VINOD CHAUHAN Tag: मुक्तक 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VINOD CHAUHAN 24 Jun 2022 · 1 min read बरसात आई है चलो बनाते हैं कागज़ की कश्तियाँ बरसात आई है चलो बहाते हैं कागज़ की कश्तियाँ बरसात आई है वो बचपन के दिन और अठखेलियाँ किसे याद नहीं चलो फिर से... Hindi · मुक्तक 2 669 Share VINOD CHAUHAN 16 Apr 2022 · 1 min read अश्रु देकर खुद दिल बहलाऊं अरे मैं ऐसा इंसान नहीं किसी के दिल को ठेस पंहुचाऊं ये मेरी पहचान नहीं किसी को रौंद के आगे बढ़ जाऊं ये मेरा अरमान नहीं दूनियां के रंग देख चुका हूं अरे क्या होगा... Hindi · मुक्तक 2 2 376 Share VINOD CHAUHAN 15 Apr 2022 · 1 min read कैसी है ये पीर पराई सूनी सांझ,सूना है मन,सूनी है दिल की गहराई सूने मन को कुछ ना भाए,भाए दिल को तन्हाई खोया है क्या समझ ना आए बस दिल घबराए रोना चाहें अश्रु ना... Hindi · मुक्तक 4 272 Share VINOD CHAUHAN 13 Apr 2022 · 1 min read आंखों में तुम मेरी सांसों में तुम हो हर जगह पर बस तुम ही तुम हो हर धड़कन में बस तुम ही तुम हो जिसको पूछो बस यही कहता है आंखों में तुम मेरी सांसों में तुम हो Hindi · मुक्तक 1 835 Share VINOD CHAUHAN 12 Apr 2022 · 1 min read तूं अपनी शराफ़त को महफूज रखना तूं अपनी लियाकत को महफूज रखना तूं अपनी इबादत को महफूज रखना मेरी मोहब्बत में नुक्स निकालने वाले तूं अपनी शराफ़त को महफूज रखना Hindi · मुक्तक 1 129 Share VINOD CHAUHAN 12 Apr 2022 · 1 min read पंख कतर डाले हैं डूबे हुए जहान का हाय मैं कैसा बशिंदा हूं कहां जाऊं मैं कैसे जाऊं बेबस सा परिंदा हूं उड़ने लगा हूं ये देखकर मुझको जकड़ लिया पंख कतर डाले मेरे... Hindi · मुक्तक 1 2 125 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2022 · 1 min read तूं हकीकत है मेरी मैं तो सिर्फ फ़साना हूं जानेमन मैं तेरी हर अदा का दिवाना हूं तूं शमां-ए-महफिल है मैं तेरा परवाना हूं तुझको इस बात का अहसास हो ना हो तूं हकीकत है मेरी मैं तो सिर्फ... Hindi · मुक्तक 2 150 Share VINOD CHAUHAN 5 Apr 2022 · 1 min read फूलों ने महकना तुमसे ही सीखा ये तारों ने चमकना तुमसे सीखा चिड़ियों ने चहकना तुमसे सीखा हम समझ रहे ये सब राज है क्या फूलों ने महकना तुमसे ही सीखा Hindi · मुक्तक 1 194 Share VINOD CHAUHAN 5 Apr 2022 · 1 min read मै बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं मैं जंगल का मोर नहीं पर सुंदर नाच दिखाता हूं मैं झरनों सी उमंग लिए हूं मिठे गीत सुनाता हूं दुख करने से क्या मिलना जीवन की सच्चाई है मैं... Hindi · मुक्तक 2 133 Share VINOD CHAUHAN 5 Apr 2022 · 1 min read डगर कठिन हो बेशक मैं तो कदम कदम मुस्काता हूं वक्त मिले तो आकर सुनना मैं गीत सुरिले गाता हूं जीवन की तहजीब बताकर दिल अपना बहलाता हूं नहीं और कोई चाहत दिल में बस होंठों पर गीत रहें डगर... Hindi · मुक्तक 3 2 568 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read अरे दिल के रिश्ते टूट ना जाएं संगदिल बन कोई लूट ना जाए कहीं ये मोहब्बत रूठ ना जाए डर लगता कहीं किसी बात पर अरे दिल के रिश्ते टूट ना जाएं Hindi · मुक्तक 1 120 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read हम इस महफ़िल में ना आएंगे हम तेरी महफ़िल से रूसवा हुए हैं हम इस महफ़िल में ना आएंगे इल्ज़ाम दिया तुमने दिल तोड़ने का हम अपना ही दिल ना बहलाएंगे Hindi · मुक्तक 1 115 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read मन का कंवल भी खिल जाएगा हर उलझन का हल मिल जाएगा आज नहीं तो कल मिल जाएगा ख़ुदा के संग कर कर्म की पूजा मन का कंवल भी खिल जाएगा Hindi · मुक्तक 1 146 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read खुद से है अजी प्यार जरूरी कभी जीत कभी हार जरूरी खुद से है अजी प्यार जरूरी जाग भी जा ओ सोने वाले वक्त के संग रफ्तार जरूरी Hindi · मुक्तक 1 214 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read अभी वक्त है मुस्काने का मुंह लटकाए क्यों बैठे हो अभी वक्त है मुस्काने का मुंह लटकाए क्यों बैठे हो रहो फूल से खिले सदा तुम यूं मुरझाए क्यों बैठे हो हां मत