दीपक बवेजा सरल 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक बवेजा सरल 23 Mar 2025 · 1 min read बड़े समय के बाद हम रुख में आ रहे हैं बड़े समय के बाद हम रुख में आ रहे हैं कुछ लोग हमारे लिए रास्ते सुझा रहे हैं कहां सोया है जमीर ए चौकीदार हमारा कैसे-कैसे लोग हमें नौकरी पर... 36 Share दीपक बवेजा सरल 23 Mar 2025 · 1 min read जहां पानी की चाहत में चल लेता है दूर कोई जहां पानी की चाहत में चल लेता है दूर कोई वहां पानी की चाहत भी बड़ी मालूम होती है सब कुछ छोड़ कर कब से चला जाता लेकिन मेरे घर... 34 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read कभी अकेले में बैठेंगे तो सोचेंगे कभी अकेले में बैठे तो सोचेंगे। मेरा अपना यहां क्या है मरियम।। बड़ा मजबूर किया है अपनो ने। वरना गैरों में रखा क्या है मरियम ।। उसे छोड़ने की बात... Quote Writer 40 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read हम रस्ता देखा करते थे वो रस्ते में रास्ता छोड़ गए हम रस्ता देखा करते थे वो रस्ते में रास्ता छोड़ गए जो अंदर घुस के बैठे थे अंदर तक हमको तोड़ गए मेरे आंगन को ,गलियों को ,रोशन करते फिरते... Quote Writer 41 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read रातों को रोशन करने , जुनून घर से निकल दिया रातों को रोशन करने , जुनून घर से निकल दिया अब कहां रुकूंगा यारों मैं चल दिया तो चल दिया हम चले थे आंखों में कई सपनों का मंजर लेकर... Quote Writer 32 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read करके एक हादसा हादसों से टल गया करके एक हादसा हादसों से टल गया कोई शख्स चला , रास्ते में बदल गया जब दियो के आगे आंधियां चलने लगी , आंधियों से टकराकर दिया मचल गया ।... Quote Writer 35 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read क्यों ना इतराए फूल अपनी मिठास पर क्यों ना इतराए फूल अपनी मिठास पर तितलियां फूलों पर आकर ठहर जाती है बड़ा सूना करती है वो घर के आंगन को लड़कियां पढ़ने को जब शहर जाती है... Quote Writer 34 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read उसने घर की चौखट को जब से ऊंचा कर लिया है उसने घर की चौखट को जब से ऊंचा कर लिया है हमने तब से अकेला चलने का फैसला कर लिया है अलग लहजे में आई है पेड़ों की टहनियों जब... Quote Writer 34 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read कोई किसी के राज बता,कोई किसी की बात बता दे कोई किसी के राज बता,कोई किसी की बात बता दे मेरे अंतरमन की मैं जानू , तेरे मन की तू बात बता दे क्यू बैचेन पड़ा है अब ,जमाने की... Quote Writer 34 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read खिड़कियों से निकलता धुआं, खिड़कियों से निकलता धुआं, अंदर के राज खोल देता है बरसों से पड़ा था मौन जो वक्त आने पर वो बोल देता है जेब भारी हो तब , ये जमाना... Quote Writer 38 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read पहले कश्ती पर इल्जाम लगाए जाते है पहले कश्ती पर इल्जाम लगाए जाते है और फिर फूलों के पैगाम लगाए जाते हैं जमाने की फिराक , तुम क्या जानो यारों उभरते सिक्के यहां सीने से लगाए जाते... Quote Writer 30 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read हर कोई रोशन भी कितना हो सकता है हर कोई रोशन भी कितना हो सकता है मौत से पहले , कौन कहां सो सकता है कर मेहनत तू थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन जो अपना है वो अपना भी... Quote Writer 29 