जगदीश लववंशी 526 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next जगदीश लववंशी 19 Jan 2020 · 1 min read धूप को तरसते गमले बदल गए लोग, बदल गए भोग, नहीं रही वो हवा, नहीं रही वो दवा, नैतिकता बेअसर, घुला मजहबी जहर, भूल गए सब शांति, जगह जगह अशांति, बची न लोक लाज,... Hindi · कविता 2 1 555 Share जगदीश लववंशी 28 Apr 2020 · 1 min read भौर का नजारा आओ देखे भौर का नजारा । यह है प्राकृति का सहारा ।। बह रही है शुद्ध हवा । देखो बनकर एक दवा ।। न धुँआ है न कोई धूल ।... Hindi · कविता 1 4 573 Share जगदीश लववंशी 4 Sep 2022 · 1 min read काम का बोझ बोझ काम का बढ़ रहा, होती रोज थकान। बीत गए दिन बहुत से, बिन देखें मुस्कान।। नित नित पड़ती डांट है, चाहे कर लो काम। काम ख़त्म होता नहीं, हो... Hindi 3 566 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read परछाईं शाम काे है जाना, सुबह काे फिर है आना, सुख दुःख मे रहूं तेरे साथ, खुशी हाे या गम थामू हाथ, परछाई हूं , पर छायी हूँ, अंधेरे से घबरायी... Hindi · कविता 1 606 Share जगदीश लववंशी 30 Jun 2017 · 1 min read भारत भूमि हर जन्म में मिले तुम्हारा दर्शन, है भारत भूमि तुझको नमन, यहाँ की धरा हैं पावन, गाते हैं महिमा वेद पुरान, यहाँ धर्म संस्कृति की बहती धारा, अनेकता में एकता... Hindi · कविता 515 Share जगदीश लववंशी 19 Apr 2019 · 3 min read माँ द्वारा लगाया पेड़ 65 वर्ष का रामदीन, गर्मी के मौसम में थककर छाया देखकर खेत किनारे पेड़ के नीचे लेट जाता है । सोते सोते अपने बचपन मे चला जाता है, जब उसकी... Hindi · कहानी 1 602 Share जगदीश लववंशी 20 Apr 2020 · 1 min read कब आएगा शुभ समाचार ///शुभ समाचार/// कब आएगा शुभ समाचार । कब लाएगी भौर नई बहार । कब होगा दूर कोरोना रोग, जग में नित हो रहा हाहाकार ।। हम छोड़ चुके हाथ मिलाना... Hindi · मुक्तक 533 Share जगदीश लववंशी 15 Dec 2019 · 1 min read शुद्ध के लिए युद्ध देखो हमारी रैली चली चली। जागरूकता फैलाने गली गली। होगी मिलावट दूर हमने ठाना, कभी न जाएगी जनता छली।। प्रदेश छोड़कर भागेंगे मिलावटखोर । मिलेगा नहीं अब उनको कहीं ठौर।... Hindi · मुक्तक 2 531 Share जगदीश लववंशी 10 Apr 2021 · 1 min read मन का संशय.... मन का संशय मिटे नहीं, मन बड़ा चंचल रुके नहीं, ज्ञान के सम्मुख टिके नहीं, जब रहता खाली सुने नहीं, कर्म करते रहो, रुकना नहीं, सत्य के साथ बढ़ो, झुकना... Hindi · कविता 567 Share जगदीश लववंशी 14 Oct 2019 · 1 min read किसान देखो जमीन बिक गई, गिरवी रखे मकान । फसल देख किसान हुए, कितने आज परेशान ।। कितने आज परेशान, अपना भाग्य कोस रहे । मौसम जाता रूठ, कैसे किसान दुःख... Hindi · कुण्डलिया 3 2 517 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2021 · 1 min read साका श्याम जी की छत्री ------------------------------------------------------------------------- सुनो सुनो एक कहानी, जिसमे हैं राजा और रानी, लगती नहीं हैं यह पुरानी, सुनते जब भी हम जुबानी, साका श्याम की यह जागीर, पास बहता हैं निर्मल नीर,... Hindi · लेख 1 535 Share जगदीश लववंशी 26 Jul 2017 · 1 min read भीष्म वह वीर काैरव, चंद्रवंश का गाैरव, गंगा का दुलारा, परशुराम का प्यारा, अम्बा का दाेषी, पाण्डवाे का हितेषी, हस्तिनापुर का वट व्रक्ष वीर ब्रह्मचारी जिसके चाैडे वक्ष मात आज्ञा