Kavi Kuldeep Prakash Sharma 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता चला गया वो आधुनिक;भगवान हमारा। धरती सूनी हुई है;जग सूना हुआ हमारा।। चले गए भगवान वो;तो जहाँ सारा रोया है। देखो यारो मेरे देश ने;कलाम को खोया है।। देश का... Hindi · कविता 690 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read स्वामी विवेकानंद जयंती पर कविता आओ युवाओं फिर से,आज हम लेखनी चलाते है। शत-शत नमन करें उनको,विकेकानंद जो कहलाते है।। माता भुवनेश्वरी और पिता विश्वनाथ घर,था जन्म पाया। निर्भीकता और कुशाग्रबुद्धि से,था कइयों को चोकायाँ।।... Hindi · कविता 545 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 1 Mar 2018 · 1 min read भोजपुरी गीत-खेले राधा संग कन्हाई, रे होली भैया खेले राधा संग कन्हाई; रे होली भैया। मुबारक हो सबही के; होली दिन भैया।। होली घर-घर; खुशियाँ लावेला। इक-दूजन के; प्यार सिखावेला।। हुइहै गाल सबही के रे; लाल-पीले भैया। खेले... Hindi · गीत 513 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read पिता की पुत्र से इच्छा बेटा!कच्ची उम्र में कच्चे अकल है। तुम्हारे पिता का इसमें दखल है।। मंजिल है लंबी यदि लक्ष्य पाना, मेहनत करो वरना मेरा कतल है।। बनकर एकलव्य अर्जुन दिखाओ। लक्ष्य मछली... Hindi · मुक्तक 433 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read बदलते दिन-माँ-बाप पर कविता सब देवो में सबसे पहले पूजे जाते है,श्री गणेश भगवान। की मात-पितु परिक्रमा ब्रह्माण्ड सम,कहा मात-पितु महान।। याद कर अपने बचपन को,तू मेरे लाल। रखती थी ध्यान माँ तेरा,जो हर... Hindi · कविता 435 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read अर्थी-सच्चे प्रेमी की जिस दिन उठेगी तेरी डोली,किसी और के घर; उस दिन इस मजनू की अर्थी उठेगी; फूल तुझ पर भी लोग बरसाएंगे; फूल मुझ पर भी लोग बरसाएंगे; अंतर सिर्फ इतना... Hindi · कविता 428 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read मेरे पापा मेरे खातिर किसी से,मेरे पापा डरते नहीं। मेरी फिक्र के सिवा,वो कुछ सोचते नहीं।। आज तक मैंने न देखा,उनके जैसा कोई धनवान; जेब खाली हो फिर भी,मना करते नहीं।। रचयिता-कवि... Hindi · मुक्तक 1 361 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read जिंदगी से पश्चाताप आज मैं अपनी जिंदगी का सबसे प्यारा गीत अर्ज करता हूँ, सभी का जीवन बहुत महत्वपूर्ण(स्वर्णिम) है, इस गीत में अर्ज किया है कि व्यक्ति आत्महत्या करते समय अपनी जिंदगी... Hindi · कविता 390 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read क्या हो गयी खता हमसे,कहने लगी जो गैर क्या हो गयी खता हमसे,कहने लगी जो गैर। माना तुझे सदा अपना,हम जिये न तेरे बगैर।। बात न होती जब तुमसे तो;है दिल ये कहीं लगता नहीं। याद तेरी आये... Hindi · गीत 410 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read बेवफा प्रेमिका की रंगीन होली कि चली गयी वो मुझको धोखा देके, अब मोहब्बत अधूरी,रह गयी है हमारी। वो किसी और के रंगों में भीग रही है, और यहाँ दर्द में भीगी,जिंदगी है हमारी।। कि... Hindi · मुक्तक 336 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read नववर्ष-नवजीवन करता हूँ स्वागत,नव वर्ष तुम्हारा। हरो इस जगत का,तुम अंधियारा।। सबके मन में,जगे नयी आशा। बोले सभी जन,प्रेम की भाषा।। घर-घर में फिर फैले,नूतन उजियारा। करता हूँ★★★★★★★★★★।। जन-जन में सदा,सद्भाव... Hindi · गीत 348 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read कवि बनने का राज मैं इक सीधा साधा बच्चा था। पढ़ने में बहुत न अच्छा था।। तो इक दिन मिली मुझे माया। संगेमरमर थी उसकी काया।। देख उसे पेड़ में एक नया फूल खिल... Hindi · कविता 324 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read नववर्ष-जिंदगी का एक वर्ष कम एक वर्ष जिंदगी का,दोस्तों कम हो गया है। पुरानी यादों पे फिर से,मरहम हो गया है।। कुछ तमन्नाएं थी दिल में,दिल में ही रह गयी। तो कुछ बिन माँगे ही... Hindi · कविता 312 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read महिला सशक्तिकरण दिवस पर कविता महिलाओं तुम आगे आओ,है जरूरत तुमको सशक्त बनने की। आ गयी है बारी अब,इस समाज की संकीर्ण सोच बदलने की।। महिलाओं स्वयं तुमको ही खुद आगे बढ़ना होगा। हो युगों-युगों... Hindi · कविता 303 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read लड़कियों से कभी भी; आंखे न मिलाना(आधुनिक प्रेम) लड़कियों से कभी भी;आँखे न मिलाना। ये चाहती है हर दिन;इक नया दीवाना।। प्यार करो कितना भी;ये अपनी होती नहीं। इनका दिल है पत्थर का;ये कभी रोती नहीं।। इसलिए ए... Hindi · गीत 306 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read कोई जी रहा है सनम,तुम्हे देखकर कोई जी रहा है सनम,तुम्हे देखकर। मुझे याद रखना तुम, हर डगर पर।। साथ न छोड़ना,कभी तुम मेरा। रहे नाम हर वक्त,जुबां पर तेरा।। जी न पाऊँगा तुमसे,मैं जुदा होकर।... Hindi · गीत 237 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read इश्क़ में गम का तराना बात ही कुछ ऐसी है,गम का तराना गाने लगा हूँ। देखा जबसे तुमको मैंनें,तबसे प्यार करने लगा हूँ।। ऑंखें चार होती है जब,मन में खटक सी हो जाती है। आँखों... Hindi · गीत 195 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 13 May 2018 · 1 min read खाता हूं बाजार का डब्बा(मेरी प्यारी माँ) खाता हूं बाजार का डब्बा, तो दिल से फरियाद आती है। माँ के हाथ की बनी रोटियां, आज भी बहुत याद आती है।। रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक" मो.नं.-9628368094,7985502377 Hindi · मुक्तक 1 181 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read महात्मा गाँधी जयंती पर कविता अहिंसा के पुजारी गाँधी को; नमन हमारा है। ये देश है बलिदानों का;जो प्राणों से प्यारा है।। देखा था बापू जी ने ;जो देश खातिर सपना। किये कई आंदोलन पर;हुआ... Hindi · कविता 181 Share