kalipad prasad Language: Hindi 82 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 kalipad prasad 19 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका बन्दे का काम घेर, उसूलों ने ले लिया है गलतियाँ रहस्य, बहानों ले लिया |१ वो बात जो थी कैद तेरे दिल की जेल में आज़ाद करना काम अदाओं ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share kalipad prasad 12 Dec 2016 · 1 min read दोहे नोट बंद जब से हए, लम्बी लगी कतार बैंकों में मुद्रा नहीं, जनता है लाचार | लम्बी लम्बी पंक्ति है, खड़े छोड़ घर बार ऊषा से संध्या हुई, वक्त गया... Hindi · दोहा 255 Share kalipad prasad 8 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल कुछ को लगा कि नाव डूबता नज़र आ रहा है तो कोई अपनी सत्यता का गीत गाता रहा है | तो कोई माँगता है हक़ तमाम संपत्ति स्वामित्व फिर इंदिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share kalipad prasad 7 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल कमजोर जो हैं तुम उन्हें बिलकुल सताया ना करो खेलो हँसो तुम तो किसी को भी रुलाया ना करो | दो चार दिन यह जिंदगी है मौज मस्ती से रहो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share kalipad prasad 21 Nov 2016 · 1 min read दोहे प्रभु मेरे क्या हो गया, पटरी नीचे ट्रेन स्वर्ग सिधारे लोग सौ, यात्री हैं बेचैन | बच्चे हुए अलग अलग, सन्तति बिन माँ बाप मिली सजा निर्दोष को, किसका है... Hindi · दोहा 419 Share kalipad prasad 12 Nov 2016 · 1 min read कविता सागर पर्वत दरिया पादप, सुंदर हर झरना नाला थे सुन्दर वन जंगल जैसे, हरा पीला फूल माला | शुद्ध हवा निर्मल जल धरती, सब प्रसाद हमने पाया काला धुआँ दूषित... Hindi · कविता 473 Share kalipad prasad 11 Nov 2016 · 1 min read गीतिका गीतिका पदांत –है , समान्त –इले, मात्रा प्रति पद – २४ लगता तो यही कि हम पहली बार मिले हैं मिलना विछुड़ना जन्म जन्म के सिलसिले हैं | चाहता रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 432 Share kalipad prasad 3 Nov 2016 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका ग़ज़ल अवाम में सभी जन हैं इताब पहने हुए सहिष्णुता सभी की इजतिराब पहने हुए | गरीब था अभी तक वह, बुरा भला क्या कहें घमंडी हो गया ताकत के... Hindi · कविता 231 Share kalipad prasad 1 Nov 2016 · 1 min read गीत मिटटी से मेरा जनम हुआ, मिटटी में मिल जाता हूँ छोटी सी है जिंदगी मगर, जगत को जगमगाता हूँ | दीवाली हो या होली हो, प्रात:काल या सबेरा जब भी... Hindi · गीत 413 Share kalipad prasad 29 Oct 2016 · 1 min read गीतिका /गजल परीक्षा जिन्दगी की, हल को बारम्बार पढ़ लेना अनूठी जिन्दगी है यह, सही आधार पढ़ लेना |१ कभी ऊपर कभी नीचे, कभी चलती समानांतर बिना घबराये तुम धीरज से, जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 484 Share kalipad prasad 22 Oct 2016 · 1 min read सरहद हम हैं जवान रक्षक देश के, अडिग जानो हमारा अहद, प्रबल चेतावनी समझो इसे, भूलकर पार करना न सरहद | अत्याचार किया अबतक तुमने, हमने भी सहन किया बेहद, सर्जिकल... Hindi · कविता 1 446 Share kalipad prasad 19 Oct 2016 · 1 min read दो मुक्तक स्वदेश : जन्मभूमि को कभी भूलो नहीं, यही है स्वदेश पढ़ लिख कर हुए बड़े, तुम्हारा परिचित परिवेश एक एक कण रक्त मज्जा, बना इसके अन्न से कमाओ खाओ कहीं,... Hindi · मुक्तक 458 Share kalipad prasad 14 Oct 2016 · 1 min read तुकांत कविता हम हैं जवान रक्षक देश के, अडिग जानो हमारा अहद, प्रबल चेतावनी समझो इसे, भूलकर पार करना न सरहद | अत्याचार किया अबतक तुमने, हमने भी सहन किया बेहद, सर्जिकल... Hindi · कविता 1 4k Share kalipad prasad 6 Oct 2016 · 1 min read गीतिका/ग़ज़ल गीतिका ----नौ दुर्गा –प्रार्थना बहर: २१२२ २१२२ २१२२ २१२ रदीफ़ : चाहिए ; काफिया : “आ” नौ दिनों की माँग भक्तों की माँ सुनना चाहिए वे बुलाते तो माँ उनके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share kalipad prasad 2 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका ना करो ऐसे कुछ, रस्म जैसे निभाती हो आरसी भी तरस जाता, तब मुहँ दिखाती हो | छोड़कर तब गयी अब हमें, क्यों रुलाती हो याद के झरने में आब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 626 Share kalipad prasad 1 Oct 2016 · 1 min read दोहा-मुक्तक दोहा मुक्तक © आरम्भ हुआ आज से, गरबा नाच धमाल गाओ नाचो साथ सब, है डांडिया कमाल मौज मजा का पर्व है, मधुर है लोक गीत हँसी ख़ुशी मस्ती करो,... Hindi · दोहा 724 Share kalipad prasad 29 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका थी जान जब तक