Komal Swami Language: Hindi 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Komal Swami 19 Jan 2022 · 1 min read हम जिस्म अलग हैं हमारे पर रूह तो एक है ना रास्ते अलग हैं हमारे पर दिल तो एक है ना जब दिल धड़केगा तुम्हारा तो धडकनें मेरी भी चलेंगी जहां... Hindi · कविता 2 229 Share Komal Swami 12 Jan 2022 · 1 min read बुआ सुलझी सी पहेली है वो मेरी बचपन की सहेली है वो बिन मांगे सब कुछ देती प्यार सारा मुझ पर लुटाती मेरे राजो की राजदार है वो सिर की मेरी... Hindi · कविता 2 458 Share Komal Swami 5 Jan 2022 · 1 min read इश्क न जाने क्यों आज भी तेरे लिए सबको ठुकरा रही हूं न जाने क्यों गलत नहीं तु दुनिया को समझा रही हूं अब भी मैं सिर्फ तुझी से मोहब्बत कर... Hindi · कविता 1 2 220 Share Komal Swami 3 Jan 2022 · 1 min read मैं दहकती आग की ज्वाला हू मैं बहते पानी की धारा हूं मैं तपती धूप की रोशनी हूं मैं गहरे पेड़ की छाया हूं मैं आखों से बहते अश्क का कतरा... Hindi · कविता 5 4 281 Share Komal Swami 2 Jan 2022 · 1 min read पिता उस शख्स पर क्या लिखूं? जिसके लिए कम पड़ जाते हैं कलम कागज भी खुदा नहीं वह पर खुदा से कम भी नहीं पिता के नाम से जिसे जग जानता... Hindi · कविता 2 4 463 Share Komal Swami 17 Oct 2021 · 1 min read बहू जबरदस्ती उठाई जाने वाली सबसे पहले उठ जाती है किचन में ना जाने वाली खाना भी बना लेती है क्योंकि बेटी बहू बन जाती है... सबसे पहले खाने वाली खाना... Hindi · कविता 6 2 289 Share Komal Swami 13 Oct 2021 · 1 min read अपने बदलने लगे कहने को बहुत कुछ हो और लफ़्ज़ कम पड़ जाए तो समझो अपने बदलने लगे हैं आखों में आसू देखकर भी जब दिल ना रोए तो समझो अपने बदलने लगे... Hindi · कविता 3 2 276 Share Komal Swami 10 Oct 2021 · 1 min read बदले दोस्त दोस्ती कर के खुशियों की किताब मांगते है दोस्त मेरे गलतियों का हिसाब मांगते है शामिल होते है हर खुशी में मेरी आसुओं के मेले में अकेला छोड़ देते है... Hindi · कविता 3 278 Share Komal Swami 3 Oct 2021 · 1 min read एक जिंदगी खुद के लिए जीते हैं चलो ना एक जिंदगी खुद के लिए जीते हैं टूटे दिलो को फिर से जोड़ते हैं बिखरे सपनो को फिर से समेटते है चलो ना एक जिंदगी खुद के लिए... Hindi · कविता 1 357 Share Komal Swami 2 Oct 2021 · 1 min read पिता घर की बंदनवार पिता आंगन का स्वास्तिक पिता दीपक की जलती लो पिता मौसम की मार से बचाए वो छत पिता उड़ने को पंख दे पिता सपनों का स्वरूप पिता... Hindi · कविता 3 2 268 Share Komal Swami 29 Sep 2021 · 1 min read बदलता शहर विकास की राह में संस्कारों को खो रहा है पैसों के लालच में ईमान को बेच रहा है कुछ इस तरह मेरा शहर आगे बढ़ रहा है... गैरों के लिए... Hindi · मुक्तक 2 1 304 Share Komal Swami 29 Sep 2021 · 1 min read मां नफरत की आग में जलाये दुनिया मुझे मां अपने आंचल की छांव में छुपा लो ना.. ठोकर मार रही यह दुनिया मुझे मां आप फिर से संभाल लो ना... दिल... Hindi · कविता 1 2 272 Share Komal Swami 29 Sep 2021 · 1 min read अहसास बिना बात के वो मुस्कुराने लगी है खुद से अब वो बाते करने लगी है लगता हैं कुछ अहसास उसे भी होने लगा है..... खूब वो सवरने लगी है आईने... Hindi · कविता 4 4 298 Share Komal Swami 26 Sep 2021 · 1 min read बेटी जब गूंजी बेटी की किलकारी आंगन में रौनक छाई थी... दादाजी जी की लक्ष्मी घर आई दादी का बचपन लाई हैं... मां की सहेली बनकर आईं पापा के प्यार की... Hindi · कविता 4 4 399 Share Komal Swami 26 Sep 2021 · 1 min read तो कहना प्यार मैंने किया, गुस्सा तूने दिया कोई मेरे जैसा प्यार दे, तो कहना... खुशियां मैंने दी,दर्द तूने दिए कोई मेरी सी मुस्कुराहट दे, तो कहना.... तू रूठा रहा, मै मनाती... Hindi · कविता 4 3 428 Share