JITESH BHARTI CG Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid JITESH BHARTI CG 19 Nov 2025 · 1 min read मैं उन्हें भी दुआ देता हूँ जो लोग मुझे ग़लत समझ बैठे, शायद उनके नज़र के शीशे धुंधले थे। मैं तो दिल से साफ़ था साहब , पर उनके अंदाज़ में कुछ फ़ासले थे। मैं मुस्कुराता... Hindi · Hindi_poetry_हिंदी_कविता · कविता · जितेश भारती 1 29 Share JITESH BHARTI CG 11 Jul 2025 · 1 min read कविता: "भूखे थे, कुछ खिला दो, मैं फ़कीर तुम-सा" कविता: "भूखे थे, कुछ खिला दो, मैं फ़कीर तुम-सा" भूखे थे, कुछ खिला दो, मैं फ़कीर तुम-सा, ना तिजोरी है, ना मोती, ना जमीं-ख़ुदा-सा। चूल्हा भी है ठंडा, और थाली... Hindi · Best Hindi Kavita · Jitesh Bharti · कविता · कोटेशन · लघु कथा 120 Share JITESH BHARTI CG 20 Jun 2025 · 1 min read #10।। परीक्षा का डर (कविता: गुरु को समर्पित) परीक्षा का डर (कविता: गुरु को समर्पित) जब परीक्षा पास में आती, दिल की धड़कन तेज हो जाती। न दिन में चैन, न रात को नींद, सपनों में भी दिखे... Hindi · Chhattisgarhi · Hindi_poetry_हिंदी_कविता · कविता · जितेश भारती · रस 1 68 Share JITESH BHARTI CG 26 Apr 2025 · 1 min read *मन के रंग * एक नई कविता हिंदी मन के रंग मन के कोरे कागज पर, ख्वाबों की रंगोली भर दूँ, धूप अगर तपती आए, छाँव की चादर मैं कर दूँ। चुप्पी की गलियों में जाकर, बातों की... Hindi · कविता · कविता-हिन्दी · जितेश भारती · ज़िन्दगी 2 115 Share JITESH BHARTI CG 23 Apr 2025 · 1 min read बिन मांगे दे दो तुम प्रेम मुझे नई हिंदी कविता :___ दे दो तुम प्रेम मुझे बिन मांगे दे दो तुम प्रेम मुझे तेरे प्रेम का मैं एक ही प्रेमी हूँ प्रिये। तेरी आँखों में जो सपना... Hindi · Chhattisgarhi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · जितेश भारती 2 149 Share JITESH BHARTI CG 23 Apr 2025 · 1 min read पूर्णिका -04"नई सुबह की चाह" एक नई हिंदी कविता: "नई सुबह की चाह" चुप हैं साँझ के रंग अभी, नींद में डूबे हैं सब पंछी, तारों की बातों में कुछ राज़ है, रात के आँचल... Hindi · कविता · जितेश भारती · नई कविता 1 107 Share JITESH BHARTI CG 19 Apr 2025 · 1 min read ""हमर गाँव"" एक नई छत्तीसगढ़ी कविता — गाँव के जीवन पर आधारित: "हमर गाँव" हमर गाँव के बात निराला, हरियर खेत अउ बगिया वाला। माटी म खुशबू कस परे, मन ल भा... Chhattisgarhi · कविता · छत्तीसगढ़ी कविता · जितेश भारती · हिंदी 302 Share