अग्यार 159 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अग्यार 3 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल हर इक़ ग़लत बात पे कितनों से लड़ गया वो दूसरों को सुधारते सुधारते ख़ुद बिगड़ गया इक़ दरख़्त ने कई पौधों को बचाये रक्खा पाल पोसकर बड़ा किया औऱ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share अग्यार 2 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल/मेरा इश्क़ मेरा रब देखता है ये दिल तेरी बेरुख़ी को कब देखता है जालिमा ये मेरा इश्क़,तो मेरा रब देखता है मैं कैसे कैसे तड़पा करता हूँ रोज़ाना आहें भरता हूँ तन्हाई में ,वो सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share अग्यार 1 Nov 2018 · 1 min read माँ तेरी मुहब्बत इक़ तरफ़ इस जहाँ की रहमत इक तरफ़ माँ तेरी रहमत इक तरफ़ इस जहाँ की जन्नत इक तरफ़ माँ तेरे क़दमों की जन्नत इक तरफ़ माँ तू ही मेरे जीने की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 290 Share अग्यार 31 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/दिल नहीं करता तुझे खोकर कुछ पाने को दिल नहीं करता अब बेवजहा मुस्करानें को दिल नहीं करता जाने कौन से सफ़र पे ये ले चला मेरा साया जाने क्यूं लौट कर आने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 343 Share अग्यार 30 Oct 2018 · 1 min read सबको इक़ ही नज़र के दायरे में रक्खा जाए ग़ज़लों को ग़ज़लों के दायरे में रक्खा जाए नज़्मों को नज़्मों के दायरे में रक्खा जाए शायरी को शायरी के दायरे में रक्खा जाए लफ्ज़ों को लफ्ज़ों के दायरे में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share अग्यार 29 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ऐ जाने ज़िगर किसी ने तेरे होंठो से तेरा पता लगाया किसी ने तेरी आँखों से तेरा पता लगाया किसी ने गेसुओं से,किसी ने चिलमन से किसी ने तेरे बाजुओं से तेरा पता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share अग्यार 29 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ऐ दिल कर उल्फ़त ए नगर में बसर थोड़ा थोड़ा ऐ दिल तू मचला कर बेशक़ मग़र थोड़ा थोड़ा इक़ तरफ़ा इश्क़ में जानें मारे गए कितने तड़पना छोड़ भी दे यारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share अग्यार 19 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/नैना बंजारे नैना मेरे इस क़दर हो गये बंजारे इक़ तेरी ही झलक को फिरे मारे मारे नैना नींदें भी हारे नैना चैना भी हारे इक़ पल भी ना तुझको पलकों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 236 Share अग्यार 19 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/हमें गुदड़ी दशहरे के मेलें क्या हमें ये गुदड़ी दशहरे के मेले क्या ये अंजुमन क्या,ये महके चमन,ये बेलें क्या हम अपनी भूख प्यास सब दिल में रखते हैं ये नुक्कड़ों पे फ़िर चाट-सरबतों के ठेलें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share अग्यार 18 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ उसके सिवा कोई ख़्वाब नहीं दिखता मुझें लाखों ग़ुलाबों में इक़ ग़ुलाब नहीं दिखता वो इतना है लाज़वाब कोई ज़नाब नहीं दिखता मेरी गली में रात को भी आफ़ताब दिखता है कौन कहता है ,रातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share अग्यार 16 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/तू नहीं तो है भी क्या इन आँखों में इक़ ख़्वाब के सिवा है भी क्या तेरे ना होने से हम हैं कहाँ ,तू नहीं तो है भी क्या इक़ दरख़्त पे शाख़ें भी हैं ,फूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share अग्यार 11 Oct 2018 · 1 min read नज़्म/लगता है बादल नाराज़ हैं आज-अक्टूबर मास लगता है बादल नाराज़ हैं आज सूरज को ढक दिया बादलों ने हवाओं की उंगलियां पकड़कर ज़ोर ज़ोर से पिघल रहे हैं देखों दरख़्तों को भी डरा