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read हर बस्ती के राज छुपा कर रखे हैं हर बस्ती के राज छुपा कर रखे हैं हमने कुछ नाराज छुपा कर रखे हैं दबी बड़ी हस्ती ,दर्द भरा है दिल में अपनी वो आवाज छुपा कर रखे हैं... Quote Writer 35 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read घर बदला,रस्ता बदला और जमाना बदल दिया घर बदला,रस्ता बदला और जमाना बदल दिया जब घर से निकले, हमने सब कुछ बदल दिया घूमते रहे जमाने भर , लोग लेकर पुराना पता , कहां ढूंढोगे मुझको तुम,मैने... Quote Writer 32 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है जब जेब में उसके पैसा बोलता है कैसे परखे किसी का सलीका अब हर कोई जरूरत के जैसा बोलता है कवि दीपक सरल Quote Writer 31 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read मेरी आंखों का ये दरिया ज्यादा तेज है मेरी आंखों का ये दरिया ज्यादा तेज है और इस पर भी उसका इशारा तेज है मुझको मिलना था, आखिरी उम्मीद से कोई आहिस्ता ही कहता ,किनारा तेज है ✍️कवि... Quote Writer 31 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read मेरी आंखों में बह रहा है..कौन है मेरी आंखों में बह रहा है..कौन है मन उसके सामने कितना मोन है बाहर से दिखने पर कोई नहीं जरा अंतर से तो देखो ,कौन है ✍️Kavi Deepak saral Quote Writer 32 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read वह कुछ करता है तो सुनाता बहुत है वह कुछ करता है तो सुनाता बहुत है आंसू भी यार आंख से आता बहुत है रास्ता बदल लिया उसने मेरे घर का आजकल बहाना वो बनाता बहुत है कवि... Quote Writer 37 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read बिना मौसम पेड़ों के भाव जब बढ़ जाते हैं बिना मौसम पेड़ों के भाव जब बढ़ जाते हैं पत्ते हवाओं के साथ मिलकर झड़ जाते हैं जख्मों को न कुरेदा जाए तो ही अच्छा है , मेरे जख्म भरने... Quote Writer 35 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read गूंगा की बस्ती को हमने आवाज उठाते देखा है गूंगा की बस्ती को हमने आवाज उठाते देखा है गुंडे चोर उचक्को को सरकारों में आते देखा है किस पर आस करोगे तुम, कौन बोझ उठाएंगा बस्ती के रखवालो को... Quote Writer 37 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read वक्त पर जरूरत के मानिद आवाज़ बदलती देखी है वक्त पर जरूरत के मानिद आवाज़ बदलती देखी है दिन मुड़ने पर अपनों की सौगात बदलती देखी है कोई किसी मेहनतकश को कौन कहां तक रोकेगा हमने तो गूंगो की... Quote Writer 37 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read कोई रात को रोशन कर दे....., कोई रात को रोशन कर दे....., कोई दिन में अंधकार फैलाएं । हर मौसम में ना बदले जो....; ऐसा शख्स अब कहां से लाएं । ✍️कवि दीपक सरल Quote Writer 36 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read अपने खुद के राज बताने लगता है अपने खुद के राज बताने लगता है अब सूरज आंख दिखाने लगता है कभी कोई काम का निकले यारों उसके घर पर आने जाने लगता है ✍️कवि दीपक सरल Quote Writer 37 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read मैं जा रहा हूं उसको अब छोड़कर मैं जा रहा हूं उसको अब छोड़कर वो नहीं आया अपना घर छोड़कर उड़ गया घोंसला, चिड़िया हुई बेघर क्या मिलेगा आंधियों को मोड़कर । ✍️कवि दीपक सरल Quote Writer 37 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read दिल का दर्द आंखों से निकलने लगता है दिल का दर्द आंखों से निकलने लगता है जब कोई रास्तों