लक्की सिंह चौहान 54 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्की सिंह चौहान 12 Nov 2025 · 1 min read गांव री गुवाड़ी मनडो करै ह, गांव जाय'र, घर री चौखट माथो टैक आऊं। घरां माहीं बनयोडी बा रै हाथ री, चाय पी'र आऊं।। छनिक देर रेऊ उण दिवारी म, जठै बाळपणो बित्यो... Rajasthani · कविता 40 Share लक्की सिंह चौहान 12 Nov 2025 · 1 min read दिल की दोस्ती तपती जिंदगी में जिसका साथ खेजड़ी की छांव है, जिसके बिना नहीं होता, मेरी दोस्ती का पुरा जहान है। मेरे जीवन का एक अनमोल हिस्सा है तू, इसलिए ही मेरी... Hindi · कविता 61 Share लक्की सिंह चौहान 11 Nov 2025 · 2 min read जिंदगी का पहला दोस्त जिसने जिया केवल वहीं समझ पाया है, दादा दादी जिंदगी का पहला दोस्त कहलाया है। यूं तो होता जिंदगी में कई सारे दोस्तों का साथ है, दादा पौते पौतियो की... Hindi · दादा दादी का प्यार 1 90 Share लक्की सिंह चौहान 11 Aug 2025 · 2 min read राखडळी री पूनम रो खत भाण रै नाम....... राम राम 🙏🙏 बाईसा राज नै हियैतणी सूं घणी घणी मानिता राम राम अर खम्मा घणी अरज हुवै सा। सावण री पूनम रा मंगल उछब माथै थनै पाती लिखतां मनडा... Rajasthani 1 321 Share लक्की सिंह चौहान 23 Jun 2025 · 1 min read म्हारो गांव म्हारी मायण धरा जिकि माटै रैवता रैवता आज इतरा साल होग्या, जै मनै आपणा आँचल मे इतरा साल छिपायोडो राख्यो। जिण धरती री माटी म रमता रमता म अतरा मोटियार... Rajasthani 1 122 Share लक्की सिंह चौहान 31 May 2025 · 6 min read अनचाही दोस्ती का रिश्ता तेरा साथ मुझे यूं अपना लगता है, जैसे मेरा कोई पुराना किस्सा है तू। इस अकेले मन को सुकून देने वाला, मेरी दोस्ती का अभिन्न हिस्सा है तू। तेरी दोस्ती... Hindi 2 1 156 Share लक्की सिंह चौहान 7 Oct 2024 · 1 min read पदयात्रा लगता है किरपा कर कर्म काटने कि मन में आई है, गुरुदेव ने पदयात्रा की मेहर किरपा जीवो पर बरसाई है। यह स्वर्णिम भाग्य है जो जीव सिर पर धार... Hindi 1 233 Share लक्की सिंह चौहान 5 Sep 2024 · 1 min read म्हारो गांव अर देस म्हारी मायण धरा जिकि माटै रैवता रैवता आज इतरा साल होग्या, जै मनै आपणा आँचल मे इतरा साल छिपायोडो राख्यो। जिण धरती री माटी म रमता रमता म अतरा मोटियार... Rajasthani 334 Share लक्की सिंह चौहान 26 Aug 2024 · 1 min read जीवा रै तारण सारु, जीवा रै तारण सारु, प्रकट्या तारणहार। हरखीज्यो जगत ओ, जलम्या जद दरियाव।। जलम्या जद दरियाव, शेष दरसन कूं आऐ। प्रेम जी री किरपा हैठे, आप परम पद पाऐ।। जीवा रै... Rajasthani 234 Share लक्की सिंह चौहान 16 Apr 2024 · 1 min read बाजार री चमक धमक बाजार री शोभा देख'र, मनडो बिळमा जावै । जिण री जरुरत कीं कौनी, पण लोगां नै करता देख, चाहणा जगावै। चाहना रै लारै आंधो हुयौ मिनख, बळदां ज्यूं खप जावै... Rajasthani · कविता · मायण भासा 1 382 Share लक्की सिंह चौहान 25 Jan 2024 · 1 min read मैं बंजर हूं हां, शायद मैं बंजर हो गया हूं, किसी से भी अपने मन की बात नही कह पाता हूं। लोगों से बात करने में थोड़ा सहम सा जाता हूं, अपने मन... Poetry Writing Challenge-2 1 354 Share लक्की सिंह चौहान 19 Jan 2024 · 1 min read मायड़ भौम रो सुख मायड़ भौम थारो हेत, परदेश मांही रिजावै ह, आज थारै आंचळ मांही आ'र, मनडो घणो सुख पावै ह।। बालपणा री बातडळिया, दैख थनै याद आवै ह। भायळा रै लारै साईकिल... Rajasthani 423 Share लक्की सिंह चौहान 3 Jan 2024 · 1 min read क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी दोनो मुझे एकदम विरोधाभास लगते है एक- दूसरे के। तुम्हारा मन ना जाने किस की तलाश में हैं, किसी... Quote Writer 1 608 Share लक्की सिंह चौहान 24 Sep 2023 · 1 min read पता नहीं गुरुदेव पता नहीं गुरुदेव, आप जो प्रेम की बात करते हो, उसे अपने अंदर जगाऊं कैसे? यह मन तो मेरा माया जोड़ने में उलझा हुआ है, उसे तेरे श्री चरणों में... Hindi 1 256 Share लक्की सिंह चौहान 1 Sep 2023 · 1 min read ख्वाब आया था अपनो से मेल मिलाप बढाने को, अरसों बाद भी पाया दिवारों के ठेकेदारों को। यह मंजर देख मन फिर से तड़प गया, संयुक्त परिवार का ख़्वाब स्वप्न में... Hindi 1 269 