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*संविधान गीत*
कवि लोकेन्द्र ज़हर
हमने कोरेगांव लड़ा है....
कवि लोकेन्द्र ज़हर
हुनर आता नहीं सबको...
कवि लोकेन्द्र ज़हर
हम नज़ाकत में हया की.....
कवि लोकेन्द्र ज़हर
हर घर इक मधुशाला है
कवि लोकेन्द्र ज़हर
मुक्तक
कवि लोकेन्द्र ज़हर
जो इश्क अधूरा करते हैं....
कवि लोकेन्द्र ज़हर
गली के उस मोड़ पर...
कवि लोकेन्द्र ज़हर
सांपों का जश्न
कवि लोकेन्द्र ज़हर
वो सत्ता के चारण निकले......
कवि लोकेन्द्र ज़हर
चिंगारी
कवि लोकेन्द्र ज़हर
प्रेंम घुलने का बिषय है....
कवि लोकेन्द्र ज़हर
भारत वर्ष नया होगा...
कवि लोकेन्द्र ज़हर
आखिर कितनी बार मरुँ....
कवि लोकेन्द्र ज़हर