मदन मोहन सक्सेना Tag: कविता 51 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मदन मोहन सक्सेना 27 Apr 2018 · 1 min read किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है . किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे जीने का नजरिया फिर... Hindi · कविता 303 Share मदन मोहन सक्सेना 17 Apr 2018 · 1 min read क़यामत से क़यामत तक हम इन्तजार कर लेंगें बोलेंगे जो भी हमसे वो हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है हम उनसे प्यार कर लेगें वो मेरे पास आयेंगे ये सुनकर के ही सपनो में... Hindi · कविता 292 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Apr 2018 · 1 min read जिसे देखिये चला रहा है सारे तीर अँधेरे में क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है. हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में .. एक जमी वख्शी थी कुदरत ने हमको यारो लेकिन... Hindi · कविता 617 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Apr 2018 · 1 min read अमन चैन से रहने बाले दंगे से दो चार हुए कुर्सी और वोट की खातिर काट काट के सूबे बनते नेताओं के जाने कैसे कैसे , अब ब्यबहार हुए दिल्ली में कोई भूखा बैठा, कोई अनशन पर बैठ गया भूख... Hindi · कविता 579 Share मदन मोहन सक्सेना 3 Apr 2018 · 1 min read जिसे देखिये मिलता है अब चेहरे पर मुस्कान लिए किसको अपना दर्द बतायें कौन सुनेगा अपनी बात सुनने बाले ब्याकुल हैं अब अपना राग सुनाने को हिम्मत साथ नहीं देती है खुद के अंदर झाँक सके सबने खूब बहाने... Hindi · कविता 295 Share मदन मोहन सक्सेना 27 Mar 2018 · 1 min read क्यों हर कोई परेशां है बगल बाले की किस्मत से दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर क्या होगा कोई तन्हा रहना नहीं... Hindi · कविता 252 Share मदन मोहन सक्सेना 26 Mar 2018 · 1 min read अब खुदा बँटने लगा है इस तरह की तूल से प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर दोस्तों... Hindi · कविता 280 Share मदन मोहन सक्सेना 16 Mar 2018 · 1 min read समय के साथ बहना ही असल तो यार जीबन है गज़ब हैं रंग जीबन के गजब किस्से लगा करते जबानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता है बंगला ,कार, ओहदे को पाने के ही चक्कर में सीधा सच्चा बच्चों का... Hindi · कविता 307 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Mar 2018 · 1 min read हालत देखकर मेरी ये दुनिया मुस्कराती है जुदा हो करके के तुमसे अब ,तुम्हारी याद आती है मेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है कहूं कैसे मैं ये तुमसे बहुत मुश्किल गुजारा है भरी दुनियां... Hindi · कविता 593 Share मदन मोहन सक्सेना 7 Mar 2018 · 1 min read तुम्हारी मोहनी सूरत तो हर पल आँख में रहती तुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमको तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगा तुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती है मेरे पास तुम होगें तो... Hindi · कविता 546 Share मदन मोहन सक्सेना 28 Feb 2018 · 1 min read हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है . मन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जाये प्रियतम ने प्रिया से आज मन की बात खोली है मौसम आज रंगों का छायी अब खुमारी... Hindi · कविता 279 Share मदन मोहन सक्सेना 26 Feb 2018 · 1 min read दुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँ हुआ इलाज भी मुश्किल ,नहीं मिलती दबा असली दुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँ मुझे फुर्सत नहीं यारों कि माथा टेकुं दर दर पे अगर कोई डगमगाता... Hindi · कविता 275 Share मदन मोहन सक्सेना 30 Jan 2018 · 1 min read क्या मदन ये सारी दुनिया है बिरोधाभास की नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो नापने को कह रहे हमसे वो दूरियाँ आकाश की आज हम महफूज है क्यों दुश्मनों के बीच में दोस्ती आती... Hindi · कविता 455 Share मदन मोहन सक्सेना 25 Jan 2018 · 1 min read उसकी यादों का दिया अपने दिल में यार जलता है मुसीबत यार अच्छी है पता तो यार चलता है कैसे कौन कब कितना, रंग अपना बदलता है किसकी कुर्बानी को किसने याद रक्खा है दुनिया में जलता तेल और बाती... Hindi · कविता 456 Share मदन मोहन सक्सेना 17 Jan 2018 · 1 min read जो सीधे सादे रहतें हैं मुश्किल में क्यों रहतें है जो सीधे सादे रहतें हैं मुश्किल में क्यों रहतें है मेरे मालिक मेरे मौला ये क्या दुनिया बनाई है किसी के पास खाने को मगर वह खा नहीं पाये तेरी... Hindi · कविता 255 Share मदन मोहन सक्सेना 20 Dec 2017 · 1 min read चाँद सूरज फूल में बस यार का चेहरा मिला हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश है वक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिला