kamni Gupta 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid kamni Gupta 11 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आया रदीफ़-जाए चलो मुकदर को फिर से यूं आज़माया जाए। खुद की काबिलियत पर गौर फ़रमाया जाए। वो पन्ने जिन पर कुछ लिख न पाए थे इक रोज़; उनको तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 389 Share kamni Gupta 9 Jul 2020 · 1 min read वतन की आन का सवाल होता है। अपने वजूद का जब भी सवाल होता है। वतन का फिर कहां उनको ख्याल होता है। खूब लूटा जिन्होने वतन को इतने सालों में; हार गए तो अब मंहगाई पर... Hindi · कविता 2 4 340 Share kamni Gupta 22 Jun 2020 · 1 min read पापा से सीखा है। हर मुश्किल से यूं उभरना पापा से सीखा है। सत्य मार्ग पर अडिग रहना पापा से सीखा है। अभिमान करना नहीं और स्वाभिमान से जीना; गल्त का साथ न कभी... Hindi · कविता 4 7 546 Share kamni Gupta 20 Jun 2020 · 1 min read लघु कथा। हमें गर्व है ! एक तरफ करोना अपनी चरम सीमा पर था, वहीं चीन का दगा ! भारत देश को दुश्मनों के साथ -साथ कुछ देश के अंदर के दुश्मनों... Hindi · लघु कथा 4 668 Share kamni Gupta 19 Jun 2020 · 1 min read शेर मुद्दतें गुज़र जाती हैं इक मुकाम हासिल करते-करते, लहरों का क्या है वो इक पल में सब बहा ले जाती हैं। कामनी गुप्ता*** जम्मू ! Hindi · शेर 5 2 337 Share kamni Gupta 19 Jun 2020 · 1 min read हर शख्स अब मुझसे दूर हुआ जाता है। दिल क्यों ये मगरूर हुआ जाता है। तेरे इश्क पे अब गुरूर हुआ जाता है। लिखी जो चंद ग़ज़लें तुम पर फिर; शायर ये देखो मशहूर हुआ जाता है। दिखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 318 Share kamni Gupta 18 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक नकारात्मकता फैला समाज में गुमराह और को करते हैं खुद को फिर सत्य वक्ता बता बड़ी बात वो करते हैं हैरान होकर सोचने लगे हैं कि सोच कहां से लाते... Hindi · मुक्तक 3 4 415 Share kamni Gupta 17 Jun 2020 · 1 min read तुम लाख दगा करो हैं संस्कार तुम्हारे..... चोट जब स्वाभिमान पर लगती है तो, करारा जवाब फिर मिलता है। तुम लाख दगा करो हैं संस्कार तुम्हारे, पर इक दिन नकाब ये उतरता है। कौन हारा है गिनती... Hindi · कविता 2 7 359 Share kamni Gupta 16 Jun 2020 · 1 min read कविता। एक आम इंसान को फिर खास बनने न दिया। खुद को संभाला बहुत पर ज़ख्म सिलने न दिया। कैसा ये इम्तिहान है जिसमें जीतना मुमकिन नहीं; इक कली को फूल... Hindi · कविता 1 2 467 Share kamni Gupta 18 May 2020 · 1 min read स्तिम मैं चुपचाप सहता तो अच्छा था। जो राज़ था वो बस राज़ ही मैं रखता तो अच्छा था। तुमने छोड़ा मेरा हाथ पर, मैं कुछ न कहता तो अच्छा था। न मालूम था ये राज़, खुल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 492 Share kamni Gupta 18 May 2020 · 1 min read मैया तेरा अंगना सुहाना। प्रतियोगिता हेतु। " मैया तेरा अंगना सुहाना " किचन में काम करते फोन की घंटी ने ममता का ध्यान मायके की तरफ कर दिया। मन तो कर रहा था भाग... Hindi · लघु कथा 1 4 588 Share kamni Gupta 15 May 2020 · 1 min read वो पल पल बीता यूं.... वो पल-पल बीता यूं जैसे वक्त का हो थम जाना। तेरी कही बातें याद कर नैनों का यूं भर आना। तुम न समझोगे लम्हों के बीत जाने का एहसास ;... Hindi · गीत 3 4 342 Share kamni Gupta 12 Mar 2018 · 1 min read कैक्टस ! कैक्टस! जानता