हिमांशु Kulshrestha Language: Hindi 51 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु Kulshrestha 26 Aug 2024 · 1 min read तुम्हारे साथ ने.. तुम्हारे साथ ने कभी मुझे असमर्थता, अकेलेपन का आभास नहीं होने दिया.... तुम्हारा दूर रह कर भी हर घड़ी मेरे पास होने का एहसास मुझे अनन्त सम्भावनाओं की प्रेरणा देता... Hindi · कविता 57 Share हिमांशु Kulshrestha 26 May 2024 · 1 min read वो एक शाम वो एक शाम जब आभासी दुनिया के फ़लक पर, पहली बार देखा तुम को अच्छा लगा था बरसों की खामोशी के बाद दिल ने चाहा कुछ शब्दों को बुनना, चुन... Hindi · Quote Writer 163 Share हिमांशु Kulshrestha 23 May 2024 · 1 min read अंतर्द्वंद.. इश्क़ ओ मोहब्बत के फ़साने गढ़ने जब बैठता हूँ दिल के एक कोने से मुझे सुनाई देती है, कुपोषण के शिकार शिशुओं का क्रंदन कानों में चुभती हैं अनगिनत माँओं... Poetry Writing Challenge-3 66 Share हिमांशु Kulshrestha 22 May 2024 · 1 min read याद है तुम्हे.. याद हैं तुम्हें वो लम्हे.. जब तुम होती थीं, मैं होता था, यूँ कहो कि हम होते थे कुछ वादे होते थे आँखों आँखों में बातेँ होती थीं लब ख़ामोश... Poetry Writing Challenge-3 1 46 Share हिमांशु Kulshrestha 22 May 2024 · 1 min read किताब ए दिल दिल की किताब का एक अनलिखा, कोरा वर्क हो तुम होठों से मेरे बेसबब बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम भरना चाहता हूँ रंग मोहब्बत की स्याही से तुम ही ख़्वाब... Poetry Writing Challenge-3 46 Share हिमांशु Kulshrestha 21 May 2024 · 1 min read रात का रक्स.. रात का रक्स बाकी है दिल को तुमसे मिलने की उम्मीद बाकी है, आसमाँ की आँखों में बन कर दिया सितारों का टिमटिमाना जारी है रक्स कर रही रोशनी चाँद... Poetry Writing Challenge-3 42 Share हिमांशु Kulshrestha 21 May 2024 · 1 min read इस अजब से माहौल में इस अजब से माहौल में भाव बिखरते जा रहे हैं शब्दों ने खो दी है अपनी चमक श्रम वीर के पसीने की बेकदरी हुई है हर युग में अफ़सोस, नर... Poetry Writing Challenge-3 55 Share हिमांशु Kulshrestha 20 May 2024 · 1 min read कोसों लंबी ख़ामोशी, कोसों लंबी ख़ामोशी, पसरी सी, लिपटी एक तन्हाई सब तो है आसपास फिर क्यों सन्नाटा कुंडली मारे बैठा है जीवन में खता क्या रही मेरी बस ये.. मैं सब का... Poetry Writing Challenge-3 1 44 Share हिमांशु Kulshrestha 19 May 2024 · 1 min read नींद, ख्वाब नींद, ख्वाब और ख्याल हर्जाई है, इनका, होना क्या और... खोना क्या.!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 54 Share हिमांशु Kulshrestha 18 May 2024 · 1 min read चाँद ज़मी पर.. ज़रा ठहरो तो नज़र भर के देख लूँ तुम को ज़मीन पे चांद कहाँ हर रोज उतरता है हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 87 Share हिमांशु Kulshrestha 17 May 2024 · 1 min read तुम.. आंखों में सजा कर अनगिनत सपने अपने दिल में बसाया था तुमको सपने ही तो थे.... टूटना था, टूट गए आज भी, मगर तन्हाई के लम्हों में तुम्हारा ख्याल आ... Poetry Writing Challenge-3 1 75 Share हिमांशु Kulshrestha 16 May 2024 · 1 min read तेरी यादों का बेहद जिद्दी है तेरी यादों का सिलसिला कभी पल पल तो हर पल कभी कभी हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 56 Share हिमांशु Kulshrestha 15 May 2024 · 1 min read टूट