D.N. Jha Language: Hindi 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read कभी राधा कभी मीरा ,कभी ललिता दिवानी है। कभी राधा कभी मीरा ,कभी ललिता दिवानी है। यही हम जानते हैं ये ,सभी तो राज रानी है। जपे जॅंह नाम राधे का, वहीं ब्रजधाम हो जाए, यही तुलसी यही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 3 167 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read शिवजी चले हैं ससुराल देखो शिवजी चले हैं ससुराल,त्रिपुण्ड लगाकर अपने भाल। नंदी,भृंगी और संग हैं व्याल,संग-संग चले हैं भूत- वैताल। शिवगण भी उनके साथ चले हैं। अनाथों के देखो वो नाथ चले हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 142 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read कृषक बरसे सावन झूम के,कृषक दिखे खुशहाल। बिन पानी के खेत सब,हो जाता बदहाल । हो जाता बदहाल, खेत जब सूखा रहता। बारिश हो अति जोर,फसल पानी में बहता। बादल गरजे... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 181 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read गोमुख सखियाॅं गंगा घाट पर, उतरी करने स्नान। आस्था अरु विश्वास से,इनकी महिमा जान। गोमुख से उद्गम हुआ,जा उतरीं बंगाल - जाने कितने नाम हैं, करते हैं गुणगान।। दीपनारायण झा'दीपक'देवघर झारखंड Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 207 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read बरसात पहले जैसे अब कहाॅं, होती है बरसात। जोर -जोर से भी कभी,होती थी दिन रात। होती थी दिन -रात,चाल छप्पर से टपटप। बादल गरजे जोर,हवा चलती थी सपसप। जल्दी लगती... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 169 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read त्रिलोकीनाथ बुलाऊॅं जब कभी उनको,जगत के नाथ आते हैं। कभी कोई नहीं सुनते, तभी श्री कृष्ण आते हैं। चले दौड़े वहाॅं झटपट , त्रिलोकी नाथ हैं जाते, मगन होकर बुलाने से,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read दरार धीरे धीरे घट रहा, मानव मन में मेल। रिश्ते नाते सब लगे,मतलब के अब खेल। मनमुटाव के साथ ही,दिल में पड़े दरार- षडयंत्रों के दंश को,सभी रहे हैं झेल।। Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 2 165 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read विपदा विपदा भारी मित्र,नहीं अब विलम्ब करना। चिट्ठी पाते मीत , हमेशा मिलते रहना। सुख -दुख में जो साथ ,सखा वे ही कहलाते। कठिन समय का संग,मित्र भूले न भुलाते।। डी... Poetry Writing Challenge-3 · बाल कविता 1 141 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read विनती बड़ों से है यही विनती,मिले आशीष छोटों को। उसे भी देखकर आए,हॅंसी नमकीन होंठों को। करें गुणगान हम सबका,सदा सम्मान करना है- वही सहना सिखाते हैं,जगत के नर्म चोटों को।। Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 247 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read तमन्ना वही पाते यहाॅं पर हम,जिसे हरदम लुटाते हैं। अगर चाहत रहे कोई,वही भरदम जुटाते हैं। वही लिखते मिटाते है,तमन्ना गर रहे कोई- अमर होते जमाने में,वही पागल कहाते हैं।। Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 2 188 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read शिकवा जमाने से नहीं शिकवा,खुदी से ही शिकायत है। मगर कोई बहुत चाहे, यही उनकी इनायत है। जहाॅं में हैं कहीं ज्यादा,मुझे भी चाहने वाले- अजी उनसे यही कहना,यही मेरी शराफत... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 142 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read तमाशा सुनते थे जो हर बातों को,करने लगे बहाने अब। छुप -छुप कर ही देखा करते,आंखें लगे चुराने अब। हंसते गाते ही रहते थे,खोए- खोए दिखते हैं, सुनते थे जो हर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 199 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read बेटी की ताकत पहचाने बेटी की ताकत पहचानें , भले पकाती रोटियाॅं। बात बुलंदी से वह कहती, चढ़ जाती हैं चोटियाॅं।। चहक- चहक कर खेला करती,वही पुराने खेल को, बचपन की यादें दे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 144 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read मनमीत प्रफुल्लित मन मगन होता,यहाॅं मन मीत आते हैं। जगे मन भावना प्रेमी, तभी हम गीत गाते हैं। तुम्हारा साथ जो मिलता, गमों से दूर हैं रहते - कहीं हारी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 175 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read आशियाना आशियाना वहीं , हम बनाते रहे। वे खुशी से जहाॅं ,खिलखिलाते रहे। उम्र भर साथ चलने का वादा किया, ईंट से ईंट को हम सजाते रहे। चाल ऐसी चली खूब... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share D.N. Jha 15 May 2024 · 1 min read मातम नीर आंखों का दिखा मातम मनाते आजकल। लूट का धंधा बना कर घर सजाते आजकल। कर दिया इंसाफ फिर भी क्यों बुलाते आपको, गीत गाकर हम सभी को वे सुनाते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 206 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read जिंदगी समर है चलना सॅंभल -सॅंभल कर,यह जिंदगी समर है। अब फूल मत समझना, काॅंटों भरा सफर है। चलते यहाॅं समय से,अब जीतते वही हैं, यह सोच कर हमेशा,चलता रहा डगर है। अब... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 178 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read राधे राधे बोल राधे राधे बोल कर,अंदर के पट खोल। अपने -अपने ही हृदय ,मिश्री को तो घोल। वृन्दावन के धाम में,पावन है ये नाम- राधा रानी जो जपे,नाम लगे अनमोल। डी... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 248 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read महावर सजाकर पैर में अपने,महावर को लगाती हैं। पहनती पाॅंव में पायल,कभी घुॅंघरू बजाती है। सुहागिन नारियाॅं भी सोलहों शृंगार हैं करतीं- लगाकर बाल में गजरा,अलक को भी सजाती है। ©डी... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 160 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read अभिराम मंदिर प्यारा बन गया, दुनियाॅं में अभिराम। रहे बहुत बनवास में ,आए हैं निज धाम। आए हैं निज धाम,मनुज के भाग खुलेंगे। रघुवर से अब आस,सभी को दरस मिलेंगे। पहुॅंच... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 1 169 Share D.N. Jha 13 May 2024 · 1 min read भस्म बजे जब भी यहाॅं डमरू,जगत के नाथ आते हैं। ब बं बं नाद हैं करते,डमड्डम डम बजाते हैं। जलाकर भस्म करते हैं,अहम का नाश हैं करते- रगड़कर भाॅंग धतुरा को,... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 2 138 Share D.N. Jha 13 May 2024 · 1 min read जल की कीमत जल की कीमत कब समझेंगे,हम पागल इंसान। धरती जब ये हो जाएगी ,नीर बिना वीरान।। जीव जंतु अरु सकल परिंदा कौन यहाॅं है जल बिन जिन्दा। जल ही हम सबके... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 181 Share D.N. Jha 13 May 2024 · 1 min read गुदगुदी गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे। देखकर आंख अपनी चुराने लगे। बात होगी भला प्यार में भी कभी, घर मुझे रोज अपने बुलाती तभी। हम खुशी से वहां रोज... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 216 Share D.N. Jha 12 May 2024 · 1 min read माॅं माॅं के कितने रूप हैं, जननी जग आधार। जीवन में सब चाहते, माॅं के जैसा प्यार।। आतीं हरदम याद हैं,जाने जगत जहान। याद सुबह अरु शाम है,वे हैं खूब महान।... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 224 Share D.N. Jha 12 May 2024 · 1 min read मीठी बोली जाने कितने बिक जाते हैं, प्यारे मीठी बोली में। हॅंसी -खुशी सौगात मिले अब,बाबा मेरी झोली में। नहीं प्यार की कीमत कोई,ये तो बस अनमोल यहाॅं, चंदन अक्षत कुमकुम टीका,प्यार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 205 Share