में रास्ता बदलने लगता है सब कुछ होता नहीं किस्मत के भरोसे पर हवा चलने लगती है दिया जलने... Quote Writer 36 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read वही जिसका पैसा बोलता है वो न जाने क्या क्या बोलता है वही जिसका पैसा बोलता है वो न जाने क्या क्या बोलता है जिसको होती है प्यास पानी की ,उसका सलीका बोलता है जिगर की चोट सिखाती है,सभा में बोल का... Quote Writer 45 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read प्यार की चिंता , कभी रोजगार का पाना प्यार की चिंता , कभी रोजगार का पाना हर मजबूरी को ही नाप नाप टूटा पैमाना यह बात जो दिल में है उसको कौन सुनेगा दिल पे क्या है बीती... Quote Writer 40 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read हर खेल में जीत का आलम नहीं होता हर खेल में जीत का आलम नहीं होता दिल नही होता तो यार गम नहीं होता हारे हैं यहां कई जमाने की मार से .., हर एक जुगनू यहां रोशन... Quote Writer 36 Share दीपक बवेजा सरल 16 Mar 2025 · 1 min read मेरी चाहत के पैमाने से नहीं मिलता मेरी चाहत के पैमाने से नहीं मिलता वह शख्स मुझे जमाने में नहीं मिलता मैं अब ख़ुद की तलाश में निकला हूं. सब कुछ यहां कमाने से नहीं मिलता ✍️कवि... Quote Writer 30 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read कई राज जो दिल में है बता दूं क्या कई राज जो दिल में है बता दूं क्या मै बिकना नही चाहता, बता दूं क्या । बाजार मेरी कीमत लगाने पर तुला है मैं बाजार से ही खुद को... Quote Writer 31 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read बगीचों से फूलों को नोचने का अदब सीखो बगीचों से फूलों को नोचने का अदब सीखो बाजार ए मौसम में चलना है तो कुछ सीखो बहा ले जाती है शराफत, जनाजा ये तुम्हारा अगर दुनिया में जीना है... Quote Writer 35 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read आँख का तारा होना अच्छा ,बीच भवर में सोना अच्छा आँख का तारा होना अच्छा ,बीच भवर में सोना अच्छा किसी पर निर्भरता से तो , तिनका तिनका बोना अच्छा कोई ना मिले कांधा गर तो ,खुद ही खुद से... Quote Writer 37 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read रास्तों को देखकर रास्ता बदलने वाले रास्तों को देखकर रास्ता बदलने वाले रास्ते में रह गए है रास्ते पर चलने वाले कहीं सूरज थम गए आंधियों के डर से मंजिलों पर खडे है घर से निकलने... Quote Writer 34 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read वो शब्दों को संजोते हैं , बड़े ही मीठे लहजे से वो शब्दों को संजोते हैं , बड़े ही मीठे लहजे से ये झूठों की अदाकारी बड़ी तहजीब रखती है । बड़ा पैना सलीका है , बाजार –ए– जमाने का जहां... Quote Writer 33 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read बड़ी लाचार करती है ये तन्हाई ,ये रुसबाई बड़ी लाचार करती है ये तन्हाई ,ये रुसबाई ये सोच के दिल को हमने बांधा नहीं कभी समंदर को लांघने की हसरत थी दिल में और दरिया को भी हमने... Quote Writer 40 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read मेरे आंखों के आंसू को ये आंगन रोक देता है मेरे आंखों के आंसू को ये आंगन रोक देता है मैं चौखट जब भी लांघू ये आंगन रोक देता है मैंने आंगन की राखी पर बिठाया एक कुत्ते को मैं... Quote Writer 29 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read मेरी खामोशी को समझने वाला , मेरी खामोशी को समझने वाला , कोई पत्थर मिले पिघलने वाला । राज कितने छुपे हैं