डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' Language: Hindi 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 27 Dec 2022 · 1 min read #वक्तठहरजाओ ए वक्त जरा ठहर जाओ, अपना साथ ना छोड़ो। जो पल सुनहरे बीते हैं, उन्हें जरा पलकों में समेट लेने दो! वक्त तुम्हारे साथ चलूंगी उस पल के यादों को... Hindi 2 112 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 19 Dec 2022 · 1 min read सन्नाटा वीरानी पटरिया- -सुखी शाख करती इंतजार- -दीदार होगा आज फिर किसी नये मुसाफिर से- -धुंधली रोशनी मुस्कुरा कर कहती- -कुछ देर रुकना यहां- -यह सन्नाटे भरी राहें सताती मुझे..... डॉ... Hindi 3 1 139 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 19 Dec 2022 · 1 min read उपहार दो वक्त की रोटी के खातिर- -सड़कों पर लाचार, परेशान- -बेबस इंसान- एक उम्मीद की किरण- -कुछ अनजान शख्स- चेहरे पर एक मुस्कान लिए- -हाथों को बढ़ाते- -बोलते खा लो... Hindi 3 1 135 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 28 Oct 2022 · 1 min read यह बातें आपसे सीखी कोशिश व्यर्थ नहीं जाती ,यह प्रेरणा आपसे सीखी। सशरीर लोगों तक न पहुंच कर मन की बातें लोगो तक पहुंचानी, स्वयं को उनके समीप लानी, यह बातें मैंने आपसे सीखी।... Hindi 3 128 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 16 Feb 2022 · 1 min read यादें यादें जो मन को हरदम कुछ सुनहरी बातों का एहसास दिलाती। जब भी आती मन ही मन रुला कर या हंसा कर जाती। जैसी भी आती भूली बिसरी यादों को... Hindi · कविता 2 217 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 31 Dec 2021 · 1 min read नए प्रयास से नववर्ष हम मनाये नयी आस ,विश्वास के साथ, नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है। आओ बीती बातों को भूल कर , हम सबको गले लगाएं। नए प्रयास से नववर्ष हम मनाएये। अहंम को दूर... Hindi · कविता 1 221 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 31 Dec 2021 · 1 min read कितना कुछ अनकहा रह गया, कितना कुछ अनकहा रह गया, तुम चले गए खामोशी से, वह लम्हा मेरे ज़हन में बस गया। वक्त का सितम देखो, कल तुम पास थे मेरे , जिंदगी रंगीन थी,... Hindi · कविता 4 4 468 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 15 Dec 2021 · 1 min read माता स्तुति हे मंगला काली शरण आई तेरे मंगल करो मांँ। विंध्यवासिनी जगत मातेश्वरी कष्ट हरो मेरे शरण आई तेरे। हे असुर संघारिणी शरण आई तेरे शत्रु हरो मेरे। हे माँ चंडिका... Hindi · कविता 1 295 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 15 Dec 2021 · 1 min read नवरात्रि (हाइकु विधान) नवरात्रि में मांँ द्वार पधारी, सिंह सवारी। हर्षित मन, जगराता बैठाऊ, शीश झुकाऊं। विंध्यवासिनी, आशीर्वाद मिलते, मिटता कष्ट। मांँ जगदंबा साकार हो जीवन शरण आते! शक्ति स्वरूपा, शरण में मैं... Hindi · हाइकु 262 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 15 Dec 2021 · 1 min read सप्तपदी के ग्यारह वर्ष सप्तपदी के ग्यारह वर्ष कैसे निकल गये...... उन अद्भुत क्षणों को सोच- सोच, मैं आज भी मंद -मंद मुस्काती हूं! वह पल भी बड़ा सुहाना था, जब अजनबी बन हम... Hindi · कविता 449 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 13 Dec 2021 · 1 min read सांसे कम है मेरे पास तुम आओ इतना करीब कि मैं महक जाऊं, तेरी आग़ोश में आकर मैं बहक जाऊं। मैं जब दूर हो जाऊंगी तुझसे, मेरे साथ बिताए शाम ,तू सोच कर मंद मंद... Hindi · कविता 2 2 227 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 6 Dec 2021 · 1 min read दस्तक देती गुलाबी ठंडक आई* दस्तक देती गुलाबी ठंडक आई। आंँखें खुली तो देखा ,चाहूंँ ओर कोहरे ने धुंधली सी चादर तानी। मंद -मंद मैं मन में मुस्काई ,दस्तक देती देखो गुलाबी ठंडक आई। चिड़ियों... Hindi · कविता 1 2 516 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 29 Nov 2021 · 1 min read टीस मेरे मन में भी टीस थी! पर न जाने क्यों आज , पन्नों पर नहीं उतार पाई? कोशिश बहुत की लिख दूं बहुत कुछ, पर शब्दों में न मिली गहराई!... Hindi · कविता 4 341 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 24 Nov 2021 · 1 min read नारी तुम श्रद्धा स्वरूपा नारी तुम श्रद्धा स्वरूपा, तुम हो ममता का प्याला। बेटी बनकर घर को महकाती, घर की शान कहलाती। बनकर प्यारी बहना भाई का, हर पग पर साथ निभाती। बहु रूपधर... Hindi · कविता 2 4 229 Share डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि' 23 Nov 2021 · 1 min read लम्हे तेरे साथ के वो हसीं लम्हे, दोबारा वापस ना आएंगे! माना जिंदगी के चार दिन, हसीं लम्हे बाकी गम के। आओ जी ले मुस्कुरा के, यह लम्हे दोबारा न वापस... Hindi · कविता 3 4 371 Share