MANSI PAL 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 MANSI PAL 29 Jul 2021 · 1 min read इतने भी बेदर्द नहीं हैं। माना हम हमदर्द नहीं हैं वादों के पाबन्द नहीं हैं पंछी हम उन्मुक्त गगन के अंतर्मन में द्वंद नहीं हैं जो कहते हैं सच कहते हैं कोई भी छल-छंद नही... Hindi · कविता 4 4 280 Share MANSI PAL 28 Jul 2021 · 1 min read पापा के होने से... पापा के होने से घर चलता है परिवार का संसार सुधरता-सँवरता है तिनका-तिनका जुटाकर पूरा आशियाना बनता है सम्बन्धों की बुनियाद, रिश्तों का ठिकाना बनता है अच्छा- बुरा दौर आकर... Hindi · कविता 3 6 242 Share MANSI PAL 28 Jul 2021 · 1 min read बेहतर कल करो मेहनत इतनी कि एक बेहतरीन कल आए किस्मत रुख बदले और जिंदगी भी बदल जाए। - मानसी पाल 'मन्सू' Hindi · शेर 1 2 387 Share MANSI PAL 28 Jul 2021 · 1 min read बेरोजगारी... बेरोजगारी का विस्तृत बाजार फैला है हर युवा के कन्धों पर जिम्मेदारियों का थैला है हैं शिक्षित युवा जो भृमित हो रहे हैं परेशानियों को कन्धों पर ढो रहे हैं... Hindi · कविता 3 2 251 Share MANSI PAL 14 Jul 2021 · 1 min read उम्मीदों का सहारा दिन में भी अब अँधेरा-सा लगता है अपना घर भी रैन-बसेरा सा लगता है बेहद निराश हूँ आसपास के माहौल से ये जीवन किसी उदास सवेरा सा लगता है इस... Hindi · कविता 1 209 Share MANSI PAL 11 Jul 2021 · 1 min read इल्तजा मालूम है... गलती से गलती करने की सजा मालूम है रुसवाई और बेवफाई का मजा मालूम है कुछ इस तरह खोये है तुम्हारी यादों के शहर में खुद को भूले हैं पर... Hindi · शेर 2 191 Share MANSI PAL 11 Jul 2021 · 1 min read जुदाई का गम... उनकी जुदाई का गम बहुत सता रहा था मुश्किलों का मंजर मेरे करीब आ रहा था किसी अनहोनी की आशंका से दिल घबरा रहा था मेरा वजूद अश्कों में बहा... Hindi · कविता 239 Share MANSI PAL 11 Jul 2021 · 1 min read मजहबों का फासला आज फिर मुझे वो दिख गई। मैं भीड़ से निकलकर उसके पास पहुँचा। तुम कल देर से आई थी क्या? मैंने काफी देर तक इंतजार किया तुम्हारा। उसने कोई जवाब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 425 Share MANSI PAL 9 Jul 2021 · 1 min read जिंदगी 'आज' है। जिंदगी... अनुभूतियों का अहसास है अपनों की तलाश है गमों की कड़वाहट औऱ खुशियों की मिठास है उलझे- सुलझे रिश्तों का धोखा और विश्वास है टूटते हुए उन ख्वाबों का... Hindi · कविता 1 2 412 Share MANSI PAL 8 Jul 2021 · 4 min read कोरोना रिपोर्ट निर्मला की तबियत पिछले चार दिनों से कुछ ठीक नहीं थी। खाँसी आ रही थी और हल्का बुखार भी रहता था। लॉक डाउन की वजह से घर से बाहर भी... Hindi · कहानी 1 4 266 Share MANSI PAL 8 Jul 2021 · 3 min read आज भी तो फिर कल तुम्हारा आना पक्का समझूँ , तृषा ने मेरी आँखों मे झाँकते हुए कुछ इस तरह पूछा मानो मेरी आँखों से मेरा जवाब तलाश रही हो। अच्छा तो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 269 Share MANSI PAL 7 Jul 2021 · 1 min read ठहर जाओ ना... कुछ पल के लिये ही सही ठहर जाओ ना, हकीकत में तो मुमकिन नहीं मगर ख्वाबों में आओ ना यूँ खामोश मत रहो लफ्ज अपने