Ravi Ghayal 38 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read चॉंद और सूरज इक दिल वालों की बस्ती थी जहाँ चांद और सूरज रहते थे। कुछ सूरज मन का पागल था कुछ चांद भी शोख चंचल था। बस्ती बस्ती फिरते थे हर दम... Poetry Writing Challenge 178 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read सुप्रभातम हर पल नया हो .... हर सांस ... महका जाए .... नयी उमंग की खुशबू .... आपके दिल में समा जाए .... सब राज़.... जो बन्द मुट्ठी में हैं ....... Poetry Writing Challenge 393 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read लाश लिए फिरता हूं मैं अपनों से दूर...... बहुत दूर निकल आया हूँ। जो अपने ....... अपने हो कर भी ....... अपने ना हों। उन अपनों में अपना-पन कैसे ढूँढूँ। अब तो यूं लगता... Poetry Writing Challenge 199 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read यूं ही आत्मा उड़ जाएगी पतंगें उड़ रही थीं हाँ ... पतंगें उड़ रही थीं। काली, नीली, पीली, लाल हरी, जामुनी और नारंगी। कि पक्षी जा रहे थे हमें यूं बता रहे थे। यह ज़िन्दगी... Poetry Writing Challenge 230 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं मुझ में अपने अरमानों की चिता जलाने का साहस है मेरे गीतों के प्रतीक... प्रतिमान ..... मूल्य... सब टूट गए हैं निर्भय वक़्त की एश-ट्रे में सुंदर सपनों की राख... Poetry Writing Challenge 283 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read जाने किस कातिल की नज़र में हूँ मिट्टी का जिस्म ले के पानी के घर में हूँ . . . मंज़िल मौत है और मैं . . . सफर में हूँ . . . होगा कत्ल मेरा... Poetry Writing Challenge 250 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read घायल तुझे नींद आये न आये ख़ुदा तेरी रहमत का साया बहुत है जरूरी नहीं तू गले से लगाये है काफी बस इतना कि रोयें अगर हम तू दे कर तसल्ली ज़रा मुस्कराए वो शैतान क्यूँ... Poetry Writing Challenge 204 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read जब सांझ ढल चुकी है तो क्यूं ना रात हो सजदे के लिए उठता है ये दस्त हज़ार बार पर सोच के रुक जाता हूँ किसको करूं सलाम उनके आने का ग़ुमां सा होता है न जाने कितनी बार पर... Poetry Writing Challenge 180 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read सब बन्दों की मेहरबानी है मंदिर ने मस्जिद के गले में हाथ डाल कर पूछा ....... . . . कुशल तो है . . मायूस हो कर कहा मस्ज़िद ने.... . . . सब बन्दों... Poetry Writing Challenge 320 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read आँखों से जो टपका अश्क आँखों से जो टपका अश्क वो चुन लिया मैंने तेरे सारे तानों-बानों को सुन लिया मैंने दर्द जो अश्कों में समाया तेरा अपने दिल जिगर में तेरे होंठों के रस्ते... Poetry Writing Challenge 109 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read सब सपना है इस दुनिया में क्या अपना है जो कुछ भी है सब सपना है रब सपना है जग सपना है तू सपना है नाम भी तेरा ..... तो 'सपना' है इस... Poetry Writing Challenge 339 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read ख़ुदा ख़ैर करे खुशी के सुमन तेरी राहों में सनम सदा ही यूं खिलते रहें अब तलक जो रहे इक्कठे रहे सुख-दुःख दोनों को इक्कठे ही मिलते रहे मगर अब हैं होते ज़ुदा... Poetry Writing Challenge 198 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read बंदर का फोड़ा अपने आते थे खाते थे और चले जाते थे और जा कर खिल्ली उड़ाते थे ......