रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव 13 Jul 2016 · 3 min read बयाँ-ए-कश्मीर मैंने कहा कि धरती की है स्वर्ग ये जगह उसने कहा की अब तुम्हारी बात बेवजह सुनता जरूर हूँ कि थी ये खुशियों की ज़मीं धन धान्य से थी पूर्ण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 600 Share रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव 10 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल क्यूँ नज़र से नज़ारे जुदा हो गये लग रहा खुद नज़र में खुदा हो गये इश्क़ में कर सका बस मैं इतनी वफ़ा बेवफा से बफा , बेवफा हो गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव 21 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल जिस तरह मसला बने है अब खुदा भी, राम भी दूर का मुददा नहीं इस मुल्क में कोहराम भी मर रहे मुल्के-हिफाज़त में जो, वो गुमनाम है बेचते जो देश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 309 Share रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव 14 Jun 2016 · 1 min read ज़िन्दगी बन कर कहानी रह गई ज़िन्दगी बन कर कहानी रह गई ज्यूँ बुढ़ापे सी जवानी रह गई दर दरीचे खोल दे घर बार के अब नहीं बिटिया सयानी रह गई नाव कागज़ की चलायेंगे कहाँ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 341 Share रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव 8 Jun 2016 · 1 min read तू बता , तू मुझे मिला कब है तू बता तू मुझे मिला कब है हूँ इन्तज़ार में गिला कब है रात हो स्याह ,या कि सिन्दूरी कुछ भी कहती भला शमा कब है थक गया ज़िन्दगी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 638 Share