चार पल की जिंदगी में मिल गयी सदियों की दौलत जब मिल गयी नजरें... Hindi · कविता 275 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Dec 2017 · 1 min read संग साथ की हार हुई और तन्हाई की जीत हो रही पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही साझा करने को ना मिलता , अपने गम में ग़मगीन हैं... Hindi · कविता 497 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Dec 2017 · 1 min read घायल हुए उस रोज हम जिस रोज मारा प्यार से जालिम लगी दुनियाँ हमें हर शख्श बेगाना लगा हर पल हमें धोखे मिले अपने ही ऐतबार से नफरत से की गयी चोट से हर जख़्म हमने सह लिया घायल हुए... Hindi · कविता 250 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Dec 2017 · 1 min read वह शख्श मेरा यार था ये कल की बात है उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है जब से मिली नज़र तो चलता नहीं है बस मुझे दिल... Hindi · कविता 301 Share मदन मोहन सक्सेना 6 Dec 2017 · 1 min read जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है जानकर अपना तुम्हें हम हो गए अनजान खुद से दर्द है क्यों अब तलक अपना हमें माना नहीं नहीं है अब सुबह से शाम तक बस नाम तेरा है लबों... Hindi · कविता 554 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Dec 2017 · 1 min read भरोसा हो तो किस पर हो सभी इक जैसे दिखतें हैं किसको आज फुर्सत है किसी की बात सुनने की अपने ख्बाबों और ख़यालों में सभी मशगूल दिखतें हैं सबक क्या क्या सिखाता है जीबन का सफ़र यारों मुश्किल में बहुत... Hindi · कविता 309 Share मदन मोहन सक्सेना 7 Nov 2017 · 1 min read दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है बक्त कब किसका हुआ जो अब मेरा होगा बुरे बक्त को जानकर सब्र किया मैनें किसी को चाहतें रहना कोई गुनाह तो नहीं चाहत... Hindi · कविता 455 Share मदन मोहन सक्सेना 31 Oct 2017 · 1 min read चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है . किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे जीने का नजरिया फिर... Hindi · कविता 383 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Oct 2017 · 1 min read दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही... Hindi · कविता 356 Share मदन मोहन सक्सेना 10 Oct 2017 · 1 min read भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है भरोसा है तो रिश्तें हैं ,रिश्तें हैं तो खुशहाली भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है यारों क्यों लगा करतें हैं दुश्मन जैसे अपने भी किसी के यार... Hindi · कविता 626 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Sep 2017 · 1 min read जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान गंगा यमुना सी नदियाँ हैं जो देश का मन बढ़ाती हैं सीता सावित्री सी देवी जो आज भी पूजी जाती हैं यहाँ... Hindi · कविता 573 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Aug 2017 · 2 min read अर्थ का अनर्थ (अब तो आ कान्हा जाओ) अर्थ का अनर्थ (अब तो आ कान्हा जाओ) अब तो आ कान्हा जाओ, इस धरती पर सब त्रस्त हुए दुःख सहने को भक्त तुम्हारे आज क्यों अभिशप्त हुए नन्द दुलारे... Hindi · कविता 797 Share मदन मोहन सक्सेना 15 May 2017 · 1 min read बेबसी में मन से बहता यह नयन का तीर है गज़ल गाना चाहता हूँ ,गुनगुनाना चाहता हूँ ग़ज़ल का ही ग़ज़ल में सन्देश देना चाहता हूँ ग़ज़ल मरती है नहीं बिश्बास देना चाहता हूँ गज़ल गाना चाहता हूँ ,गुनगुनाना चाहता... Hindi · कविता 671 Share मदन मोहन सक्सेना 12 May 2017 · 1 min read मुहब्बत में मिटकर फना हो गया हूँ . नजर फ़ेर ली है खफ़ा हो गया हूँ बिछुड़ कर किसी से जुदा हो गया हूँ मैं किससे करूँ बेबफाई का शिकबा कि खुद रूठकर बेबफ़ा हो गया हूँ बहुत... Hindi · कविता 288 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Feb 2017 · 1 min read प्यार बिन सूना सारा ये संसार है प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है प्यार पाने... Hindi · कविता 519 Share मदन मोहन सक्सेना 24 Jan 2017 · 1 min read २६ जनबरी आने बाली है २६ जनबरी आने बाली है सरकारी अमला जोर शोर से तैयारी कर रहा है स्कूल के बच्चे और टीचर अपने तरह से जुटे हुए हैं आजादी का पर्ब मनाने के... Hindi · कविता 311 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Dec 2016 · 1 min read नूतन बर्ष २०१७ आप सबको मंगलमय हो नब बर्ष २०१७ की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार ईश्वर से हम कर रहे हर पल... Hindi · कविता 272 Share मदन मोहन सक्सेना 23 Dec 2016 · 1 min read आम जनता को क्या मिला मुझे नहीं पता कि नोटबंदी से कितना कालाधन आया कितने सफेदपोश जेल के अंदर गए किन्तु मुझे पता चल गया है