हूँ तुम्हें बस फूलों की महक पसंद है, पर मैं तो ठहरा साधारण सा कैक्टस ! जिसमें न महक है और न ही कोई आकर्षण , तुम्हें मैं... Hindi · कविता 624 Share kamni Gupta 12 Mar 2018 · 1 min read लगता है ! लगता है ! होली पे तुम सब भूल कर बड़ाओगे कदम आगे , लगता है सच ही तो है ,क्या रखा है छोटी -छोटी बातों को बड़ाने में बार-बार रुठने... Hindi · कविता 2 624 Share kamni Gupta 19 Apr 2017 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी ! अजीब कशमकश से गुज़र रही है क्यूं। ऐ ज़िन्दगी आजकल संवर रही है क्यूं। बहुत पीछे रह गया है वो मोड़ अब ; वहां लाकर मुझे ठहर रही है क्यूं।... Hindi · गीत 2 344 Share kamni Gupta 19 Apr 2017 · 1 min read हाइकू ! १. प्रकृति आपदा हर पल है डरे मानव अब बचाए कौन ! २. असंतुलन प्रकृति का प्रकोप समझो अब ! ३. ये प्रदूषण हरियाली सिमटे पेड़ बचाओ ! कुप्रथा १.... Hindi · हाइकु 3 371 Share kamni Gupta 22 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल(आजकल) आजकल कुछ ऐसा दस्तूर हो गया है। पैसा ही सब का जी हुजूर हो गया है। रिश्तों में अब पहले जैसा नहीं अपनापन; शोहरत का ही बस सबको गुरूर हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 383 Share kamni Gupta 15 Feb 2017 · 1 min read लगता है ! लगता है दिल हाथ से जाता रहेगा। नगमें मुहोब्बत के गाता रहेगा। तुम रूठ जाओ कभी तो ऐ सनम; दिल यह तुम्हें यूं ही मनाता रहेगा। आती नहीं शोखियां हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 330 Share kamni Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read सच यह भी झुठला नहीं सकता ! बात दिल की बता नहीं सकता। गीत भी गुनगुना नहीं सकता। तुम तो ठहरे भंवरे के जैसे ; गुलों के खिला नहीं सकता। बाद मुद्दत के मिले हो तुम; चाहकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 339 Share kamni Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल सुख दुख का मिश्रण यह संसार है। मिलता मुशकिल से सच्चा प्यार है। कर दे कुर्बान खुद को जो वतन पर; ऐसा कोई ही होता दिलदार है। मुँह से निवाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 302 Share kamni Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल कभी कभी खुद को यूं समझाना चाहिए। सोच समझ कर दिल कहीं लगाना चाहिए। कुछ लोग समझते हैं खुद को ही भग्वान; आइना उनको भी कभी दिखाना चाहिए। आएगी इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 322 Share kamni Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल हवाएं भी कहीं नदी का रुख बताती तो हैं। खामोशी से ही मगर पैगाम दे जाती तो हैं। तुम क्या समझोगे लहरों की इस बेचैनी को; रह रह कर साहिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 271 Share kamni Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read बेटियां हर जगह अपना नाम कमा रही हैं बेटियां। घर की ज़िम्मेदारी उठा रही हैं बेटियां। ब्याह के जब यह मायके को छोड़ जाती हैं; ससुराल में भी फर्ज़ निभा रही... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 844 Share kamni Gupta 30 Aug 2016 · 1 min read भुजंगी छन्द करें वायदा तो निभाएं वहीं भले साथ कोई चले या नहीं खुशी ही मिलेगी ज़रूरी कहां दुखों को मिटादे उसी का यहां।।। कामनी गुप्ता *** जम्मू ! Hindi · मुक्तक 492 Share kamni Gupta 28 Aug 2016 · 1 min read सूखे पत्तों पर सूखे पत्तों की अभी सरसराहट बाकि है। तुम्हारे आने की यूंही आहट बाकि है।।। कामनी गुप्ता *** Hindi · शेर 650 Share kamni Gupta 28 Aug 2016 · 1 min read तिरंगा जीवन तो है आना जाना। अपने फर्ज कभी न भुलाना। अपने वतन पर मिटेंगे हम; कभी न कदम पीछे हटाना। जो जां काम न आए वतन पर; कैसे मां का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 659 Share kamni Gupta 28 Aug 2016 · 1 min read सच्चा सुख काज सभी ऐसे करें,जग का हो कल्याण रहे न कोई भी दुखी,बढ़े सभी का मान बढ़े सभी का मान,रहें सब ही हर्षाते जो करते शुभ कर्म,वही निज मंज़िल पाते जीवन... Hindi · कुण्डलिया 1 1 654 Share kamni Gupta 27 Aug 2016 · 1 min read श्याम मन में बसी श्याम की मनमोहक काया। सजे अधर पे बंसी सुर मधुर सजाया। भूली सब काम-धाम मैं देखो सखियो; मोर-मुकुट संग ह्रदय क्यों हाय लगाया। धुन मधुर बजाता और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share kamni Gupta 27 Aug 2016 · 1 min read खामोश जब मैं हो जाऊंगा खामोश जब मैं हो जाऊंगा। न फिर तुमको नज़र आऊंगा। अब तो कहते हो चले जाओ; यादें मगर ऐसी मैं दे जाऊंगा। बदल जाएगा वक्त और हालात; हर जगह नज़र... Hindi · कविता 516 Share kamni Gupta 16 Aug 2016 · 1 min read प्रकृति प्रकृति के प्रकोप से सहम गया इन्सां मंज़िल भी पुकारे पर राहें करती हैरां पग-पग आज़माइश है पर न हो परेशां कभी घने कोहरे कभी हिम के निशां चेहरे भी... Hindi · कविता 463 Share kamni Gupta 16 Aug 2016 · 1 min read वक्त के आगे जो झुकते नहीं हैं वक्त के आगे जो झुकते नहीं हैं। गल्त रास्ते जो चुनते नहीं हैं। भले विरोध मिले कुछ अपनों का भी पर अच्छाई से पीछे हटते नहीं हैं। खुद के हौंसलों... Hindi · कविता 484 Share kamni Gupta 15 Aug 2016 · 1 min read कविता या कहानी नहीं कैसे कह दूं मैं कोई कहानी। न मैं कोई कवि न मैं कोई ज्ञानी।। चंद लफ्ज़ों में कैसे कह दोगे उसकी ज़िन्दगी कहीं। इन्सान है वो कोई कविता या कहानी... Hindi · शेर 684 Share kamni Gupta 13 Aug 2016 · 1 min read मेरा वतन 1-सरहद पर जब जब दुशमन ने वीरों को ललकारा है। बड़ते रहे कदम वीरों के लगाया भारत मां का जयकारा है। 2-अपने तिरंगे की खातिर अपनी जान भी दे जाएंगे।... Hindi · शेर 729 Share kamni Gupta 10 Aug 2016 · 1 min read कह न पाए १-वो बातें अकसर घायल करती रही! चाह कर भी न कह पाए जो हम कभी!! २-मिलकर भी रह जाती हैं कुछ तो हसरतें बाकि! तुम बार बार यूं हमें दिल... Hindi · शेर 1 335 Share kamni Gupta 10 Aug 2016 · 1 min read हसरतें हसरतें दिल में लिए न खामोश रहो तुम कह भी दो अधरों से न रहो खुद में गुम मौसम तो यूंही पल-पल बदलते रहेंगे मगर न फिर आएंगे बीते पल... Hindi · मुक्तक 353 Share kamni Gupta 6 Aug 2016 · 2 min read हमारा देश बात जब देश की हो तो हर देशवासी अपने देश को प्रगति की राह में जाते हुए आगे बड़ते हुए और समृद्ध देखना चाहता है। पर न चाहते हुए भी... Hindi · लेख 536 Share kamni Gupta 4 Aug 2016 · 1 min read खामोश अकसर जब भी मैं रहता हूँ खामोश अकसर जब भी मैं रहता हूँ। तुम समझते हो मैं चुप ही रहता हूँ। हर बार शब्दों का शोर नहीं मुमकिन इसलिए कभी यूं आँखों से भी कहता हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share kamni Gupta 4 Aug 2016 · 1 min read शेर बाँट सकूं गम तुम्हारे बस इतनी सी तमन्ना है! खुशियों