पर... Hindi · कविता 490 Share जगदीश लववंशी 2 Aug 2020 · 1 min read ओ ! बादल बरस जा प्यारे ओ बादल बरस जा प्यारे । हम सब तेरी राह निहारें ।। देख मेरा गया सावन सूखा । बारिश बिना उत्सव रूखा ।। कहाँ गए ओ बादल प्यारे । धरती... Hindi · कविता 3 5 566 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read दो जून की रोटी वाे राेती, ये राेटी, सुलगती राेटी, बेबसी की राेटी, लाचारी की राेटी, गरीबी की राेटी, आराम कभी नही चाहा, विश्राम कभी नही चाहा, गरीबी आेर लाचारी काे सहा, दाे जून... Hindi · कविता 488 Share जगदीश लववंशी 5 May 2020 · 1 min read संवाद -कोरोना के साथ जन:- कौन है कहाँ से चला, सच कह तेरा भेद । कितना निर्मम निर्दयी, होता तुझे न खेद ।। कोरोना:- मैं आया हूँ चीन से, लाया हूँ उपहार । आओ... Hindi · दोहा 2 2 485 Share जगदीश लववंशी 2 Feb 2021 · 1 min read तेरे प्यार ने बना दिया कवि... कुछ खत हमने भी लिखें , मोहब्बत के नाम। ऐसा स्नेह था दिल में, प्रेम लिया था थाम ।। यादों में आती एक सुंदर बाला, जिसके था चेहरे पर तिल... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 51 504 Share जगदीश लववंशी 7 Jul 2017 · 1 min read धरा रही कब से पुकार ओ आसमान के स्वामी देख जरा, कैसी मच रही उथल पुथल देख धरा, धरती पुत्र की सुन ले पुकार, दे दे थोड़ी सी वर्षा की फुहार, टूट कर बिखर रहे... Hindi · कविता 519 Share जगदीश लववंशी 5 Jul 2019 · 1 min read पेड़ ठंडी -ठंडी छाया देते, मीठे मीठे फल लगते, पंछियों का बनते बसेरा, सबको दिखाते नया सवेरा, फिर क्यू........... रोज रोज कट रहे, बंजर धरा सब कहे, मूक होकर सब सहे,... Hindi · कविता 1 515 Share जगदीश लववंशी 13 Apr 2020 · 1 min read बैठे बैठे अपने घर बैठे बैठे अपने घर, मन को मैं बहलाता हूँ । नए नए शब्दो से, रोज कविता लिखता हूँ ।। देश दुनिया की खबरों का, थोड़ा ज्ञान रखता हूँ । स्नेह... Hindi · कविता 3 531 Share जगदीश लववंशी 27 Oct 2020 · 1 min read दोहे मन को भाए 【१】 हम जी रहें दबाव में, होकर सदा उदास । कब तक हम बनकर रहें, भीरूपन के दास ।। 【२】 जो जन डरते है सदा, जगत डराए रोज । अपने... Hindi · दोहा 1 501 Share जगदीश लववंशी 5 Jul 2017 · 1 min read कहाँ गई मानवता . लाेग गाेरे मन काला, काम करें ये काला, भूल चले अपनी कला, माेह माया मे फसा गला, इंसान बटा,और बट गया प्यार, जाति बटी, और बट गया यार, सरहदे... Hindi · कविता 1 1 526 Share जगदीश लववंशी 17 Dec 2017 · 1 min read नारी पल पल बदले चेहरे, फिर भी न वो ठहरे, कदम मिलाकर चलती, मुड़कर न कभी देखती, वो है सबकी प्यारी, कहते उसको नारी, पढ़ा कही है वो नर्क का द्वार,... Hindi · कविता 466 Share जगदीश लववंशी 12 Jun 2020 · 1 min read तेरे नैन.... किसको ढूँढ रहें, होकर यूँ बेचैन । किसकी यादों में, नम हुए तेरे नैन ।। जो क्षण चले जाते हैं, वो लौटकर नहीं आते । मन की नहीं होती हैं,... Hindi · कविता 2 4 493 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2017 · 1 min read तुम आ जाओ कब होंगे मन के खेत हरे, कैसे अब विरह के घाव भरे, कब सुनाई देंगे खुशियों के गीत , कब मिलेगा मेरा प्यारा मीत, कितने ही गुजर गए बसंत, कब... Hindi · कविता 1 484 Share जगदीश लववंशी 6 Jul 2017 · 1 min read भौर हुई . उठ जाओ अब भाैर हुई, आंखे खाेलाे द्वार खड़ी परछाई, पक्षी सब चहचहाने