Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" Language: Hindi 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 14 May 2024 · 1 min read चाह यही है कवि बन जाऊं। चाह मेरी है कवि बन जाऊं। भारत मां के चरणों में नित शब्दों की माला पहनाऊं।। देश भक्ति का राग लिखूं मैं। कजरी चैता फाग लिखूं मैं।। दुश्मन की आहट... Hindi 19 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 27 Feb 2024 · 1 min read बचपन लौट चलें आओ बचपन में। माँ की ममता प्यार पिता का मिलता था दोनों आंगन में।। माँ की गोद पिता का कंधा, दादी माँ का प्यार था अंधा। खाना पीना... Hindi 1 89 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 16 Feb 2024 · 2 min read दोस्ती कर लें चलो हम। तुम भी घायल हो गये हो हम भी घायल हो गये हैं । ज़ख्म भरने तक सही ही दोस्ती कर लें चलो हम।। सदियों से हम बेवजह ही लड़ रहे... Hindi 112 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 15 Feb 2024 · 1 min read सरस्वती वंदना मां शारदे के चरणों में एक गीत अर्पित कर रहा हूं। माँ तेरे चरणों में आया, हार दो या तार दो। वंदना के सुर सजाया, हार दो या तार दो।।... Hindi 1 91 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 3 Jan 2024 · 1 min read आज फिर खिड़की पर बारिश हो रही है। एक प्रेम गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ आज फिर खिड़की पर बारिश हो रही है । ख़त तुम्हें लिखने की ख्वाहिश हो रही है ।। एक हवा का झोंका बनके... Hindi 1 89 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 23 Dec 2023 · 1 min read गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो। आज की ग़ज़ल गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो । गलत में भी सही कुछ पाने की आदत डालो ।। पुरानी आदतें रस्में रवायतें छोड़ो । समय के साथ... Hindi 1 176 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 19 Dec 2023 · 2 min read दोस्ती कर लें चलो हम। तुम भी घायल हो गये हो हम भी घायल हो गये हैं । ज़ख्म भरने तक सही ही दोस्ती कर लें चलो हम।। सदियों से हम बेवजह ही लड़ रहे... Hindi 125 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 2 Nov 2023 · 1 min read आबो-हवा बदल रही है आज शहर में । आबो-हवा बदल रही है आज शहर में । ये कैसी हवा चल रही है आज शहर में।। कोई किसी को अब यहाँ पहचानता नहीं। सबकी नजर बदल रही है आज... Hindi 3 120 Share Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप" 5 Mar 2023 · 1 min read आज फिर खिड़की पे बारिश हो रही है । आज फिर खिड़की पे बारिश हो रही है । ख़त तुम्हें लिखने की ख्वाहिश हो रही है ।। एक हवा का झोंका बनके तुम चले आओ । मैं बनुॅ बादल... Hindi · कविता 177 Share