रहना इस भ्रम तुमको कोई और सहारा... Hindi · मुक्तक 1 281 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं सागर की लहरें रूक सी गई हैं काली घटाएं झुक सी गई हैं जबसे आए हो तुम महफ़िल में सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं Hindi · मुक्तक 1 130 Share VINOD CHAUHAN 4 Apr 2022 · 1 min read मन में तूं अहसास जगा ले दिल के ये जज़्बात छिपा ले मन में तूं अहसास जगा ले मत दिखला तूं दर्द किसी को इन कष्टों से तूं हाथ मिला ले Hindi · मुक्तक 1 136 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read मैं वही जमाना लाया हूं आज तुम्हारी खातिर फिर से मैं वही तराना लाया हूं सदा बहती थी प्रेम की धारा मैं वही बहाने आया हूं छोड़ो नफरत द्वेष भावना मिल जुलकर रहना सीखो कभी... Hindi · मुक्तक 1 125 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read जिंदगी मनमीत है बतियाता चल जिंदगी एक गीत है गुनगुनाता चल जिंदगी एक प्रीत है तूं निभाता चल तुझसे तेरी जिंदगी ना इसे बर्बाद कर जिंदगी मनमीत है तूं बतियाता चल Hindi · मुक्तक 1 178 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read सूरज से सीखी जिंदगानी उगता सूरज उमंग जगाता चढ़ता सूरज जोश जगाता सूरज से सीखी जिंदगानी ढ़लता सूरज समझ बढ़ाता Hindi · मुक्तक 1 288 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read मुझे मस्त बहारों से क्या लेना झिलमिल सितारों से क्या लेना मुझे मस्त बहारों से क्या लेना अपनों में मस्त रहे दिल हरदम महफ़िल गुलज़ारों से क्या लेना Hindi · मुक्तक 2 148 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read बंजर ना हो प्रेम धरा कभी बंधुत्व के तुम बाग लगा लो मानवता के वृक्ष उगा लो बंजर ना हो प्रेम धरा कभी सबके हित के फूल खिला लो Hindi · मुक्तक 2 191 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read दिल का राग कौई मत छेड़ो दिल का राग कोई मत छेड़ो ज़हरीले नाग कोई मत छेड़ो शांत रहने दो जो दबी हुई है मन की आग कोई मत छेड़ो Hindi · मुक्तक 1 151 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read इश्क की गली में बदनाम हो गया तुम क्या गए मैं गुमनाम हो गया जैसे मेरा अब भगवान खो गया मोहब्बत रुठी और दिल भी टूटा इश्क की गली में बदनाम हो गया Hindi · मुक्तक 1 101 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read क़फ़न को दाग़ मत लगाना सुनो जंगल में आग मत लगाना और तुफां में चिराग मत जलाना जिंदगी में बहुत दुश्वारियां मिलेंगी मगर क़फ़न को दाग़ मत लगाना Hindi · मुक्तक 1 276 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read अब इस मोहब्बत को तुम नाम दे दो बचपन की कहानी को अंजाम दे दो दो पल सुबह और दो घड़ी शाम दे दो लो जिंदगी सजाने का वक्त आ गया अब इस मोहब्बत को तुम नाम दे... Hindi · मुक्तक 2 155 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read मंदिर मस्जिद गिरिजाघर में भगवानों की खैर नहींं हैवानों की दुनिया में अब इन्सानों की खैर नहीं चतुर सियारों में बंदर जैसे नादानों की खैर नहीं पाखण्ड,आडम्बर हुई आस्था और लूटेरे भक्त हुए मंदिर,मस्जिद,गिरिजाघर में भगवानों की खैर... Hindi · मुक्तक 1 136 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read महज़ दौलत से सुनो नाम नहीं चलता आदमी कोई भी हो बेनाम नहीं चलता सिर्फ मोहब्बत से ही काम नहीं चलता अच्छा बेटा,काबिल पिता बनना पहले महज़ दौलत से सुनो नाम नहीं चलता Hindi · मुक्तक 1 110 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read रिश्तों को सम्भालना हुआ मुश्किल मेरे अपने हैं मगर क्यों रुठ जाते हैं बिठाता हूं अपने पास उठ जाते हैं रिश्तों को सम्भालना हुआ मुश्किल कच्चे धागों से हैं पल में टूट जाते हैं Hindi · मुक्तक 1 63 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read इंसान ढूंढते हैं गुमनामियों के शहर में पहचान ढूंढते हैं उजड़ें हुए चमन में हम अरमान ढूंढते हैं वो मिलेगा ना मिलेगा ये कौन जानता है जंगल में खड़े होकर हम इंसान ढूंढते... 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