दीपक श्रीवास्तव 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 दीपक श्रीवास्तव 22 May 2021 · 1 min read !! माँ.......उधार माँगता हूँ !! "माँ" मेरी नज़र में दुनिया का सबसे सुंदर शब्द है, जिसके आह्वान मात्र से ही सारे दुःखों का नाश हो जाता है। आज जब कभी गली-मोहल्लों में किसी 'बचपन' को... Hindi · गीत 4 6 519 Share दीपक श्रीवास्तव 19 May 2021 · 1 min read !! नहीं होती !! ......नहीं होती *********** ज़माने में गरीबों की कोई कीमत नहीं होती, रईसी रुठ जाती है जहाँ खिदमत नहीं होती। कोई जर्रा नहीं पाता कोई बैठा बुलंदी पर, सभी की एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 492 Share दीपक श्रीवास्तव 17 May 2021 · 1 min read !! नारी की महिमा !! आँचल में दाग धरे भारी जीवन भर त्याग करे नारी मैं हाथ जोड़कर नमन करूँ नारी की महिमा है न्यारी। कवियों की कविताई हो तुम तुलसी की चौपाई हो खुसरो... Hindi · कविता 3 4 1k Share दीपक श्रीवास्तव 16 May 2021 · 1 min read !! जीवन !! !! जीवन !! जीवन है तो जीवन में लगी रहती परेशानी, परेशानी से घबरा कर कभी गमगीन मत होना, सुख औ दुख तो हैं बस एक ही सिक्के के दो... Hindi · कविता 3 4 731 Share दीपक श्रीवास्तव 16 May 2021 · 1 min read !! मालिक मेरे !! !! मालिक मेरे !! आ गया कैसा समय बेकार है मालिक मेरे, हर तरफ चीत्कार-हाहाकार है मालिक मेरे। सूनी गलियाँ सूनी सड़कें हर तरफ छाया अंधेरा, अब खुशनुमा माहौल की... Hindi · मुक्तक 3 2 631 Share दीपक श्रीवास्तव 15 May 2021 · 1 min read !! चलन और वक्त !! !! एक !! चलन जिंदगी का बदलना पड़ेगा, बाहर संभल कर निकलना पड़ेगा। मिजाज-ए-हवा अब बिगड़ने लगी है, चेहरे को ढक करके चलना पड़ेगा। !! दो !! वक्त बुरा है... Hindi · मुक्तक 2 2 551 Share दीपक श्रीवास्तव 14 May 2021 · 1 min read !! कुछ शेर !! कुछ शेर ******** !! एक !! जब तलक देने की आदत है तुम्हारे हाथ में, तब तलक ही ये ज़माना है तुम्हारे साथ में। !! दो !! ये तुम्हारी जिंदगी... Hindi · शेर 2 527 Share दीपक श्रीवास्तव 13 May 2021 · 1 min read !! आदत न जाएगी !! !! आदत न जाएगी !! **************** कितना भी सिंह वाले रंग में रंगे शृगाल, शृगाल में सिंह वाली ताक़त न आएगी। व्यंजन पे व्यंजन जो स्वान को खिलाओ तो भी,... Hindi · कविता 5 4 633 Share दीपक श्रीवास्तव 12 May 2021 · 1 min read क्या होगा......? क्या होगा......? ************ रुकी न गर महामारी तो फिर अंजाम क्या होगा, हैं जो गर्भ में उनका न जानें राम क्या होगा। बड़ी मुश्किल घड़ी है मुफलिसी का दौर आया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 642 Share दीपक श्रीवास्तव 11 May 2021 · 1 min read .....