Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Minal Aggarwal 1 Dec 2021 · 1 min read कच्ची कली कचनार की गुलाबी मौसम की बहार सी बर्फ की शिला से निकली एक आग की लहराती धार सी कच्ची कली कचनार की लचक जाये गुलाब के फूलों से लदे हरे पौधे की... Hindi · कविता 1 1 923 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read सभी चरित्र काल्पनिक हैं सभी चरित्र काल्पनिक हैं यह भगवान के द्वारा रची मनुष्य की कल्पनाओं से सजी ही तो एक जीती जागती दुनिया है किसी पत्थर की मूरत में जैसे जान फूंक दी... Hindi · कविता 1 1 941 Share Minal Aggarwal 14 May 2021 · 1 min read मौत का काफिला यह तो मौत का काफिला है जो थम ही नहीं रहा बढ़ता जा रहा है कोई जिन्दा बचेगा या नहीं अब तो यह सवाल है जो जिन्दा रह भी गये... Hindi · कविता 1 2 782 Share Minal Aggarwal 2 Nov 2021 · 1 min read एक सुंदर छवि कोई बात तुम्हारे बारे में तुमसे अकेले में धीरे से कही जा सकती है लेकिन फिर मेरी इस दुनिया में एक सुंदर छवि कैसे बनेगी कि मैं तुम्हारी शुभचिंतक हूं... Hindi · कविता 747 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read कहीं किसी रोज़ कहीं किसी रोज़ बस ऐसा हो जाये मेरे अपने मेरे टूटे हुए दिल के बिखरे सपने मेरे मां बाप मेरे से जुड़े मेरे सब प्रियजन मुझे किसी राह के एक... Hindi · कविता 710 Share Minal Aggarwal 2 Jul 2021 · 4 min read हमारी सहाय आंटी सहाय आंटी हमारे पड़ोस में रहती थी। हम बच्चों के लिए तो वह आंटी क्या बल्कि हमारी दादी और नानी समान ही थी। दिखने में बेहद खूबसूरत और रोबीली। ठसके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 683 Share Minal Aggarwal 19 Dec 2021 · 1 min read मेरा दर्पण मेरा दर्पण तरह तरह की छवियां बनाता है बस एक मेरी नहीं बनाता पूछो तो कहता है कि मैं तो तेरा हूं तुझे क्या बनाना दिल में तुझे बसाता हूं... Hindi · कविता 1 762 Share Minal Aggarwal 4 Jul 2021 · 4 min read फैक्ट्री का भूत शाम का समय था। मैं पापा के आफिस के बाहर अकेली खेल रही थी। पापा के आफिस से फैक्ट्री धुर अंदर तक दिखती थी। हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 696 Share Minal Aggarwal 16 Jul 2021 · 1 min read प्रभु का आशीर्वाद नहीं जब तन है तब मन नहीं जब मन है तब तन नहीं जब तन है मन है साधन नहीं जब तन है मन है साधन है सेवा नहीं जब तन... Hindi · कविता 2 613 Share Minal Aggarwal 22 Sep 2021 · 1 min read प्रेम का ज्ञान मानवजाति के लिए प्रेम का अर्थ न जाने क्या है प्रेम की परिभाषा न मालूम क्या है प्रेम का ज्ञान है बिल्कुल शून्य या बहुत ही अल्प प्रेम सिर्फ पाना... Hindi · कविता 633 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read जीवन की डोर जीवन एक अनसुलझी पहेली उसे समझने की कोशिश करने का सीधा सीधा अर्थ यह है कि एक सुलझे हुए आदमी का जीवन की डोर में बेवजह उलझना खुद को एक... Hindi · कविता 1 1 699 Share Minal Aggarwal 2 Jun 2021 · 1 min read मतलब की दुनिया इस मतलब की दुनिया से अपनी जान छुड़ाओ और अपने जीवन को सार्थक बनाने की कोशिश करते किसी काम में दिलोजान से जुट जाओ यह लोग कभी न काम आये... Hindi · कविता 1 1 578 Share Minal Aggarwal 15 Aug 2021 · 1 min read मेरा भारत देश महान मेरा भारत देश महान इसका