Kumar Kalhans 142 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kumar Kalhans 11 May 2021 · 1 min read कोरोना काल। 1. कोरोना ने छीन लिया कितनों का सुख चैन। झोला भर ग़म दे दिया हुए सभी बैचैन। हुए सभी बैचैन न कोई राह सूझती। सांसे अटक रही हैं जन की... Hindi · कुण्डलिया 10 2 306 Share Kumar Kalhans 6 May 2021 · 1 min read खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 3 299 Share Kumar Kalhans 23 May 2021 · 1 min read जीजा जी । सन 1984 , 1985 की बात होगी।हम इलाहाबाद में 12 वीं में पढ़ते थे। अब इलाहाबाद में रहें और इलाहाबादी रंग न चढ़े तो इलाहाबाद का घोर अपमान। बंक मारकर... Hindi · लेख 13 305 Share Kumar Kalhans 14 Jun 2021 · 1 min read एक ही पल होता है टूटने का। एक ही पल होता है टूटने का , एक ही छण होता है बिखरने का, और ये एक ही पल , एक ही छण, अचानक ही नहीं आ जाता, इसके... Hindi · कविता 9 281 Share Kumar Kalhans 6 May 2021 · 1 min read कुंडलियां मित्रों तीन कुंडलियां आपके सम्मुख हैं। प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा है। 1. कविताई के रंग सब उस अबूझ का नूर। मन में जिसने रख दिया अक्षय भाव कपूर। अक्षय भाव कपूर... Hindi · कुण्डलिया 10 1 285 Share Kumar Kalhans 12 Jun 2021 · 2 min read आओ इश्को करम की बात करें, आओ तेरे सनम की बात करें। आओ इश्को करम की बात करें। आओ तेरे सनम की की बात करें। जिस्म जिसपर शबाब छाया है। बकौल तेरे रुआब आया है। आंखों में जिसके दो जहाँ तेरे। रूख़... Hindi · कविता 10 1 274 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2022 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 268 Share Kumar Kalhans 15 May 2021 · 1 min read मैं लेकर सब्र का इतिहास बैठा हूँ। मैं लेकर हसरतों और सब्र का इतिहास बैठा हूँ। मैं दरिया के किनारे लेके कब से प्यास बैठा हूँ। मुझे कूवत मेरी मालूम है मुंसिफ मैं कैसा हूँ। मगर मज़मा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 273 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2021 · 1 min read इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं। सेंक रहे वे रोटी हम सिंकवाते हैं। इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं। सदियों से कुछ सीख नहीं ले पाए हैं। सदियों से एक भूल वही दोहराए हैं। बटें... Hindi · गीत 10 1 258 Share Kumar Kalhans 9 Jun 2021 · 1 min read आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। हर जगह आपकी दरकार जरूरी तो नहीं। और भी खूब तरीके हैं फतह करने के। आपके हाथ में तलवार जरूरी तो नहीं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 260 Share Kumar Kalhans 26 May 2021 · 1 min read ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे। ऐसा बरसो तरस गए नयनों से पानी बरसे। धूप नहाई धरती का तन लावा जैसे तपता, रुछ पवन रेतीली आंधी बन नयनों में चुभता, धूसर सी लगती है भू की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 7 264 Share Kumar Kalhans 19 May 2021 · 2 min read साहेब की अंतर्दृष्टि। एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम को... Hindi · कहानी 12 269 Share Kumar Kalhans 13 May 2021 · 1 min read भेज रहा हूँ पास आपके ताजे ताजे गीत। भेज रहा हूँ पास आपके ताजे ताजे गीत। आगे आप निभाना अपनी संपादक की रीत। चाहो तो दे देना अपनी पुस्तक में स्थान , रद्दी की ढेरी में होने देना... Hindi · गीत 11 5 257 Share Kumar Kalhans 19 May 2021 · 1 min read खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा। खुशी तो आयी टुकड़े टुकड़े गम पर हरपल पास रहा। बस्ती में है उम्र गुज़ारी मगर वनवास रहा। सम्बन्धो के बियाबान में उलझे सुलझे रहे सदा। उबड़ खाबड़ भू पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 269 Share Kumar Kalhans 13 May 2021 · 1 min read जरा अदब से मुझसे मिला करो। तेरी मुफलिसी का जबाब हूँ जरा अदब से मुझसे मिला करो। मैं बीती रात का ख्वाब हूँ जरा अदब से मुझसे मिला करो। ***** तेरे लम्स जिसको उम्र भर तरसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 13 5 253 Share Kumar Kalhans 28 Jun 2021 · 1 min read मां और पिता के आंसू। मां और पिता के आंसू, क्या सयाने हो चुके बच्चों में, उतनी मार्मिकता उगा पाते हैं, जितना वे , माता पिता का ह्रदय गलाकर बाहर आते हैं, उत्तर पाने के... Hindi · कविता 2 346 Share Kumar Kalhans 9 May 2021 · 1 min read लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं। लोग कहते हैं बहुत बुरा हूं मैँ। और मैँ सोचता हूँ खरा हूं मैं। मुझको सहरा समझने वालों। पास आओ बहुत भरा हूँ मैं। कुछ बदतमीजों से बना ली दूरी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 1 243 Share Kumar Kalhans 17 May 2021 · 1 min read हाँ मैं दोमुंहा हूं। हाँ मैं दोमुंहा हूँ, जानना चाहते हो क्यों, क्योंकि तुम अनेकमुहाँ हो, मैं तुमसे कमीनगी में , कभी जीत ही नहीं सकता, इसका अहसास होता , उसके पहले ही दोमुंहा... Hindi · कविता 13 246 Share Kumar Kalhans 5 Jun 2021 · 1 min read सूरज रोज नहीं आएगा। सूरज रोज नहीं आएगा। जब तक है तब तक किरणों से अपने मन की झोली भर लो, अंधियारा घिरने से पहले सतरंगी रंगोली कर लो, संचय किया हुआ ये सब... Hindi · गीत 9 2 244 Share Kumar Kalhans 5 May 2021 · 1 min read जहाँ इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों। जहां फूलों की शक्लों में कभी काटें न उगते हों, जहां रिश्तों के आईने न पल भर में चटकते हों, ऐ मेरे दिल कहीं पर हो अगर ऐसी जगह तो... Hindi · कविता 11 1 240 Share Kumar Kalhans 15 May 2021 · 1 min read मरना पड़ता है। हम रोज, थोड़ा थोड़ा , मरते हैं, जब किसी को , कुछ अप्रिय कह देते हैं, जब अपने किसी, संबधी को , स्वयं से दूर कर देते हैं, भले ही... Hindi · कविता 11 1 236 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 1 min read पानी की तरह बनना सीखो। पानी की तरह बनना सीखो। जैसा निसर्ग देता अवसर वैसा व्यवहार यह करता है, जैसी स्थितियों से मिलता अनुरुप उन्हीं के रहता है, अन्यायी पर जल प्रलय बनो जब प्रेम... Hindi · गीत 2 223 Share Kumar Kalhans 13 Jul 2021 · 1 min read वो इक पूजनीय हैं। उनका बहुत है नाम वो इक पूजनीय हैं। उनको करो प्रणाम वो इक पूजनीय हैं। ***** उनका जो जपो नाम हर बाधाएं दूर हों। करवाएंगे सब काम वो इक पूजनीय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share Kumar Kalhans 25 Dec 2021 · 1 min read आएगा एक दिन क़ज़ा बनकर। प्यार बरसा है फिर सबा बनकर। वो आ गया दर्द की दवा बनकर। *** बद्दुआओं को दे रहा दावत। कैसा बागी है वो दुआ बनकर। *** इश्क की सारी नेमते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2023 · 1 min read प्याला। मधु की तो बात निराली है। प्याला यह कैसे कह पाए। वह सदियों से ही खोज में है। पर शब्द उचित न वह पाए। ..... तन की दुर्बलता देख