दिल में उसके कोई सच कहा है उगलने वाला !! ✍️Kabi Deepak saral Quote Writer 30 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read मुझे रास्ते से हटाने वाले , मुझे रास्ता बताने वाले मुझे रास्ते से हटाने वाले , मुझे रास्ता बताने वाले हर कदम साथ नहीं रहते, मेरे घर पर आने वाले नाज़ुक धागा तोड़ देता है ,कठिनाई का ये आलम खून... Quote Writer 28 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read दिल की निकली हसरत दिल से दिल की निकली हसरत दिल से कोई बाहर आया है दिल से.....! आंखों के रास्ते से होकर......! गम बाहर आया है दिल से....! ✍️कवि दीपक सरल Quote Writer 32 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read एक अकेला जुगनू आकर कितनों को रोशन कर देगा एक अकेला जुगनू आकर कितनों को रोशन कर देगा अंधकार का आलम फेला , कोन रोशनी से भर देगा आंधी चलदी दिया बुझाकर ,सूरज छिपा क्षितिज में कौन बुझाए प्यास... Quote Writer 33 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read आंखों का कोई राज बता दे आंखों का कोई राज बता दे गीतों को कोई साज बता दे अपने अंतर–मन में जाकर कितना है मोहताज बता दे कवि दीपक सरल Quote Writer 31 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read आंख से आंसू गिरते रहते आंख से आंसू गिरते रहते जैसे झरने गिरते रहते.....। मेरे बारे तुम मुझसे पूछो... लोग पता नहीं क्या कहते । ✍️कवि दीपक सरल Quote Writer 28 Share दीपक बवेजा सरल 15 Mar 2025 · 1 min read आंख से आंख मिले तो जानें आंख से आंख मिले तो जानें कितना दर्द छुपा है ...जानें , जगत जगत में घूम लिया हूं कोई तो मुझको अपना माने कवि दीपक सरल Quote Writer 30 Share दीपक बवेजा सरल 26 Jan 2025 · 1 min read दफ्तर दफ्तर काट रहा है दफ्तर दफ्तर काट रहा है मजबूर हुए किरदारों को..। जीवन गिरवी रख कर छोड़ा जीवन के हकदारों को.....। Deepak Baweja saral Quote Writer 49 Share दीपक बवेजा सरल 26 Jan 2025 · 1 min read बात कोई ऐसी भी कह दो । बात कोई ऐसी भी कह दो । होठों तक जो आ ना पाए।। मन, मन से फिर ऐसा उलझे। मन व्याकुल होकर चिल्लाए।। कोई अकेला रहे जगत में। कोई महफिल... Quote Writer 1 80 Share दीपक बवेजा सरल 1 Oct 2024 · 2 min read दीपक सरल के मुक्तक दीपक सरल के मुक्तक किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है। जुगनू से आगे जाकर दीप जलाने निकला है। गूंगों की बस्ती में ज्वाला भड़क रही है, बढ़ने... Hindi · मुक्तक 2 216 Share दीपक बवेजा सरल 3 Sep 2024 · 1 min read किया जाता नहीं रुसवा किसी को किया जाता नहीं रुसवा किसी को दिया जाता नहीं वक्त हर किसी को एक ही शख्स पे जिंदगी वार आया मेरे जैसी ना चाहत हो किसी को..। । कवि दीपक... Quote Writer 1 150 Share दीपक बवेजा सरल 3 Sep 2024 · 1 min read ये आसमा में जितने तारे हैं ये आसमा में जितने तारे हैं सब दिखावट के सहारे हैं । घर से निकला है हर कोई कितनों को मिले किनारे हैं ।। कवि दीपक सरल Quote Writer 2 252 Share दीपक बवेजा सरल 3 Sep 2024 · 1 min read ये हल्का-हल्का दर्द है ये हल्का-हल्का दर्द है तेरा कोई तो हमदर्द है यह फालतू की भीड़ है फालतू का सर दर्द है । ✍️कवि दीपक सरल Hindi · Quote Writer 1 152 Share दीपक बवेजा सरल 3 Sep 2024 · 1 min read आए गए कई आए...... आए गए कई आए...... मगर तू नहीं आया गया पहले बिछड़ कर तू गया फिर तेरा साया गया......! आखरी ख्याल आखिर खड़ा रहा बेचैन सा.... मन व्याकुल करने को जहन... Quote Writer 1 280 Share Page 1 Next