Vinit kumar Language: Hindi 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Vinit kumar 25 Aug 2021 · 1 min read मरने के सपने अपने मरने के सपने सजाए हुए हैं फूलो का हार तस्वीर पे लटकाए हुए हैं खुद ही कर लिए आखिरी दिन मुकर्रर और किस किस को बताए हुए __हैं ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 419 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read दिल हारा नहीं होगा विनीत सिंह शायर किसी के प्यार में खुद को लूटा दूं यहां तक तो ठीक है कोई लूट जाए मेरी मोहब्बत में मुझको गवारा नहीं होगा एक ही बार का तजुर्बा काफी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read बेईमान बहोत हैं इंसानियत गिर चुकी है बहोत, आप में थोड़ी भी ईमान बहोत है चलना था दूर पर चल ना सके, साथ हमारे सामान बहोत है आपको पाने में खो दिए हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read हम बदनाम बहोत हैं काफ़ी कुछ तो किया नहीं है बाकी करना काम बहोत है बोतल हमारा रहने दे रख साक़ी उसमे जाम बहोत है देखकर हमें लोग बोलते हैं "शराबी " बाक़ी सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read खूबसूरत बहोत हैं इंसान अब इंसान कहां है, यहां पत्थर की मूरत बहोत है झूठी बातें फिर कभी, मैडम आप खूबसूरत बहोत हैं इस दुनिया को किस हद तक है, मुझे नहीं मालूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 154 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read दिल के ही अहसास बहोत है दिल से दिल मिलाने को दिल के ही अहसास बहोत है दूर मत जाइए आप इस दिल को आपसे आस बहोत है मौक़ा है मौसम है हाल ए दिल बयां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share Vinit kumar 18 Aug 2021 · 1 min read भुलाने के लिए दुनिया छोड़ दिए हम जिनको पाने के लिए उनको दुनिया काफ़ी नहीं आज़माने के लिए कोई दरिया पाकर भी बेचैन भटक रहा है हमें इक कतरा ही काफी है प्यास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 181 Share Vinit kumar 18 Aug 2021 · 1 min read बिजलियाँ गिराने वाली है किसी एक रिश्ते में बंधकर मत रह जाइएगा ये उमर तो आपकी बिजलियाँ गिराने वाली है औरों के साथ ही सही मौका हमें भी मिले हमारे दिल का भी इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 144 Share Vinit kumar 16 Aug 2021 · 1 min read बेमौसम बरसात आप के चले जाने के बाद खींच लाई आप तक आपही की याद खींच लाई किस को जाना था मस्जिद में जनाब एक बहुत पुरानी फ़रियाद खींच लाई कब के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 325 Share Vinit kumar 16 Aug 2021 · 1 min read असल तमाशा माहौल को ज़रा गरम करेंगे बेशरम लोग भी शरम करेंगे महफ़िल छोड़ के जानेवाले रुक तमाशा असल तो अब हम करेंगे तुम ने देखा है मेरा ज़ख़्म होना देख ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 297 Share Previous Page 2