Dheerja Sharma 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read मुझे गाँव याद आता है बरसों बीत गए शहर में रहते पर जाने क्यों अब भी मुझे शहर अच्छे नहीं लगते। नादानी बेफिक्री की उम्र में जबरदस्ती समझदार बना दिये गए बच्चे , बच्चे नहीं... Poetry Writing Challenge · 16 शहर- गाँव · कविता 125 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 4 min read पक्की सहेलियाँ रिया गुज़र गयी? कब कैसे? क्या हुआ?" मैंने लगभग चीखते हुए अंकल जी से पूछा। " आज एक साल हो गया, करुणा।उसके सास ससुर के विवाह की पचासवीं वर्षगाँठ थी।घर... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी · दोस्ती 1 1 162 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read घर ये मकान .....जिस के बाहर प्लेट पर मैंने अपना नाम सजाया है जिसे बनाने के लिए मैने भारी भरकम कर्ज़ उठाया है चमचमाती टाइलों लगे फर्श शीशों वाली बड़ी बड़ी... Poetry Writing Challenge · 15 घर · कविता 1 1 353 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read वो लड़की जब भी मायके आती हूँ मिलना होता है एक छोटी सी लड़की से। खिड़की से बाहर झांकती हूँ तो दिखाई देती है वह छोटी सी लड़की जेठ दुपहरी में, नीम... Poetry Writing Challenge · 14 लड़की · कविता 1 67 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read आजकल 1बन्द हैं अलमारी में खा रही हैं दीमकें। बहुत उदास हैं किताबें उन्हें उठाता नहीं कोई। 2नाना नानी दादा दादी मम्मी भी और पापा भी सभी व्यस्त मोबाइल में कहानी... Poetry Writing Challenge · 12 आजकल · कविता 52 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read माँ सब कुछ कर सकती है माँ.... समस्याओं से जूझ सकती है तकलीफों से लड़ सकती है नाकों चने चबवा सकती है भूख को....। माँ...... फाड़ सकती है धरती का सीना आसमान में सुराख कर सकती... Poetry Writing Challenge · 11 माँ · कविता 1 66 Share Dheerja Sharma 25 May 2023 · 1 min read ये बच्चियां वो बच्ची भाई को गोद मे ले लोरी गाती है जब तुतलाती सी तो माँ लगती है। उठा झाड़ू नन्हे नन्हे हाथों में बुहारने लगती है जब आँगन तो माँ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 133 Share Dheerja Sharma 25 May 2023 · 1 min read एक नयी पहचान सुनो आदर्श औरत थक नहीं गयी क्या तुम आदर्श होने का बोझ ढोते ढोते ? सुंदर,सुशील, सुसंस्कृत, सुघड़ इतने लबादों के नीचे दबे दबे दम घुटता है तुम्हारा मैं जानती... Poetry Writing Challenge · 6 अच्छी औरत · कविता 1 115 Share Dheerja Sharma 25 May 2023 · 1 min read जब तुम आना ज़िन्दगी सुनो ज़िंदगी तुम जब भी आना विंड चाइम हिला कर गुड लक लाना। बरसा देना मेरे आँगन में थोड़ी सी धूप, थोड़ी सी छाँव। बना देना मेरे घर को थोड़ा... Poetry Writing Challenge · 10 सुनो ज़िंदगी · कविता 1 76 Share Dheerja Sharma 23 May 2023 · 1 min read सूरज, बादल और तुम सुनो कभी कभी न तुम मुझे सूरज जैसे लगते हो एक दम समय के पाबंद! चारों तरफ अपना ज्ञान का प्रकाश बिखेरते रहते हो। दिन भर ऊर्जा से भरपूर इस... Poetry Writing Challenge · 9 तुम · कविता 1 88 Share Dheerja Sharma 23 May 2023 · 1 min read कविता खुद हो जाती है मैं कब कविता कहती हूँ तुम कहते हो तुमको मेरी कविता नहीं सुहाती है। लेकिन मैं कब कविता कहती कविता खुद हो जाती है! प्यार तुम्हारा,गुस्सा-नफरत जब मुझको तड़पाती है।... Poetry Writing Challenge · 8 खुद ब खुद · कविता 1 97 Share Dheerja Sharma 23 May 2023 · 1 min read संवाद:दिन और रात दिन ने रात से कहा अरी ओ काली कलूटी बैंगन लूटी। कैसे जी लेती हो तुम इतने सन्नाटे में! न कोई शोरगुल,न हलचल न धींगा मस्ती, न महफ़िल। मुस्कुराते हुए... Poetry Writing Challenge · 7kavita · Rat Din 1 85 Share Dheerja Sharma 18 May 2023 · 1 min read बस तुम चलना मत छोड़ना जब दुनिया तुमको तंग करे सारे दरवाज़े बंद करे। जब ग़मों ने तुमको घेरा हो ना रात के बाद सवेरा हो। असफलता डेरा डाले हो और सभी गिराने वाले हों।... Poetry Writing Challenge · 