Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Oct 2024 · 1 min read अगलग्गी (मैथिली) अगलग्गी (मैथिली) १. अगलग्गी पसरल धुँवा निकलल नए जानि हिया कक्कर जरल ? २. कब्जा ढिल बिना कोकिआएत गेट खुजल हैण्डिल पकैड किछुगोट चिच्चिआएल । ३. विर्ता टुटल दम ओनाएल... Quote Writer 1 122 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 14 Oct 2024 · 1 min read चाकरी (मैथिली हाइकु) चाकरी (मैथिली हाइकु) १. सम्मान लोभ चाकरी करे लोक अन्ठिहा बने । २. युवा डुबल चाकरीके बुझैछ जेना श्रृंगार । ३. खूद चाकर चाकरीमे विभोर मर्यादा नाघै । ४. पेशाके... Quote Writer 1 63 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 8 Sep 2024 · 1 min read अनौठो_संवाद (#नेपाली_लघु_कथा) आज बिहान सार्वजनिक बसबाट म रेगुलर ल्याब टेष्टका लागि टेकुस्थित राष्ट्रिय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला जाँदै थिएँ । बसका सबै यात्रु आ-आफ्नै धूनमा मग्न थिए । कोही गफमा व्यस्त थिए त कोही... Nepali · कथा 58 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 28 Aug 2024 · 2 min read स्वार्थी मान्छे (#नेपाली_भाषा) फकिरा गाउँका सम्पैत काका हट्टाकट्टा थिए । आफ्नो जीवनमा उनी यति खटेका थिए की उनका तीन पुस्तासम्म बसी-बसी खान पुग्ने गरी सम्पत्ति जुटाई दिएका थिए । उनी किसान थिए ।... Nepali · कथा 1 67 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Aug 2024 · 1 min read जिंदा मनुख जिंदा मनुख जिंदा रखैक सोच मुईला बाद ! Maithili · हाइकु 73 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Aug 2024 · 1 min read मौर ढलल मौर ढलल समाज शोकाकूल लोग व्याकूल ! Maithili · हाइकु 93 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Aug 2024 · 1 min read एक भगाहा एक भगाहा पूर्वाग्रही भँ लोग धर्म बिसरै ! Maithili · हाइकु 2 74 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Aug 2024 · 1 min read #हाइकु मरण सत्य प्राण त्यागक' बाद द्वंद्व मुर्खता ! Maithili · हाइकु 2 62 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Aug 2024 · 1 min read हाइकु (मैथिली) झुठक खेती मृत्तोपरांत निच संस्कार बुझी ! Maithili · हाइकु 2 58 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 1 May 2024 · 1 min read सत्य की खोज एक राही, भटकते रहा, सत्य की खोज में, रोशनी तले अंधेरा, राही को समझ नहीं आया । सत्य की खोज में, तीर्थयात्रा जारी रही, माता–पिता की सेवा सें परे, अपने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 108 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 1 May 2024 · 1 min read सत्य क्या है ? जीवन सत्य है, विवेक का यह प्रकाश भी है, इससे विमुख होना, असत्य की मार्ग है । ज्ञान सत्य है, जीवन रुपान्तरण का यह साधन भी हैं, इसके विपक्ष मे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 99 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 25 Apr 2024 · 3 min read गरिबी र अन्याय ●दिनेश यादव रामबत्ती बिहानै उठेर घरको कामधन्दामा व्यस्त थिइन । तीन वर्षिया छोरी मञ्जू पनि सकालै उठिन । आमालाई संगै नदेखेपछि केही बेर रोईन । आँखा मिच्दै बाहिर निस्किन ।... Nepali · कथा 1 136 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 23 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज एक राही, भटकते रहा, सत्य की खोज में, रोशनी तले अंधेरा, राही को समझ नहीं आया । सत्य की खोज में, तीर्थयात्रा जारी रही, माता–पिता की सेवा सें परे, अपने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 156 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Mar 2024 · 1 min read सत्य क्या है ? जीवन सत्य है, विवेक का यह प्रकाश भी है, इससे विमुख होना, असत्य की मार्ग है । ज्ञान सत्य है, जीवन रुपान्तरण का यह साधन भी हैं, इसके विपक्ष मे... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 173 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 2 Mar 2024 · 1 min read हाइकु (#हिन्दी) बहु संस्कारी जब तक तपती चूल्हे की आग । ♧♧♧♧♧♧♧ चूल्हे की आग नसिब कहाँ उसे जो है गरीब । ♧♧♧♧♧♧♧ चूल्हे जलती पेट की आग बुझती ऊर्जा मिलती ?... Hindi · हाइकु 1 2 1k Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 28 Feb 2024 · 1 min read लोग बंदर लोग बंदर मदारी बैन पंडा खुब नचबे ! Quote Writer 1 121 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Feb 2024 · 1 min read बापक भाषा बापक भाषा अपन ऊ बुझैछ म्यामें छै भ्रम ! Quote Writer 1 199 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Feb 2024 · 1 min read #मैथिली_हाइकु १. बिना औजार उबजे नय खेती अन्न सपना ! २. हौ बुद्धिमान सोच निच तोहर तें बकनेर ! ३. छै बकलोल बिना फार-कनैल जोतैछ हर ! ४. दू मुँहा लोग... Maithili · हाइकु 1 137 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Feb 2024 · 1 min read सांस माक्स लगाकर, किसान चाचा, खेत की ओर कूंच करते, रास्ते में, मंगरू भैया, माक्स में ही मिलते ओ शौच से आते । आमने–सामने होते , मंगरू भैया, बोले झिझकते –... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 107 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read फूल हरित पत्तों की पर्दों में है, तने के अंत में जीवित है, शोभा पेड़ की बढ़ाती है, एक सुंदर फूल जो है, पर, नज़र जब लोगों की पडती है, तोड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 106 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read बेटी एक बेटी जो, आधुनिकता पर बेकाबू हैं, फैशन के दिनचर्या पर उतारु हैं, मनमर्जी परिवार पर हावी हैं, शादी भी खूद की पंसद करी हैं, पढाई में तेज होने के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 109 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read पिता का पेंसन इलाज और दवा, सेवा में भी हिसाब, वर्षो. से परंपरा बना, एक–एक हिसाब पर सभी चौकन्ना, पिता का पेंसन, बंदरबांट करते संतान । कपडे–लत्ते पुराना, नूतन नसीब कहा, अब, बेटे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 149 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read दो सहोदर दो सहोदर, साथ–साथ पला, बढा, पवरिश और छत्तरी, मार्ग, लक्ष्य भी एक, माता–पिता का, समान स्नेह भी मिला । पर, शादी होते ही, सबकुछ बदला, अब, दो सहोदर, अलग–अलग, ध्रुब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 148 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 18 Feb 2024 · 1 min read भाषा मूल मातृभाषी लोग, अपनो ही से लुट गए, उनकी अपनी ही भाषा दूसरों के बन गए, उनकी बोली वीरान नहीं, पर वह वहिष्कृत हो गए, अविश्वासी भी बन गए, माँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 198 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read तोता और इंसान इंसान को देखते ही, पंडित जी का तोता अनाहक बोला– हे मूर्ख ! यह सुनते ही मनुष्य आबाक है, उसके प्रतिक्रिया की स्थिति गौण है, परन्तु मन में वाणी की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 133 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन वो भी था एक जमाना, खुशियों का न कोई ठिगाना, हंसी मजाक खुब करना , चंदामामा का चाहना, तितली पकडने का बहाना, अहा, बचपन बहुत सुहाना । बांस के छड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 123 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read स्वयंभू वह कहते हैं– मैं प्रचारक, बुद्धिमानी किसी से कम नहीं हूं, दूसरों की बात क्यों मानूं, स्वयंभू किसी की बात कभी मानी है < उसके, ढोल की लय, ताल भी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 130 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read गरीबों की जिंदगी कभी नमक, कभी कपड़े, दवा भी लेनी है, त्योहार की तैयारी चल रही होती है, बेटी की विदाई भी आ जाती है, उन्हें उपहार मे साड़ी, धोती और कुर्ता देने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 148 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read मेरा दिन भी आएगा ! गाँव का एक भतीजा, अठारह वर्ष का वह, कह रहा था- अंकल, मेरा दिन भी आएगा । जब पहुँचा वह, तीस, तब भी कह रहा था– अंकल, मेरा दिन भी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 157 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Feb 2024 · 1 min read वह कौन सा नगर है ? व्यक्तिगत मामलों में जागना, जनसमस्याओं में सोये रहना, बदमाशी में आगे रहना, बलपूर्वक कार्य में एकत्रित होना, वह कौन सा नगर है जरा बताना ? कदम कदम पर धर्म की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 144 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Feb 2024 · 1 min read गुलाम शिक्षित किशोर , तुम मूर्ख क्यों बन रहे हो ? ठेकेदारों की बोली के माध्यम, तुम क्यों बन रहे हो ? अपनी बुद्धि के मुन्ना खोलो, तुम किसी और का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 122 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Feb 2024 · 1 min read मजदूर संख्या मे हम भारी हैं, समूहों में भी हम कम नहीं , हमारे ही शक्तिबल से अन्न उपजे, हमारे संकट में कोई हमें न पूछे, एक कहावत है, टूटा हुआ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 102 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read पिता और पुत्र कंधे पर, अपने पिता के , बेटा चढा है , मेला दिखाने , नङ्गे पाव, ठेलम-ठेल मे वह दौडा है । कभी जलेबी, खिलौने भी, जब उसने चाहा है, रेजकी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 152 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read शहर में नकाबधारी इस जगत में, चारो तरफ झुठ ही झुठ है, सत्य को, पहचाने कैसे हम ? नकाबधारीयों की दबदबा है सहर में किस–किस को ऐना देखाएँ हम ? हर जगह मौसम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 