां-कहां नहीं डोलता है आदमी जुबां कब खोलता है बेचारा नपा-तुला ही बोलता है वक्त मज़बूत कर देता आदमी वर्ना... Hindi · कविता 2 347 Share भूरचन्द जयपाल 22 Dec 2018 · 1 min read ये तेरी ख़ामोश नजरें प्रारम्भिक बोल ख़ामोश नजरें ..... ख़ामोश मुस्कान लगता है आपका ... दिल कहीं खो गया है ।। ये तेरी ख़ामोश नजरें दिल- चुरा रही है तूं यूं जो मन्द- मन्द... Hindi · गीत 1 286 Share भूरचन्द जयपाल 21 Dec 2018 · 1 min read जिंदगी व्यापार बनती जा रही है जिंदगी व्यापार बनती जा रही है दोस्ती सौदागर बनती जा रही है मौत आते आते आ रही है निकट जिंदगानी विकट बनती जा रही है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 325 Share भूरचन्द जयपाल 20 Dec 2018 · 2 min read सुनलो मेरे दिल की आवाज़ सुनलो ?हम अपनी इन दुई आँखों से तुम्हें फिर खोजती हैं याद तुम्हारी इन चार आंखों से आज फिर सोचती हैं तुम गये दुनियां छोड़ हमारी दुनियां को कर वीरां यूँ... Hindi · गीत 1 489 Share भूरचन्द जयपाल 20 Dec 2018 · 1 min read मुहब्बत है ये कोई साज़ नही ?जज़्बात जज़्बात जज़्बात है आवाज़ नहीं अल्फ़ाज अल्फ़ाज अल्फ़ाज है परवाज़ नहीं शुकुं मिलता है कब जहां में दिल-ए-नादान को मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत है ये कोई साज़ नही ।। मधुप... Hindi · मुक्तक 1 302 Share भूरचन्द जयपाल 17 Dec 2018 · 1 min read मदहोश करके होश में ना कीजिए ???ना जी ना ऐसा ज़ुल्म ना कीजिए मदहोश करके होश में ना कीजिए ना जी ना, हां ना जी-ना मदहोश करके होश में ना कीजिए मय पिला दी आपने क्या... Hindi · गीत 1 465 Share भूरचन्द जयपाल 16 Dec 2018 · 1 min read हम ख़ंजर नहीं रखते हम ख़ंजर नहीं रखते दिल पर कलम रखते हैं शब्द निकले दिल से तलवार- म्यान रखते हैं बयां ओर अल्फ़ाजे-वफ़ा क्या करे अब ज़नाब गुलशन-ए-दिल में मुकम्मल एक जहां रखते... Hindi · मुक्तक 1 267 Share भूरचन्द जयपाल 15 Dec 2018 · 1 min read अपने साथ छलावा कैसे करोगी सारा प्यार तुम्हारी आँखों में ही उतर आया तो इज़हार कैसे करोगी डरोगी मुझसे और मेरे ख्यालों से रात-रातभर तो प्यार कैसे करोगी मैंने जमी -आसमां एक कर दिया तुम्हारे... Hindi · मुक्तक 2 293 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2018 · 1 min read मोहब्बत-दीदे-दीदार ये क़ातिलाना नज़रें किसी गूजरी-सी दिल के आर-पार हो जाती है जैसे तीर-चीर-दिल दिलबर मोहब्बत-दीदे-दीदार हो जाती है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 437 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2018 · 1 min read तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था मैं प्यार समझ बैठा तुझपे जो भरोसा था नालायक दुनियां समझती चाहे मुझको यारां बस तूं ही तूं तो आंखों का एक झरोखा... Hindi · मुक्तक 1 342 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2018 · 1 min read जिंदादिली-ताउम्र नहीं होती दिल की कोई उम्र नहीं होती प्यार की कोई उम्र नहीं होती दहलीज़-उम्र-लांघ प्यार कर जिंदादिली-ताउम्र नहीं होती ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 295 Share भूरचन्द जयपाल 30 Nov 2018 · 1 min read करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं इस दिल को छाले अपनो ही ने तो दिये जब-तब नमक भी उस पर छिड़क दिये करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं मरूं तो कैसे मरूं ज़ख्म बहुत... Hindi · मुक्तक 4 2 326 Share भूरचन्द जयपाल 14 Nov 2018 · 1 min read मोहब्बत--इबादत मजबूरी तो नहीं है चाहतें और मोहब्बतें एक-सी लगती हैं चाहत , मोहब्बत ही हो जरूरी नहीं है इश्क-इबादत हो, इबादत-इश्क ना हो मोहब्बत--इबादत मजबूरी तो नहीं है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 4 305 Share भूरचन्द जयपाल 1 Nov 2018 · 1 min read ** कहानी माँ की ** माँ तो केवल माँ होती है कभी धूप तो कभी छाँव होती है कभी कठोर तो कभी नम खुद तपती धूप को सहकर हमें आँचल में छुपाती है आप गीले... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 65 706 Share भूरचन्द जयपाल 28 Oct 2018 · 1 min read वक्त के साथ चेहरे बदल जाते हैं वक्त के साथ चेहरे बदल जाते हैं चेहरे- संग किरदार बदल जाते हैं विश्वास ना कर गैरों पर ऐ' मधुप ' वक्त के साथ अपने बदल जाते हैं।। मधुप बैरागी... Hindi · मुक्तक 4 1 334 Share भूरचन्द जयपाल 23 Sep 2018 · 1 min read जो दूसरों से नहीं हारता जो दूसरों से नहीं हारता वो अपनों से हार जाता है फिर वो इस पार से अनन्त उस पार चला जाता है ।। जीते तो गलहार हारे तो हार स्वीकार... Hindi · मुक्तक 2 1 456 Share भूरचन्द जयपाल 23 Sep 2018 · 1 min read ** दोस्ती का बीज ** दोस्ती का बीज जब अंकुरित होता है धीरे-धीरे दिल-पीर माफ़िक---बर्फ पिघलती है धीरे-धीरे कहते हैं दोस्त का दिल दरिया है प्यार-समुद्र है दुःखदर्द नदी बन मिलते है उसमें बस धीरे-धीरे।।... Hindi · मुक्तक 1 398 Share भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2018 · 1 min read ** एक फूल ने डाल से गिरते फूल को देखा ** एक फूल ने डाल से गिरते फूल को देखा चला गया छला गया डाल-संसार से देखो भर आयी आंखे जिंदगी नहीं मौत अटल आज गया अटल कल हम जायेंगे न... Hindi · मुक्तक 1 386 Share भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2018 · 1 min read * सफल जीवन मंगल ** सफल जीवन मंगल जन्मदिवस है बडे भाई साहब सु-मंगल दिवस है रहैं विघ्नों से दूर सर्वदिस हो मंगल वर्तमान सुस्वागत सु-जन्मदिवस है ।। ????????? Hindi · मुक्तक 1 217 Share Previous Page 2 Next