सुनाओ ना बेसब्र हूँ मिलने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 239 Share MANSI PAL 7 Jul 2021 · 1 min read कोशिश करते ही जाना तुम है कठिन डगर, बाधाएँ बहुत पर राही ना घबराना तुम सीने में लक्ष्य सदा रखना मंजिल का पता लगाना तुम ये वक़्त सताए कितना भी इसके संग ना थम जाना... Hindi · कविता 282 Share MANSI PAL 6 Jul 2021 · 1 min read बदलता वक़्त वक़्त के बदलावों से ना भरमाइए ये जरूरी हैं यह मानकर इन्हें अपनाइये खुद भी समझिए औरों को भी समझाइये वफ़ा करिए अपनों से ना दूरियाँ बढ़ाइये सही रास्ते पर... Hindi · कविता 272 Share MANSI PAL 6 Jul 2021 · 1 min read एक बूढ़ी माँ की करुण पुकार... तूने जुल्म-औ-कहर मुझपे ढाया बहुत वक़्त-बेवक़्त मुझको सताया बहुत मैं जननी हूँ तेरी ये भूला है तू दर्द देना मुझे,तुझको भाया बहुत। Hindi · कविता 183 Share MANSI PAL 5 Jul 2021 · 1 min read कुछ इस तरह.. कुछ इस तरह उसने मेरे ख़्वाबों को चूर-चूर किया मुझे धोखे में रखा और खुद को मुझसे दूर किया। Hindi · शेर 1 1 215 Share MANSI PAL 5 Jul 2021 · 1 min read गम नहीं होता... अपनों का रूठ जाना,किसी मर्ज से कम नहीं होता क्यूँकि इस मर्ज का कोई भी मरहम नहीं होता फिर मनाना पड़ता ह उन्हें सब कुछ पीछे छोड़कर इस बीच सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 293 Share MANSI PAL 4 Jul 2021 · 1 min read जब मुलाकात होती है... तुम्हारी बात औरों से अलग और खास होती है सभी खुशियों से बढकरके सुखद अहसास होती है दुआ करते हैं हम रब से हमेशा तुझसे मिलने की हसीं वो हर... Hindi · मुक्तक 3 2 572 Share MANSI PAL 4 Jul 2021 · 1 min read कुछ अलग करिए... झूठ और फरेब का किस्सा ना बनिए, कुछ अलग करिए भीड़ का हिस्सा ना बनिए। - मानसी पाल "मन्सू" Hindi · दोहा 1 269 Share MANSI PAL 4 Jul 2021 · 1 min read कर तूने जो ठाना है। थक कर कैसे बैठ गया तू कर तूने जो ठाना है नहीं मिली है मंजिल तेरी लक्ष्य अभी अनजाना है माना कि बाधाएँ बहुत हैं दुश्मन सारा जमाना है पर... Hindi · कविता 1 3 216 Share MANSI PAL 3 Jul 2021 · 1 min read जिंदगी-एक लंबा सफर जिंदगी के इस लम्बे सफ़र में कोई जीतता है तो कोई हारता है सभी की ख्वाहिशें हैं, मुकाम है अपना-अपना कोई मजबूरी में ही अपना मन मारता है यूँ तो... Hindi · कविता 1 200 Share MANSI PAL 2 Jul 2021 · 1 min read हौसलों की ताकत हौसलों की ताकत को आजमाने की जरूरत है, सोये हुए ख्वाबों को जगाने की जरूरत है मीलों का ये फासला तय हो जाएगा पल भर में बस इरादों को अमल... Hindi · कविता 246 Share MANSI PAL 2 Jul 2021 · 1 min read माँ... सारे जहां की खुशियों का सबसे खूबसूरत अहसास है माँ अपनों की नजदीकियों का स्नेहिल-सा आभास है माँ कभी भी न टूटने वाला एक अटूट विश्वास है माँ दुनिया के... Hindi · कविता 450 Share MANSI PAL 2 Jul 2021 · 1 min read यही मंजर तेरी यादों का ये दरिया मुझे सोने नहीं देता, अजनबी राहों पर भी मुझे खोने नहीं देता, भरोसे की दीवारों को भी मैंने ढहते देखा है, यही मंजर मुझे तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share Previous Page 2