Share लक्की सिंह चौहान 23 Jul 2023 · 1 min read बिलमै परदेस थारी चाकरी, असल सुख नै छिनै ह, दादा सा रै हाथ री चाय ने मनडो बिलमै ह। चाय तो अठै भी मिल जावै ह, पण वो मनुवार कठै, सुता... Rajasthani 1 382 Share लक्की सिंह चौहान 19 Mar 2023 · 1 min read तुम्हारी याद याद नहीं करेंगे कभी तुम्हें, यह दिल को मेरे मंजूर था। इस तरह से भी तुम याद आओगी, इसमें मेरा क्या कसूर था। फूलो में सुंगध की तरह, दिल में... Hindi 1 325 Share लक्की सिंह चौहान 7 Dec 2022 · 1 min read राजदार किसी के छुपाए राज को बेराज करने के लिए, दोस्तों मजाकों का सहारा नहीं लिया करते। जिस विश्वाश ने तुम्हे अपना राज अदा किऐ, उस दोस्त कि आंखों में धोखे... Hindi 2 305 Share लक्की सिंह चौहान 26 Nov 2022 · 6 min read बिखरतो परिवार जन्म रै साथै सगळा सूं पैळा आपा जकी लोगां सूं जाण-पिछाण करा, बो हुया करै ह परिवार। बेमाता रा लिख्योड़ा आखर अर करमा रा जोग सूं बिधाता री मरजी थकां... Rajasthani 3 463 Share लक्की सिंह चौहान 15 Nov 2022 · 2 min read मनड़ा री वात मायड़ धरा नै छोड्या आज 1 मास हौवण आया, पण उण री ओल्यूं रैर-रैर आवै है। जिंदगी री गांड़ी धकै हांकण सारु मोटियार परदेस कांनी मुंड़ो करै ह। परदेसा रा... Rajasthani 1 503 Share लक्की सिंह चौहान 8 Oct 2022 · 2 min read आजादी रो अमृत उछब देस रा सगळा रैवासिया नै लक्की सा रा हिवणै तणी सूं घणी घणी अर मौकळी बधाईयां अरज हुवै सा। बख्त आयो ह तिरंगा ध्वज नै प्रणाम करण रो, टैम आयो... Rajasthani · लेख 2 332 Share लक्की सिंह चौहान 1 Aug 2022 · 1 min read राखडळी सावण री आ पूनम आई, राखड़ळी री खुशीयां लाई। घणी हरख सूं, घणा चाव सूं, बेनड़ ने नूत बुलाई॥ बेनड़ जद बारणे आई, खुशीयां चहुं ओर छाई। बीर ने देख... Rajasthani · कविता 468 Share लक्की सिंह चौहान 5 Apr 2022 · 6 min read बनेड़ा रै इतिहास री इक झिळक............. बनेड़ा, मन ळुभावण मंगरा चारों कांनी सूं घिर'यो इक कस्बाई नगर। इक कांनी ऐतिहासिक महल, तो दूजी कांनी हरियाळी री सौंदर्य सूं भरियोडो राम सरोवर, अर बीचाळै बस्योडी ह नगरी।... Rajasthani · Article 1 1k Share लक्की सिंह चौहान 14 Mar 2022 · 1 min read राजस्थानी भाषा री अरजी सगळा विश्व माही है जिण'री, एक न्यारी ही पहचान, संविधान में क्यूं नही मिल'रयो, इण ने सम्मान। गंर आपणी पगड़ी री, आन ने बचाणी है, तो राजस्थानी ने, संविधान में... Rajasthani · Doha 1 675 Share लक्की सिंह चौहान 11 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मोहब्बत के प्यार किसी लड़की से ही हो, यह तो जरुरी नही दोस्ती का गुलदस्ता भी, इस बाग से ही आता है। सनम के खत से ही प्यार की महक फूटे ऐसा... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 33 630 Share लक्की सिंह चौहान 25 Dec 2020 · 1 min read कोरोना काल का रुप जिस के दंश को झेल रहे है, बड़े बड़े देश सारे, काल के इस भयंकर रुप से, कौन हमे उबारे गुरुवर, यह काल की कैसी विशाल परछाई है, जो कोरोना... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 22 941 Share लक्की सिंह चौहान 5 Apr 2020 · 2 min read अर्थांगनी सप्तपदी के फेरे लेते वक्त जिसके साथ जीने मरने कि कसम खाती है, वह पत्नी अपना पूरा जीवन अपने पति की खुशीयो के लिए समर्पित कर देती है। हवन कुंड़... Hindi · लेख 1 4 604 Share लक्की सिंह चौहान 21 Mar 2020 · 5 min read एक यार मेरे जैसा भी दोस्ती, दो मन और दिल से जुड़ा रिश्ता होती है। जिसको यह प्राप्त हो जाऐ, उसकी जिंदगी तो संवरी ही जैसे। एक ऐसा रिश्ता जो अन्य सभी रिश्तो की भीड़... Hindi · लेख 2 2 707 Share लक्की सिंह चौहान 20 Mar 2020 · 1 min read पिता एक पिता, अपने बच्चो की हर ख्वाईश को पूरा है करता, इसके लिए घाणी में, बैल की तरह है चलता। एक छोटी सी खुशी के लिए सपनो से सौदे है... Hindi · कविता 2 4 468 Share लक्की सिंह चौहान 20 Mar 2020 · 1 min read रंजीशे बड़ी रंजीशे सी बढ़ने लगी है हमारी यारी में, जैसे दरारे पड़ी गई है मित्रता कि मिनारी में। कब तलक इन दरारो कि तू खैर मनाऐगा, आखिर, सुदामा लौटकर कृष्ण... Hindi · कविता 1 1 460 Share Page 1 Next