5 चलना · कविता 246 Share Dheerja Sharma 16 May 2023 · 1 min read संदूकची सपनों वाली माँ ने ले दी थी एक संदूकची दसवें जन्मदिन पर, कहा -खूब सपने जमा करना मेरी लाडो,इस बक्से में। और फिर बड़ी हो कर एक एक कर के देखना इन... Poetry Writing Challenge · 4 सपने · कविता 108 Share Dheerja Sharma 16 May 2023 · 1 min read मज़दूर दिवस बाबू कल मज़दूर दिवस है कल तुम नहीं काम पर जाना पूरी दुनिया मना रही है तुम भी दिवस ये खूब मनाना। मेरे स्कूल में भी तो कल ये दिवस... Poetry Writing Challenge · 3 मज़दूर · कविता 94 Share Dheerja Sharma 15 May 2023 · 1 min read बंटवारा बचपन में ही कर दिया था बँटवारा माँ ने घर के काम का। बेटी के हिस्से आया घर की झाड़ू पोंछा बर्तन बेटे के हिस्से बाजार से फल-सब्जी और राशन।... Poetry Writing Challenge · कविता 225 Share Dheerja Sharma 14 May 2023 · 1 min read दर्ज़ी हूँ मैं दर्ज़ी हूँ मैं रुमाल से रसोई तक रिश्तों से नातों तक सब दुरुस्त रखती हूँ।। उधड़ने लगते हैं जब रिश्ते। स्नेह-धागे से सिल कर फिर सही कर देती हूँ।। रफूगर... Poetry Writing Challenge · 1 दर्ज़ी · कविता 152 Share Dheerja Sharma 29 Oct 2022 · 1 min read ज़िंदगी का स्टेशन ज़िंदगी है कि सुपरफास्ट ट्रेन जो भागती ही जाती है। सुबह के बाद सीधी रात पर ब्रेक लगाती है। छूट जाता है बीच में "सुहानी शाम " वाला स्टेशन बिस्किट... Hindi 146 Share Dheerja Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read मिट्टी हूँ # मिट्टी हूँ मिट्टी हूँ मैं कहाँ जाऊंगी? इधर से बह कर उधर पहुंच जाऊंगी। ऊपर से उड़ कर नीचे आ जाऊंगी। बैठ जाऊंगी नयी जगह नये पेड़ पत्तों पर।... Hindi · कविता 2 1 397 Share Dheerja Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read रक्तदान #रक्तदान रक्त का दान महज दान नहीं महादान नहीं, ये प्राणदान है, जीवन दान है। बिल्कुल अपनों जैसा होता कोई निरा अनजान है! जन्म देना चाहे ईश्वर का काम है।... Hindi · कविता 1 1 330 Share Dheerja Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read मुक्तक बहुत मुश्किल है अपनों की भीड़ में अपना ढूँढ़ना। जैसे नींद टूट जाने पर ,बीता हुआ सपना ढूंढना। ** धीरजा शर्मा** Hindi · मुक्तक 1 1 277 Share Dheerja Sharma 23 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक उम्र बहुत जी ली ज़िन्दगी जीने लगी हूँ मैं कभी कभी अपनी बात भी कहने लगी हूँ मैं। धीरजा शर्मा Hindi · मुक्तक 329 Share Dheerja Sharma 23 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक ) तू भी तो बदल कभी खुद को ए ज़िन्दगी। सदा मैं ही बदलूँ खुद को ये अच्छी बात नहीं।। Hindi · मुक्तक 438 Share Dheerja Sharma 23 Jul 2019 · 2 min read लघुकथा--- दादी दादी माँ की आकस्मिक मृत्यु के बाद दादी हमारी देखभाल के लिए यहाँ चली आयीं।पापा का पहले ही स्वर्गवास हो चुका था। अब घर में तीन जन थे.. दादी, मैं... Hindi · लघु कथा 1 1 1k Share Dheerja Sharma 4 Dec 2018 · 1 min read बेटे की विदाई बेटे की विदाई का मौका जब भी आता है उसकी तैयारी को जैसे सारा घर जुट जाता है। जूते चप्पल घड़ी चार्जर ढूँढ़ो तो ही मिलते हैं ऊपर से पापा... Hindi · कविता 3 1 344 Share Dheerja Sharma 4 Dec 2018 · 1 min read छोटे छोटे प्रयास सूरज भी कहाँ छू लेता है शिखर एक ही बार में अनन्त आकाश में। अपनों का साथ छोड़ना पड़ता है। चाँद सितारों से मुख मोड़ना पड़ता है। कुछ पाने के... Hindi · कविता 1 345 Share Dheerja Sharma 4 Dec 2018 · 1 min read छोटे छोटे प्रयास सूरज भी कहाँ छू लेता है शिखर एक ही बार में अनन्त आकाश में। अपनों का साथ छोड़ना पड़ता है। चाँद सितारों से मुख मोड़ना पड़ता है। कुछ पाने के... Hindi · कविता 1 458 Share Dheerja Sharma 11 Nov 2018 · 1 min read माँ जब कभी रिश्तों की गुत्थियां उलझ उलझ जाती हैं, तो माँ जाने कब चुपके से पास चली आती है। मेरे ख्यालों में उभरती है एक पुरानी सी तस्वीर, जिसमें 'मेरी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 51 109 1k Share Previous Page 2