Tag: मुक्तक
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बरसात आई है
VINOD CHAUHAN
अश्रु देकर खुद दिल बहलाऊं अरे मैं ऐसा इंसान नहीं
VINOD CHAUHAN
कैसी है ये पीर पराई
VINOD CHAUHAN
आंखों में तुम मेरी सांसों में तुम हो
VINOD CHAUHAN
तूं अपनी शराफ़त को महफूज रखना
VINOD CHAUHAN
पंख कतर डाले हैं
VINOD CHAUHAN
तूं हकीकत है मेरी मैं तो सिर्फ फ़साना हूं
VINOD CHAUHAN
फूलों ने महकना तुमसे ही सीखा
VINOD CHAUHAN
मै बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं
VINOD CHAUHAN
डगर कठिन हो बेशक मैं तो कदम कदम मुस्काता हूं
VINOD CHAUHAN
अरे दिल के रिश्ते टूट ना जाएं
VINOD CHAUHAN
हम इस महफ़िल में ना आएंगे
VINOD CHAUHAN
मन का कंवल भी खिल जाएगा
VINOD CHAUHAN
खुद से है अजी प्यार जरूरी
VINOD CHAUHAN
अभी वक्त है मुस्काने का मुंह लटकाए क्यों बैठे हो
VINOD CHAUHAN
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
मन में तूं अहसास जगा ले
VINOD CHAUHAN
मैं वही जमाना लाया हूं
VINOD CHAUHAN
जिंदगी मनमीत है बतियाता चल
VINOD CHAUHAN
सूरज से सीखी जिंदगानी
VINOD CHAUHAN
मुझे मस्त बहारों से क्या लेना
VINOD CHAUHAN
बंजर ना हो प्रेम धरा कभी
VINOD CHAUHAN
दिल का राग कौई मत छेड़ो
VINOD CHAUHAN
इश्क की गली में बदनाम हो गया
VINOD CHAUHAN
क़फ़न को दाग़ मत लगाना
VINOD CHAUHAN
अब इस मोहब्बत को तुम नाम दे दो
VINOD CHAUHAN
मंदिर मस्जिद गिरिजाघर में भगवानों की खैर नहींं
VINOD CHAUHAN
महज़ दौलत से सुनो नाम नहीं चलता
VINOD CHAUHAN
रिश्तों को सम्भालना हुआ मुश्किल
VINOD CHAUHAN
इंसान ढूंढते हैं
VINOD CHAUHAN