दीपक झा रुद्रा Tag: ग़ज़ल/गीतिका 44 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक झा रुद्रा 24 Mar 2022 · 1 min read भूल गए! 22.22.22.22.//22.22.22 दौर दिखावा का आया पर ,प्यार दिखाना भूल गए। आहों से गीत निकल आई तब, दर्द छिपाना भूल गए। काश! तुम्हारे आलिंगन से, हर मुश्किल का हल होता मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share दीपक झा रुद्रा 9 Jan 2022 · 1 min read तो गैर पर तुम जवानी लिख दो!! एक ग़ज़ल के आबरू ओ अदब़ पर एक गुस्ताख़ी मुलाहिज़ा करें। 12–122–12–122//12–122–12–122 कोई तो तुहमत के पहलुओं पर हमारी ग़म की कहानी लिख दो। जो आंँख में हो लहू नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share दीपक झा रुद्रा 1 Jan 2022 · 1 min read प्रश्न क्या है एक कवि के आत्मा का हम बताएं? तथ्य पीड़ित कर रहा नव वर्ष कैसे हम मनाएं! प्रश्न क्या है एक कवि के आत्मा का हम बताएं? तथ्य पीड़ित कर रहा नव वर्ष कैसे हम मनाएं! तन ठिठुरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 260 Share दीपक झा रुद्रा 3 Dec 2021 · 1 min read उजड़ रहे घरों को फिर बसाइए ज़मीन पर। 1212 1212 1212 1212 फ़लक फ़लक भटक लिए तो आइए ज़मीन पर। उजड़ रहे घरों को फिर बसाइए ज़मीन पर। ख़ुदा बनें यूं चाहतों में दफ्न आदमी न हो। सो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 226 Share दीपक झा रुद्रा 3 Dec 2021 · 1 min read वो चुलबुली हसीन है पगली की तरह है। चंद पंक्तियां देखिए 2212 1212 2212 12 मेरे रगों में दौड़ती बिजली की तरह है। वो चुलबुली हसीन है पगली की तरह है। मुझको मिली वो दूसरी उल्फत नसीब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 299 Share दीपक झा रुद्रा 2 Dec 2021 · 1 min read कहीं दे रहा धुआंँ खिलौना। *ग़ज़ल खिलौना* जहांँ देखिए वहांँ खिलौना। मेरी आंँख में जहांँ खिलौना। कहीं रोशनी दिया है उसने। कहीं दे रहा धुआंँ खिलौना। बहुत खेल ली दिल से तुमने। बताओ रखा कहांँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share दीपक झा रुद्रा 30 Nov 2021 · 1 min read जब भी मिलना प्यार से मिलना मुझे। कुछ भी हो तो भूल मत जाना मुझे। जब भी मिलना प्यार से मिलना मुझे। एक तुम तक मुख़्तसर है ज़िंदगी। एक तेरे साथ है चलना मुझे। संग दिल है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share दीपक झा रुद्रा 29 Nov 2021 · 1 min read भूल जाओगे नशा फिर मयक़शी से। 2122 2122 2122 छोड़कर करना गिला शिकवा किसी से। जो मिला स्वीकार कर उसको खुशी से। मांग मत मुझसे ख़ुदा का अब पता जब। आदमी मिलता नहीं है आदमी से।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 360 Share दीपक झा रुद्रा 13 Nov 2021 · 1 min read डूबकर हम तो बस डूब जाते रहे। जान अपनी जो तुमको बनाते रहे। तेरे राहों में दिल को बिछाते रहे। रात है चांदनी की मुकम्मल मुझे आंख में चांद फिर तो बसाते रहे। एक तू है हमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 195 Share दीपक झा रुद्रा 7 Nov 2021 · 1 min read तू तो आ पूरी जिंदगी लेकर।। दिल के दुनियां में रोशनी लेकर। गम के महफ़िल में हर खुशी लेकर। मेरे उल्फत का हिफाज़त करने आइए शौक़–ए–शायरी लेकर। गुफ्तगू करनी है लंबी सी मुझे तू तो आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 384 Share दीपक झा रुद्रा 18 Oct 2021 · 1 min read मेरी जांँ अब तो ज़मीं पर भी उतर कर देखो। आंँख के रस्ते कभी दिल से गुज़र कर देखो। मेरे आंँखों में है जमता सा समंदर देखो । पाक हो जाओगे जैसे कि पानी गंगा का हांँ मगर तुम मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share दीपक झा रुद्रा 3 Oct 2021 · 1 min read वो जलजला बुलाएगा तो मशवरा दिया करूं!! एक ग़ज़ल बहुत दिनों बाद आपको निवेदित करता हूं। 