रहे हैं धमकी... Hindi · कविता 343 Share अग्यार 9 Oct 2018 · 1 min read नज़्म/जो मैं फ़कत हिंदुस्तानी होता कितना अच्छा होता ग़र.... जो मैं परिन्दा होता अन्दर तलक ज़िंदा होता जो मैं जिनावर होता जो मैं हवा होता या कंकड़ मिट्टी का कोई ना लगाता नाम के आगे... Hindi · कविता 208 Share अग्यार 7 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/मेरा धरना वरना है दिल्ली में मेरा चैन सुकूँ ,दर्द हमदर्द सब ,मेरा जहाँ वहाँ है दिल्ली में ये मर्ज़-ए-इश्क़-ए-आलम है, मेरी दुआ-दवा है दिल्ली में मेरी जुस्तजू,मेरी आरजू ,मेरी धड़कन-वड़कन सब उसकी मेरी नज़र वज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 417 Share अग्यार 7 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/तेरी हर अदा पे ग़ज़ल कह सकता हूँ तेरी पलकों के साये को भी बादल कह सकता हूँ मैं शायर हूँ, तेरी हर अदा पे ग़ज़ल कह सकता हूँ तेरे लब पंखुड़ी हैं ग़ुलाब की , आँखें हिरनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 183 Share अग्यार 6 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल/मुझ में शिफ़ा आयी है तेरे तसव्वुर भर से मुझमें शिफ़ा आयी है ऐसा लगता है तू सच में जानेजाँ आयी है अबके उम्रभर के लिए रह जा तू ख़ाब बनके आ सीने से लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 201 Share अग्यार 1 Oct 2018 · 1 min read मुक़म्मल कर इश्क़ तू तेरी यादों के घेरे मुझें दिन रात सवेरे क्यूं तड़पाते हैं इस क़दर ये हर लम्हात ये हर पहर ये क़दम जवां हैं मग़र कहाँ है चल चलें रहगुज़र तेरे... Hindi · गीत 227 Share अग्यार 30 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/तसल्ली रख सहरा में भी फूल खिल जाएगा तसल्ली रख सबका वक़्त आया है तेरा भी आएगा तसल्ली रख अपने क़दमों को इक़ सफ़र तय कर लेने दे मुसाफ़िर ख़ुद रस्ता तुझें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 213 Share अग्यार 26 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ख़ुदाया सबकी बात करता है। बिन बादल सहरा में भी बरसात करता है कोई तो है जो रात को दिन,दिन को रात करता है उसके इशारे पे क्या नहीं हो सकता यारों वो ख़ुदा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 462 Share अग्यार 26 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/कला में ज़हर हो बे शक़ मग़र ज़हर को काटने के लिए कला में ज़हर हो बे शक़ मग़र ज़हर को काटने के लिए ना हो ज़हर ये ग़वारा इंसानों को बाँटने के लिए ना हो जात-बिरादरी इसमें कोई ना हो मज़हब... Hindi · कविता 187 Share अग्यार 24 Sep 2018 · 2 min read नज़्म/आदमी को शिक़ायत बड़ी रहती है। आदमी को शिकायत बड़ी रहती है कभी आदमी से कभी वक़्त से कभी ख़ुद से कभी खुदा से आदमी को शिकायत बड़ी रहती है दरख़्तों को आँधियों से नहीं रहती... Hindi · कविता 215 Share अग्यार 22 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/इश्क़ में ना ढहाये अपना घर कोई मिले चाहें शैदाई राह में या सौदागर कोई सच्चा सौदा करे ,ना सताये उम्रभर कोई हूँ शीशा मैं, लेक़िन पत्थरों से नहीं डरता मुझें आज़मा ले हाथ में लेकर पत्थर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share अग्यार 21 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/मुझसे बची-कुची ख़ुदाई ले जा मेरे यार ये मेरी तन्हाई मेरी अंगड़ाई ले जा बे नूर हो चली ,ये चश्म-ए-तमाशाई ले जा सावन होके भी ना दे सका तू बौछार कोई ले जा तेरी परछाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 286 Share अग्यार 19 Sep 2018 · 1 min read तेरी यादों की बारात खो जाए ये अल्फ़ाज़ खो जाएं ,ये जज़्बात खो जाए तड़पाती हैं तेरी सौगात, ये सौगात खो जाए मेरी आँखों में नमीं रहे मग़र बरसात ना हो इन आँखों के मौसमों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share अग्यार 18 Sep 2018 · 1 min read शेर/बस इक़ पल साल महीनें दिन पहर ये बहुत ज़ियादा हैं मुक़म्मल इश्क़ के लिए इक़ पल काफ़ी है ........