कहे।... Hindi · कविता 266 Share Kumar Kalhans 26 Aug 2022 · 1 min read सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। मतला: सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। लेकिन उनमें लोग अकेले देखे हैं। ** गर्द उड़ाती भीड़ के रेले देखे हैं। सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। **... Hindi · ग़ज़ल 2 1 217 Share Kumar Kalhans 15 May 2021 · 1 min read तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है। तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है। इस कदर यह आसमां नाराज़ क्यो हैं। --- देखिये क्या है निग़ाहों की गली में। कमज़ोर होती जा रही आवाज़ क्यों है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 1 214 Share Kumar Kalhans 19 May 2021 · 1 min read पीड़ा कैसे समाप्त होती है। पीड़ा कैसे समाप्त होती है, समय के साथ साथ, मन वृछ पर लगा वह पत्ता, जिस पर पीड़ा अंकित थी, शनैः शनैः सूख कर, पीत वर्ण धारण कर , स्मृति... Hindi · कविता 12 200 Share Kumar Kalhans 30 Jul 2021 · 1 min read इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को। ज़ुर्म में शिरकत किया तो उम्र भर ढोना पड़ा। खून से अपने ही अपनी रूह को धोना पड़ा। -– तख़्त ताजों की हवस में बन गए शैतान हो। और क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 205 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2023 · 1 min read प्याला। क्यों दुर्बल खुद को समझ रहा। तू अमित शक्ति की हाला है। हर तत्व समाहित हैं तुझमें। तू इसीलिए तो प्याला है। ..... निजता जब भी बिसरायी है। आंचल को... Hindi · कविता 200 Share Kumar Kalhans 9 Aug 2022 · 1 min read मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता। रोज सुबह लाली में तेरे मुखड़े की आभा पाता हूँ। आंख खोलते ही मैं तुमको याद करूँ औ' मुस्काता हूँ।... Hindi 218 Share Kumar Kalhans 2 Jun 2021 · 1 min read कितने ग़मगीन हैं जमाने में। कितने ग़मगीन हैं जमाने में। देखिये जा सुरूर खाने में। एक सच हम नहीं बता पाते। जिंदगी बीतती बहाने में। खुद ही बनते हैं खोटा सिक्का हम। और फिर गर्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 187 Share Kumar Kalhans 15 May 2023 · 1 min read बेहयाई हया का नया नाम है। बेहयाई हया का नया नाम है। मामला अब यहां सब सरेआम है। खूब जोड़ी हमारी बड़ा नाम है। मैं भी बदनाम हूं वह भी बदनाम है। बेवफा ने दिया मुझको... Hindi · ग़ज़ल 257 Share Kumar Kalhans 19 Jan 2023 · 1 min read किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। मुझे परवाह नहीं तुमने जो पत्थर समझा। ** अलहदा नजरें हैं सबका अलग नजरिया है। किसी ने बूंद को ही पूरा समंदर समझा।... Hindi · गजल 1 2 232 Share Kumar Kalhans 21 Aug 2022 · 1 min read जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूं। जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूँ मैं नहीं शंकर हलाहल जिसके कण्ठों में समाया निर्मलित हैं नेत्र जिसके नीलकंठी जो कहाया एक साधारण मनुज हूँ कैसे... Hindi · गीत · नवगीत 171 Share Kumar Kalhans 20 Aug 2022 · 1 min read अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ। अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ। जग प्रकाश कारागार में हुआ। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी रही। देवकी न पुनः देवकी रही। व्यर्थ कंस के सभी प्रयास थे। सूत्र जबकि सारे उसके हाथ... Hindi · कविता 168 Share Kumar Kalhans 3 May 2023 · 1 min read प्याला। खुद में आनंद का सोता है अनुपम यह जीवन हाला है। ज्ञानी जन कहते सदियों से अनजान मगर यह प्याला है।। जो प्यास बढ़ती जाती है यह हाला किसने ढाली... Hindi · कविता 252 Share Kumar Kalhans 20 Aug 2022 · 1 min read रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी। इश्क जब करने लगोगी तुम कहां रह जाओगी। मैं न कहता था की खुद से बेखबर हो जाओगी। सादगी में भी तुम्हारा हुस्न इक तलवार है। रंग तुम जिस रोज... Hindi · शेर 197 Share Kumar Kalhans 19 Apr 2023 · 3 min read अंगवस्त्र एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... Hindi · कहानी 1 186 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2022 · 1 min read किसी की आंख का आंसू। किसी की आंख का आंसू किसी की आंख में देखा। तड़पती कामनाओ को सुलगती राख में देखा। किसे झर जाना कहते हैं किसे मिट जाना कहते हैं। बिखरती कलियों को... Hindi · मुक्तक 1 153 Share Kumar Kalhans 30 Apr 2022 · 1 min read जाने क्यों उससे ही अदावत थी। जिसके दामन में मेरी राहत थी। जाने क्यों उससे ही अदावत थी। ---------- जिंदगी से नहीं मिला था तब। जिंदगी से बहुत शिकायत थी। ----------- मुझमे ज़िद थी नहीं जवाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 150 Share Kumar Kalhans 3 Mar 2023 · 1 min read मान लें। मान लें गुस्ताखियां तो पाक हो जाते हैं लोग। रौशनी पहलू में ले शफ़्फ़ाक हो जाते हैं लोग। ***** कई सदियाँ लगती हैं नज़रों में आने के लिये। एक लम्हे... Hindi · ग़ज़ल 168 Share Kumar Kalhans 12 Apr 2022 · 1 min read मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 127 Share Kumar Kalhans 28 Sep 2022 · 1 min read कोई शौक नहीं मेरी ज़रूरत है शायरी। रौशन करे उस नूर की सूरत है शायरी। कोई शौक नहीं मेरी जरुरत है शायरी। .................... ये साथ न देती तो उनमें डूब ही जाता। ज़ज़्बात बह निकलने की सूरत... Hindi · ग़ज़ल 1 2 188 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 1 min read नजरों से नजरें मिलाना आ गया। नजरों से नजरें मिलाना आ गया। हमको भी पीना पिलाना आ गया। ** टीस दी है खामुशी के संग दी। आपको भी दिल दुखाना आ गया। ** सारे ही बेवकूफ... Hindi 130 Share Kumar Kalhans 23 Sep 2022 · 1 min read महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। सारी ही गलतियां मेरी तुमको पता नहीं। महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। ** मसरूफ़ सभी लोग घरों के हैं इस तरह। अब कोई आए जाए किसी को पता... Hindi 1 2 137 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। पेड़ जलते हुए नदियों को है प्यासा देखा। .... जान आती नहीं कितने भी शानदार बनें। बुत बनाएं हैं पत्थरों को तराशा... Hindi · ग़ज़ल 2 2 140 Share Kumar Kalhans 23 Apr 2023 · 1 min read प्याला। जीवन क्षणभंगुर भय जिसको क्षण भर भी न जी पाता है। वह रहे ज्योति के मध्य किंतु उसको दिखता सब काला है।। प्याले के मादक हाव भाव इतनी मदिरा छलकाते... Hindi · कविता 136 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · गीतिका 1 1 152 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read नदी आप नदी को चाहे जितना सिकोड़ सकते हैं, मन भर निचोड़ सकते हैं, क्योंकि नदी अपने प्रेमी के बल से बल पाती है, उसी के बरसते स्नेह के बल पर... Hindi 1 216 Share Previous Page 2 Next