में गर शामिल न करो तो कोई गम नहीं है!!! रहते हैं संग-संग बहते हैं संग- संग,फिर भी जाने क्यों... Hindi · शेर 1 636 Share kamni Gupta 4 Aug 2016 · 1 min read जिस दिन सरहद पर जाऊंगा बाल कविता बन सिपाही जिस दिन सरहद पर जाऊंगा! दुशमन को फिर उस रोज़ मज़ा चखाऊंगा! मां तुम रोना मत गर वापिस न आऊं मैं ! देश का अपने पर... Hindi · कविता 669 Share kamni Gupta 1 Aug 2016 · 1 min read जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं। कांटे उनकी राहों से खुद हट जाते हैं । है मान हमें अपनी सभ्यता पर भी जैसे आओ गुण औेंरों के हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share kamni Gupta 31 Jul 2016 · 1 min read देश के वीरों को सलाम है सलाम देश के वीरो तुम्हें शत शत नमन तुम्हीं से कायम आन खिला है यह चमन देश की हिफाज़त बस तुम्हारा ही काम न हो विश्व के भाल की... Hindi · मुक्तक 644 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read कौन किसी के लिए रोता है कहीं चाहतों का असर बेशुमार होता है। पर सच में कौन किसी के लिए रोता है। बदल भी ले कोई राहें अपनी मर्ज़ी से मगर काटता वही इन्सान जो वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read चेहरा मेरा आया होगा मेरे जिक्र ने तुमको भी पल-भर के लिए चौंकाया होगा। घड़ी भर के लिए सही पर चेहरा मेरा याद आया होगा। किस्सा पुराना कह कर तुमने तो दामन झाड़ लिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 432 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read कुछ गीला लिखा नहीं है कागज़ पर कुछ गीला लिखा नहीं है। शायद कोई दर्द नया मिला नहीं है। स्याही भी बिखर जाती थी शब्दों की पर ज़ख्म कभी हमने वो सिला नहीं है। मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 374 Share kamni Gupta 29 Jul 2016 · 1 min read जिसे चाहकर भी भुलाया न गया दिल से जिसे चाहकर भी भुलाया न गया। आँखों में भी उन्हें फिर छुपाया न गया। महकते गुलो की थी महकती सी खुशबू उनसे भी ज़ख्म दिल का मिटाया न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 482 Share kamni Gupta 29 Jul 2016 · 1 min read मैं सिपाही सरहदों को सुरक्षित रखता रहा! खुद को यूंही समर्पित करता रहा!! भेद नहीं आया जाति पंथ का! सबको बस इन्सान समझता रहा!! संभल जाओ अब भी न करो वैर! एकता... Hindi · कविता 639 Share kamni Gupta 28 Jul 2016 · 1 min read सोचता हूँ कभी कभी सोचता हूँ कुछ शब्दों से परे! हो कोई ऐसा भी जो बस खामोशी को समझे!! हम तो सितारों की तमन्ना में रहे तुम तो चांद ठहरे! आसमां से... Hindi · कविता 1 340 Share kamni Gupta 27 Jul 2016 · 1 min read शेर टूटने लगी हैं सभी जंजीरे अब यूं भी, परिंदों के पर काट कर भी क्या पाओगे।।। सितारों को नहीं शौक है खुद पे इतराने का, हौंसला देते हैं वो तो... Hindi · शेर 522 Share kamni Gupta 27 Jul 2016 · 1 min read आधुनिक नारी( हास्य कविता ) आधुनिक नारी, यह तो है सब पे भारी। कोई न पाए पार,ऐसी इसमे होशियारी। जीवन इसका व्यस्त बहुत हो दिन चाहे रात मोबाईल पे चला ऊंगलियां है बहुत मारामारी। फैशन... Hindi · कविता 2 2 8k Share kamni Gupta 26 Jul 2016 · 1 min read ज़िन्दगी है खूबसूरत ज़िन्दगी, सब जानते यह बात फिर क्यों गँवाते हैं इसे, प्रभु से मिली सौगात जो जान लेता भेद यह, पा जाए फिर वो पार खुशियां कहीं गम का... Hindi · मुक्तक 344 Share Page 1 Next