धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" Tag: मुक्तक 45 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 27 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक सृजन चाँद आया नज़र चांदनी हो गई! तीरगी थी जहां रोशनी हो गई! जब से थामी कलम है मेरे हाथ ने, खूबसूरत हंसी ज़िंदगी हो गई! *************************** हौसलों से मेरे है... Hindi · मुक्तक 2 1 543 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 12 Oct 2017 · 1 min read "आँसू" "आँसू" ******* (1) दर्द से रिश्ता बनाना आ गया ! ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: आँख में आँसू छिपाना आ गया ! ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: नफरतों को आज सारी भूल कर , ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: उल्फ़तों के गीत... Hindi · मुक्तक 331 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 8 Aug 2017 · 1 min read *दरिया,दोस्ती,तिश्नगी़,खुशी,समंदर,मौजिज़ा,आइना, ज़िंदगी* सुहानी ज़िदगी को तुम कभी दुश्वार मत करना ! न हो मालूम गहराई तो' दरिया पार मत करना ! मुसाफ़िर हौंसला रखना हमेशा ही ज़माने में , सजाये दिल ने'... Hindi · मुक्तक 447 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 29 Jul 2017 · 1 min read *देशप्रेम* फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन 2122 2122 212 इस वतन से प्यार करना सीखिए ! ये चमन गुलज़ार करना सीखिए ! पाक की नापाक हरकत देखकर, हौंसले अंगार करना सीखिए ! :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::... Hindi · मुक्तक 314 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 9 Aug 2016 · 1 min read विमौहा छंद छंद- विमोहा मापनी- 212 212 (गालगा गालगा) आप जो मिल गये फूल हैं खिल गये मन सुवासित हुआ दीप से जल गये *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 644 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 9 Aug 2016 · 1 min read *झील* झील, नदी,झरने,तालाब ईश्वर का उपहार है मानव क्यों ये' भूल गया अब इनसे ही संसार है इनके बिन सब कुछ रीता अंतस में है पीर जगे इनको सदा सुवासित रखना... Hindi · मुक्तक 428 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 4 Aug 2016 · 1 min read *रहमत* छाया है इक समां सुहाना आया लब पर एक तराना हँसवाहिनी की रहमत से पाया है अनमोल खज़ाना *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 566 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 1 Aug 2016 · 1 min read *बचपन* खुशियों का खजाना बचपन हर ग़म से अंजाना बचपन कोशिश कोई लाख करे पर लौट कभी न आना बचपन *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 1 601 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 29 Jul 2016 · 1 min read *सच की आदत* सच की आदत बहुत बुरी है कड़वी ये इक तेज छुरी है कलियुग में अपराध मगर नैतिकता की नेक धुरी है *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 507 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 27 Jul 2016 · 1 min read *लम्हों* गुजरे लम्हों को जाने दो इक नयी सुबह को आने दो दिल से अब सारे गम भूलो तुम गीत खुशी को गाने दो *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 462 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 27 Jul 2016 · 1 min read *सावन* सावन की है छटा निराली छाये सभी और हरियाली बागों में अब झूला झूलें सब के मुख पर आयी लाली *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 544 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 15 Jul 2016 · 1 min read *लूट* इंसा इंसा को लूट रहा नश्वर माया ये कूट रहा बेमानी हुए रिश्ते-नाते डर ईश्वर का छूट रहा *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 343 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 14 Jul 2016 · 1 min read *अम्बर पर छाने की धुन* अम्बर पर छाने की धुन में बदले परिभाषा पूरी होती उसके मन की हर इक अभिलाषा परम्परा के धागों में जो फ़ंसता ना कभी जग को राह वही दिखलाता करता... Hindi · मुक्तक 509 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 11 Jul 2016 · 1 min read *प्रतिज्ञा* मन का दीप जलायेँगे गीत खुशी के गायेँगे फूलों सा बनकर के हम इस जग को महकायेँगे *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 