रहने दो विधाता-छंद ********** कहीं डंस ले न तनहाई किसी को पास रहने दो, रहे जो साथ में हरदम उसे तो खास रहने दो। अगर बढ़ने लगे दूरी दिलों के दरमियां प्यारे,... Hindi · कविता 6 6 686 Share दीपक श्रीवास्तव 9 May 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम *** दो दिलों की धड़कनों का एक होना प्रेम है, सच्ची चाहत का सदा एहसास ही तो प्रेम है। प्रेम ही तो आदमी को आदमी से जोड़ता है, वरना... Hindi · कविता 4 762 Share दीपक श्रीवास्तव 9 May 2021 · 1 min read जन की दशा.... जन की दशा...... ************** जन की दशा बिगड़ रही, हाल हुआ बेहाल कब कोरोना जाएगा, बना हुआ है काल बना हुआ है काल, नयन से आंसू बरसे साँस रही है... Hindi · कुण्डलिया 2 486 Share दीपक श्रीवास्तव 7 May 2021 · 1 min read प्रभु तुमको कुछ करना होगा आज समूचा देश कोरोनारूपी दैत्य के आतंक का शिकार होता जा रहा है...हर तरफ लोग भय के वातावरण में जीने को मजबूर हैं... ऐसे में जनमानस के दुखों को दूर... Hindi · गीत 3 4 452 Share दीपक श्रीवास्तव 7 May 2021 · 1 min read जिंदगी हर रात........ महामारी के इस भयानक दौर में जिंदगी का मौत के संग जंग जारी है.....इसी संदर्भ में प्रस्तुत है एक ग़ज़ल- जिंदगी हर रात..... ************** जिंदगी हर रात क्यों जगने लगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 497 Share दीपक श्रीवास्तव 7 May 2021 · 1 min read 'कोरोना'- एक दैत्य आज समूचा विश्व संक्रमण के दौर से गुजर रहा है, हर तरफ जिंदगी की मौत से लड़ाई चल रही..महामारी के मद्देनजर प्रस्तुत है - एक ग़ज़ल: 'कोरोना' - एक दैत्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 7 609 Share दीपक श्रीवास्तव 5 May 2021 · 1 min read सुनो ऐ मुरारी..... संकट के दिन हैं विपदा है भारी कहाँ हो कहाँ हो सुनो ऐ मुरारी। मुँह ढक के निकलें ये कैसी हवा है यह मर्ज कैसा न जिसकी दवा है तुम्ही... Hindi · गीत 3 6 608 Share दीपक श्रीवास्तव 5 May 2021 · 1 min read मुक्तक या खुदा सबपे तेरी रहमत हो, हर तरफ प्यार हो मोहब्बत हो। हर कोई खुश रहे जमाने में, हर किसी की बुलन्द किस्मत हो। दीपक "दीप" श्रीवास्तव 5 मई 2021 Hindi · मुक्तक 4 442 Share दीपक श्रीवास्तव 5 May 2021 · 1 min read "बेटी" भूख, गरीबी, दर्द सभी कुछ सह लेती है, घर के हर हालात में 'बेटी' रह लेती है। दीपक "दीप" श्रीवास्तव 5 मई 2021 Hindi · शेर 3 487 Share दीपक श्रीवास्तव 4 May 2021 · 1 min read ख़िलखिलाते रहो... खिलखिलाते रहो मुस्कुराते रहो, साथ में प्यार के गीत गाते रहो। तुमको दौलत मिले खूब शोहरत मिले, तुम सितारों सा अब जगमगाते रहो। बेवफ़ाई अगर उनकी फितरत में हो, तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 7 537 Share दीपक श्रीवास्तव 1 May 2021 · 1 min read मजदूर कड़ी धूप में दिन भर पसीना बहाता है, तब जाकर दो जून की रोटी कमाता है, कमजोर, लाचार, गरीब और मजबूर है। इसीलिए तो आज वो बंदा मज़दूर है। बड़े-बड़े... Hindi · कविता 6 6 712 Share दीपक श्रीवास्तव 30 Apr 2021 · 2 min read मेरा गाँव मेरी हर धड़कन मेरी साँसों में बसता है, मेरा गाँव मेरा गाँव मेरे दिल में रहता है। झरने अपनी मौज में बहते सुर संगीत सजाते हैं, अठखेली करते फूलों संग... Hindi · गीत 3 6 729 Share दीपक श्रीवास्तव 29 Apr 2021 · 1 min read प्रियतम कोई राह बता दे मुझको कैसे मैं प्रियतम को पाऊँ, चाँद उतारूँ धरती पर मैं या अम्बर से तारे लाऊँ। प्रियतम मेरे आसपास हों हरपल उनका साथ रहे , फूलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 551 Share Previous Page 2