मुर्गी अच्छी फंसी इसी लिए आज-कल अपनों को घास डालना छोड़ दिया है अब बेगानों... Poetry Writing Challenge 238 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 2 min read शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं मैं इश्क की दुनिया से दूर ................... बहुत-दूर निकल आया हूँ अपनों ने भुला दिया है ऐ-बेगानों अब तुम्हारे पास आया हूँ गैरों की महफ़िल में बैठा हूँ फिर भी... Hindi 196 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 2 min read समाजवाद आवाज़ आती है समाजवाद आ रहा है मिनिस्टरों के वायदे इलेक्शन के समय के पूरे हो रहे हैं (मगर उनके अपने ही अर्थों में ) हर तरफ तरक्की हो रही... 97 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read सुप्रभात गीत आओ कुछ गुनगुनाएं कुछ मुस्कराएं गीत कोई नया गायें . . . . क्या अद्भुत नज़ारा है सुबह का उजाला है प्रकृति ने देखो आज कैसा चित्र बना डाला है... 368 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read कैसा अभागा हूँ मैं कैसा अभागा हूँ मैं जो वायदा कर के भी निभा नहीं सकता खुशी मिलने पे भी जो मुस्का नहीं सकता जिसे गाना ना आये , वो तो गायेगा क्या में... 88 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read तेरी बिछाई बिसात ऊपर वाले को भी हमारी कमी खलने लगी है देखो-देखो मेरी उम्र ढलने लगी है एक साल और हो गया कम इस जहां की बस्ती अब उजड़ने लगी है उलटी... 53 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read बसंत का मौसम °°°°°°°°°°°°°°° बसंत का मौसम है और बागों में बहार है यौवन की मदमस्त आँखों में खुमार है फूलों के चेहरे पे मुस्काह्ट आई है किसी देवकन्या ने ज्यूं ली अंगड़ाई... Poetry Writing Challenge 112 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 2 min read एक बात को कहने में क्यूं, इतना भेद हमारा.... तुम जिसको बंधन कहते, मैं कहता उसे सहारा मैं उसको जीवन कहता हूँ, तुम कहते हो कारा एक बात को कहने में क्यूं, इतना भेद हमारा। जिसकी कोमल बाहों ने,... 51 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read मैं बेवफ़ा हूँ मैं बेवफा हूँ मुझ से वफा की उम्मीद मत रखना मैं वक्त हूँ हँसते हुओं को रुलाना रोने के चाहवान को रोने न देना मेरा प्रियतम शगल है मैं वक्त... Hindi 42 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read सड़कों की ट्यूबें सर्दियों में कोहरे की घुप घनी रात में ..... शहर की सूनी वीरानी सड़कों पर.... ट्यूबें ऐसे जलती हैं ...... मानो सारे जग के अंधियारे को दूर करेंगी ..... चूर... Hindi 125 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read जब भी देखोगे आइना मैं एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ जिसमे नारी को गाय गंगा और गोदावरी माना जाता है जिसमे माँ बहन और बेटियों को पूजा जाता है जिसमे लक्ष्मी पार्वती और... 182 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read अब तो दिल करता है तांडव हो जाए बेहयाई जब हद से बढ़ जाए बेशर्मी सर पे चढ़ जाए तब तू कर लेना किनारा रे पथिक जो बोयेगा सो काटेगा नकटा बीच बाजार नाचेगा इक सरूपणखा की नाक... 143 Share Ravi Ghayal 18 May 2023 · 1 min read घायल तुझे नींद आए न आए खुदा तेरी रहमत का साया बहुत है जरूरी नहीं तू गले से लगाये है काफी बस इतना कि रोयें अगर हम तू दे कर तस्सल्ली ज़रा मुस्कराए वो शैतान क्यूँ... Poetry Writing Challenge 226 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read स्वास विहीन हो जाऊं न्याय विहीन पर्याय विहीन समुदाय विहीन चरित्र विहीन इत्र विहीन संकल्प विहीन विकल्प विहीन ....... इस फिज़ा में.... अब जी करता है... स्वास विहीन हो जाऊं दूर....... कहीं ...... खामोश... Poetry Writing Challenge 158 