कि पैसा क्या चीज है जिसके लिए रिज़र्व बैंक... Hindi · कविता 316 Share मदन मोहन सक्सेना 9 Dec 2016 · 1 min read रोशनी से आशियाना यारों अक्सर जलता है रोशनी से आशियाना यारों अक्सर जलता है जाना जिनको कल अपना आज हुए बह पराये हैं दुनिया के सारे गम आज मेरे पास आए हैं ना पीने का है आज... Hindi · कविता 278 Share मदन मोहन सक्सेना 9 Dec 2016 · 2 min read भ्रम कभी मानब ये सोचकर भ्रम में रहता है वह कितना सक्षम ,समर्थ तथा शक्तिशाली है जिसने समुद्र, चाँद ,पर्बतों पर विजय प्राप्त कर ली है परमाणु के बिषय में गहन... Hindi · कविता 313 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Nov 2016 · 2 min read लेखनी का कागज से स्पर्श लेखनी का कागज से स्पर्श अपने अनुभबों,एहसासों ,बिचारों को यथार्थ रूप में अभिब्यक्त करने के लिए जब जब मैनें लेखनी का कागज से स्पर्श किया उस समय मुझे एक बिचित्र... Hindi · कविता 2 607 Share मदन मोहन सक्सेना 31 Oct 2016 · 1 min read चलो हो गयी दीवाली चलो हो गयी दीवाली दीवाली से पहले सोशल मीडिया पर चीनी सामान का बहिष्कार की बातें करने बाले काफी लोग दीवाली पर पहले से रखी लाइट्स का इस्तेमाल करते दिखे... Hindi · कविता 318 Share मदन मोहन सक्सेना 28 Oct 2016 · 2 min read मैं उजाला और दीपावली बह हमसे बोले हँसकर कि आज है दीवाली उदास क्यों है दीखता क्यों बजा रहा नहीं ताली मैं कैसें उनसे बोलूँ कि जेब मेरी ख़ाली जब हाथ भी बंधें हो... Hindi · कविता 1 429 Share मदन मोहन सक्सेना 19 Sep 2016 · 1 min read फिर एक बार फिर एक बार देश ने आंतकी हमला झेला फिर एक बार कई सैनिक शहीद हो गए फिर एक बार परिबारों ने अपनोँ को खोने का दंश झेला फिर एक बार... Hindi · कविता 254 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Sep 2016 · 1 min read हम आप और हिंदी ( १४ सितम्बर ) हिंदी दिवस की आप सबको शुभ कामनाएं लिखो जज्बात हिंदी में करो हर बात हिंदी में हम भी बोले हिंदी में तुम भी बोलो हिंदी में जय हिंदी जय हिंदुस्तान... Hindi · कविता 724 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Sep 2016 · 1 min read देखते है कि आपका मुँह खुलेगा भी या नहीं होली के अबसर पर पानी की बर्बादी की बात करने बाले शिवरात्रि पर शिव पर दूध अर्पित करने को कुपोषण से जोड़ने बाले और दूध की कमी का रोने बाले... Hindi · कविता 3 511 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Aug 2016 · 1 min read अरमानो के मेले में जब ख्बाबों के महल टूटे सजा क्या खूब मिलती है किसी से दिल लगाने की तन्हाई की महफ़िल में आदत हो गयी गाने की हर पल याद रहती है निगाहों में बसी सूरत तमन्ना अपनी... Hindi · कविता 348 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Aug 2016 · 1 min read कुछ पाने की तमन्ना में हम खो देते बहुत कुछ है अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल ख्वाबों और यादों की गली में उम्र गुजारी है समय के साथ... Hindi · कविता 310 Share मदन मोहन सक्सेना 28 Jul 2016 · 1 min read आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश की आज हम महफूज है क्यों दुश्मनों के बीच में आती... Hindi · कविता 262 Share मदन मोहन सक्सेना 27 Jul 2016 · 1 min read देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर गए हम आज तक खामोश हैं और वो भी कुछ कहते नहीं दर्द के नग्मों में हक़ बस मेरा नजर आता है देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर... Hindi · कविता 729 Share मदन मोहन सक्सेना 22 Jul 2016 · 1 min read चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो हे रब किसी से छीन कर मुझको ख़ुशी ना दीजिये जो दूसरों को बख्शी को बो जिंदगी ना दीजिये तन दिया है मन दिया है और जीवन दे दिया प्रभु... Hindi · कविता 314 Share मदन मोहन सक्सेना 21 Jul 2016 · 2 min read (कल की ही बात है) कल की ही बात है जब से मैंने गाँव क्या छोड़ा शहर में ठिकाना खोजा पता नहीं आजकल हर कोई मुझसे आँख मिचौली का खेल क्यों खेला करता है जिसकी... Hindi · कविता 603 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Jul 2016 · 1 min read शरण में आया तेरी राम जी शरण में आया तेरी राम जी संग मेरे घूमते थे, संग मेरे खाते करते थे, मुझसे वे बड़ी बड़ी बातें दुर्दिन में मेरे वो ,आये नहीं काम जी अब तो... Hindi · कविता 324 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read तुम्हारा तुम जानो तुम्हारा तुम जानो जहां तक मेरा सवाल है हर रात्रि सोने से पहले और हर सुबह उठने से पहले तुम्हारा ख्याल जेहन में आ जाता है। हर समय ये ख्याल... Hindi · कविता 365 Share मदन मोहन सक्सेना 30 Jun 2016 · 1 min read प्यार का बंधन प्यार का बंधन अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में... Hindi · कविता 1k Share Page 1 Next