Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2016 · 1 min read

विमौहा छंद

छंद- विमोहा
मापनी- 212 212 (गालगा गालगा)

आप जो मिल गये
फूल हैं खिल गये
मन सुवासित हुआ
दीप से जल गये

धर्मेन्द्र अरोड़ा

Language: Hindi
538 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विषय मेरा आदर्श शिक्षक
विषय मेरा आदर्श शिक्षक
कार्तिक नितिन शर्मा
इसरो के हर दक्ष का,
इसरो के हर दक्ष का,
Rashmi Sanjay
भोले
भोले
manjula chauhan
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
अकेले हुए तो ये समझ आया
अकेले हुए तो ये समझ आया
Dheerja Sharma
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
गर्म चाय
गर्म चाय
Kanchan Khanna
उसकी दोस्ती में
उसकी दोस्ती में
Satish Srijan
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
Rohit yadav
ज्ञानों का महा संगम
ज्ञानों का महा संगम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"कभी मेरा ज़िक्र छीड़े"
Lohit Tamta
2381.पूर्णिका
2381.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"दिल में कांटा सा इक गढ़ा होता।
*Author प्रणय प्रभात*
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
कवि दीपक बवेजा
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Bodhisatva kastooriya
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
ये आंसू
ये आंसू
Shekhar Chandra Mitra
बैरिस्टर ई. राघवेन्द्र राव
बैरिस्टर ई. राघवेन्द्र राव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Dushyant Kumar
*चाँदी को मत मानिए, कभी स्वर्ण से हीन ( कुंडलिया )*
*चाँदी को मत मानिए, कभी स्वर्ण से हीन ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er. Sanjay Shrivastava
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
💐अज्ञात के प्रति-140💐
💐अज्ञात के प्रति-140💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...