Kanchan verma 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Kanchan verma 12 Feb 2024 · 1 min read हरि प्रबोधिनी एकादशी हरि प्रबोधिनी एकादशी,जागे हरि योग निद्रा त्याग। वापस लौटे पाताल से, घड़ियां हुईं सभी शुभ आज। पावन कार्तिक मास का, है शुक्ल पक्ष उत्तम संयोग। सजे बन शालीग्राम दूल्हा,विवाह शुभ... 69 Share Kanchan verma 12 Feb 2024 · 1 min read गुमराह बचपन गुमराह हुआ बचपन, जिम्मेदारियां आ गई। गरीबी बनी बदनसीबी, सपने है सब भुला गई। किस्मत है लिखी इनकी, किस स्याही की कलम से। सुनी दास्तान इनसे जब भी, इनकी आंखें... 73 Share Kanchan verma 12 Feb 2024 · 1 min read नशे की लत है जान लेवा सिगरेट मदिरा न छुओ इसे सुखाती तन ये तंबाकू सबका छोड़ों इसको। नशे को छोड़ो बरबाद न करो और खुद को । देखो अपने व्यथित हैं कितने... 112 Share Kanchan verma 12 Feb 2024 · 1 min read राम रावण युद्ध फिर मारेंगे आज राम रावण को, मत बार बार उसे जीवित होने दो। मर जाने दो जीवन के रावण को, सत्य धर्म का फिर से स्वागत हो। असत्य रहा बलवान... 153 Share Kanchan verma 12 Feb 2024 · 1 min read तेरा मेरा साथ जब तक रहे चांद सूरज गगन में, साथी तेरा हाथ थाम कर मैं चलूं। साथ न छूटे ये जन्मों जन्म तक, बांट सुख दुःख संग चलती रहूं। चांद के जैसी... 155 Share Kanchan verma 12 Feb 2024 · 1 min read कान में रखना हुई विदा बेटी समझाने लगी मां कान में कान में ही रखना जो सुनो तुम कान से। कान में कहने की आदत तुम डालो बेटी, कहा जो भी जोर से... English · Article · Poem · Quotation · Story 179 Share Previous Page 2