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व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
Er.Navaneet R Shandily
मेघनाद
मेघनाद
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श्रद्धांजलि समर्पित
श्रद्धांजलि समर्पित
Er.Navaneet R Shandily
मन का प्रोत्साहन
मन का प्रोत्साहन
Er.Navaneet R Shandily
शिव जी प्रसंग
शिव जी प्रसंग
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संघर्ष
संघर्ष
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महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप
Er.Navaneet R Shandily
मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में
मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में
Er.Navaneet R Shandily
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
Er.Navaneet R Shandily
द्रौपदी
द्रौपदी
Er.Navaneet R Shandily
मेरा हृदय मेरी डायरी
मेरा हृदय मेरी डायरी
Er.Navaneet R Shandily
अधूरा मिलन
अधूरा मिलन
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मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं
मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं
Er.Navaneet R Shandily
कर्त्तव्य के विरुद्ध हो
कर्त्तव्य के विरुद्ध हो
Er.Navaneet R Shandily
फाल्गुन महिनवा में
फाल्गुन महिनवा में
Er.Navaneet R Shandily
प्रकृत की हर कला निराली
प्रकृत की हर कला निराली
Er.Navaneet R Shandily
द्वार खुले, कारागार कक्ष की
द्वार खुले, कारागार कक्ष की
Er.Navaneet R Shandily
अनमोल दोस्ती
अनमोल दोस्ती
Er.Navaneet R Shandily
दर्द कहूं कैसे
दर्द कहूं कैसे
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तेरा ही आभाव हैं
तेरा ही आभाव हैं
Er.Navaneet R Shandily
तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की
तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की
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टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
Er.Navaneet R Shandily
चुनरिया हम चढ़ाई कईसे
चुनरिया हम चढ़ाई कईसे
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कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले
कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले
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कर्ण कुंती संवाद
कर्ण कुंती संवाद
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मेरी (ग्राम) पीड़ा
मेरी (ग्राम) पीड़ा
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लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
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नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
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प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
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अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
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जय श्री राम
जय श्री राम
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चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
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संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
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सावन में संदेश
सावन में संदेश
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सिया राम विरह वेदना
सिया राम विरह वेदना
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दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
Er.Navaneet R Shandily
तप त्याग समर्पण भाव रखों
तप त्याग समर्पण भाव रखों
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हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
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ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
Er.Navaneet R Shandily
शहर माई - बाप के
शहर माई - बाप के
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चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
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फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
Er.Navaneet R Shandily
आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।
आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।
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नीति अनैतिकता को देखा तो,
नीति अनैतिकता को देखा तो,
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🙏🙏सुप्रभात जय माता दी 🙏🙏
🙏🙏सुप्रभात जय माता दी 🙏🙏
Er.Navaneet R Shandily
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
Er.Navaneet R Shandily
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
Er.Navaneet R Shandily
हर स्नेह के प्रति, दिल में दुआएं रखना
हर स्नेह के प्रति, दिल में दुआएं रखना
Er.Navaneet R Shandily
मुक्तक
मुक्तक
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