कवि दीपक बवेजा 408 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read कुछ तो कर गुजरने का कुछ तो कर गुजरने का अब #अरमान दिल में है ! जमीन नहीं है मंजिल मेरी खुला #आसमान दिल में है!! #आसमानों की जद में रहना, फिर भी अपनी #हद... Poetry Writing Challenge-3 28 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read रोशन सारा शहर देखा रोशन सारा शहर देखा, पर दीए तले अंधेरा देखा ! पानी भरे समंदर देखे , फिर भी हमने प्यासा देखा!! भरे भरे धन कोष देखें, उनका छोटा मन देखा है... Poetry Writing Challenge-3 27 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read बस एक बार और……… स्वप्न स्वप्न सब भूल गया अब उम्मीदों से हारा है वह ….. कर एक प्रयास बस एक बार और……… जैसे तैसे धैर्य जुटाकर करने लगा अगला प्रयास वह फिर असफलता... Poetry Writing Challenge-3 38 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अखबार में क्या आएगा क्या बना है खाने में क्या परोसा जाएगा ! वहां घटना क्या हुई थी अखबार में क्या आएगा !! क्या सुना है तुमने, दादा उसके नेता थे ! यह पुश्तैनी... Poetry Writing Challenge-3 1 35 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read हौसला जिद पर अड़ा है हौसला जिद पर अड़ा है लौटना तोहीन होगी नदियां निकल गई है समुंदर से बेवफाई क्यों ।।१ जिस गली जाना नहीं है वहां से रुक मोड़ लो छोड़ आए गलियां... Poetry Writing Challenge-3 1 30 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए, हर बात मयस्सर होती कहां जमाने में । जरूरत आएगी तो हो जाएंगे रुखसत ; क्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 30 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 4 min read माँ -2 Settings एक बच्चा जो अपनी माँ से बिछड़ कर कहीं बाहर रह राहा है और वह माँ को याद करते हुए एक कविता इस प्रकार लिखता है और अपना प्यार... Poetry Writing Challenge-3 32 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read माँ माँ वह हमारी खातिर.., मौत से लड़ जाती है | जब जाकर हमारी, देह में प्राण लाती है | छोटी छोटी विपदा हो, दुनिया से लड़ जाती है | साहस... Poetry Writing Challenge-3 34 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 2 min read तब घर याद आता है आंखें नम हो जाती हैं याद मां की आती है , जब भूख सताती है तब घर याद आता है! दिल में दवी ख्वाहिश जब अधूरी रहती है , जेब... Poetry Writing Challenge-3 35 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read संघर्षों के राहों में हम संघर्षों के राहों में हम नदियों को भी मोडेगे, आंधियों में जलकर गुरूर हवा का तोड़ेंगे | एक बार जो ठान लिया मंजिल अपना मान लिया, आंखों में तूफ़ान लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 27 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read उसको उसके घर उतारूंगा उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा, अगर वो नहीं मिला मुझको तो मैं कौन सा मर जाऊंगा |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 36 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है । जब से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 30 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने और किसी और का होने भी नहीं दिया । बात भी नहीं की उसने मुझसे और रात भर उसने सोने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 29 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली तू क्यों नहीं उठ सकता है अंतर्मन में झांक जरा तू क्या कर सकता है एक अकेला जुगनू भी अंधकार हर सकता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 33 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं वह मुझसे मिलने कभी बाहर आया ही नहीं ! मेरे अंदर से होकर के गुजरे हैं कई मौसम रास्ते में रहा... Poetry Writing Challenge-3 1 31 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हम हर खंजर की खबर रखते हैं..! इतने गम है मगर अपनो का ध्यान, रखा नही जाता, फिर भी रखते है!! है