लगे, साेये हुए सब सपनाे से जागे, रजनी अब समेट बिस्तर भाग चली, पनघट पर जमघट... Hindi · कविता 503 Share जगदीश लववंशी 29 Nov 2017 · 1 min read भूल जाऊँ अपनी वेदना रवि नित्य नूतन रश्मि लाता, फिर जग को रोशन करता, धरा का मिटाता वह अंधेरा, सबको दिखाता नया सवेरा, सुख हो या दुःख सदा चमकता दूर गगन, खुद जलता फिर... Hindi · कविता 457 Share जगदीश लववंशी 18 Mar 2017 · 1 min read किताब वह मेरी किताब हैं, वह मेरा ख़िताब हैं, वह सबसे निराली हैं, वह हमें रबसे मिली हैं, आवाज उसकी सुरीली हैं, वह मेरी प्यारी सहेली हैं, रहता हूं उसी में... Hindi · कविता 461 Share जगदीश लववंशी 7 Aug 2017 · 1 min read रक्षा बंधन *रक्षाबंधन* मास हैं सावन, त्यौहार हैं पावन, सजी हर कलाई, मिल रही बधाई, बहनों का प्यार, कितना हैं दुलार, लगा भाल तिलक, ठहर गए पलक, शब्द बने वचन, यह हैं... Hindi · कविता 460 Share जगदीश लववंशी 16 May 2021 · 4 min read बरसात की रात के आँसू जुलाई का महीना था, विद्यालय खुल चुके थे । मोहन ने अपने गाँव से आठवीं की परीक्षा उत्तरीण करने के बाद शहर में आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · लघु कथा 1 3 501 Share जगदीश लववंशी 26 Apr 2019 · 1 min read करुणामय जग जग को देख जग रोता है, दुःख देख आँसू बहाता है । कोई रोटी के लिए तरसता है, कोई अभावों में भी जीता है । हर बाग का फूल कहाँ... Hindi · कविता 527 Share जगदीश लववंशी 20 Mar 2020 · 1 min read चलते चलते कहाँ पहुँच गया चलते चलते कहाँ पहुँच गया, क्या सोचा था, क्या हो गया, खोजते खोजते सागर सुख का, मिल गया देखो दरिया दुख का , बढ़ी जो सुख की यह लालसा, दिखा... Hindi · गीत 2 452 Share जगदीश लववंशी 24 May 2018 · 1 min read अपना तन यह तन बड़ा सरल, कब बन जाता गरल, किसी को नही है पता, धूल धुँए का चहुँओर छाता, जल भी प्रदूषित, वायु भी प्रदूषित, खान पान में समाया कीटनाशक, मक्खी... Hindi · कविता 442 Share जगदीश लववंशी 4 Aug 2019 · 1 min read मित्र मन में जो हैं बसते, हर पल साथ रहते, सुख दुःख के साथी, जीवन राह के पंथी, वो खुशियों की बहार, जग सूना हैं बिन यार, सब खुश रहे मेरे... Hindi · कविता 3 480 Share जगदीश लववंशी 19 Oct 2018 · 1 min read समझो तुम दशहरा आया जब थम जाए बारिश, मौसम हो सर्द सरस, सुनाई दे माँ की जयकार, समझो तुम आया क्वार, खिल उठे जब कांस के फूल, उड़ने लगे धरा की धूल, अन्न से... Hindi · कविता 1 435 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2019 · 1 min read यादें कुछ बातें इधर उधर खोज रहा था, उनके चरणों की रज। लगता ऐसा कल की बात हो, ढल गए कितने ही सूरज ।। ये पेड़ ये शिला अब भी खड़े है, कुछ... Hindi · कविता 2 442 Share जगदीश लववंशी 5 Aug 2018 · 1 min read दोष दूर करे, वही दोस्त तुम्ही हो सुख का सागर, तुम्ही से है ज्ञान का भंडार, हर पथ का हो विश्वास, जुडी है तुमसे ही श्वास, गगन के हो तुम तारे, मेरे जीवन के सितारे,... Hindi · कविता 497 Share जगदीश लववंशी 5 Oct 2018 · 1 min read सब सुखी रहे, जग सुखी रहे सब सुखी रहे, जग सुखी रहे, लोभ मोह ईर्ष्या सब दूर रहे, सबका सम्मान करूँ, छोटा हो या बड़ा, पर उपकार हेतु सदा रहूँ खड़ा, सुबह शाम करूँ वंदना आपकी,... Hindi · कविता 489 Share जगदीश लववंशी 14 Jan 2022 · 1 min read मकर संक्रांति पर्व मकर राशि में सूर्य हो, तब आए यह पर्व । खुशियाँ मिलती पर्व से, सब करते फिर गर्व।।