1212 1212 1212 1212 नया है दर्द इश्क़ में नहीं तो क्या कहा करूं? जो दर्द आप दीजिए खुदा करे हँसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 246 Share दीपक झा रुद्रा 24 Sep 2021 · 1 min read दिल जो दिल से कभी लगाओ तो। दिल की चाहत जरा बताओ तो । पास अपने मुझे बुलाओ तो। भूल जाना कि क्या है ये दुनियां दिल जो दिल से कभी लगाओ तो। ना दिखेगा अंधेरा शहरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 792 Share दीपक झा रुद्रा 18 Sep 2021 · 1 min read दृश्य अंधे ने देखा है क्या पूछिए! एक मतला और चंद शे'र आप बेघर से घर का पता पूछिए। कैसे क्या क्या घटा हादसा पूछिए? कितने सिद्दत से चाहा है मैंने तुम्हें अपने दिल से मेरा क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 267 Share दीपक झा रुद्रा 11 Sep 2021 · 1 min read आप खुशबू बने फैलने आइए। आइए आइए अब चले आइए मेरे दिल में सनम बिन कहे आइए। आपको जो लिखूं गीत हो आरती आप गीतों की गुंजन बने आइए। मेरे ख्वाबों ख्यालों में आप हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share दीपक झा रुद्रा 8 Sep 2021 · 1 min read एक तेरे दर से ही बस आस लगा बैठा हूं। एक ग़ज़ल देखिए। मैं हरेक दर्द अपने दिल में छुपा बैठा हूं। तेरे तस्वीर को सीने से लगा बैठा हूं। अब तो आ जाओ मोरनी दिल के उपवन में। अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share दीपक झा रुद्रा 8 Sep 2021 · 1 min read एक तेरे दर से ही बस आस लगा बैठा हूं। मैं हरेक दर्द अपने दिल में छुपा बैठा हूं । तेरे तस्वीर को सीने से लगा बैठा हूं। अब तो आ जाओ मोरनी बन के उपवन में अब तो आंखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share दीपक झा रुद्रा 31 Jul 2021 · 1 min read मलाल 221 1221 1221 212 हम उनसे वफ़ा ऐसे निभाते चले गए। सच होके भी सर अपना झुकाते चले गए। महफ़िल में कई प्रश्न थे मेरे वजूद पर। तो खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share दीपक झा रुद्रा 10 Jun 2021 · 1 min read पहुंँचता हूंँ वहां पर भी जहांँ लश्कर नहीं आते। एक ग़ज़ल बहुत दिनों के बाद। मेरी वो जान ओ हमदम दिली दर पर नहीं आते। जो आते हैं तो गुस्से में कभी हँसकर नहीं आते। कि जिनके इश्क़ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share दीपक झा रुद्रा 8 Jun 2021 · 1 min read उन्हीं के याद में मरकर भी जिंदा रह रहा हूं मैं। एक ग़ज़ल की कोशिश 1222 1222 1222 1222 बहर–मुफाईलुन क़ाफिया – अह रदीफ-रहा हूं मैं किसी के याद में रहकर, ग़ज़ल इक कह रहा हूं मैं। उन्हीं के याद में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share दीपक झा रुद्रा 22 May 2021 · 1 min read दिवस बरसात की आई , चलो झूमें चलो घूमें दिवस बरसात की आई , चलो घूमें चलो घूमें। गिरी जो इश्क़ की बूंदे लगी छूने चलो घूमें। कि बादल को मुहब्बत से भरी दामन कहूं पहले हरेक कतरा को... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 269 Share दीपक झा रुद्रा 22 May 2021 · 1 min read जिसने तोड़े हैं दिल मुहब्बत में 2122 1212 22 जिसने नफरत के बीच बोए हैं। वो ही अपनी ज़मीर खोए हैं। जिसने तोड़े हैं दिल मुहब्बत में याखुदा उम्रभर वो रोए हैं। जिसने पाया मुकाम दहशत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 250 Share दीपक झा रुद्रा 21 May 2021 · 1 min read अच्छी थी। एक गजल आपके नज़र 1222 1222 1222 1222 तेरी चाहत में पलते पल दो पल की बात अच्छी थी। मिले थे ख्वाब में हम तुम सनम मुलाकात अच्छी थी। जबीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 495 Share दीपक झा रुद्रा 24 Apr 2021 · 1 min read मुझको तुफां से खौफ नहीं मुझको तुफां से खौफ नहीं ,लेकिन डरता हूं साहिल से। बहुत कठिन था मगर बनाया, घर मैंने तो मुश्किल से। घर की चौखट पर ताक रहा, रातों की सघन अंधेरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 201 Share दीपक झा रुद्रा 24 Apr 2021 · 2 min read निश्छल मन का है मोल नहीं निश्छल मन का है मोल नहीं,लेकिन वो मन बेमोल नहीं। कुदरत को प्यारा निश्छल मन,मानुष का सच तो बोल नहीं। ये कनक सोहती है उसको,जो पड़े गरलता के पीछे। उनका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 213 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read इश्क़ में कॉक कर दिया तूने। 2122 1212 22 दिल का दर नॉक कर दिया तूने। आज फिर सॉक कर दिया तूने। चैट में जानूं सोना करके बता मुझको क्यों ब्लॉक कर दिया तूने। प्यार था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 235 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read ऐसी अल्हड़ सी चाहत है। सबको सोने की फुरसत है मेरा ख्वाबों से निसबत है। जलकर सूरज सा चमकूं मैं ऐसी अल्हड़ सी चाहत है। तुमको कब मैंने इश्क़ कहा तुमसे तो मेरी अस्मत है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 400 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read नयन से छू लिया मैंने तो मुझको बेशरम कहना। 1222 1222 1222 1222 नयन से छू लिया मैंने तो मुझको बेशरम कहना। जुबां ए तल्ख़ से यारा मुझे अब तो सनम कहना। किसे चाहा है कबसे हां तुम्हें मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 366 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read आशिक़ के लिए शाम जलाया नहीं जाए। 221 1221 1221 22 हर बात मेरे दिल को बताया नहीं जाए । जो सच है मगर वो भी छुपाया नहीं जाए । ये बात सही है कि मेरा दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share दीपक झा रुद्रा 16 Aug 2020 · 1 min read चाहिए हमको। एक गजल की कोशिश आपके नजर करता हूं । 1222 1222 1222 1222 कहां आजाद है भारत निशानी चाहिए हमको। दिलों में आग जिस्मो में जबानी चाहिए हमको। यहां सहमी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 695 Share दीपक झा रुद्रा 14 Aug 2020 · 1 min read जरूरी है! कसौटी है मोहब्बत की उतरना भी जरूरी है। सफ़र है इश्क का हद से गुजरना भी जरूरी है। अभी आगाज है यारों तलाश ए इश्क के सह का कवायद है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 280 Share दीपक झा रुद्रा 30 Jul 2020 · 1 min read जरूरी हुआ! 212 212 212 212 आंख से अश्क गिरना जरूरी हुआ। मेरे दिल का यूं जलना जरूरी हुआ। जिंदगी ने हमारा ये हालत किया। आज फिर सांस गिनना जरूरी हुआ। नींद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 368 Share दीपक झा रुद्रा 17 Jul 2020 · 1 min read किसको सुनाता 122 122 122 122 अगर तुम न होते मिरे जिंदगी में कहो यार किसको यूं दीपक सताता। तु है जान मेरी जरा पास आना यूं लिखता किसे और किसे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 475 Share दीपक झा