जगदीश लववंशी 526 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश लववंशी 21 Jun 2017 · 1 min read परोपकार दिशा दिशा से यही पुकार, सबसे ऊपर है परोपकार, करते भला तो होता भला, भागती दूर सारी बुरी बला, यही गाते है सब वेद पुराण, मानव सेवा सबसे बड़ा प्रण,... Hindi · कविता 3k Share जगदीश लववंशी 2 Sep 2017 · 1 min read बिटिया रानी बड़ी सयानी बिटिया रानी बड़ी सयानी, थोड़ी सी नटखट करती शैतानी, जब जब देखूँ मधुर मुस्कान, अधरों से खिल उठते खुशी के गान, होती जागृत नई नई चेतना, जग की सारी दूर... Hindi · कविता 1 2k Share जगदीश लववंशी 3 Aug 2017 · 1 min read मेरी नन्ही परी नन्ही सी प्यारी सी हमारी परी, हम सब की है वाे राज दुलारी, जब छमछम गूंजे उसकी पायल, सुनकर सब हाे जाते उसके कायल, काेयल सी प्यारी उसकी मीठी बाेली,... Hindi · कविता 2k Share जगदीश लववंशी 23 Oct 2017 · 1 min read आस्था और विश्वास यह हैं आस्था और विश्वास, जिससे जुड़ी सबकी श्वास, सदियों की हैं यह आस्था, प्रेम प्यार स्नेह की व्यवस्था, आनंद उत्साह का है संगम, जिससे दूर होते हैं सारे गम,... Hindi · कविता 2k Share जगदीश लववंशी 2 Jul 2018 · 1 min read कर्म ही पूजा है । कर्म ही पूजा, फिर नही कोई दूजा, कर्म ही धर्म, फिर नही कोई शर्म, कर्म से जुड़े रिश्ते, फिर मिलते फरिश्ते, कर्म ही प्रधान, फिर नही कोई समान, कर्म सेवा... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 25 Jul 2017 · 1 min read आज है हरियाली अमावस्या आज है हरियाली अमावस्या, देखाे धरती की बदली है काया, प्रकृति ने ओढी हरि चुनरिया, नजाराे ने आंखाे काे लुभाया , चहक उठे पंछी, झूम उठे पंथी, महक उठे फूल,... Hindi · कविता 2 2 1k Share जगदीश लववंशी 24 Oct 2020 · 1 min read नवरात्रि पर दोहे (१) घर-घर माँ की वंदना, आया है नवरात्र । मंदिर-मंदिर हो रहे, स्थापित मंगल पात्र ।। (२) देखो खूब धूम मची, माता के दरबार । सारे भक्त बोल रहे, माता... Hindi · दोहा 3 1k Share जगदीश लववंशी 8 Dec 2018 · 1 min read सफाई कर्मी नित्य रवि से पहले हम जागे, सब खुश रहे यही दुआ मांगे, गली गली साफ करते, घर घर से कचरा उठाते, धरा को सुंदर बनाते, सर्दी गर्मी हम सहते, बिना... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 12 Jul 2020 · 1 min read गौ माता वेद पुराण सब कहते, घर में पालो गाय । सुख समृद्धि खूब मिलती, उत्तम हैं व्यवसाय ।। जो खाते हैं दूध घी, पास न आए रोग । आयुर्वेद यह कहता,... Hindi · दोहा 5 3 1k Share जगदीश लववंशी 1 Nov 2018 · 1 min read माँ बिना जीवन नही माँ रहती है जहाँ, स्वर्ग बन जाता वहाँ, माँ बिना जीवन नही, ममता और प्यार नही, माँ बिना नही संसार , माँ बिना नही है सार, माँ ही शब्दों का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 49 1k Share जगदीश लववंशी 14 Sep 2021 · 1 min read मिट्टी मेरे गाँव की मिट्टी मेरे गाँव की, जब तन से लगती। बचपन की हर याद, फिर से महक उठती।। बिन बोले ही, सब कुछ याद दिलाती। मुझको हर पल, फिर से पास बुलाती।।... Hindi · कविता 1 1k Share जगदीश लववंशी 29 Jul 2017 · 1 min read कविता हैं मन का भाव कविता है मन का भाव, भरती है जीवन के घाव, जब हाेने लगती कांव कांव, याद आता मुझकाे मेरा गांव, वाे कहां गयी कागज की नाव, कहां गये पाेथी पढ़ने... Hindi · कविता 1 1k Share जगदीश लववंशी 17 Mar 2017 · 1 min read बचपन की होली कहाँ हैं बचपन की वो होली, साथ खेलने वाली हमजोली, उछल कूद करनेवाली मस्ती, कहाँ गयी वो प्रेम की कस्ती, याद आते वो मिट्टी के खिलौने, प्यारे प्यारे मेरे साथी... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 29 Jun 2017 · 1 min read मन मत हो उदास मन मत हो इतना उदास, समय नहीं किसी का दास, आज बीत कर बन जाएगा कल, होगा सुख में आने वाला पल, हंसी हो ना जाए कहीं गुम, जगा उत्साह... Hindi · कविता 1 1k Share जगदीश लववंशी 1 Jan 2020 · 1 min read कुछ यादें कुछ बातें कुछ यादें कुछ बातें, साथ मेरे रहती । समय गुजर जाता, वे संग संग चलती ।। हर्ष हो या विषाद हो, हो पथ पर चाहे जंग । सुनहरी होती यादें,... Hindi · कविता 3 1k Share जगदीश लववंशी 15 Apr 2020 · 1 min read माटी का कर्ज जिस माटी में जन्म लिया, चुकाना उसका कर्ज है । देश हित में सोचना , यह हम सबका फर्ज है ।। हर भारत वासी खुश रहे, यही ईश से अर्ज... Hindi · कविता 1 1k Share जगदीश लववंशी 12 Dec 2021 · 1 min read गाँव की सुंदरता हरियाली यह गाँव की, देती बहुत सुकून। मन प्रसन्नता से भरे , दिल में खिले प्रसून।। सुनकर चिड़ियों की चहक, सब जाता मैं भूल। कितनी सुंदर प्रकृति हैं, खिले चहुँओर... Hindi · दोहा 1 1 1k Share जगदीश लववंशी 10 Jan 2017 · 2 min read बलराम द्वापर में जब पाप बड़ा, धरा पर भारी, आये शेष नाग ,रख रूप मनुष्य धारी, त्रेता में अनुज बनकर, तुम चले संग राम, अतुलित बाहु बल, इस युग के हों... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियां मंदिर मस्जिद टेका माथा, कर मिन्नतें सबको साधा, तब….. एक छोटी सी नन्ही कली, मेरे घर आँगन में खिली, लाई संग खुशियां हजार, जीवन में आयी नई बहार, वो हैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share जगदीश लववंशी 12 Apr 2019 · 4 min read !!! राम कथा काव्य !!! हे ! जग के ईश, पुकारता जगदीश । दे दो एक आशीष, चरणों मे नमन शीश । हे! गौरी पुत्र करता प्रणाम, निर्विघ्न पूर्ण हो यह काम । मैं छोटा... Hindi · कविता 2 1 1k Share जगदीश लववंशी 11 May 2021 · 1 min read मित्रों का संग लाए है हम तोहफा, कर लीजिए कबूल । अंतर्मन के शब्द हैं, कविता के ये फूल ।। जब होता मित्रों का संग, खुशियों के खिलते रंग, हर दिन उत्सव बन... Hindi · कविता 2 2 765 Share जगदीश लववंशी 24 Jun 2017 · 1 min read लवण असुर मधु सुत लवण था एक भयंकर असुर, ऋषि मुनियों को सताता डरते थे सुर, एक दिन पहुँचे च्वयन ऋषि राम दरबार, असुर के अत्याचारों से मच रहा हाहाकार, जब तक... Hindi · कविता 777 Share जगदीश लववंशी 4 Jul 2017 · 2 min read एकलव्य उस वीर की याेग्यता काे निखरने से पहले राेंद दिया, जाति की दुहाई देकर उसकाे ठुकरा दिया, आस्था थी उसकी , आपकी छवि काे गुरु बनाया, लक्ष्य और अभ्यास ने... Hindi · कविता 807 Share जगदीश लववंशी 15 Dec 2020 · 1 min read यही कोरोना का तोड़ हैं सूनी सूनी रोड़ है । सूना सूना मोड़ है । सब कह रहे है, यही कोरोना का तोड़ है ।। घर में रहो डटे । लोगो से रहो कटे ।... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 24 736 Share जगदीश लववंशी 25 Jun 2017 · 1 min read हरियाली चाँद तारे और गगन, फूल खुशबू और पवन, गा रहे मिलकर गीत, कितनी सुहावनी यह प्रीत, कर रहे भौरें गुंजन, झूम उठा आज निर्जन, देखो नाच रहा मयूर, रंग बिरंगे... Hindi · कविता 714 Share जगदीश लववंशी 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियां मंदिर मस्जिद टेका माथा, कर मिन्नतें सबको साधा, तब..... एक छोटी सी नन्ही कली, मेरे घर आँगन में खिली, लाई संग खुशियां हजार, जीवन में आयी नई बहार, वो हैं... Hindi · कविता 770 Share जगदीश लववंशी 1 Jan 2018 · 1 min read खुशी की लहर एक साल आता है, एक साल जाता है, कुछ रिश्ते बनते है, कुछ वादे टूटते है, यादें जाती है, बातें रह जाती है, जीवन पथ पर राही मिलते है, कुछ... Hindi · कविता 697 Share जगदीश लववंशी 20 Oct 2021 · 1 min read माता - पिता मात पिता के त्याग को, जाओ कभी न भूल। सुत को देते फूल हैं, खुद चुन लेते शूल।। मात पिता को मानता, बूढ़ेपन में भार । ऐसे सुत के जन्म... Hindi · दोहा 2 719 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2017 · 1 min read मत भूल हिन्दू नव वर्ष मना ले हैप्पी न्यू ईयर का हर्ष, पर मत भूल हिन्दू नव वर्ष, जनवरी का तू स्वाद चख, पर मत भूल चैत्र बैसाख, अंग्रेजी तू खूब पढ़ और बोल, पर... Hindi · कविता 680 Share जगदीश लववंशी 31 Jul 2021 · 4 min read समय एक समान नहीं रहता मोहन और सोहन दोनों साथ-साथ एक ही विद्यालय में पढ़ते थे । मोहन गरीब था, उसके पिताजी दूसरों के खेत पर काम कर ,अपने परिवार का पालन पोषण करते थे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 675 Share जगदीश लववंशी 2 May 2020 · 1 min read नभ की सैर आओ बच्चों करो न देर । चलते करने नभ की सैर ।। देखो टिमटिम करते तारे । लग रहे है कितने प्यारे ।। चमक रहे है चंदा मामा । सबके... Hindi · कविता · बाल कविता 1 4 643 Share जगदीश लववंशी 20 May 2017 · 1 min read गुरु की महिमा गुरु सेवा अति महान, ज्ञान देते सारा जीवन, भटको को दिखाते राह, नही उनकी कोई चाह, जहाँ पड़े गुरु की रज, बन जाये वो भूमि ब्रज, सारा जीवन परहित में... Hindi · कविता 638 Share जगदीश लववंशी 24 Oct 2017 · 1 min read मेरी व्यथा मैं किसे सुनाऊ अपनी व्यथा, यह तो घर घर की हैं कथा, एक तरफ ममता और स्नेह, दूजी तरफ प्रेम की चाह, मन रहता बहुत उदास, बन गया रिश्तों का... Hindi · कविता 652 Share जगदीश लववंशी 8 Nov 2020 · 1 min read परिवार-मिलन जब - जब हम मिलते है, खुशियों के फूल खिलते है, ख़ुशनुमा माहौल होता, रिश्ते प्रेम से महकते है, हट जाता सारा तनाव, प्रेम स्नेह की होती छाँव, प्रफुल्लित मन... Hindi · कविता 2 1 743 Share जगदीश लववंशी 9 Jul 2017 · 1 min read प्रणाम प्रथम गुरु को प्रणाम, जिसने जन्म दिया, अपने सुख को बिसराकर,ममता का आँचल फैलाया, द्वितीय गुरु को प्रणाम, जिसने चलना सिखाया, उँगली पकड़कर इस जहां को दिखाया, पूज्य गुरु को... Hindi · कविता 705 Share जगदीश लववंशी 7 Jun 2017 · 1 min read काली निशा कैसी है निशा तेरी नम्रता , कैसी है निशा तेरी विनम्रता, मैंने देखी निशा काली-काली, धड़क उठा दिल खाली खाली , जब घनघोर अंधेरा छाया , नहीं दिखती कोई काया,... Hindi · कविता 661 Share जगदीश लववंशी 29 Oct 2017 · 1 min read अदिति नंदन कश्यप सुत अदिति नन्दन, है आदित्य तुमको है नमन, संध्या और छाया के परमेश्वर, करता तुम्हारा वंदन है ईश्वर, यम यमुना शनि,मनु और ताप्ती के जन्मदाता, अभिनंदन तुम्हारा है विश्वकर्मा... Hindi · कविता 636 Share जगदीश लववंशी 14 Oct 2017 · 1 min read पहली किरण जब कुछ न सूझे, कोई न बूझे, जीवन बन जाये रण, तब राह दिखाती किरण, डाल डाल पंछी