1 सबसे पहले कीजिए, उठकर जल्दी स्नान। पर्व मकर संक्रांति का, फिर दे... Hindi · दोहा 1 1 474 Share जगदीश लववंशी 27 Jun 2017 · 1 min read महाकाल दर्शन आये कर शिप्रा स्नान, किया प्रभू का गुणगान, दर्शन के लिये हम खड़े, पल पल हमारे पग बड़े, देखना है भस्म आरती, थाेड़ी शरारत और मस्ती, ताकि न आ पाये... Hindi · कविता 502 Share जगदीश लववंशी 13 Mar 2022 · 1 min read रिश्ता तेरा मेरा यह रिश्ता, बड़ा ही है गहरा। खुशियाँ समाए न, जब देखूँ तेरा चेहरा।। पास तेरे यूँ बैठकर, मिलता बहुत सुकून। मन के इस मंदिर में, खिल जाते है... Hindi · कविता 2 443 Share जगदीश लववंशी 9 Apr 2018 · 1 min read वह डाली का फूल वह डाली का फूल, देखो कितना रहा फूल, भौरें भी कर रहे गुंजन, झूम उठा आज निर्जन, हवा चल रही मन्द मन्द, फैल रही चहुँओर सुगंध, धरा पर रवि रहा... Hindi · कविता 466 Share जगदीश लववंशी 6 Apr 2019 · 1 min read माँ का दरबार शुभ दिवस यह आया हैं , संग खुशियां हजार लाया हैं । चलो चले माँ के दरबार में, लगाने भक्ति का अम्बार । जब करते मन से देवी दर्शन, दूर... Hindi · गीत 516 Share जगदीश लववंशी 8 Sep 2020 · 1 min read मैं तुझको देखता.... मैं तुझको देखता, तू मुझको देखता, इस तरह अपना यह जीवन बीतता, बदल रहा तू भी हर घड़ी, रोज निगाहें तुझ पर गड़ी, सुख दुःख का नहीं असर, शान से... Hindi · कविता 3 4 442 Share जगदीश लववंशी 23 May 2020 · 1 min read बढ़े चलो बढ़े चलो... बढ़े चलो बढ़े चलो वीर तुम बढ़े चलो, यह घड़ी इम्तिहान की यह सीख ले चलो, हो रहा जो बचाने जीवन का संघर्ष, फिर से आएंगे दिन भरे हुए हर्ष,... Hindi · कविता 1 2 451 Share जगदीश लववंशी 9 Jun 2020 · 1 min read कागज की कश्ती कागज की कश्ती कितनी ही सजा लो, एक दिन गल जाएगी यह जान लो, यह पहचान लो..... क्यों ? फिर तुम इतना मोह रखते हो, क्यों ? फिर किसी को... Hindi · कविता 4 571 Share जगदीश लववंशी 21 Mar 2020 · 1 min read देश माँगता हमसे वचन आगे आए बचाने वतन, देश मांगता हमसे वचन, ये शत्रु बड़ा ही विकट, आ गया हमारे निकट, संभल जाए झटपट, करिए नहीं छल कपट, मानवता को बचाने आगे आए,, अपनी... Hindi · कविता 2 1 484 Share जगदीश लववंशी 23 Oct 2020 · 4 min read उफनता नाला उफनता नाला ----------------------------------------------------- मोहन ने अपनी पढ़ाई पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ पूर्ण की थी । पढ़ाई के साथ- साथ घर का खर्च चलाने हेतु छोटे- मोटे बहुत सारे... Hindi · कहानी 1 438 Share जगदीश लववंशी 8 Dec 2021 · 1 min read दोहे मन को भाए खुल जाए बंधन सभी, भज ले तू श्री राम। पत्थर भी सब तर गए, लिखें हुए प्रभु नाम ।।1 जब कोई राह न दिखे, तम हीं तम चहुँओर। एक आस... Hindi · दोहा 462 Share जगदीश लववंशी 20 May 2020 · 1 min read जीवन गीत खुशी लेना खुशी देना, है यही जीवन गीत, सुख आते दुःख आते, फिर जाते है बीत, कोई रोता कोई हँसता, यही जीवन की रीत , कोई अपना कोई पराया, ऐसी... Hindi · कविता 6 2 443 Share जगदीश लववंशी 28 Jun 2020 · 1 min read बारिश की आस.. सहते सहते उमस को, लोग हुए बेहाल । बारिश की अब आस में, बैठे अपने हाल ।। आषाढ़ अब बीत रहा, देखे सावन राह । होगी धरा हरी भरी, ऐसी... Hindi · कविता 2 2 432 Share Previous Page 2 Next