472 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 10 Jul 2016 · 1 min read *सोच-विचार* जीवन के हर पहलू पर करिए सोच-विचार पथ है ये कांटों का तुम रहना होशियार जग में तुम हर इक पग रखना सम्भल-सम्भल फूलों सी है ज़िंदगी करो न इसको... Hindi · मुक्तक 426 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jul 2016 · 1 min read *ज़िन्दगानी के मुसाफिर* खुशबू को बिखराता जा इस जग को महकाता जा ज़िन्दगानी के मुसाफिर आगे कदम बढ़ाता जा *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 1 380 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 4 Jul 2016 · 1 min read *गम को जब से हमदम माना* गम को जब से हमदम माना छाया है इक समां सुहाना माँ शारदे की कृपा बरसी पाया है अनमोल खज़ाना *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 274 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 28 Jun 2016 · 1 min read *रिश्तों के आगे* छोटी 'सी' ज़िन्दगानी है लौट नहीँ फ़िर आनी है रिश्तों के आगे प्यारों धन-दौलत बेमानी है *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 1 1 311 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 28 Jun 2016 · 1 min read *बदलाव की आँधी* चले बदलाव की आँधी खुशी चहुंओर छाएगी धरा ये एक है सारी यही आवाज़ आएगी मिटें सब दूरियाँ दिल की हमारी ये तमन्ना है हमारी शान में दुनिया हसीं फ़िर... Hindi · मुक्तक 714 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 18 Jun 2016 · 1 min read *रिश्तों का अहसास* रिश्तों का पावन अहसास भर देता है इक विश्वास बुझे हुए मन दीपक में जग सी जाती फ़िर से आस *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 328 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 18 Jun 2016 · 1 min read *हकीक़त का सामना* सामना हकीकत का जो करते हैं फ़िर कहाँ खयालों में जिया करते हैं सुहानी हो जाती है हर इक डगर प्रभु खुद उनकी मदद किया करते हैं *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 431 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 15 Jun 2016 · 1 min read *नारी का सम्मान* नारी का सम्मान करो भूल से न अपमान करो मन से समझो इसको तुम मुख से मत गुणगान करो *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 324 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 15 Jun 2016 · 1 min read *आज़ का सच* भोली-भाली सूरत होती काली लेकिन सीरत होती हो अंतर में शैतान बसा घर में रब की मूरत होती *धर्मेंद्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 476 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 14 Jun 2016 · 1 min read *वीरों का गान* दिल में इनके हरदम बसता प्यारा हिंदुस्तान है जान लुटाते ये सीमा पर अजब निराली शान है दुश्मन को ललकारें ये चौड़ा सीना तान के सब लोगों की जुबां है... Hindi · मुक्तक 633 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 14 Jun 2016 · 1 min read *मीरा* मीरा थी इक प्रेम दीवानी चाहत उसकी अजब नूरानी अपनी सच्ची प्रीत के कारण गाथा है वो एक सुहानी *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 435 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 14 Jun 2016 · 1 min read *मीत बना ग़म* सबके दिल में जो जीते ज़ख्म जिया के जो सीते मीत बना ग़म है उनका आँसू जग में जो पीते Hindi · मुक्तक 413 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 12 Jun 2016 · 1 min read *पेड़* जीवन का श्रँगार पेड़ हैं संकट की पतवार पेड़ हैं बिन इनके है सब कुछ सूना हर सुख का आधार पेड़ हैं *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 299 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 11 Jun 2016 · 1 min read *सीख* ऐ सुमन मुरझा नहीँ तू मुस्कुराना सीख ले मन चमन घबरा नहीँ तू खिलखिलाना सीख ले प्रीत का पलड़ा रहा है हर घड़ी ही डोलता वैर को अपने सदा ही... Hindi · मुक्तक 1 292 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 11 Jun 2016 · 1 min read *रहमत* कदम तेरी चौखट पर जब सेरखा है आसमां से भी ऊंचा मेरा सर लगता है तेज आँधियाँ है, फिर भी मैं रोशनहूँ ये सिर्फ तेरी रहमतों का असर लगता है... Hindi · मुक्तक 562 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 9 Jun 2016 · 1 min read *मानसून* आसमान