चहके, मधुबन फूलो से महके, मन्द मन्द पवन बहती, स्वर्णिम किरण निकलती,... Hindi · कविता 600 Share जगदीश लववंशी 12 Apr 2020 · 1 min read कभी आँसू टपके, कभी आँसू झलके कभी आँसू टपके । कभी आँसू झलके ।। जिंदगी एक संघर्ष है । कभी शोक कभी हर्ष है ।। कभी खुशियों के लगते मेले। कभी दुःख के होते झमेले ।।... Hindi · कविता 637 Share जगदीश लववंशी 20 Jul 2017 · 1 min read पचमढ़ी के मेले पचमढ़ी का है यह मेला, कर्तव्य पथ की यह बेला, पर्वत पर्वत पर हम चले, टेढे मेढे पथ है पथरीले, प्रकृति का है अद्भुत रुप, यहां शिव का है स्वरुप,... Hindi · कविता 683 Share जगदीश लववंशी 29 Jul 2017 · 1 min read जन्मभूमि हमारे पूर्वजाे की यह कर्मभूमि, उमरेड़ हैं हमारी जन्मभूमि, यहाँ की मिट्टी में घुला स्नेह, नही इस पर काेई संदेह, यह गांव हमारा है एक परिवार, मिलकर प्रेम से मनाते... Hindi · कविता 626 Share जगदीश लववंशी 26 May 2019 · 1 min read विकर्ण और कौरव सभा हाँ! वह वीर कौरव था, उसका अजब गौरव था, था धृतराष्ट्र का वह सुत, रक्त से वह पौरव था ।।1।। थी सभा वीरो से भरी, चुप थे सब पौरुषधारी, करुण... Hindi · मुक्तक 574 Share जगदीश लववंशी 12 May 2020 · 1 min read तितली.... तितली आई तितली आई । मन में खुशियाँ भर लाई ।। रंग बिरंगे पंख फैलाकर । फूल फूल से रस भरकर ।। देखो कितनी इठला रही । पल भर का... Hindi · कविता · बाल कविता 2 4 595 Share जगदीश लववंशी 15 Nov 2018 · 1 min read बचपन स्वर्ग समान देखो कितना प्यारा बचपन, मस्ती उमंग में सब है मगन, क्या धरा और क्या है गगन, लोभ मोह से अति दूर मन, उछल कूद करते हर क्षण, खुद ही राजा... Hindi · कविता 1 629 Share जगदीश लववंशी 17 Mar 2020 · 1 min read गाँव हमारा गाँव हमारा स्वर्ग समान , बसता यहाँ सारा जहान , होती भौर अति सुहावनी, लगती सबको लुभावनी , प्रेम स्नेह की गंगा बहती, हरियाली खूब लहराती, मंदिर में होती आराधना,... Hindi · कविता 1 620 Share जगदीश लववंशी 16 Aug 2019 · 1 min read मेहनत का फल मीठा बूँद -बूँद से ही घड़ा भरता, चलते चलते कछुआ जीतता, व्यर्थ नहीं होता कभी परिश्रम, मेहनत का फल मीठा होता, छोटा नही कोई काज, स्वयं पर हैं हमे नाज, दिन... Hindi · कविता 2 652 Share जगदीश लववंशी 8 Aug 2021 · 2 min read मेरा प्रिय साथी... ------------------------------------------------------ आज बरसों बाद मेरा साथी अचानक ही मेरे सामने आ गया , वैसे तो हरपल मेरे साथ ही रहता है । जहाँ जहाँ मैं गया, वह भी मेरे साथ... Hindi · लेख 2 560 Share जगदीश लववंशी 4 Jul 2017 · 1 min read मेरी नानी मेरी अच्छी नानी, सुनाओ न कहानी, इन्ही बाताे में गुजरा मेरा प्यारा बचपन, सब याद है, भूलूंगा नही चाहे उम्र हाे पचपन, कंधे पर तूने बिठाया, पैदल न चलने दिया,... Hindi · कविता 548 Share जगदीश लववंशी 25 Mar 2018 · 1 min read भीम पौत्र अंजनपर्वा सुनाता हूँ गाथा एक वीर की, कुरुक्षेत्र में हुए बलिदान की, चन्द्रवंश का था यह चंद्र, देख वीरता तारीफ करे इंद्र, भूरिश्रवा का जब सुना मरण हाल, अश्वत्थामा हुआ बड़ा... Hindi · कविता 557 Share जगदीश लववंशी 19 Oct 2020 · 4 min read उस रात के आँसू जुलाई का महीना था, विद्यालय खुल चुके थे । मोहन ने अपने गाँव से आठवीं की परीक्षा उत्तरीण करने के बाद शहर में आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए... Hindi · लघु कथा 2 568 Share Page 1 Next