जन जन आलीशान इस पवित्र धरा के मुकुट पर लहराता मेरे प्यारे देश का तिरंगा मेरे इसके प्रति प्यार, आदर और समर्पण की पहचान मैं... Hindi · कविता 616 Share Minal Aggarwal 4 Aug 2021 · 1 min read अक्षम यह एक पेड़ की टहनी पत्तों से लदी है गर्दन इसकी झुकी है सांस इसकी रुकी है चेहरे पर इसके तनाव है मन भी इसका उदास है फूलों की खुशबुओं... Hindi · कविता 1 595 Share Minal Aggarwal 10 Aug 2021 · 5 min read स्वतंत्र न होते हुए भी स्वतंत्र हैं भारत देश अंग्रेजों की गुलामी और जुल्म की बेड़ियों से सदियों हुए आजाद हो गया लेकिन क्या इस महान देश के समस्त देशवासी आज की तारीख में यह महसूस करते... Hindi · कविता 1 1 591 Share Minal Aggarwal 3 Jul 2021 · 3 min read अंडा मैं बचपन से ही बहुत शरारती थी। घर में टिक कर नहीं बैठती थी। मौका पाते ही आंख बचाकर अड़ोस पड़ोस में खेलने के लिए भाग जाती थी। उस शाम... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 615 Share Minal Aggarwal 6 Aug 2021 · 1 min read कोई अपना नहीं सुबह सोकर उठी तो देखा मेरे तकिये पर फूल बिछे हैं रंग थे इसमें मेरे आंसुओं के काजल के मेहंदी के लिपिस्टिक की लाली के नेल पॉलिश की पपड़ियों की... Hindi · कविता 1 550 Share Minal Aggarwal 15 Aug 2021 · 1 min read हरियाली का सावन पत्ता पत्ता डाली डाली क्यारी क्यारी हरियाली लहराई हाथों में पहन हरी चूड़ियां हरी चुनर ओढ़ सिर पर फहराई नीले आसमान के नीचे हरे मखमली रंगों का एक जीवंत सा... Hindi · कविता 579 Share Minal Aggarwal 25 Nov 2021 · 1 min read गुलाब की टहनी से लिपटे गुलाब को गुलाब की टहनी से लिपटे गुलाब को कांटों का दर्द नहीं मिलना चाहिए साथ उनका बेशक मिलता रहे पर उन जैसा जीवन नहीं मिलना चाहिए ऐसा हुआ ना कभी तो... Hindi · कविता 1 601 Share Minal Aggarwal 12 Aug 2021 · 1 min read महापाप वह आसानी से बच सकते थे पर उन्हें बचाने की कोई कोशिश नहीं करी गई उन्हें बेवजह मार दिया गया अपने ही जन्मदाता को मारकर आखिर उसने क्या पा लिया... Hindi · कविता 1 1 583 Share Minal Aggarwal 7 Mar 2022 · 1 min read आंख में काजल लगाओ तो आंख में काजल लगाओ तो जैसे पोत ली हो कोयले की कालिख ऐसा मालूम पड़ता है आंसुओं को जमाना पड़ता है एक पिंघलकर फिर जमे मोम सा काली घटाओं के... Hindi · कविता 528 Share Minal Aggarwal 22 Mar 2021 · 1 min read जिस्म का मकान मेरा घर कहां है जिस घर में मैं रहती हूं वह या कहीं और मैं आजकल सब कुछ भूलने लगी हूं घर घर का सामान घर के लोग इनसे जुड़े... Hindi · कविता 554 Share Minal Aggarwal 13 Sep 2021 · 1 min read मौत का फरमान अभी जीना शुरु भी नहीं किया कि मुझे मौत भी आ गई जब मौत का खौफ नहीं था तो जिन्दगी का ऐतबार नहीं था अब जिन्दगी आहिस्ता आहिस्ता समझ आने... Hindi · कविता 1 528 Share Minal Aggarwal 16 Aug 2021 · 1 min read दिन के उजाले में भी दिन के उजाले में भी एक शेड के नीचे यह रोशनी क्यों जलाये रखते हो यह जगह तो एक कार्य स्थल है कोई मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या गिरजा नहीं फिर... Hindi · कविता 552 Share Minal Aggarwal 17 Aug 2021 · 1 min read यह जीवन क्या है यह जीवन क्या है इसे समझना बहुत ही कठिन है कहां से हम आते हैं कहां चले जाते हैं यह रिश्ते नाते यह दिलों के बन्धन यह सुख