में बादल छाए वसुधा मनहर राग सुनाए है झूम रहा खुशियों में मन बरखा के अब दिन हैं आए *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 327 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 8 Jun 2016 · 1 min read *आपा-धापी* दौलत की आपा-धापी में ईश्वर तो है भूल गया चहुंओर है झूठ का राज सच का पलड़ा झूल गया नैतिकता की सारी बातें सिर्फ किताबों में सिमटी नश्वर जग की... Hindi · मुक्तक 330 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jun 2016 · 1 min read *जीवन* उमंगों का त्यौहार है जीवन मधुरिम सा इक प्यार है जीवन जी भर इसको तुम जी लो ईश्वर का उपहार है जीवन *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 352 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jun 2016 · 1 min read *बेटी की विदाई* बसंती ओढ़ कर चूनर सजी ससुराल जाती है कली बन फूल गुलशन को सुगंधी से सजाती है सभी का मन लुभाती सी सुहानी हर अदा इसकी गमों का दौर जब... Hindi · मुक्तक 628 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jun 2016 · 1 min read *विधाता छंद*मापनी-1222 1222 1222 1222 ऐ सुमन मुरझा नहीँ तू मुस्कुराना सीख ले मन चमन घबरा नहीँ तू खिलखिलाना सीख ले प्रीत का पलड़ा रहा है हर घड़ी ही डोलता वैर को अपने सदा ही... Hindi · मुक्तक 1k Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 6 Jun 2016 · 1 min read *प्रेम रतन* जग में कायम शान रखिए खुद से भी पहचान रखिए प्रेम रतन को बाँट - बाँट सबसे दुआ सलाम रखिए *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 747 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 4 Jun 2016 · 1 min read *कलम से सिर कलम कर दो* जुबां से तुम वफा कर लो सुनो दिल के तरानों को भुला कर वैर तुम सारे मिटा डालो फसानों को वतन भी है तरसता सा हिफाज़त का नशा हो अब... Hindi · मुक्तक 1 689 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 3 Jun 2016 · 1 min read *विश्वास* जब विश्वास अटल होता उजला हर इक पल होता हर मुश्किल बनती आसां ज़ीवन ये सफल होता *धर्मेंद्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 532 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 3 Jun 2016 · 1 min read *रहमत* सहरा भी गुलज़ार हैं होते दरिया ग़म के पार हैं होते खुदा की होती जब है रहमत उन्नति के आसार हैं होते *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 596 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 3 Jun 2016 · 1 min read *प्रेरक* हर ग़म में जो मुस्काते हैं खुशियों के नगमे गाते हैं तोड़े मन के सारे बंधन इक नया सवेरा पाते हैं Hindi · मुक्तक 613 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 1 Jun 2016 · 1 min read *मन मयूर* खुशियों का मौसम आया है सुखों का आलम छाया है मन मयूर ने चहक चहक कर इक मधुरिम राग सुनाया है *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 536 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 31 May 2016 · 1 min read *विरह वेदना* नयन मेरे निहारें पथ सुहाने गीत गाओ तुम खिलें फिर फूल गुलशन में लगन ऐसी लगाओ तुम सजा कर चाँदनी दिल में गये जाने कहाँ पर हो अधर हैं सूर्य... Hindi · मुक्तक 1 794 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 31 May 2016 · 1 min read *दोस्ती* दोस्ती का रिश्ता कभी पुराना नहीँ होता ख़त्म कभी भी ये अफ़साना नहीँ होता बड़ी पाकीज़गी है इसमें पाई, वरना आज हमारे लबों पर ये तराना नहीँ होता *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 1 1 754 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 31 May 2016 · 1 min read *प्रेरक* मायूस होके न यूँ साँझ की तरह ढलते रहिये भोर है ज़िंदगी सूरज की तरह निकलते रहिये पथ की सारी मुश्किलें हैं आसां बन जाती साथियों जीवन पथ पर हमेशा... Hindi · मुक्तक 1 1k Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 30 May 2016 · 1 min read मुक्तक अम्बर को चूमे है बेटी ग़म में भी झूमे है बेटी घर के सूने से आँगन में बन पुरवा घूमे है बेटी Hindi · मुक्तक 524 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 30 May 2016 · 1 min read *नारी का सम्मान* नारी का सम्मान करो भूल से न अपमान करो मन से समझो तुम इसको मुख से मत गुणगान करो *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 477 Share