रुद्रा 17 Jul 2020 · 1 min read मिरे दिलबर *हिन्दुस्तानी गजल* 122 122 122 122 हक़ीक़त जहां की सुनो मिरे दिलबर। भला शौक़ से तुम चुनो मिरे दिलबर। अभी क्या सुनोगे मिरे हाल दिल की खुदी धड़कनों में सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 559 Share दीपक झा रुद्रा 16 Jul 2020 · 1 min read है यहां 2122 2122 2122 212 ये मदद के नाम पर करते तिजारत है यहां। प्यार है कुछ भी नहीं सबकुछ हि दौलत है यहां। आपने मुझको कहा सबकुछ मुझी में है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 234 Share दीपक झा रुद्रा 1 Jul 2020 · 1 min read जद हमारा गगन से कभी कम नहीं। हिन्दुस्तानी गजल 212 212 212 212 आंख उनकी कभी हो कहीं नम नहीं। जिंदगी आपको दे कभी ग़म नहीं। चांद बैठा बगल में अगर आपके। जद हमारा गगन से कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 340 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2020 · 1 min read गजल गजल 122/122/122/122 तुम्हारे हवाले करूं जान को भी। मिरे ख़्वाब अरमां हुनर शान को भी। तुझी से मिरे चाहतें भी बची है! बचाया तुने यार ईमान को भी! मरा ख्वाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 292 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2020 · 1 min read हकीकत 122 122 122 122 तुम्हीं से मोहब्बत तुम्हीं से शिकायत । तुम्हीं से गिला है तुम्हीं से नज़ाकत। वफ़ा में जमाना यहां है सितमगर। उसे रश्क तुमसे तुम्हीं से किताबत।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 254 Share दीपक झा रुद्रा 18 Jun 2020 · 1 min read न चाहिए हिन्दुस्तानी ग़जल 221/2121/1221/212 दिल ने कहा इनाम मोहब्बत न चाहिए। बेशक रहे तु दूर शिक़ायत न चाहिए। खैरात आप पास रखो मेरि जानिजां तू ख्वाब ही सही कि हकीकत न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 523 Share दीपक झा रुद्रा 12 Jun 2020 · 1 min read तुम्हारी झील सी आंखें 1222/1222/ 1222/1222 तुम्हारी झील सी आंखें लगे जैसे कि मयखाना। हमारा हाल तो देखो, बना हूं जान दीवाना। कभी तेरी अदा मुझको , सताती है मगर यारा। तिरा गुस्सा तिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 476 Share दीपक झा रुद्रा 11 Jun 2020 · 1 min read हमदम 1222 1222 1222 1222 जरूरी है मोहब्बत में करीबी हम/सफ़र हमदम । तु मेरी जा/न है जानो/ यहां हर पल/मिरे हमदम। मोहब्बत है/ तुम्ही से तो /शिकायत भी /तुम्हीं से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 251 Share दीपक झा रुद्रा 9 Jun 2020 · 1 min read सुना ही दिया है 122/ 122/ 122/122 तुम्हारी सफ़र में खिले यार गुलशन । मोहब्बत किया तो दुआएं दिया है। कसम है तुम्हारी सनम आज से ही सजा जो मिला है गुनाहें किया है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 226 Share दीपक झा रुद्रा 30 May 2020 · 1 min read तेरे नाम का 2122 2122 2122 212 गुनगुनाती है बहारें जिक्र तेरे नाम का। जान जाता हूं जहां भी जिक्र तेरे नाम का। दिल धड़कता है मिरा पर सांस गाती है तुझे दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 276 Share दीपक झा रुद्रा 18 Mar 2020 · 1 min read मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए। जां तक लेकर था हाज़िर अपने जां के लिए। मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए। वो गुरूर है खुशी और मेरा ज़ुस्तज़ु भी वही भले वो गुल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 310 Share