दुख यह... Hindi · कविता 548 Share Minal Aggarwal 1 Jul 2021 · 4 min read डर पर विजय कोरोना काल में मां के आकस्मिक निधन ने जैसे मुझे झकझोर के रख दिया था। यह समय चुनौतीपूर्ण था और उसपर यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन मृत्यु पर तो किसी का... Hindi · कहानी 519 Share Minal Aggarwal 21 Aug 2021 · 1 min read घर की देहरी पर ही मन मुझे आवाज लगाकर कह रहा है कि चल उठ कहीं टहल कर आते हैं रेगिस्तान में पहुंचे चारों तरफ रेत ही रेत मिली रेत के बवंडर में घिरे सिर... Hindi · कविता 566 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2021 · 1 min read बस यही वह वजह वह उड़ाते रहे उम्र भर मेरी खिल्ली और दर्द मुझे देते रहे बदस्तूर बस यही वह वजह बनी कि मुझे लोगों की पहचान हुई जीना आया और जिन्दगी में अपने... Hindi · कविता 1 530 Share Minal Aggarwal 10 Jan 2022 · 1 min read एक इन्द्रधनुष सा लहराया एक इन्द्रधनुष सा अभी अभी मेरी पलकों की कनखियों के किनारों पर लहराया किसी नई भोर का एक सुंदर स्वप्न जो तुम्हारे साथ बुना था वह याद आया न सूरज... Hindi · कविता 1 506 Share Minal Aggarwal 22 Aug 2021 · 1 min read एक फूल की तरह ही मैं एक जीवन की किताब हूं इसके पन्नों के बीच दबा कोई गुलाब का सूखा फूल नहीं मैं एक रंगीन तितली हूं पंख फैलाकर उड़ने वाली फूलों पर न मंडराने... Hindi · कविता 560 Share Minal Aggarwal 12 Mar 2021 · 1 min read कांटो का जंगल बादलों बेमौसम ही सही पर बरस जाओ मुझे घुटन हो रही है खुली जगह पर भी सांस अब तो नहीं आती हवाओं के दायरों को भी बढ़ाओ जो जिस्म से... Hindi · कविता 3 515 Share Minal Aggarwal 3 Sep 2021 · 1 min read यह मौसम भी यह मौसम भी अपने हृदय से निकला एक गीत सुनाते सुनाते कहीं खामोश हो जाता है खुद भी सोच में कहीं पड़ जाता है दूसरों को भी एक गहरी सोच... Hindi · कविता 500 Share Minal Aggarwal 21 May 2021 · 1 min read रिश्तों के भंवर रिश्तों के भंवर में उलझने से बेहतर है कि इसके किनारे किनारे चलें आहिस्ता आहिस्ता आगे बढ़ते हुए इसकी गहराई में बिल्कुल भी न उतरें रिश्तो में इजाफा करते रहने... Hindi · कविता 551 Share Minal Aggarwal 10 Jan 2022 · 1 min read आंसू भी मुस्कान भी आंख में आंसू भी चेहरे पर मुस्कान भी यह हंस रहे हो कि रो रहे हो इसे मैं हंसना मानूं या रोना मैं समझ नहीं पा रही मैं देख पा... Hindi · कविता 599 Share Minal Aggarwal 19 Aug 2021 · 1 min read उनके साथ बिताये पलों की यादें याद तो तुम हर पल ही आते हो मैं तुम्हें कैसे भूल जाऊं और क्यों भूल जाऊं जिसने मुझे इतना प्यार किया इतना स्नेह दिया खुद से भी बढ़कर उसे... Hindi · कविता 530 Share Minal Aggarwal 20 Nov 2021 · 1 min read मोहब्बत का दीया कहीं नफरत की आंधियों के चलते मेरे दिल में जलता मोहब्बत का दीया कहीं किसी रोज बुझ न जाये हे ईश्वर मैं तो तेरी ही शरण में आ रही हूं इस... Hindi · कविता 1 502 Share Minal Aggarwal 9 Aug 2021 · 1 min read दिल को दिल को थोड़ा थोड़ा तोड़कर एक दिन पूरा तोड़ देने की कोशिश करते रहते हैं यह दुनिया के लोग सब अलग अलग जगह अलग अलग घरों में रहते हैं एक... Hindi · कविता 509 Share Minal Aggarwal 10 Feb 2022 · 1 min read तू और हम तू हमारा दर्पण हम तुम्हारे प्रतिबिंब तू हमारा गुलशन हम