Kumar Kalhans Tag: गीत 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumar Kalhans 27 May 2024 · 1 min read मुश्किल है अपना मेल प्रिय। मुश्किल है अपना मेल प्रिय। तुम व्हाट्सएप पर लगी रहो, मैं एफबी पर ही रहता हूं, तुम स्टेटस में उलझी हो, मैं लाइक्स गिनता रहता हूं, जीवन भर चलने वाला... Hindi · गीत 16 Share Kumar Kalhans 26 May 2024 · 1 min read आंसुओं से अपरिचित अगर रह गए। आंसुओं से अपरिचित अगर रह गए, तो हंसी में सरसता नहीं आएगी, भाव के बादलों से न पहचान हो, तो नदी में तरलता नहीं आएगी। ठोकरों से हैं भरपूर राहे... Hindi · गीत 18 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read ढल गया सूर्य फिर आएगा। ढल गया सूर्य फिर आएगा। माना संध्या गहराएगी, फिर रात उतर कर आएगी, लेकर काले रंग को रजनी पूरे जग को नहलाएगी, पर भोर सभी को धो देगी इक चिन्ह... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 17 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read पीले पत्ते दूर हो गए। पीले पत्ते दूर हो गए। हरी डाल की हरियाली में, इनका काफी योगदान था, जब तक किरणे सोख रहे थे, इनका काफी मान दान था, समय आ गया है अब... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 20 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read खुद को समझ सको तो बस है। खुद को समझ सको तो बस है। भटक भटक कर थक जाओगे, चाहत कुछ है कुछ पाओगे, जो पाया संतोष करो भी, अपने मन को समझाओगे, बाहर मरूथल का शासन... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 20 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read आज अकेले ही चलने दो। आज अकेले ही चलने दो। पथ परिचित है पीर पुरानी, पर उसमें कुछ बात अजानी, आज न तुमसे बांट सकूंगा, अनजाने दुख की हैरानी, मेघों से अच्छादित नभ में आज... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 19 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read संभवतः अनुमानहीन हो। संभवतः अनुमानहीन हो, ये जग कितना एकाकी है। दीयों का मेला दिवाली, वे समूह में मुस्काते हैं, दूर से देखो तो लगता है, एक ही सुर में सब गाते हैं,... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 22 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read परछाई उजली लगती है। परछाई उजली लगती है, कितना दुष्कर मलिन समय है। हम कितने काले हो सकते हैं, इसका अनुमान हो रहा, हम में कितना दोष भरा है, इसका कुछ कुछ भान हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 17 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है। हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है। हमने रखा है हलाहल को गले में, वासुकी को हमने है रस्सी बनाया, सामने न इंद्र के घुटने टिके हैं, हमने... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 21 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read उन्हें पुकारो। उन्हें पुकारो जिनके आने से, मन की पहचान खरी हो। मरुथल कोशिश भी कर लें पर , नागफनी ही दे पाएंगे, रेत ही जिनका मन हो तन में, नमी कहां... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 26 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read जीवन का त्योहार निराला। जीवन का त्योहार निराला। ढोलक की थापों के भीतर, शहनाई का राग करुण है, मरुथल के हिर्दय में बसता, सपनो का संसार वरुण है, खिलखिल रंगो के हिरदय में, छिपा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 26 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read यूं ही रंग दिखाते रहिए। यूं ही रंग दिखाते रहिए। ठोकर खायी है बहुधा पर भूल गया और कदम बढ़ाए, याद अगर सब कुछ रखे तो कैसे कोई आगे जाए, मुझे याद रह जाए सब... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 28 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read धोने से पाप नहीं धुलते। धोने से पाप नहीं धुलते। गंगा यमुना के संगम पर या गंगा सागर तट जाओ, तन धोकर शुद्ध किया खुद को तुम अपने मन को बहलाओ, इतनी आसानी से लेकिन... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 26 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read दुनिया चतुर सयानी बाला। दुनियां चतुर सयानी बाला। अपने मादक हाव भाव से फुसलाती है बहलाती है, जब उसकी माया चल जाती खूब हमें यह उलझाती है, पीकर जिसे छोड़ना मुश्किल ऐसी सोम सुरा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 26 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए। कर्ज़ जिसका है वही ढोये उठाये। देवकी के अश्रु से गोकुल क्यों भीगे, क्यों यशोदा की व्यथा हो देवकी की, गोपियों के प्रेम को मथुरा क्यों समझे, जान क्यों पाए... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 25 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read यही रात अंतिम यही रात भारी। यही रात अंतिम यही रात भारी। आनंद अतिरेक अनुपम अबोला, अदभुद ही आएगा प्राची से डोला, कण कण सुवासित प्रभासित करेगा, उपहार लाएगा किरणों का मेला, वंचित न कर देना... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 27 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं। अपने हठयोग से नभ को झुकाया है, गर्वीला सागर भी हाथ जोड़ आया है, जीवन से भर दिया हाथों को फेरकर, प्रस्तर कठोर को मोम सा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 20 Share Kumar Kalhans 22 Jan 2024 · 1 min read यही रात अंतिम यही रात भारी। यही रात अंतिम यही रात भारी। आनंद अतिरेक अनुपम अबोला, अदभुद ही आएगा प्राची से डोला, कण कण सुवासित प्रभासित करेगा, उपहार लाएगा किरणों का मेला, वंचित न कर देना... Hindi · गीत 72 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं। अपने हठयोग से नभ को झुकाया है, गर्वीला सागर भी हाथ जोड़ आया है, जीवन से भर दिया हाथों को फेरकर, प्रस्तर कठोर को मोम सा... Hindi · गीत 106 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read इक जीवन दो रूप हमारे। इक जीवन दो रूप हमारे, इक मन है इक तन है अपना दोनों में संघर्ष है कितना, साथ हैं आए साथ है जाना एक रहें पर कोई विधि ना, इक... Hindi · गीत 199 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं। हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं। चैन का खाता बिन दमड़ी का पर धनवान बने फिरते हैं। नदी लपेटे घूम रहे हैं , पर होठों से... Hindi · गीत 101 Share Kumar Kalhans 9 Nov 2022 · 1 min read मुझको मुस्काने का हक है। मुझको मुस्काने का हक है। मैं फूल बन चुका हूं पहले मेरे सपने छूकर देखो। मुझमें पराग उत्पन्न हुआ मेरे अपने होकर देखो। मैं मानव हूँ इतने से ही मुझको... Hindi · गीत 2 2 65 Share Kumar Kalhans 21 Aug 2022 · 1 min read जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूं। जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूँ मैं नहीं शंकर हलाहल जिसके कण्ठों में समाया निर्मलित हैं नेत्र जिसके नीलकंठी जो कहाया एक साधारण मनुज हूँ कैसे... Hindi · गीत · नवगीत 176 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 1 min read पानी की तरह बनना सीखो। पानी की तरह बनना सीखो। जैसा निसर्ग देता अवसर वैसा व्यवहार यह करता है, जैसी स्थितियों से मिलता अनुरुप उन्हीं के रहता है, अन्यायी पर जल प्रलय बनो जब प्रेम... Hindi · गीत 2 229 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है। बरस रही हो बरखा रानी पर आग़ाज़ अलग है। बीते कुछ बरसों से तेरा रंग अंदाज़ अलग है। कहीं कहीं पर बूंदे झरतीं कहीं कहीं पर पत्थर, कहीं खुशी की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 1 567 Share Kumar Kalhans 7 Jun 2021 · 1 min read विश्वासों ने पार उतारा। विश्वासों ने पार उतारा। संदेहों के सागर गहरे विश्वासों की नाव हठीली, विचलित किया बहुत लहरों नें लेकिन अपनी राह न भूली, मधुर पलों के टापू आये समय सिंधु था... Hindi · गीत 8 391 Share Kumar Kalhans 6 Jun 2021 · 1 min read भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं। भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं। बूँदे झरतीं मेघों से बन धाराएं बहती हैं। इन ऊंचे पर्वत का जैसे पति ये सावन ही हो। कभी तो लगता ऐसे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 3 423 Share Kumar Kalhans 5 Jun 2021 · 1 min read सूरज रोज नहीं आएगा। सूरज रोज नहीं आएगा। जब तक है तब तक किरणों से अपने मन की झोली भर लो, अंधियारा घिरने से पहले सतरंगी रंगोली कर लो, संचय किया हुआ ये सब... Hindi · गीत 9 2 249 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2021 · 1 min read इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं। सेंक रहे वे रोटी हम सिंकवाते हैं। इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं। सदियों से कुछ सीख नहीं ले पाए हैं। सदियों से एक भूल वही दोहराए हैं। बटें... Hindi · गीत 10 1 264 Share Kumar Kalhans 29 May 2021 · 1 min read मृत्यु के साये में राह जीवन चले। मृत्यु के साए में राह जीवन चले। आँख खुलते ही मिलता अँधेरे का भय, उत्तरोत्तर बढ़त है की होता है क्षय, काल के राहू केतू डगर में मिलें, मध्य आकाश... Hindi · गीत 11 3 316 Share Kumar Kalhans 28 May 2021 · 1 min read रेलगाड़ी रेलगाड़ी मित्रों सम्भवतः आपको स्मरण हो कि पिछले वर्ष एक रेलगाड़ी अपने गंतव्य से अलग दूसरे स्टेशन पर पहुँच गयी थी और वह भी दस घण्टे अतिरिक्त समय लेकर। वह पूरा... Hindi · गीत 9 4 491 Share Kumar Kalhans 26 May 2021 · 1 min read ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे। ऐसा बरसो तरस गए नयनों से पानी बरसे। धूप नहाई धरती का तन लावा जैसे तपता, रुछ पवन रेतीली आंधी बन नयनों में चुभता, धूसर सी लगती है भू की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 7 270 Share Kumar Kalhans 13 May 2021 · 1 min read भेज रहा हूँ पास आपके ताजे ताजे गीत। भेज रहा हूँ पास आपके ताजे ताजे गीत। आगे आप निभाना अपनी संपादक की रीत। चाहो तो दे देना अपनी पुस्तक में स्थान , रद्दी की ढेरी में होने देना... Hindi · गीत 11 5 265 Share