कर सदाएं भी बिलख उठीं तड़प कर मोहब्बत जो टूट गई बिखर कर हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 48 Share हिमांशु Kulshrestha 15 May 2024 · 1 min read सुनो न.. बहुत शोर करती है ख़ामोशी जब तुम ख़ामोश होती हो हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 30 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read कैसे भूल जाऊँ कैसे भूल जाऊँ उस लम्हे को जब तुम ने सर रख कर मेरे कांधे पर जन्मों जन्म साथ रहने का वायदा किया था खायीं थी कसम कई कई बार कैसे... Poetry Writing Challenge-3 42 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read तुम.. कितना भी मसरूफ क्यूँ न कर लें हम ख़ुद को हवा के झोंके सी यादें तुम्हारी चली आती हैं तन्हाइयों में मेरी सोंधी सी खुशबु तेरे बदन की महका जाती... Poetry Writing Challenge-3 37 Share हिमांशु Kulshrestha 13 May 2024 · 1 min read तेरी याद.. ख्यालों से लिपटा तेरी यादों का कोहरा, सामने रखी चाय की प्याली उस से उठता धुआं तुम्हारी यादें और.... धुंध में उभरता चेहरा तेरा!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share हिमांशु Kulshrestha 12 May 2024 · 1 min read दिल.. तड़पता भी है दिल तो कभी बहकता भी है दिल तुझ को क्यों खुदा समझता है ये दिल महक महक उठती हैं साँसे धड़क उठता है दिल समेटना चाहे तुझे... Poetry Writing Challenge-3 52 Share हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हें यूँ ही मैं तुम्हें यूँ ही प्यार नहीं करता... मेरे हर दिन का उजाला हो तुम मेरी हर रात की चाँदनी मेरे जज्बातों का नूर हो तुम तुम से ही तो है... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read क्या करोगे.. ख़बर है तुम्हारी नाराज़गी की ए हुज़ूर ग़र ये रात आखिरी हुई हमारी तो क्या करोगे, जब हम ही ना रहेंगे तब नाराज़गी का क्या करोगे ... हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 39 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read कशमकश.. बड़ी अजीब सी कशमकश से रूबरू हूँ मैं अल्फाजों में ही बस समेट दूँ तुमको या फिर रूह में अपनी उतार लूँ मैं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 49 Share हिमांशु Kulshrestha 9 May 2024 · 1 min read ज़िद.. कितनी मासूम सी ज़िद थी उनकी इश्क़ तो करो उनसे पर, उम्मीद ए वफ़ा नहीं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share हिमांशु Kulshrestha 8 May 2024 · 1 min read सुकून.. किस क़दर सुकून है तन्हा रह जाने में न फ़िक्र किसी की, न अहसान न दिल के टूट जाने का डर!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 47 Share हिमांशु Kulshrestha 7 May 2024 · 1 min read लिखूँगा तुम्हें.. मैं लिखूंगा तुम्हें और बेहिसाब लिखूंगा महज चंद अशआर नहीं पूरा एक दीवान लिखूंगा तुम जो ये सोचती हो कि भूल जाऊंगा मैं महज एक वहम है तुम्हारा बेहद चाहा... Poetry Writing Challenge-3 1 53 Share हिमांशु Kulshrestha 6 May 2024 · 1 min read प्रणय गीत अपनी कलम से उकेर कर कागज पर दिल उतार देना, मधुर प्रेम की स्याही से अपने भर कर रंग अनूठे जज़्बातों को संवार देना. विरह के गीतों को अपनी देह... Poetry Writing Challenge-3 1 48 Share हिमांशु Kulshrestha 27 Apr 2024 · 1 min read साथ.. तुम्हारे साथ ने कभी मुझे असमर्थता, अकेलेपन का आभास नहीं होने