तुम्हारे गुलाबी लबों पर लहराती एक सबा रंगीन तू हमारी कायनात हम तुम्हारी एक महकती फिजा हसीन तू हमारा सूरज... Hindi · कविता 528 Share Minal Aggarwal 20 Sep 2021 · 1 min read चांद सा एक चमकता सितारा बनी तो मैं कहां किस कोने में तन्हा पड़ी हूं किसी को मेरी फिक्र नहीं हां अभी कहीं मैंने जो आसमान की बुलंदियां छू ली और चांद सा एक चमकता सितारा बनी... Hindi · कविता 545 Share Minal Aggarwal 13 Mar 2021 · 1 min read पथरीली राहों पर चलते चलते बहुत कुछ दबा था भीतर बहुत भरी हुई थी कल बहुत दिनों बाद कुछ लोगों से कुछ दिल की बातें करी कुछ गंभीर विषयों पर चर्चा करी कुछ बिना बहस... Hindi · कविता 513 Share Minal Aggarwal 26 May 2021 · 1 min read मैं कोई ताश का पत्ता नहीं मैं कोई ताश का पत्ता नहीं जो तुम उसे एक खेल समझो और जब चाहा उनसे खेलते रहो उन्हें अपने हाथों में लेकर जब तक तुम्हारा मन न भर जाये... Hindi · कविता 2 2 482 Share Minal Aggarwal 4 Aug 2021 · 1 min read दिल की बातें मुझे क्या कहना है किसी से वह तो मैं बस यूं ही कभी कभी किसी को अपना समझकर अपने दिल की कह लेती हूं कभी कभी इस गहन खामोशी के... Hindi · कविता 2 2 489 Share Minal Aggarwal 14 Sep 2021 · 1 min read मात पिता का प्रसाद न मुझे भगवान मिलते न ही मिलता कोई उनसे वरदान जो कुछ भी इस संसार में थे तो वह मेरे मात पिता थे वो रहते थे मेरे समक्ष मुझे होते... Hindi · कविता 1 487 Share Minal Aggarwal 6 Feb 2022 · 1 min read न बाबा न न बाबा न मुझे प्यार, मोहब्बत, इश्क नहीं करना मुझे ख्वाबों और ख्यालों में जीना और यादों के परों पे ही उड़ना। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज... Hindi · कविता 486 Share Minal Aggarwal 14 Jul 2021 · 1 min read इंसानों का हाल यह घर की बैठकों के एक कोने में गुलदस्तों में सजे प्लास्टिक के फूल हैं इन्हें कोई पानी नहीं देता इनपर धूल की परतें जमती रहती हैं उसे कोई साफ... Hindi · कविता 1 536 Share Minal Aggarwal 19 Aug 2021 · 1 min read साथ साथ दो लोगों की दो तस्वीरें एक दीवार पर साथ साथ टंगी हैं कोई सोचकर देखे कभी यह दोनों तस्वीरों में नहीं बल्कि एक दूसरे के साथ रहते होंगे उठते बैठते... Hindi · कविता 1 473 Share Minal Aggarwal 27 May 2021 · 1 min read पूर्णिमा की रात का पूर्ण चांद चांद के न जाने कितने रंग हैं आकार हैं और रूप हैं लेकिन मुझे तो सबसे ज्यादा पसंद है लुभाता है मेरे दिल में उतर जाता है उसका पीला सुनहरी... Hindi · कविता 3 2 506 Share Minal Aggarwal 16 Oct 2021 · 1 min read इस खामोशी को तुम्हारे मौजूद न होने पर यह चारों तरफ पसरी खामोशी मुझे एक नासूर सी चुभेगी यह अहसास मुझे तुम्हारे मेरे करीब होने पर न था न तुम्हारी तस्वीर से दिल... Hindi · कविता 530 Share Minal Aggarwal 8 Oct 2021 · 1 min read तन हरा मन नारंगी कर दो कभी पठार सा कठोर कभी दूब सा नरम कभी बादल सा बरसता कभी भूमि सा स्थिर गतिमान है चलायमान है यह मन बहुत रहस्यमयी भी कहां से पाऊं अपने भीतर... Hindi · कविता 1 476 Share Minal Aggarwal 5 Aug 2021 · 1 min read एक माटी के मटके सा रोने का मन करे तो रो लेना चाहिए रोने से मन हल्का हो जाता है मन के भीतर भी दुख को रखकर क्या फायदा क्या भरोसा यह भरते भरते किसी... Hindi · कविता 1 1 518 Share Page 1 Next