kamni Gupta Tag: ग़ज़ल/गीतिका 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid kamni Gupta 19 Jun 2020 · 1 min read हर शख्स अब मुझसे दूर हुआ जाता है। दिल क्यों ये मगरूर हुआ जाता है। तेरे इश्क पे अब गुरूर हुआ जाता है। लिखी जो चंद ग़ज़लें तुम पर फिर; शायर ये देखो मशहूर हुआ जाता है। दिखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 275 Share kamni Gupta 11 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आया रदीफ़-जाए चलो मुकदर को फिर से यूं आज़माया जाए। खुद की काबिलियत पर गौर फ़रमाया जाए। वो पन्ने जिन पर कुछ लिख न पाए थे इक रोज़; उनको तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 353 Share kamni Gupta 18 May 2020 · 1 min read स्तिम मैं चुपचाप सहता तो अच्छा था। जो राज़ था वो बस राज़ ही मैं रखता तो अच्छा था। तुमने छोड़ा मेरा हाथ पर, मैं कुछ न कहता तो अच्छा था। न मालूम था ये राज़, खुल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 456 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read चेहरा मेरा आया होगा मेरे जिक्र ने तुमको भी पल-भर के लिए चौंकाया होगा। घड़ी भर के लिए सही पर चेहरा मेरा याद आया होगा। किस्सा पुराना कह कर तुमने तो दामन झाड़ लिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 395 Share kamni Gupta 15 Feb 2017 · 1 min read लगता है ! लगता है दिल हाथ से जाता रहेगा। नगमें मुहोब्बत के गाता रहेगा। तुम रूठ जाओ कभी तो ऐ सनम; दिल यह तुम्हें यूं ही मनाता रहेगा। आती नहीं शोखियां हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 292 Share kamni Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल कभी कभी खुद को यूं समझाना चाहिए। सोच समझ कर दिल कहीं लगाना चाहिए। कुछ लोग समझते हैं खुद को ही भग्वान; आइना उनको भी कभी दिखाना चाहिए। आएगी इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 283 Share kamni Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल हवाएं भी कहीं नदी का रुख बताती तो हैं। खामोशी से ही मगर पैगाम दे जाती तो हैं। तुम क्या समझोगे लहरों की इस बेचैनी को; रह रह कर साहिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 252 Share kamni Gupta 9 Jul 2016 · 1 min read याद इक किस्सा पुराना आ गया याद इक किस्सा पुराना आ गया। सामने बीता ज़माना आ गया। अब न कोई देख उनको पाएगा आँसुओं को मनाना आ गया। जीतने का था हुनर उसको पता यूं उसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 9 568 Share kamni Gupta 22 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल(आजकल) आजकल कुछ ऐसा दस्तूर हो गया है। पैसा ही सब का जी हुजूर हो गया है। रिश्तों में अब पहले जैसा नहीं अपनापन; शोहरत का ही बस सबको गुरूर हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 337 Share kamni Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read सच यह भी झुठला नहीं सकता ! बात दिल की बता नहीं सकता। गीत भी गुनगुना नहीं सकता। तुम तो ठहरे भंवरे के जैसे ; गुलों के खिला नहीं सकता। बाद मुद्दत के मिले हो तुम; चाहकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 306 Share kamni Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल सुख दुख का मिश्रण यह संसार है। मिलता मुशकिल से सच्चा प्यार है। कर दे कुर्बान खुद को जो वतन पर; ऐसा कोई ही होता दिलदार है। मुँह से निवाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share kamni Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read बेटियां हर जगह अपना नाम कमा रही हैं बेटियां। घर की ज़िम्मेदारी उठा रही हैं बेटियां। ब्याह के जब यह मायके को छोड़ जाती हैं; ससुराल में भी फर्ज़ निभा रही... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 749 Share kamni Gupta 28 Aug 2016 · 1 min read तिरंगा जीवन तो है आना जाना। अपने फर्ज कभी न भुलाना। अपने वतन पर मिटेंगे हम; कभी न कदम पीछे हटाना। जो जां काम न आए वतन पर; कैसे मां का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 603 Share kamni Gupta 8 Jul 2016 · 1 min read ज़िन्दगी गुज़रती होगी कहीं बंद किवाड़ों में भी आरज़ू सिसकती होगी। अपने अरमानों को पूरा करने को तरसती होगी। कुछ बेड़ियां यूं बेवजह ही कायम थी मगर रह रहकर उनमें बगावत सी मचलती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 404 Share kamni Gupta 27 Aug 2016 · 1 min read श्याम मन में बसी श्याम की मनमोहक काया। सजे अधर पे बंसी सुर मधुर सजाया। भूली सब काम-धाम मैं देखो सखियो; मोर-मुकुट संग ह्रदय क्यों हाय लगाया। धुन मधुर बजाता और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 458 Share kamni Gupta 4 Aug 2016 · 1 min read खामोश अकसर जब भी मैं रहता हूँ खामोश अकसर जब भी मैं रहता हूँ। तुम समझते हो मैं चुप ही रहता हूँ। हर बार शब्दों का शोर नहीं मुमकिन इसलिए कभी यूं आँखों से भी कहता हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share kamni Gupta 1 Aug 2016 · 1 min read जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं। कांटे उनकी राहों से खुद हट जाते हैं । है मान हमें अपनी सभ्यता पर भी जैसे आओ गुण औेंरों के हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read कौन किसी के लिए रोता है कहीं चाहतों का असर बेशुमार होता है। पर सच में कौन किसी के लिए रोता है। बदल भी ले कोई राहें अपनी मर्ज़ी से मगर काटता वही इन्सान जो वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read कुछ गीला लिखा नहीं है कागज़ पर कुछ गीला लिखा नहीं है। शायद कोई दर्द नया मिला नहीं है। स्याही भी बिखर जाती थी शब्दों की पर ज़ख्म कभी हमने वो सिला नहीं है। मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 327 Share kamni Gupta 29 Jul 2016 · 1 min read जिसे चाहकर भी भुलाया न गया दिल से जिसे चाहकर भी भुलाया न गया। आँखों में भी उन्हें फिर छुपाया न गया। महकते गुलो की थी महकती सी खुशबू उनसे भी ज़ख्म दिल का मिटाया न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 450 Share kamni Gupta 8 Jul 2016 · 1 min read चाँद तुमको समझने लगे हैं। वो तूफानों से यूूं दूर रहने लगे हैं। संभल के बहुत वो चलने लगे हैं। मिला जब से फरेब अपनो से है हर कदम पे रूक के चलने लगे हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share