दिया.... तुम्हारा दूर रह कर भी हर घड़ी मेरे पास होने का एहसास मुझे अनन्त सम्भावनाओं की प्रेरणा देता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 42 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Feb 2024 · 1 min read तेरी यादों की.. ये रात इस क़दर सहमी, ठहरी सी क्युं है लगता है आज फ़िर तेरी यादों की बारिश होगी फ़िर होगी बेदर्द तन्हाई उस में परछाई होगी तुम्हारी हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge 150 Share हिमांशु Kulshrestha 11 Feb 2024 · 1 min read मेरा डर.. तुम न समझी थी न ही समझना चाहा तुमने मुझे, मेरे डर को जो एक पल के लिए ही सही मुझ से दूर होने के ख्याल से ही उतर आता... Poetry Writing Challenge-2 1 108 Share हिमांशु Kulshrestha 8 Feb 2024 · 1 min read कमबख्त मोहब्बत.. ये जाहिर करना कभी ज़रूरी नहीं समझा हमने कमबख्त.. मोहब्बत जो हुई उनसे तो होती चली गई. कोशिशें लाख की ख़ुद को समझाने की पर ये मोहब्बत है जनाब जो... Poetry Writing Challenge-2 81 Share हिमांशु Kulshrestha 7 Feb 2024 · 1 min read मै बुलंद हौंसलो वाला मै बुलंद हौंसलो वाला एक जिद्दी सा लड़का तेरी यादो से लड़ता हूँ तो रो पड़ता हूँ.. मुद्दत गुजर गई और, ये आलम है मुस्तक़िल, कोई सबब नहीं है मगर... Poetry Writing Challenge-2 124 Share हिमांशु Kulshrestha 6 Feb 2024 · 1 min read उन लम्हों को.. कैसे भूल जाऊँ उस लम्हे को जब तुम ने सर रख कर मेरे कांधे पर जन्मों जन्म साथ रहने का वायदा किया था, मेरी आँखों में डाल कर अपनी आँखे... Poetry Writing Challenge-2 62 Share हिमांशु Kulshrestha 4 Feb 2024 · 1 min read यूँ तो... यूँ तो काट ही लेंगे जिन्दगी हम जो उठेगी हूक, लफ़्ज़ों में उतार लेंगे हम वैसे तो बहुत मुश्किल होता है, बिछुड़ के जी पाना तो क्या हुआ, मर मर... Poetry Writing Challenge-2 69 Share हिमांशु Kulshrestha 2 Feb 2024 · 1 min read प्रेम.. मौन रख कर होठों को आँखों से बाते आँखों की होने दो बहुत पावन है प्रेम प्रिये रूह से रूह का आलिंगन होने दो जिस्मों की ख्वाहिश रखें क्यूँ धड़कन... Poetry Writing Challenge-2 84 Share हिमांशु Kulshrestha 2 Feb 2024 · 1 min read मेरा भूत मेरा भूत मेरे वर्तमान पर हावी है, वो किस्से, वो यादें जो दिमाग़ की गुल्लक में रेजगारी की तरह भरी थी तोड़ कर गुल्लक उन्हें निकलने की जैसे बेक़रारी है.... Poetry Writing Challenge-2 67 Share हिमांशु Kulshrestha 2 Feb 2024 · 1 min read जो आयीं तुम.. ग़र आई लौट कर किसी दिन खुद से मिलाऊंगा तुम्हें, खुद से जो की थी खुद की बातेँ वही बताऊँगा तुम्हें.. भीगा था जो तकिया अनजाने में निकले आंसुओं से... Poetry Writing Challenge-2 52 Share हिमांशु Kulshrestha 1 Feb 2024 · 1 min read हाँ, ये सच है हाँ, ये सच है मैं बदल सा गया हूं... अब कोई शिकायत नहीं होती ये नहीं कि.. कुछ बुरा नहीं लगता बस हर घड़ी याद रहता है तेरी हर तकलीफ... Poetry Writing Challenge-2 144 Share हिमांशु Kulshrestha 31 Jan 2024 · 1 min read एक ख्याल यूँ ही ये अलग बात है अब तुम नहीं, तुम्हारी परछाइयां हैं मेरी हमसफर...... आज भी उम्मीद को थाम कर बैठा हूं अपने नशेमन में, आ जाओ शायद एक दिन, उस एक... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jan 2024 · 1 min read तुम.. आ कर ख्वाबों में मेरे गलबहियाँ डाल देती थीं तुम, मरमरी वज़ूद तुम्हारा सिमट जाता था मुझ में, आज भी महक तुम्हारी मचल उठती है साँसों में मेरी जाग जाता... Poetry Writing Challenge-2 75 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jan 2024 · 1 min read वो पहला मिलन. तुम्हारी नर्म हथेलियों की गुनगुनी सी वो पहली छुअन और फ़िर, शरबती आँखों से देखना झुका कर पलकें प्रेम जताना दिल की बढ़ती धड़कनें बेक़ाबू से होते जज़्बात किस क़दर... Poetry Writing Challenge-2 96 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Jan 2024 · 1 min read रुला दे कोई.. आगोश-ए-सितम में छुपाले कोई, तन्हा हूँ तड़पने से बचा ले कोई, सूखी है बड़ी देर से पलकों की जुबां, बस... आज तो जी भर के रुला दे कोई। हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-2 84 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Jan 2024 · 1 min read एक लम्हा एक लम्हा ही तो हूँ बस, यूँ ही गुज़र जाऊँगा Poetry Writing Challenge-2 120 Share हिमांशु Kulshrestha 26 Jan 2024 · 1 min read प्रेम मैं तुम्हें यूँ ही प्यार नहीं करता... मेरे हर दिन का उजाला हो तुम मेरी हर रात की चाँदनी मेरे जज्बातों का नूर हो तुम तुम से ही तो है... Poetry Writing Challenge-2 90 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम महज एक व्यक्ति से ना होकर सम्बंधित है पूरी क़ायनात से .... तुम्हारे साथ ना रहने पर भी मैंने तुम से इश्क़ जारी रखा. तमाम छोटी छोटी चीज जो... Poetry Writing Challenge-2 81 Share हिमांशु Kulshrestha 8 Jan 2024 · 1 min read प्रेम.. प्रेम महज एक व्यक्ति से ना होकर सम्बंधित है पूरी क़ायनात से .... तुम्हारे साथ ना रहने पर भी मैंने तुम से इश्क़ जारी रखा. तमाम छोटी छोटी चीज जो... Hindi 99 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jul 2023 · 1 min read हिम्मत कर... संवेदन शून्य पाषाण हो गए हैं हुक्मरान दर्द चीख़ चीख़ कर अपनी दास्ताँ सुना रहा है भावना है जिसमें बाकी, हर शख्स मणिपुर की बेटियों के लिए आंसू बहा रहा... Hindi 140 Share हिमांशु Kulshrestha 5 Jul 2023 · 1 min read बस यूँ ही.. ख़ामोशी मेरी कभी मौन नहीं रहतीं ये दहाड़ती हैं मुझ में एक शोर बन कर. यादें तेरी, हलचल सी हैं ज्यों लहरे मचलती है नदी के सीने पर. अहसास तेरा... Hindi 2 61 Share हिमांशु Kulshrestha 4 Jul 2023 · 1 min read आओ, चलते हैं... चलो साथ साथ चलते हैं माना, अपनी-अपनी सीमाओं में बंधे हैं हम पर तब भी. चलो, अपनी ख्वाहिशों को एक रंग देते हैं हम उम्मीद के पंखों पर हो कर... Hindi 99 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jun 2023 · 1 min read बस यूँ ही... वो एक शाम जब आभासी दुनिया के फ़लक पर, पहली बार देखा तुम को अच्छा लगा था बरसों की खामोशी के बाद दिल ने चाहा कुछ शब्दों को बुनना, चुन... Hindi · कविता 1 107 Share हिमांशु Kulshrestha 29 Jun 2023 · 1 min read कभी-कभी जिंदगी की राहों में मिल जाते हैं कुछ अजनबी, दिल कहता है मान लें उनको अपना हमराह,हमसफर. नजर आने लगता है आंखों में उन की एक रूहानी ख्वाब.. अजीब सी... Hindi · कविता 179 Share हिमांशु Kulshrestha 15 Jun 2023 · 1 min read तुमने जो छुआ... मैं तो पाषाण बन गया था, छुआ जो तुम ने मुझे ये पत्थर भी पिघल गया रोम रोम सिहर उठा भावनाओं का फ़िर एक ज्वार उठा.!!!! हिमांशु Kulshreshtha Hindi 220 Share Page 1 Next