वाकिफ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 32 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read चमकते चेहरों की मुस्कान में…., चमकते चेहरों की मुस्कान में…., उसके चेहरे की सादगी कुछ तो है आंखों के दरमियान देखा है हमने आंखों में शर्म ए लाज कुछ तो है दिखता है खुले पुस्तक... Poetry Writing Challenge-3 1 21 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 2 min read कुछ कर चले ढलने से पहले कुछ कर चले ढलने से पहले सूरज इस उम्मीद मै निकलता होगा कुछ कर चले ढलने से पहले, ए दरिया नदी तेरी ना हो सकी समुद्र में मिलने से पहले,... Poetry Writing Challenge-3 1 21 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read रेत पर मकान बना ही नही रेत पर मकान बना ही नही वो शक्स मेरा बना ही नही । उस मुकदमा को जीतते कैसे, हमारे साथ कोई गवा ही नही ।। अलग रास्ते से गुजर के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 31 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा मोहब्बत को रास्ते में छोड़ना पड़ा ऐसी नाव पर सवार हो गए थे हम बीच रास्ते नाब को मोड़ना पड़ा !! जिन किनारों की थी मंजिल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read चले हैं छोटे बच्चे अंधकार को दूर हटाने चले हैं छोटे बच्चे अंधेरो में जलते बुझते चले हैं छोटे बच्चे…. खुद ही खुद की राह बनाने चले हैं छोटे बच्चे …. मात-पिता का नाम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 35 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं….. वही रास्ते हमें रास्तों में छोड़ जाते हैं, कई मजबूरीयों के किस्से सुनाते हैं और कदमों के निशान छोड़ जाते हैं कभी जिंदगी के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अंतरिक्ष के चले सितारे अंतरिक्ष के चले सितारे अंतरिक्ष के चले सितारे नई उड़ाने भरने को नई आस है नई उमंग सपने पूरे करने को हौसले बुलंद लिए आंखों में उमंग लिए सपनो के... Poetry Writing Challenge-3 1 17 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए कितनी भी उड़ाने भरो आसमान में लेकिन शाम होते ही धरती पर लौट आना... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो क्यों फिर छोटी-छोटी बातों पर तुम शर्मिंदा हो खुला आसमान खुली हवाएं बैठी अंतर्मन में ज्वाला फिर भी पर ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 1 42 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read तिनका तिनका लाती चिड़िया तिनका तिनका लाती चिड़िया , ऐसे नीड बनाती चिड़िया !? चल रही आंधियां राहों में , पर उनसे ना घबराती चिड़िया !! बुलंद हौसला , कल कल करता नदियों सा... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अरमान दिल में है अरमान दिल में है कुछ तो कर गुजरने का अब #अरमान दिल में है ! जमीन नहीं है मंजिल मेरी खुला #आसमान दिल में है!! #आसमानों की जद में रहना,... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share कवि दीपक बवेजा 7 Apr 2024 · 1 min read The thing which is there is not wanted The thing which is there is not wanted the thing which is wanted is not there... Those things which are impossible to get, there is no such thing in this... Quote Writer 1 87 Share कवि दीपक बवेजा 1 Apr 2024 · 1 min read कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता... कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता... हर एक लफ्ज़ की हमको गनीमत पता चली अम्मा ये कहती थी की पैसा कुछ नहीं होता बाजार में गया तो मुझको... Quote Writer 2 83 Share कवि दीपक बवेजा 1 Apr 2024 · 1 min read बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे किसी की मतहोशी में जाना छोड़ दे अपने किरदार से जीत लो हर शख्स इससे पहले की कोई आना छोड़ दे ✍️दीपक सरल⬆️ Quote Writer 1 70 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read जीवन को पैगाम समझना पड़ता है जीवन को पैगाम समझना पड़ता है मदहोशी को जाम समझना पड़ता है मंजिल को अपनी पाने की खातिर मेहनत को भगवान समझना पड़ता है ✍️𝐃𝐞𝐞𝐩𝐚𝐤 𝐬𝐚𝐫𝐚𝐥☑️ Quote Writer 63 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से गरीब इतना हुआ कि मैं भाव दे नहीं पाया आईने से गुजरती देखी हमने सारी दुनिया फिर भी खुद... Quote Writer 102 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है वही तपा है जो हर मौसम से गुजरा है कोई तरासता है खुद को मूरत की तरहा किसी के लिए जिंदगी एक मुजरा... Quote Writer 76 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read रात का आलम किसने देखा रात का आलम किसने देखा भोर की सबको आशा है रस्तो से किसको मतलब है बस मंजिल की अभिलाषा है बिना श्रम के कर्म भूमि पर दिखती अजब निराशा है... Quote Writer 91 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read दो रंगों में दिखती दुनिया दो रंगों में दिखती दुनिया अंदर से ये रंग बिरंगी है अंग्रेजों को छोड़ो तुम यहां अपने ही फिरंगी है मतलब के है यार यहां कौन किसका संगी है अनुभव... Quote Writer 64 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है मंजिल को पाने निकले तो राहों की जरूरत होती है शहरों में हमने संस्कारों के बीज पनपते नहीं देखे, बच्चे... Quote Writer 72 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है जब भी मैं बहुत थक जाता हूं तब चाय पी जाती है कोई कहीं ना उसके जैसा , ऐसा... Quote Writer 88 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है जुगनू से आगे जाकरके दीप जलाने निकला है गूंगों की बस्ती की ज्वाला भड़क रही है भडने दो सरकारों में आकर... Quote Writer 59 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है जिंदगी के तमाम रास्तों में तन्हा चलना पड़ता है.... कहीं धूप हो ,कहीं अंधेरा कहीं-कहीं गर्दिस भी भौर को लाने... Quote Writer 78 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो गूंज उठे आवाज़ तुम्हारी , तुम गूंगो की आवाज बनो जग को रोशन करने वाला एक अकेला सूरज... Quote Writer 1 67 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं उनके अंदर के गम यारों दफन कहां हो जाते हैं मनुहारी की बात अगर कोई बतला दे तुमको जो खुशियों से अंदर... Quote Writer 76 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है उजड़ी दुनिया में हमने जीवन पलते देखा है रात चाहे कट गई हो घनघोर अंधेरे में लेकिन हमने अंधियालो के भीतर भौर... Hindi · कविता 71 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा आसानी से मिल जाए कहां अनमोल समझेगा देखकर जरूरत को मूल्य लगाया जाता है यहां रंग बदलती दुनिया को हर कोई गोल... Quote Writer 90 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता तुम्हे रास्तों से कोई हटा नहीं सकता खुद तह करो तुम्हारी कीमत क्या है कोई तुम्हारी कीमत बता नहीं सकता कवि दीपक सरल Quote Writer 62 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब् शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब् अंधेरों ने तो बहुत ही वीरान किया होता है मंजिल पर आकर राही को मिलता है सुकून वर्ना रास्तों ने तो बहुत... Quote Writer 86 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर रास्तों में कहीं उलझा तो कैसे घर जाऊंगा रास्तों की ठोकरे नहीं रोक पाएंगी मुझको मुझको रोका गया तो काफिला हो... Quote Writer 69 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है तब जाकर के दीवार सजाई जाती है सफलता इतना आसान रास्ता नहीं संभलने से पहले ठोकर खाई जाती है सपने हकीकत से... Quote Writer 1 62 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है किसी का लहजा ऐसा की दिल से उतर जाता है कोई सड़क बनकर लोगों को घर पहुंचाता है कोई दरिया... Quote Writer 81 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे जख्म भी हमारे नासूर हो गए थे जब हम जमाने को खोजने निकले हम खुद के अंदर से ही खो गए थे लोगों... Quote Writer 107 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया हमने आखिरी तक आवाज को बुलंद रहने दिया तमाशा ए शहर में कीमत लगाने निकल गए लोग मगर हमने खुद... Quote Writer 106 Share Page 1 Next