Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2019 · 1 min read

बहुजन होकर बिखरे क्यों भाई

पढ़े-लिखे नादानों क्यूं तुम फूले-फूले फिरते हो
भूले क्यूं तुम युग-पुरुष को भूले-भूले फिरते हो

शिक्षित होकर बाबा की शिक्षा से करते किनारा क्यों
भूल गये नादानी अपनी अपनों से करते किनारा क्यों

तुम बिखर गये तो बिफ़र पड़ोगे खोवोगे जीवन यूं
क्यूं-क्यूं मैं पूछूं तुमसे क्यूं अपनों से तुम बिछड़े यूं

भोले बनते ओरों के आगे अपनों से चतुराई क्यूं
बोलो भाई बाबा ने भेंस के आगे बीन बजाई क्यूं

संगठन-बिन शिक्षा काम ना आये मेरे भाई
संघर्ष करोगे किससे कैसे तुम ओ मेरे भाई

राई-राई की ख़बर रहेगी फूट डालेगी कैसे ताई
बहुजन होकर बिखरे तो खो-दोगे खरी कमाई

भीम-भीम तुम कहते हो भीम लक्ष्य हमारा भाई
आपस तुम छोड़ो फूट कालकूट की पी- लो घूंट

मर जाओगे अमर रहोगे बन बहुजन की प्रीत
गायेंगे सब बहुजन मिल अमर-अमरता- गीत

संगठन पहले शिक्षा फिर, फिर संघर्ष करो
शिक्षा सबल हथियार मिलजुल संघर्ष करो

फूट पड़ी जो आपस मे भाई राई-राई बिखरोगे
फूट-फूट रोवोगे फिर जो पाई-पाई को बिफरोगे

बन बैठे तुम राजनेता खो दिया क्या अपना चेता
हक बहुजन-खाते तुम चुन लिया जो अपना नेता

समय बहुत है थोड़ा समझो सीख ‘मधुप’ की भाई
मेरे शब्द कहते हैं बहुजन होकर बिखरे क्यों भाई ।।

मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
Rj Anand Prajapati
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
बड़ा हिज्र -हिज्र करता है तू ,
बड़ा हिज्र -हिज्र करता है तू ,
Rohit yadav
कभी कभी छोटी सी बात  हालात मुश्किल लगती है.....
कभी कभी छोटी सी बात हालात मुश्किल लगती है.....
Shashi kala vyas
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्ते
रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगी में सभी के कई राज़ हैं ।
ज़िन्दगी में सभी के कई राज़ हैं ।
Arvind trivedi
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पेटी वाला बर्फ( बाल कविता)
पेटी वाला बर्फ( बाल कविता)
Ravi Prakash
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
surenderpal vaidya
मुझे विवाद में
मुझे विवाद में
*Author प्रणय प्रभात*
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर  मौन  प्रभात ।
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर मौन प्रभात ।
sushil sarna
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
"सबसे पहले"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रकृति का विनाश
प्रकृति का विनाश
Sushil chauhan
चुनावी चोचला
चुनावी चोचला
Shekhar Chandra Mitra
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
*माँ*
*माँ*
Naushaba Suriya
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
Sangeeta Beniwal
बच्चों सम्भल लो तुम
बच्चों सम्भल लो तुम
gurudeenverma198
राम छोड़ ना कोई हमारे..
राम छोड़ ना कोई हमारे..
Vijay kumar Pandey
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
फिर कब आएगी ...........
फिर कब आएगी ...........
SATPAL CHAUHAN
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
कौआ और कोयल ( दोस्ती )
कौआ और कोयल ( दोस्ती )
VINOD CHAUHAN
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
Manisha Manjari
एक नयी रीत
एक नयी रीत
Harish Chandra Pande
3261.*पूर्णिका*
3261.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...