122 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read गरीब–किसान कभी बाढ ने लुटा, कभी सुखे ने, कभी कोरोना बीमारी से लुट गया, लुटाना जिसके नियत है, वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं । फसल मे नुकसान, राहत के इरादे, दर–दर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 141 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read भूखे हैं कुछ लोग ! भूखे हैं कुछ लोग देश, समाज के पहिचान, स्वाभिमान बचाने के जुनून मे परन्तु भावनाओं के गहरे दहलीज पर दिगभ्रमित करनेवाला भीड गला उसके रेटती है । भूखे है कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 156 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read हंसें और हंसाएँ किस से कौन क्या लेता हैं, किस को कौन क्या देता हैं, इसिलिए थोडा ही सही हंसें, इसिलिए थोडा ही सही दूसरों को हंसाएँ, सम्बन्ध एही तो हैं, खुद हंसें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 129 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read गुमशुदा लोग वह लोग, जो बार–बार विलिन होता हैं, दुसरे के छाया मे, जब वह खडा होता हैं, खुद गुमशुदा बन जाता हैं । वह लोग, जो खुद छाया नही बन पाता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 126 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read #पंचैती गावों मे चारों ओर अपराधों के जाल बिछा है, सामन्तीयों ने वहाँ कमजोरों को सदैव घेरते आया है, कभी बेटियाँ की ईज्जत पर धावा बोला हैं, कभी लोगों का धन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 159 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read पागल बना दिया मैं कवि न था कभी लेकिन तुमने कवि बना दिया एक नेक दिल इंसान को पागल बना दिया । मैं शायर न था कभी लेकिन तुम्हारे प्यार ने शायर बना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 2 140 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read हम और तुम आँखो में बसा कर तुम्हे, जीवन नैया पार करने की तमन्ना है मेरी, दिल के धड़कन में बाँध कर, साथ-साथ जीने की आरजू हैं मेरी, इसिलिए आओ प्रिये ! वर्तमान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 170 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read आखिर कब तक आखिर कब तक तुम अपने कातिल मुस्कान से मुझे तड़पाते रहोगे कम से कम एक बार तुम अपने सप्तरंगी ख्वाबो में मुझे बसा के तो देखो । आखिर कब तक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 161 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read जीवन जीवन दो दिनों का मेला है, फिर लोग क्यों अपनों से करता झमेला हैं ।१। दुःख तो सभी को मिला है, फिर सुख में किस बात की रेला है ।२।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 162 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read हाइकु (#मैथिली_भाषा) #लोकमैथिली_हाइकु १. चम्बल घाँटी रंगमंच बनल जनकपुर ! २. बेल मोहन चोरबाके प्रख्याति जानकी भूमि ! ३. झिझा गामसँ आब चिनहाउत जनक भूमि ! ४. सीता नगरी बभनौटी पागक' खोजै... Maithili · हाइकु 1 162 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 27 Jan 2024 · 1 min read कठपुतली ( #नेपाली_कविता) न कुनै प्रगतिवादी चरित्र , न त्यस अनुरुपको कुनै सोच, विचार र सिद्धान्त, मात्र हल्लाबोलमा रमाउँछ, टाई-सुटमा एउटा कठपुतली, समय–समयमा नाटक मञ्चन गर्छ । न कुनै योगदान, न त्यस अनुरुपको... Nepali · कविता 1 228 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Jan 2024 · 1 min read केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pen' ले लेखिएको कथा/इतिहास सम्झौताप्रस्त नेतृत्वले आफू अनुकूल प्रयोग र व्याख्या गर्दै त्यसलाई आफ्नै हातले रातो मसी लगाउँदै 'गलत' ठहराउन सक्छन्... Quote Writer 273 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Jan 2024 · 1 min read सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर चढल उच्चका मुँहभरे खसबे करैछ । Quote Writer 1 231 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Jan 2024 · 1 min read भूख भूखे हैं कुछ लोग देश, समाज के पहिचान, स्वाभिमान बचाने के जुनून मे परन्तु भावनाओं के गहरे दहलीज पर दिगभ्रमित करनेवाला भीड गला उसके रेटती है । भूखे है कुछ... Hindi · कविता 1 1k Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 16 Jan 2024 · 1 min read जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग । जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग । Quote Writer 1 307 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 15 Jan 2024 · 1 min read *लोकमैथिली_हाइकु* १. भिने बथान समूहमे रमैए कनही गाय! २. ताल बेताल खुब धकरैए हाथ सुथनी ! ३. ललका फित्ता गर्दैनमें लटका माछी मारैए ! ४. छै लालेलाल लाले कपडा-गाल मन छै... Maithili · हाइकु 1 1k Share Page 1 Next