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read पूर्वाभास सागर शान्त, आसमां चुप..... हवा में कोई गूंज नहीं, लहरों में ठहराव.... हर तरफ सन्नाटा। मानो... तूफान आ रहा। सब कुछ नष्ट हो जायेगा... कुछ भी नहीं बचेगा... न कोई... Poetry Writing Challenge 103 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read तू भी मैं और मैं भी तू मैं हर जगह बसता हूं तुझ में भी तेरे दिल में भी। संसार के कण-कण में हर जीव और निर्जीव के तन में। मैं उन आंखों में भी बसता हूं... Poetry Writing Challenge 65 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read मेरे लिए आज का भगवान पत्थरों का शहर ... पत्थरों से घिरा ... पत्थरों के पुजारी सभी हैं यहाँ मगर..... केवल सनम या इन्सान ही पत्थर के नहीं बल्कि भगवान भी पत्थरों के बनाए जाते... Poetry Writing Challenge 61 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read तस्कर-तस्कर भाई है मैं... देखता हूं, सुनता हूं, दुनियां की हरकतें। दुनियां पागल है.... पैसे का दामन, छोड़ना नहीं चाहती... प्रेम के इन धागों को, छोड़ना नहीं चाहती। जाने क्यों... स्वयं को बन्धन... Poetry Writing Challenge 74 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read मैं बेगानों में पलता हूं आजकल... अपनों ने साथ चलना, छोड़ दिया है। बेचारे कब तक साथ चलते? जीवन के ऊबड़-खाबड़, रस्तों में.... साथ चलने वाले... सभी... अपने तो नहीं होते। सफ़र के हर साथी... Poetry Writing Challenge 47 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read बे-नूर मैं... देखता हूं, आकाश में चमकते... असॅंख्य-अनगिनत, सितारे। अपनी ही... टिमटिमाहट में मग्न। मानो... काली चादर पर, मोती जड़े हों। तब... मैं, तुम्हारी तरफ घूमता हूं, तेरी ऑंखों में झांकता... Poetry Writing Challenge 94 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read छोड़ दूं क्या..... हूँ तन्हा, तो निकलना छोड़़ दूँ क्या, मैं सूरज हूँ, चमकना छोड़़ दूँ क्या.... बुझूंगा एक दिन, ये जानता हूँ, मगर इस डर से, जलना छोड़़ दूँ क्या..... नहीं रहता... Poetry Writing Challenge 1 226 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read मेरी-तेरी पाती *कुछ प्रश्न गुदगुदाते हैं, अच्छा लगता है।* जब उन प्रश्नों के उत्तर जब पा जाओगे.... तो कल्पना करो, कैसा लगेगा। *जब आप मुस्कराते हैं, अच्छा लगता है।* मेरे मुस्कराने की,... Poetry Writing Challenge 123 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 2 min read स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे *कोई तो हो ऐसा, जो सिर्फ मेरा हो।* मांगो जो जान, तो... जान दे देंगे। अपना जो बना लोगे... तो जहां हम दे देंगे। *बातों में उसकी खुशबू हो दिल... Poetry Writing Challenge 112 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read शब्द शब्द °°°°° आओ शब्दों को हम जीवन की धरती से उठा कागज़ की धरती पर ले आयें अथवा पॉंवो से कुचलने की बजाऐ उन्हें सहेज कर किसी सुरक्षित जगह रख... Poetry Writing Challenge 54 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read अतिथि हूं...... अतिथि हूँ आखिर कब तक इस सराय में रहूंगा। इक दिन अँधेरा तो होना ही है.... मगर अभी छुट्टी का वक्त शायद दूर है। जब वक्त आएगा तो खबर किसको... Hindi 133 Share Ravi Ghayal 16 May 2023 · 1 min read स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे *दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं* *सब अपने चेहरों पे दोहरी नक़ाब रखते हैं* फना हो जाते हैं दोहरे मुखौटों वाले... नकाबपोश को कोई पसंद नहीं करता। आज... 140 Share