वो लडे फिर जाँ लुटा कर चल दिये इस देश की खातिर वे खुद को भी मिटा कर चल दिये| लड़ते गए सब वीरता से टैंकरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share kalipad prasad 28 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक 28/९/२०१६ दुनिया जगमगाती है सूर्य के आने के बाद काला कफ़न फ़ैल जाता रवि के जाने के बाद मानव मन का कालापन ,अमावस्या से गहरा मन का तम मिटता है,... Hindi · मुक्तक 278 Share kalipad prasad 27 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल पेट को चाहिए खाद्य, नारा नहीं पेट जितने से भर जाय, सारा नही | भावना की कमी, जाँचना चाहिए भूखो को चाहिए खाना,चारा नहीं | सारे रिश्ते बिगड़ते हैं, तकरार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 452 Share kalipad prasad 24 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक नज़र जिधर घुमाओ, उधर रिश्ते है, गोत्रजन है रिश्ते बनाना आसान, उसे निभाना कठिन है रिश्ते में घोलो प्यार और विश्वास का मिठास फिर देखो, रिश्ते निभाना कितना आसान है... Hindi · मुक्तक 289 Share kalipad prasad 23 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका जो कुछ चाहिए सब बराबर रखा है मधुर मंजु चीजें सजाकर रखा है | तुम्हारी कसम है, हो तुम ही सहारा विगत पल की यादें, बचाकर रखा है | न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share kalipad prasad 22 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल वक्त आया महज़ फैसला चाहिए दुश्मनों से नहीं आँकड़ा चाहिए | घर में घुस कर पढ़ाना सबक लाज़मी लात के भूत को इंदिरा चाहिए | क्रोध को रोकना अब नहीं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 325 Share kalipad prasad 21 Sep 2016 · 2 min read पाकिस्तान मिट जायगा (कविता ) उरी में शहीद हुए,शहीदों को समर्पित पकिस्तान मिट जायगा ! कश्मीर होगा अब से देखो, भारत देश की शान पाकिस्तान का मिट जायगा, सभी नामो निशान | सोना, मरना एक... Hindi · कविता 4k Share kalipad prasad 20 Sep 2016 · 1 min read कविता बुद्ध, जैन, सिख, ईशाई, हिन्दू, मुसलमान सबका मत एक ही है, क्षमा ही महा दान | हर धर्म मानता है क्षमा, शांति का है मूल जानकर भी फैलाते नफरत, क्यों... Hindi · कविता 1 503 Share kalipad prasad 18 Sep 2016 · 1 min read हिन्दुस्तानी है हिन्दी आओ बच्चों तुम्हे पढ़ायें, सच्चे जीवन की बातें पढ़ते जाओ लिखते जाओ, पढ़कर ही आगे जाते | भारत गौरव गाथा गाओ, मिलकर नन्हे सब बच्चे लय में मिठास कोयल जैसा,... Hindi · कविता 356 Share kalipad prasad 17 Sep 2016 · 1 min read कविता कर्मणि अधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन भाग इंसान भाग तेरा भाग्य तभी उठेगा जाग, सुस्त पड़ा सोता रहेगा यह जग तेरे आगे निकल जायगा | यह शरीर मिला है तुझे इसका... Hindi · कविता 1 358 Share kalipad prasad 16 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका बहर २१२२ २१२२ २१२२ २१२ दोस्तों के वेश में देखो यहाँ दुश्मन मिले चाह गुल की थी मगर बस खार के दंशन मिले | यारों का अब क्या भरोसा, यारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share kalipad prasad 16 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका मापनी : १२२२ १२२२ १२२२ काफिया : आना , रदीफ़: है उमंगों की तरंगे यूँ छुपाना है विरह में गीत यूँ अब गुन गुनाना है | ये↓ लहरे तो उठेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share kalipad prasad 15 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका मापनी : १२२२ १२२२ १२२२ रदीफ़ - है , काफिया -आना उमंगों की तरंगे यूँ छुपाना है विरह में गीत यूँ अब गुन गुनाना है | ये↓ लहरे तो उठेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share kalipad prasad 14 Sep 2016 · 1 min read कुकुभ छंद और ताटंक छंद ( हिंदी दिवस पर ) कुकुभ छंद -२ देश की एकता, अखण्डता, सबकी वाहक है हिंदी भाव, विचार, पूर्णता, संस्कृति, सभी का प्रतिरूप हिंदी | आम जन की मधुर भाषा है, भारत को नई दिशा... Hindi · कविता 1 947 Share kalipad prasad 13 Sep 2016 · 1 min read दोहे सावन भारत में हर मास में, होता इक त्यौहार केवल सावन मास है, पर्वों से भरमार |1| रस्सी बांधे साख में, झूला झूले नार रिमझिम रिमझिम वृष्टि में, है आनन्द... Hindi · दोहा 496 Share kalipad prasad 9 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका एक ग़ज़ल आई जब तू जिन्दगी हँसने लगी तू मेरे हर सपने में रहने लगी | धीरे धीरे तेरी चाहत बढ़ गई देखा तू भी प्रेम में झुकने लगी |... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share Previous Page 2