बस इक़ पल ___अजय "अग्यार Hindi · मुक्तक 243 Share अग्यार 18 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/जात-मज़हब के अँधेरे उड़ते परिन्दे को उड़ाते हैं सब सभी गिरते परिन्दे को उड़ायें तो अच्छा भी लगे मैंने सुना है बुजुर्गों से अपने पहले पानी लेकर दौड़ पड़ते थे लोग अब ग़ैर... Hindi · कविता 206 Share अग्यार 17 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/ बातें तुम्हारी यादें हमारी जब तारें टिमटिमाते हैं अँधेरी रातों में ..................तब इत्तेफ़ाक़ से कभी कभी मेरी नज़र चली जाती है हाँ तुम्हारी याद हैं मेहमाँ वक़्त बे वक़्त आ जाती हैं भर आती... Hindi · कविता 389 Share अग्यार 16 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ ज़ख्म सीना सीख लो बून्द बून्द करके पानी पीना सीख लो अरे! मरने से पहले ज़रा जीना सीख लो यहाँ तो काफ़िरों के दुश्मन ही दुश्मन हैं मेरे दोस्त मन्दिर-मस्ज़िद मदीना सीख लो हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share अग्यार 16 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ये जुगनू ये जुगनू अँधेरों में भी ख़ुशी का पता देते हैं चुप चुप ही सही लेक़िन ,मुझें दुआं देते हैं मैं दरवाज़ा खुला रक्खूँ तो चले आते हैं मुझें नासाज़ी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share अग्यार 16 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/बे वज़ह मुस्कराओ मुहब्बत है तो मुहब्बत में शर्माओ इतना तो करो कसमें ख़ाकर कसमें निभाओ इतना तो करो इश्क़ ये सौदा नहीं कोई ये तो आग का दरिया है तुम डूब सको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 188 Share अग्यार 16 Sep 2018 · 1 min read रौशनी दे मौला मेरे हर टूटे तारे को तू रौशनी दे मौला मेरे थोड़ी दे चाहें मग़र तू ख़ुशी दे मौला मेरे गर्दिशों से हारकर कोई ख़ुदकुशी ना करे हर मरते हुए को तू... Hindi · मुक्तक 210 Share अग्यार 15 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/ख़ुद को ख़ुदी की कहने दो लोग कुछ कहते हैं कहते रहें ,कहने दो तुम ख़ुद को ख़ुदी की कहने दो इक़ दिन ये इरादें फ़ौलाद बनके चमकेंगें रूह को वक़्त की नज़ाकत सहने दो मुक्कमल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share अग्यार 15 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/शब-ए-हिज़्र आज फ़िर वो याद बे हिसाब आ गए हमारे हाथों में मुरझाए कुछ गुलाब आ गए तसव्वुर चीज़ ही है ऐसी, क़िताब के जैसी वो बनके ग़म-ए-फुरक़त की क़िताब आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share अग्यार 15 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/हाय ! तन्हाई हाय ! वक़्त बे वक़्त ज़ुबाँ से तरानें निकले हैं कभी फुरक़त कभी उल्फ़त के बहाने निकले हैं भर आयी फ़िर ये आँखें ,चाँद को देखकर कह रही सिसक सिसककर ,वो बेगाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 526 Share अग्यार 14 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/हम ग़लत ना थे दिल की लो सुन लो पुकार हम ग़लत ना थे तुम भी हमकों लो पुकार हम ग़लत ना थे हमनें गर्दिशें हालात में तुमकों सहारा किया तुमनें गफ़लत में यूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share अग्यार 14 Sep 2018 · 2 min read नज़्म/ख़ुदी में खोया रहता है ख़ुदी में खोया रहता है वो अपनी अपनी कहता है यूँ तो इक़ चट्टान सा है वो मग़र पहाड़ो से कभी मिला नहीं भूल गया उससे भी कई बड़े हैं... Hindi · कविता 1 400 Share अग्यार 13 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/कुछ पाखंडी लोग,लोगों की जाति पूछते हैं हर आदमी है दिया फ़िर भी बाती पूछतें हैं कुछ पाखंडी लोग,लोगों की जाति पूछते हैं आसमां ज़मीं की नहीं पूछता,हवा पानी की पर ये ढोंगी ज़ुबाँ से काटकर ,दराँती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 482 Share अग्यार 12 Sep 2018 · 1 min read "बारात देहाती-मस्त बाराती" चन्द दिनों पहले की है बात इक़ शादी थी कहीं यूँ तो साज़ सज्ज़ा थी फ़िर भी बर्बादी थी कहीं शोरगुल माहौल में ख़ूब ढोल-नगाड़े बज रहे थे दुल्हा-दुल्हन से... Hindi · कविता 452 Share अग्यार 12 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/"ऐ ज़िन्दगी से मौत तक के मुसाफ़िर,तेरा ख़ुदा कौन है आख़िर?" ये छायादार फलों से लदें दरख़्त ये झूमती फसलों में कंघी करती थके हर लम्हें हर फ़लसफ़े से खेलती ये चारों दिशाओं की हवाएँ मेरा ख़ुदा है ऐ ज़िन्दगी से... Hindi · कविता 527 Share अग्यार 10 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/बस चल रहा हूँ आहिस्ता आहिस्ता कभी वक़्त मुझसे आगे कभी मैं वक़्त से आगे कभी सोते सोते मैं चलूँ कभी जगते जगते मैं चलूँ मैं अकेला इक़ अलबेला इक़ अल्हड़ सा मुसाफ़िर बस चल रहा... Hindi · कविता 274 Share अग्यार 10 Sep 2018 · 1 min read गीत के कुछ बोल/बेवजहा किनारा हुआ हमनें जब जब चाहा किसी को दिल से जब जब लगाया किसी को वो ना हमारा हुआ बेवजहा किनारा हुआ..... हमनें अपना बनाया किसी को जब जब हमदम बताया किसी... Hindi · गीत 186 Share अग्यार 8 Sep 2018 · 4 min read "इंकलाब एक मानसिकता " इंकलाब आख़िर क्या है ? कभी सोचा है आपने ? कभी विमर्श किया है इसपर? क्या ये आपके अनुसार कोई नारा है ? क्या ये कोई शब्द मात्र है? क्या... Hindi · लेख 259 Share अग्यार 8 Sep 2018 · 1 min read इंसानियत की ज़रूरत है मज़हब की नहीं किसी मज़हब के नाम पर पहचान की ज़रूरत नहीं मुझें गीता, पुरान ,रामायन , कुरान की ज़रूरत नहीं ----अजय "अग्यार Hindi · मुक्तक 188 Share अग्यार 7 Sep 2018 · 1 min read गीत/तुझें यादों में पाऊँगा तेरी यादों में जाऊँगा.... तुझें यादों में पाऊँगा...२ रूठ जा तू रूठ जा हो जा खफ़ा मुझसे अगर भूल जा तू भूल जा हो जा जुदा मुझसे मग़र ज़िन्दगी का... Hindi · गीत 231 Share अग्यार 7 Sep 2018 · 1 min read इंकलाब रहना चाहिए हरेक हिंदुस्तानी की आँखों में यही ख़्वाब रहना चाहिए सियासत किसी की भी रहे मग़र इंकलाब रहना चाहिए --अजय "अग्यार Hindi · मुक्तक 216 Share अग्यार 7 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/मुहब्बत इबादत है, इबादत कहर होती नहीं अब तो पहले जैसी सहर होती नहीं तेरे बिना चाँद तारों में भी, गुज़र होती नहीं ये मेरी आँखें नदी की धारा बन गयी कभी समंदर सी थी ,अब समंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share अग्यार 6 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/इंकलाबी उड़ान कहाँ ग़ुम है वो वादा-ए-फ़र्दा अब नज़र भी आए सामां का पर्चा दुकां का पर्चा अब नज़र भी आए वो खड़ा है देखों आख़िरी दरख़्त प्यासा आज भी नदी पहुँची... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share अग्यार 4 Sep 2018 · 1 min read इश्क़ में मयख़ाने बहे होंगें तुम्हारी आँखों से भी इश्क़ में मयख़ाने बहे होंगें दबी दबी ही सही ज़ुबा ने कुछ अफ़साने कहे होंगें ये दौर हर इक़ की ज़िन्दगी में आया नहीं करता मग़र... Hindi · मुक्तक 199 Share अग्यार 4 Sep 2018 · 1 min read नौजवां प्यासा अच्छे दिन का उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम तक है फैला, कुहासा अच्छे दिन का यहाँ गंगा भी उफ़ान पर है देखों, मग़र नौजवां प्यासा अच्छे दिन का ___अजय अग्यार Hindi · मुक्तक 339 Share अग्यार 2 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल/पहली मुहब्बत का ख़याल है आज भी बे मुक़म्मल इश्क़ का मलाल है आज भी हमें पहली मुहब्बत का ख़याल है आज भी दिल में हैं थोड़ी सी चुभन , मग़र ताज़गी भी ताज़ा है सब बातें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share Previous Page 2 Next